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रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी थीं और १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकुमत के विरुद्ध बिगुल बजाने वाले वीरों में से एक थीं। वे ऐसी वीरांगना थीं जिन्होंने मात्र २३ वर्ष की आयु में ही ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से मोर्चा लिया और रणक्षेत्र में वीरगति को प्राप्त हो गयीं परन्तु जीते जी अंग्रेजों को अपने राज्य झाँसी पर कब्जा नहीं करने दिया।
लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी जिले में १९ नवम्बर १८२८ को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उसके बचपन का नाम मणिकर्णिका था पर परिवारवाले उन्हें स्नेह से मनु पुकारते थे। उनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे था और माता का नाम भागीरथी सप्रे। उनके माता-पिता महाराष्ट्र से सम्बन्ध रखते थे। जब लक्ष्मीबाई मात्र चार साल की थीं तभी उनकी माता का स्वर्गवास हो गया। उनके पिता मराठा बाजीराव की सेवा में थे। माँ के निधन के बाद घर में मनु की देखभाल के लिये कोई नहीं था इसलिए पिता मनु को अपने साथ बाजीराव के दरबार में ले गये। वहां मनु के स्वभाव ने सबका मन मोह लिया और लोग उसे प्यार से छबीली कहने लगे। शास्त्रों की शिक्षा के साथ-साथ मनु को शस्त्रों की शिक्षा भी दी गयी। सन १८४२ में मनु का विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव निम्बालकर के साथ हुआ और इस प्रकार वे झाँसी की रानी बन गयीं और उनका नाम बदलकर लक्ष्मीबाई कर दिया गया। सन् १८५१ में रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव को पुत्र रत्न की पारपत हुई पर चार महीने की आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। उधर गंगाधर राव का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था। स्वास्थ्य बहुत अधिक बिगड़ जाने पर उन्हें दत्तक पुत्र लेने की सलाह दी गयी। उन्होंने वैसा ही किया और पुत्र गोद लेने के बाद २१ नवम्बर १८५३ को गंगाधर राव परलोक सिधार गए। उनके दत्तक पुत्र का नाम दामोदर राव रखा गया।अंग्रजों की राज्य हड़प नीति (डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स) और झाँसी :ब्रिटिश इंडिया के गवर्नर जनरल डलहौजी की राज्य हड़प नीति के अन्तर्गत अंग्रेजों ने बालक दामोदर राव को झाँसी राज्य का उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया और डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स नीति के तहत झाँसी राज्य का विलय अंग्रेजी साम्राज्य में करने का फैसला कर लिया। हालाँकि रानी लक्ष्मीबाई ने अँगरेज़ वकील जान लैंग की सलाह ली और लंदन की अदालत में मुकदमा दायर कर दिया पर अंग्रेजी साम्राज्य के विरुद्ध कोई फैसला हो ही नहीं सकता था इसलिए बहुत बहस के बाद इसे खारिज कर दिया गया। अंग्रेजों ने झाँसी राज्य का खजाना ज़ब्त कर लिया और रानी लक्ष्मीबाई के पति गंगादाहर राव के कर्ज़ को रानी के सालाना खर्च में से काटने का हुक्म दे दिया। अंग्रेजों ने लक्ष्मीबाई को झाँसी का किला छोड़ने को कहा जिसके बाद उन्हें रानीमहल में जाना पड़ा। ७ मार्च १८५४ को झांसी पर अंगरेजों का अधिकार कर लिया। रानी लक्ष्मीबाई ने हिम्मत नहीं हारी और हर हाल में झाँसी की रक्षा करने का निश्चय किया।
अंग्रेजी हुकुमत से संघर्ष के लिए रानी लक्ष्मीबाई ने एक स्वयंसेवक सेना का गठन प्रारम्भ किया। इस सेना में महिलाओं की भी भर्ती की गयी और उन्हें युद्ध का प्रशिक्षण दिया गया। झाँसी की आम जनता ने भी इस संग्राम में रानी का साथ दिया। लक्ष्मीबाई की हमशक्ल झलकारी बाई को सेना में प्रमुख स्थान दिया गया।अंग्रेजों के खिलाफ रानी लक्ष्मीबाई की जंग में कई और अपदस्त और अंग्रेजी हड़प नीति के शिकार राजाओं जैसे बेगम हजरत महल, अंतिम मुगल सम्राट की बेगम जीनत महल, स्वयं मुगल सम्राट बहादुर शाह, नाना साहब के वकील अजीमुल्ला शाहगढ़ के राजा, वानपुर के राजा मर्दनसिंह और तात्या टोपे आदि सभी महारानी के इस कार्य में सहयोग देने का प्रयत्न करने लगे।सन १८५८ के जनवरी महीने में अंग्रेजी सेना ने झाँसी की ओर बढ़ना शुरू कर दिया और मार्च में शहर को घेर लिया। लगभग दो हफ़्तों के संघर्ष के बाद अंग्रेजों ने शहर पर कब्जा कर लिया पर रानी लक्ष्मीबाई अपने पुत्र दामोदर राव के साथ अंग्रेजी सेना से बच कर भाग निकली। झाँसी से भागकर रानी लक्ष्मीबाई कालपी पहुँची और तात्या टोपे से मिलीं।तात्या टोपे और लक्ष्मीबाई की संयुक्त सेना ने ग्वालियर के विद्रोही सैनिकों की मदद से ग्वालियर के एक किले पर कब्जा कर लिया। रानी लक्ष्मीबाई ने जी-जान से अंग्रेजी सेना का मुकाबला किया पर १७ जून १८५८ को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रिटिश सेना से लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गयीं। |
आजमगढ़: जिले के गंभीरपुर क्षेत्र में बच्चों के क्रिकेट खेल के दौरान हुए विवाद में बीच बचाव करने गए बुजुर्ग की हत्या के मामले में तीन अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गंभीरपुर थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव में बीते १५ अक्टूबर को क्रिकेट खेल के दौरान बच्चों के बीच हुए विवाद में बीच-बचाव करने वाले बुजुर्ग खुर्शीद अहमद को दूसरे पक्ष के लोगों ने उस समय हमला कर घायल कर दिया जब वह मस्जिद से नमाज पढ़ कर अपने घर लौट रहे थे। घायल को ईलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले में मृतक के भाई मो० अकील अहमद ने हमलावर पक्ष के आठ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मंगलवार को दिन में क्षेत्र में स्थित एक ढाबे के पास मौजूद नामजद आरोपियों में मुजम्मिल,राफे तथा अजमल पुत्रगण नेयाज अहमद सभी निवासी मुहम्मदपुर को गिरफ्तार कर लिया।
आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें। |
उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग (डीएचएसई) केरल ने बुधवार को कक्षा १२ वीं या दो से अधिक परिणाम २०२० घोषित किए। परिणाम केरल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ध्सेकराल.गोव.इन, केरलरेसुल्ट्स.निक.इन और एडउकेशंकेरल.गोव पर घोषित किए गए। में।
कक्षा १२ वीं के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे छात्र आधिकारिक मोबाइल ऐप पीआरडी लाइव और सफालम पर भी अपना परिणाम देख सकते हैं।
कुल ८५.१३ प्रतिशत छात्रों ने इस वर्ष केरल में कक्षा १२ वीं या प्लस दो परीक्षाओं में उत्तीर्ण किया। केरल +२ परिणाम २0२0 में कुल ३,७५,६५५ छात्र उपस्थित हुए थे। इनमें से ३,१९,78२ छात्रों ने सफलतापूर्वक परीक्षा दी है। ८४.5२% छात्र क्लियर कॉमर्स परीक्षा, ९८.७५% क्लियर आर्ट्स स्ट्रीम।
इस वर्ष केरल में कक्षा १२ वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए ४ लाख से अधिक छात्र उपस्थित हुए। अधिकांश बोर्ड के विपरीत, केरल सभी परीक्षाओं के आधार पर परिणाम जारी करेगा। यहां तक कि केरल कक्षा १२ की परीक्षा को कोरोनोवायरस महामारी के कारण रोक दिया गया था, वही जून में फिर से आयोजित किए गए। |
हमसे संपर्क कैसे करें?
के मामले में सोलाना पिछले कुछ दिनों में दिलचस्प होता जा रहा है। डेफीलामा के आंकड़ों के अनुसार, ३१ जुलाई से सोलाना के डेफी में बंद कुल मूल्य में लगभग ६०० मिलियन डॉलर की गिरावट आई है।
सोलाना के डेफी टीवीएल ने महीने की शुरुआत २.१५ अरब डॉलर से की थी, लेकिन प्रेस समय के मुताबिक यह घटकर १.५६ अरब डॉलर रह गई। यह श्रृंखला में टीवीएल के बीच सोलाना की स्थिति को दर्शाता है।
अब क्या हुआ?
हाल के दोषों के बावजूद, सोलाना ने नेटवर्क पर कारोबार किए जा रहे चुनिंदा टोकन में सामान्य वृद्धि देखी है। कोइंगको है की सूचना दी पिछले २४ घंटों में सोलाना पर सबसे अधिक कारोबार वाले टोकन पर।
स्टेपन गम्त टोकन $ ३५६.८ मिलियन से अधिक के कारोबार के साथ चार्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद सर्म टोकन $ ७२.५ मिलियन पर है।
एवरलेंड प्रोटोकॉल ने भी एक पोस्ट किया है अपडेट करें अगस्त के दूसरे सप्ताह में सोलाना ऋण पर। इस अवधि के दौरान कुल सोलाना उधार देने वाला टीवीएल ७६९.५ मिलियन डॉलर जमा हुआ है।
ऋण समझौते की सूची में सोलेंड का नेतृत्व $ ३२९.४९ मिलियन है क्योंकि यह कार्यवाही पर हावी है। मैंगो और ट्यूलिप प्रोटोकॉल क्रमशः २३१.७७ मिलियन डॉलर और ८१.५ मिलियन डॉलर के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर काबिज हैं।
टोकन प्रदर्शनों में, ट्यूलिप एकमात्र ऐसा है जिसने ३.७६% की वृद्धि के साथ सप्ताह में कोई सकारात्मक परिवर्तन दिखाया है।
यह आगे सोलाना डेफी पर हमले को दर्शाता है क्योंकि यह अगस्त में गोता लगाना जारी रखता है।
एसओएल ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
एसओएल टोकन देर से बाजार के दबाव को महसूस कर रहा है क्योंकि बिक्री वर्ग अधिक आम हो गया है। इससे पिछले दिनों में लगभग २% की गिरावट आई है जिससे एसओएल की कीमतें ४३ डॉलर तक गिर गई हैं।
गिरती कीमतों को नेटवर्क वॉल्यूम में गिरावट के कारण भी बढ़ा दिया गया है जो लगभग २.२0% नीचे है।
खैर, जहां तक सामाजिक गतिविधियों की बात है तो सोलाना भी मुश्किल दौर से गुजर रही है।
शीबा इनु और एथेरियम में हाल के प्रमुख उतार-चढ़ाव ने सोलाना के लिए सामाजिक मात्रा को कम कर दिया है जैसा कि नीचे दिए गए चार्ट में देखा गया है। कुछ दुर्लभ उछालों का प्रबंधन करते हुए, सामाजिक मात्रा मीट्रिक ने कम प्रदर्शन किया है और प्रेस समय में इसका मूल्यांकन ३६ पर किया गया था।
अगले महीने सोलाना के लिए सबसे खराब स्थिति आ सकती है जब एथेरियम का पीओएस संक्रमण होगा।
मर्ज एक बहुप्रतीक्षित घटना है जो एथेरियम की पोस श्रृंखला के लिए एक प्रमुख तेजी का संकेत होने की उम्मीद है। हालांकि अभी तक निश्चित नहीं है, सोलाना एक व्यवहार्य लक्ष्य के साथ अन्य श्रृंखलाओं को प्रभावित कर सकता है।
निकिता को प्रौद्योगिकी और व्यवसाय रिपोर्टिंग में ७ साल का व्यापक अनुभव है। उसने 201७ में पहली बार बिटकॉइन में निवेश किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालाँकि वह अभी किसी भी क्रिप्टो मुद्रा को धारण नहीं करती है, लेकिन क्रिप्टो मुद्राओं और ब्लॉकचेन तकनीक में उसका ज्ञान त्रुटिहीन है और वह इसे सरल बोली जाने वाली हिंदी में भारतीय दर्शकों तक पहुंचाना चाहती है जिसे आम आदमी समझ सकता है। |
डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, भारतीय संस्कृति पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
भारतीय संस्कृति पोर्टल भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित, राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय परियोजना (एनवीएलआई) का एक हिस्सा है। यह पोर्टल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई, द्वारा बनाया और विकसित किया गया है। इस पर उपलब्ध डेटा संस्कृति मंत्रालय की संस्थाओं द्वारा प्रदान किया गया है। |
इंडिया टुडे में १४ दिसंबर २०२१ को प्रकाशित खबर के अनुसार, ऑनलाइन रिटेलर ग्रोफर्स ने "क्विक कॉमर्स" पर अपने नए फोकस के अनुरूप खुद का नाम बदलकर "ब्लिंकिट" कर दिया है, जिसमें ग्राहक ऑर्डर को पहले से कहीं ज्यादा तेजी से पहुंचाना शामिल है।
पिछले कुछ वर्षों में बिगबास्केट पर एक महत्त्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी खोने के बाद, ग्रोफर्स ने अपने व्यापार मॉडल को पारंपरिक ग्रोसर मॉडल से क्विक-कॉमर्स मॉडल में स्थानांतरित करने का फैसला किया, जहाँ सामान कम अवधि में वितरित किया जाता है।
कई अन्य ऑनलाइन सेवा वितरण प्लेटफॉर्म ने भी इस उच्च मूल्य वाले व्यवसाय में प्रवेश किया है।
कोविड -१९ महामारी के कारण खरीदारी की कमी ने ऑनलाइन किराना खंड में एक नए उप-ऊर्ध्वाधर का उदय किया है, जिसका नाम है त्वरित वाणिज्य, या क्यू-कॉमर्स - एक अनूठा बिक्री प्रस्ताव जो ऑर्डर देने के १०-३० मिनट के बीच वितरण का वादा करता है।
इनमें से अधिकांश उपक्रमों का ध्यान डिलीवरी पॉइंट के पास माइक्रो-वेयरहाउस स्थापित करने और इन "डार्क स्टोर्स" में शेयरों को २,००० से कम बहुत आवश्यक वस्तुओं के एक निश्चित सेट में सीमित करने पर है, जो कि अच्छी तरह से स्टॉक किए गए मानक फॉर्मूले की तुलना में बड़े हैं। -फॉर्मेट स्टोरहाउस कस्बों और शहरों में स्थित हैं।
यह भारत के गुरुग्राम में स्थित दिसंबर २०१३ में स्थापित एक भारतीय ऑनलाइन किराना डिलीवरी सेवा है।
कंपनी के ग्राहक मोबाइल ऐप का उपयोग किराने का सामान, आवश्यक सामान और अन्य चीजें ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए करते हैं। |
अल्जीरिया के लंबे समय तक काम करने वाले राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बुउटफ़्लिका ने अपने इस्तीफे की घोषणा की, बड़े पैमाने पर विरोध के बाद उनके शासन को समाप्त करने की मांग की, और सेना से एक कॉल के बाद उन्हें पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित किया गया। बाउटफ्लिका अपने सबसे काले दौर के बाद राष्ट्रपति पद के लिए आया, १९९० का इस्लामी विद्रोह। १९९९ में सत्ता संभालने के बाद, वह हत्याओं और अविश्वास से तबाह हुए देश में स्थिरता लाने में कामयाब रहे। २०१३ में एक झटके के बाद से श्री बोउटफ्लिका ने सार्वजनिक रूप से बात नहीं की है और व्हीलचेयर से बंधे हुए हैं। बॉउटफ्लिका पर आरोप लगाया गया है कि वह एक ऐसी अर्थव्यवस्था बनाने में नाकाम रही है जो राष्ट्र की विशाल तेल और गैस संपदा के बावजूद पर्याप्त रोजगार दे सके। चुनाव आयोजित होते ही अब्देलकादर बेंसला ने अधिकतम ९० दिनों के लिए अंतरिम नेता के रूप में कार्यभार संभाला। |
चाहिए कुछ ख़ास?
बच्चों के हाथों के लिए आसान और कम समय में लग जाने वाली मेहंदी डिजाइन तलाश रही हैं तो ये १० डिजाइन जरूर देखें।
त्योहारों और शादियों का मौसम आ चुका है। इस समय जहां एक तरफ त्योहारों की झड़ी लगी हुई हैं वहीं दूसरी तरफ कई लोगों के घरों में शादियां भी हो रही हैं। ऐसे में महिलाओं को सजने-संवरने के कई अवसर मिल रहे हैं। महिलाओं के श्रृंगार में मेहंदी की भी एक बड़ी भूमिका है। मजे की बात तो यह है कि केवल बड़ी उम्र की महिलाएं ही नहीं बल्कि छोटी उम्र की लड़कियां भी हाथों में मेहंदी लगना बहुत पसंद करती हैं।
चलिए आज हम आपको बच्चों के हाथों में लगने वाली मेहंदी की कुछ आसान डिजाइन के बारे में बताते हैं, जिन्हें मात्र १० मिनट में ही आप अपनी बेटी के हाथों पर लगा सकती हैं।
बच्चों के छोटे-छोटे हाथों पर भारी मेहंदी डिजाइन की जगह आप फ्लोरल चेन डिजाइन लगा सकती हैं। इसे लगाना आसान भी है और यह बच्चों के हाथ पर काफी सुदंर भी नजर आती है।
यह मेहंदी डिजाइन बेहद ट्रेडिशनल है। बच्चों के छोटे से हाथों पर मेहंदी की यह डिजाइन बहुत ही खूबसूरत दिखती है। वैसे तो इस मेहंदी डिजाइन को बड़े हाथों पर भी लगाया जाता है। मगर बच्चों के हाथों में यह कम समय में आसानी से लग जाती है और इससे बच्चे के हाथ भरे-भरे भी लगते हैं।
हाथफूल वैसे तो एक गहना होता है, मगर मेहंदी में हाथफूल डिजाइन का फैशन हमेशा ही ट्रेंड में रहता है। मेहंदी की यह डिजाइन बच्चे के हाथों पर भी आसानी से लगाई जा सकती है। इस डिजाइन को हाथों के बैक में लगाया जाता है। कलाई से लेकर बीच की उंगली तक आप डिजाइन को फैला कर हाथफूल बना सकती हैं।
बच्चा बहुत छोटा है तो जाहिर है उसके हाथ भी आकार में काफी छोटे होंगे। ऐसे में आप केवल साधारण फूल बना कर भी उसके हाथ को मेहंदी से कवर कर सकती हैं। यह मेहंदी डिजाइन बहुत कम समय और आसानी से लग जाती है।
बच्चों को कार्टून बहुत पसंद होता है। आप बच्चे के पसंद का कार्टून भी मेहंदी डिजाइन के रूप में उसके हाथों पर बना सकती हैं। इस मेहंदी डिजाइन को देख कर बच्चों का दिल भी खुश हो जाता है और उनके हाथ भी खूबसूरत दिखने लगते हैं।
बच्चों के लिए मंडला मेहंदी डिजाइन का विकल्प भी बहुत अच्छा होता है। इस मेहंदी डिजाइन में आपको हथेली के सेंटर में गोल आकार की फ्लोरल डिजाइन बनानी है और फिर उसी को आगे बढ़ाते जाना है। बच्चों के हाथ छोटे होते हैं, इसलिए यह डिजाइन कम समय में ही लग जाती है। इस मेहंदी डिजाइन से बच्चे के हाथ भरे-भरे भी लगते हैं।
मेहंदी डिजाइन बेल के बिना अधूरी लगती है। बच्चों के हाथों में भी बेल डिजाइन लगाई जा सकती है। अगर बच्चे के हाथ बहुत छोटे हैं तो आप सिंगल बेल में ही डिजाइन को पूरा कर सकती हैं।
अगर बच्चे के हाथ आकार में थोड़े बड़े हैं और बच्चा हाथों में भरी-भरी मेहंदी डिजाइन लगाने की जिद कर रहा है तो आप डबल बेल मेहंदी डिजाइन भी लगा सकती हैं।
बच्चों के हाथों में मेहंदी को थोड़ा फनी अंदाज देने के लिए आप स्माइली के अलग-अलग फेस बना कर भीडिजाइन को कंप्लीट कर सकती हैं। यह मेहंदी डिजाइन बच्चों को भी काफी पसंद आएगी।
बच्चों के हाथों में हार्ट शेप मेहंदी डिजाइन भी लगाई जा सकती है। छोटे हाथों पर यह मेहंदी डिजाइन आसानी से और कम समय में लग जाती है। आप चाहें तो एक बड़े हार्ट को बना कर डिजाइन को पूरा कर लें या फिर छोटे-छोटे कई हार्ट भी बना सकती हैं। |
शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए अंक सारणीकरण प्रारूप प्रस्ताव नीति के बारे में बैठक आयोजित की गई।
इस अवसर पर गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश मंे कोविड-१९ के बढ़ते मामलों तथा विद्यार्थियों व जनसाधारण की स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने बोर्ड द्वारा संचालित दसवीं की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों के वार्षिक परिणाम तैयार करने के लिए विस्तृत उद्देश्य मानदंड तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन उद्देश्य मानदंड के अन्तर्गत सात मापदण्डों को रखा गया है। इन मापदण्डों के अन्तर्गत विद्यार्थियों के नौवीं कक्षा, पहली और दूसरी टर्म, प्री-बोर्ड, हिन्दी की वार्षिक परीक्षा, प्रैक्टिकल परीक्षा और आन्तरिक मूल्यांकन के अंकों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षाओं का संचालन पूर्व में करवाया गया था तथा सम्बन्धित विद्यालयों से प्रैक्टिकल एवं आन्तरिक मूल्यांकन के अंक बोर्ड को प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि उद्देश्य मानदंड तैयार करते समय विद्यार्थियों के सत्त व व्यापक मूल्यांकन को ध्यान में रखा गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सम्बन्धित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में परिणाम सारणीकरण समिति का गठन भी किया गया है जो इन मापदण्डों के अनुसार परीक्षा परिणाम तैयार करेगी तथा बोर्ड द्वारा उपलब्ध करवाए गए आॅनलाइन लिंक के माध्यम से अंक निर्धारित करेगी, जिसके उपरान्त स्कूल शिक्षा बोर्ड का परीक्षा परिणाम तैयार किया जाएगा।
बैठक की कार्यवाही का संचालन बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. सुरेश कुमार सोनी ने किया।
सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा डाॅ. अमरजीत सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज राजपुर रोड, देहरादून में निःशुल्क मोबाईल टैबलेट योजना के क्रियान्वयन हेतु आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विद्यालय की १०० छात्राओं को निःशुल्क टैबलेट प्रदान किये। शनिवार को यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी ७० विधानसभाओं में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज राजपुर रोड में ऑडिटोरियम बनाया जायेगा। प्रदेश में लगभग ०२ लाख ६५ हजार विद्यार्थियों को पढ़न-पाढ़न हेतु राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क टैबलेट खरीद हेतु प्रति विद्यार्थी को डीबीटी के माध्यम से १२ हजार रूपये की धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसी क्रम में टैबलेट खरीद हेतु राजकीय स्कूलों के १०वीं, १२वीं के १ लाख ५९ हजार विद्यार्थियों को डीबीटी द्वारा धनराशि दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना काल में ऑनलाईन पढ़ाई के लिए बच्चों को पढ़ाई के लिए काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा। बच्चों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा उनके लिए टैबलेट उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी वे बच्चों के बीच जाते हैं, तो उनकी बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सबको समय का सदुपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि जीवन में जो भी कार्य करें, पूर्ण मनोयोग से करें। विकल्प रहित संकल्प के साथ सबको जीवन में आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक युवा देश है। देश की ६५ प्रतिशत आबादी ३५ वर्ष से कम आयु वर्ग की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। भारत आत्मनिर्भर भारत बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। डिजिटल लर्निंग के अन्तर्गत राज्य के ५०० स्कूलों में वर्चुअल कक्षाएं चलाई जा रही हैं। ६०० अन्य स्कूलों में भी शीघ्र ये सेवाएं शुरू की जायेंगी। राज्य के ७०९ राजकीय विद्यालयों में १४१८ स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की जा रही हैं, यह कार्य १५ जनवरी २०२२ तक पूर्ण कर लिया जायेगा। राज्य सरकार की ओर से सभी राजकीय विद्यालयों में कक्षा ०९ से १२ तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। राजकीय स्कूलों में कक्षा ०१ से ०८ तक के विद्यार्थियों के लिए भी निःशुल्क बैग एवं जूते उपलब्ध कराये जा रहे हैं। छात्रहित में राज्य स्तरीय छात्रवृत्ति की धनराशि बढ़ाई गई है। शिवानन्द नौटियाल राज्य योग्यता छात्रवृत्ति की धनराशि को प्रतिमाह २५० रूपये से बढ़ाकर 1५०० रूपये किया गया है तथा लाभार्थी विद्यार्थियों की संख्या भी ११ से बढ़ाकर १०० की गई है। श्रीदेव सुमन छात्रवृत्ति की धनराशि भी १५0 रूपये से बढ़ाकर ०१ हजार रूपये की गई है। मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना के तहत १२ वीं कक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को 2५०० रूपये की छात्रवृत्ति ०५ साल तक दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से अपील की कि कोविड के नये वेरिएंट ओमीक्रोन से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड एप्रोप्रिएट विहेवियर का पालन जरूर करें। कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा पूरी तैयारी की गई है, लेकिन इससे बचाव के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। इस अवसर पर सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुन्दरम, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर. राजेश कुमार, शिक्षा महानिदेशक श्री वंशीधर तिवारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्रीमती सीमा जौनसारी, निदेशक एस.सी.ई.आर.टी आर. के कुंवर, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डॉ. मुकुल कुमार सती, प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज राजपुर रोड श्रीमती प्रेमलता बौड़ाई, स्कूल की शिक्षिकाएं एवं छात्राएं मौजूद थे। |
हर सुबह, ब्रश करने के ठीक बाद, सबसे पहले आपको नींबू का रस और शहद के साथ गर्म पानी पीना चाहिए। यह शक्तिशाली कॉम्बो भूख को कम कर देता है, शरीर को डी-टॉक्सिफ़ाई करता है, और आपके स्वास्थ्य को प्रभावित किए बिना वाइट लॉस में सहायता करता है।
जबकि नींबू और शहद वजन कम करने मैं मदद करते हैं, मिर्च पाउडर को जोड़कर यह अधिक शक्तिशाली बनाता है। आप दिन के दौरान एक बार इसे पी कर सकते हैं।
गोभी को कच्चा या पका के खाया जा सकता है। यह कच्चा ज्यादा शक्तिशाली है, और यह आपके वाइट लॉस लिए बहुत ही फायदेमंद होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, वजन में वृद्धि अक्सर अनुचित पाचन, या पाचन आग की कमी के कारण होती है। पाचन वृद्धि बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ वाइट लॉस में मदद करता है। पाचन को बढ़ावा देने और पाचन में वृद्धि करने वाले खाद्य पदार्थों में अदरक, पपीता, कड़वा, लहसुन, मिर्च आदि शामिल हैं।
आयुर्वेद में, एक सप्ताह में एक बार उपवास की सिफारिश की जाती है, पाचन तंत्र के डिटॉक्सिफ़िकेशन और कुशल कामकाज के लिए बहुत जरुरी है।
जैसे की बहुत से लोग कहते है की जल्दी सोने से ओर जल्दी उठने से मस्तिष्क के लिए बहुत ही अच्छा होता है, बिस्तर पर जाने का सबसे अच्छा समय १० बजे, अधिकतम ११ बजे है और सुबह ५ या अधिकतम ६ बजे तक जाग जाना चाहिए। यह इसलिए है क्योंकि हमारा शरीर प्रकृति के साथ एक संगठित तरीके से कार्य करते हैं, और प्राकृतिक चक्र का पालन, हमें स्वाभाविक रूप से मोटापे सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करता है।
आपको एक दिन में सिर्फ तीन बार ही भोजन करना चाहिए क्योंकि अगर आप कम से कम भोजन करोगे तो आपको कम कैलोरी प्राप्त होगी ओर जिससे आपका मोटापा कम होगा, जब तक आपके रक्त में शर्करा का स्तर कम न हो। एक स्वस्थ नाश्ते, शानदार मध्याहन-भोजन और एक हल्के रात्रिभोज की सिफारिश की जाती है।
आपका जिगर दोपहर के दौरान सबसे अच्छा काम करता है, इसलिए आपका भारी भोजन दोपहर में होना चाहिए। इसके अलावा, स्वस्थ और प्राकृतिक डिटॉक्सिफ़िकेशन के लिए, हमारे जिगर को रात में पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है, इसलिए आपका रात्रिभोज हल्का होना चाहिए।
अगर आप सारा दिन पानी पीते हो तो आपको भूख कम लगेगी और आप अपना वजन आसानी से कम कर सकते है और भोजन के तुरंत बाद या पहले पानी न पीएँ। दूसरी तरफ, पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना, विशेष रूप से, गर्म पानी आदर्श है और पाचन और डिटॉक्सिफ़िकेशन के साथ सहायता करता है। इसलिए हमे रेगुलर एक दिन में ५ से ६ लिटर पानी आवश्यक पीना चाहिए।
मूली का चूर्ण ३ से ६ ग्राम शहद मिले पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापे की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
मूली के १००-१५० ग्राम रस में नींबू का रस मिलाकर दिन में २ से ३ बार पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के बीजों का चूर्ण ६ ग्राम और ग्राम यवक्षार के साथ खाकर ऊपर से शहद और नींबू का रस मिला हुआ एक गिलास पानी पीने से शरीर की चर्बी घटती है।
६ ग्राम मूली के बीजों के चूर्ण को २० ग्राम शहद में मिलाकर खाने और लगभग २० ग्राम शहद का शर्बत बनाकर ४० दिनों तक पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण १५ ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है।
त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें।
त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ १० ग्राम की मात्रा में दिन में २ बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
२ चम्मच त्रिफला को १ गिलास पानी में उबालकर इच्छानुसार मिश्री मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
त्रिफला का चूर्ण और गिलोय का चूर्ण १-१ ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटने से पेट का बढ़ना कम होता है।
इसका सेवन रेगुलर पानी के साथ करने से यह वजन को कम कर देती है।
टमाटर खाने से आप अपने वाइट लॉस कर सकते है और इसमें पाये जाने वाले रस को निकालकर इसको दवा के तौर पर लेने से आपका वाइट लॉस हो जाता है और इसका सेवन आपको रेगुलर सुबह-सुबह भी करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके शरीर में जमा हुई फट को निकालकर यह आपके शरीर को पतला कर देने में सहायक होता है।
खीरा वैसे तो खाने केबहुत ही स्वादिष्ट होता है लेकिन आपको यह नहीं पता होगा की इसके गुण आपके वजन को भी कम करने में आपकी हेल्प करते है अगर आपको यह नहीं पता है तो आज में आपको बता देता हु की खीरा आपके वाइट लॉस कर देता है और यह आपकी सेहत के लिए बहुत ही बढ़िया होता है और इसका टेस्ट भी कुछ मीठा होता है आप को रेगुलर खीरों का उसे करना चाहिए।
प्याज खाने में तो मीठा होता है लेकिन यह आपके वजन को कम सकता है लेकिन आपको कम मात्र में इसका उसे करना होगा क्योंकि इसका उसे अधिक करने से यह आपके वजन को बढ़ा भी सकता है इसलिए आप जब कभी प्याज खाये तो इसका सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए और यह आपके शरीर में आई हुई कमी को भी पूरा करने में आपकी मदद करता है, इसलिए आपको इसका उसे रेगुलर करना चाहिए।
पपीता हमारे सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद फल होता है अगर आप इसका सेवन रेगुलर करते है तो आप मोटापे का शिकार नहीं हो पाओगे अगर आप पपीते का सेवन सलाद के तौर पर नहीं करते है तो आज ही सलाद के तौर पर भी पपीते का उसे करने लग जाइए क्योंकि यह आपके वजन कम करने में सहायक होता है।
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बहुत अधिक है कि एक रैंक ने ब्लूबर्ड को बाहर की ओर इशारा करते हुए कथित रूप से अधिक बताया जब ओह अहंकारपूर्वक अस्थिरता से उधम उड़ाया हुआ पेंगुइन कीट भी बढ़ाता था।
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बांगला सहायता केन्द्र : पश्चिम बंगाल राज्य के संबंधित अधिकारियों द्वारा क्षेत्र के निवासियों को बिना किसी शुल्क के सरकारी सेवाएं प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक निःशुल्क सेवा शुरू की गई है। आप बिना किसी समस्या के बांगला सहायता केन्द्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन केंद्रों में उपलब्ध सेवाओं की सूची भी प्राप्त की गई है। आइए जानते हैं बांग्ला सहायता केंद्र (बांगला सहायता केन्द्र) के बारे में पूरी जानकारी को बड़े विस्तार से।
बांगला सहायता केन्द्र मूल रूप से एक केंद्र है जो सभी नागरिकों को विभिन्न तरीकों से मदद करने के लिए पश्चिम बंगाल राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। ब्स्क के लिए पूरी परियोजना राज्य सरकार द्वारा संभाली जाती है और निवासियों को केंद्रों के माध्यम से अपना काम करवाने के लिए लगभग कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह योजना इसलिए शुरू की गई है ताकि वेस्ट बंगाल राज्य के निवासियों को उन सभी कल्याणकारी योजनाओं तक आसानी से पहुंच प्राप्त हो सके जो मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय लोगों की मानवता और विकास के लिए शुरू की गई हैं।
बांग्ला सहायता केंद्रों (बांगला सहायता केन्द्र) का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को विभिन्न राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना है। इन बांग्ला सहायता केंद्रों (बांगला सहायता केन्द्र) की मदद से पश्चिम बंगाल के नागरिक विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन केंद्रों की मदद से अब वेस्ट बंगाल के नागरिकों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने के लिए किसी भी सरकारी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें बस (बांगला सहायता केन्द्र) जाने की आवश्यकता है और इन केंद्रों से वे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे समय और धन की काफी बचत होगी और व्यवस्था में पारदर्शिता भी आएगी।
बांग्ला सहायता केंद्र (बांगला सहायता केन्द्र) के माध्यम से प्रदान किया जाने वाला मुख्य लाभ पश्चिम बंगाल राज्य के निवासियों के दरवाजे पर कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धता है। पश्चिम बंगाल राज्य के निवासियों को अपनी कल्याणकारी योजनाओं के लिए किसी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि वेबसाइट पूरे क्षेत्र में उपलब्ध होगी या निवासी यहां उपलब्ध योजना का लाभ लेने के लिए पास के कैफे में भी जा सकते हैं। लोग घर बैठे ही जन्म प्रमाण पत्र या किसी अन्य प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे।
सबसे पहले वेबसाइट के होमपेज पर जाएं।
अब आपको मेन्यू बार में मौजूद सेंटर्स नाम के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
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आधिकारिक पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने के लिए आपको नीचे दी गई सरल प्रक्रिया का पालन करना होगा।
आपके सामने होम पेज खुलेगा।
होमपेज पर आपको रजिस्टर पर क्लिक करना होगा।
आपके सामने एक नया पेज खुलेगा।
इस नए पेज पर आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि जैसे सभी आवश्यक विवरण दर्ज करने होंगे।
कृषि विपणन विभाग : इस विभाग के अंतर्गत सेवाओं के माध्यम से किसानों के लिए दैनिक बाजार मूल्य, किशन मण्डी, सूफ़ल बांग्ला मूल्य, खेती, कृषक बंधु योजना और नई कृषि सब्सिडी की जानकारी प्रदान की जाती है।
पशु संसाधन एवं विकास विभाग : इस विभाग के अंतर्गत सेवाएं डेयरी एवं पशुधन योजनाओं की जानकारी देगी।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग: यह विभाग समाज के सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के नागरिकों की भलाई के लिए विशेष रूप से कार्य करता है। तपोसाली बंधु पेंशन योजना के बारे में जानकारी सभी इस विभाग के लिए सेवाओं का एक हिस्सा हैं।
सहकारिता विभाग : सहकारिता विभाग सहकारी समिति वित्त के बारे में विवरण प्रदान करता है। इस विभाग की सेवाओं में एक सहकारी समिति की नाम बदलने की प्रक्रिया और प्रस्तावित एक के पंजीकरण के बारे में विवरण भी शामिल हैं।
उपभोक्ता मामले विभाग: यह विभाग वर्टप्स जानकारी और उपभोक्ता अधिकार जानकारी के संबंध में सेवाओं के लिए है।
कृषि एवं विपणन विभाग : सुफल बांग्ला के लिए ए-परमिट ओद एग्रिकल्चर मार्केट एवं कृषि उपज परिवहन एवं पंजीकरण एवं खेती के ऑनलाइन विपणन हेतु आवेदनों पर इस विभाग की सेवाओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है।
कृषि विभाग: आवेदन क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सीएचसी, फ्सम के लिए आवेदन जो कि फार्म मैकेनिज्म के लिए वित्तीय सहायता योजना है और ओटा स्फी जो छोटे ३८ और सीमांत किसानों को छोटे फार्म इम्प्लीमेंट्स के उद्देश्य से एकमुश्त सहायता है इस विभाग के तहत सेवाएं होंगी। सेवाओं में क्रॉप कंडीशन रिपोर्ट, क्रॉप कटिंग डेटा अपलोड, किसान पेंशनभोगी एक्स-ग्रेटिया और फ्रैमर पेंशनर कानूनी वारिस भी शामिल होंगे।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग : जाति प्रमाण पत्र जारी करना और शिक्षाश्री सेवाएं हैं।
कमो शिकायत प्रकोष्ठ: ब्स्क कमो को जन शिकायतों को संबोधित करने में मदद करते हैं।
नगर पालिका सहकारिता में उत्परिवर्तन के लिए आवेदन।
विशेष रूप से क्म्च क्षेत्रों में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन।
कोलकाता के निवासियों के लिए कार पार्किंग की सुविधा।
व्यापार लाइसेंस का नया प्रमाण पत्र जारी करना और उसका नवीनीकरण।
बांगला सहायता केन्द्र में जन शिक्षा विस्तार और पुस्तकालय सेवा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, शहरी विकास की सेवाएं भी उपलब्ध हैं। लेकिन उनके बारे में जानकारी अभी तक ब्स्क वेब पोर्टल पर अपडेट नहीं की गई है। |
मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश) के बहुत से स्थानों से मध्य पुरापाषाण कालीन (सेंट्रल पलियोलीथिक आगे) उपकरण मिले हैं। इस काल के उपकरण नर्मदा घाटी में नरसिंहपुर, होशंगाबाद और महेश्वर से मिले हैं। नर्मदा के दोनों ओर डोंगरगाँव और चोली पर कई कार्य-स्थल पाये गये हैं।
पिपरिया में आ. प. खत्री ने इस युग के बहुत से उपकरण अशूलियन उपकरणों के साथ मिले हुये पाये हैं।
सगुनघाट के चबूतरे से भी बहुत से मध्य पुरापाषाण कालीन उपकरण खोजे गये हैं।
सूपेकर ने अमरकंटक और मंडला के बीच इस काल के बारह कार्य-क्षेत्र ढूंढे।
चम्बल घाटी में मध्य पुरापाषाण कालीन उपकरण मंदसौर और नाहरगढ़ से पाए गए हैं।
बेतवा के गोंची नामक स्थान पर, रामेश्वर सिंह द्वारा २३० उपकरण एकत्रित किये गये हैं। इस काल के उपकरण भीमबेटका की खुदाई में भी मिले हैं।
दमोह में सोनार और ब्यारमा घाटी में र. व. जोशी ने इस काल के उपकरणों को १२ स्थालों से खोजा है।
उच्च सोन घाटी के उत्खनन से निसार अहमद ने ४५ स्थलों से ४८५ उपकरण एकत्रित किए।
उच्च सोन घाटी के उत्खनन के दौरान, निसार अहमद सीधी और शहडोल जिले के कई ऐसे कई स्थलों पर गए जहाँ उच्च पुरापाषाण कालीन संस्कृति के उपकरण पाए गए। मंडला के निकट नर्मदा की एक सहायक नंदी बंजर के तट पर स्थित बमनी में छुरी और छैनी भी मिले हैं। ये उपकरण भीमबेटका के स्तर-वैन्यासिक उत्खनन स्तर और ग्वालियर तथा रीवा जिले के उत्खननों में भी मिले हैं।
मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, इंदौर, खंडवा और निमाड़ जिले में चम्बल घाटी में किए गए उत्खनन के दौरान बहुत से लघु-पाषाणीय स्थल निकले हैं।
शहडोल, रीवा, मंदसौर, सिहोर, भोपाल, होशंगाबाद, उज्जैन, जबलपुर, मंडला, छतरपुर, विदिशा, सागर, गुना, पन्ना, छिंदवाड़ा, और धार की खुदाई में भी बहुत से लधु-पाषाणीय स्थल निकले हैं।
आदमगढ़ के उत्खनन से निकले लुघ-पाषाणीय उद्योग-स्थल को ५५०० ई. पू. का माना गया है।
पूर्व हड़प्पा अथवा हड़प्पा संस्कृति के कोई भी चिन्ह मध्य प्रदेश में नहीं पाए गए हैं। लेकिन हड़प्पा के पश्चात् ताम्र-पाषाण संस्कृति के अवशेष भारी मात्रा में मिले हैं, विशेषत: मालवा में महेश्वर नावदाटोली में किए गए पुरातात्विक उत्खननों में ११६०-१४४० ई. पू. की तिथियाँ मिली हैं।
एरण के उत्खनन के अनुसार यह संस्कृति २००० ७०० ई. पू. की है और बेसनगर के अनुसार इस संस्कृति की मध्यभारत में अस्तित्व ११०० ९०० ई. पू. की है।
गंगा-यमुना दोआब में पूर्व लौह युग के कांस्य उपकरणों के भंडार मिले हैं। मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश) में गुंगेरिया, जबलपुर, दबकिया और रामजीपुरा के कुछ एकाकी क्षेत्रों से भी कांस्य उपकरणों के इसी तरह के भंडार मिले हैं।
यद्यपि भारत में लोहा बहुत पहले से आ गया था, तथापि मध्य प्रदेश में यह १००० ई. पू. के लगभग आया।
मध्य प्रदेश में ऐसे स्थल, जहाँ से धूसर रंग के बर्तन जो लोहे के प्रारंभ से संबन्धित हैं, कम हैं और जो हैं वह राजस्थान और उत्तर प्रदेश को स्पर्श करते मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में सीमित हैं। इनमें भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिले सम्मिलित हैं।
गिलौलीखेड़ा (मुरैना जिला) में इस लेखक द्वारा १९८२ में किये गये उत्खनन से १.२ मी. गहरा पीजीडब्ल्यू जमाव मिला है।
दक्षिण भारत में लौह युग से सम्बद्ध कुछ समाधियाँ प्राप्त होती हैं, जिन्हें महापाषाणीय स्मारक (मेगालिथ) के नाम से सम्बोधित किया गया है।
इनका काल १५०० १००० ई. पू. माना जाता है। यद्यपि महापाषाण स्मारकों को दक्षिण भारत से सम्बद्ध किया जाता है, तथापि इनमें से कुछ मध्य प्रदेश, असम, उड़ीसा, बिहार, राजस्थान, गुजरात और कश्मीर में भी मिले हैं। |
भोपाल। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश के १५ जिलों में आंधी, बारिश और वज्रपात एवं १५ जिलों में हल्की बारिश एवं बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। इस प्रकार मौसम विज्ञानियों के अनुसार मध्य प्रदेश के ५२ में से ३० जिलों में मौसम खराब रहेगा। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, दमोह, सागर, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिलों में ४० किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी, बिजली गिरने और बारिश होने की संभावना है।
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार भिंड, मुरैना, श्योपुर, नर्मदा पुरम, हरदा, बैतूल, भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, धार, उज्जैन, गुना, अशोक नगर एवं शिवपुरी जिला में वज्रपात यानी बिजली गिरने की संभावना है। |
१५ अगस्त २०२२ को आजादी के ७२ साल पूरे हो गये। इसी दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अलाहाबाद के साबरमती आश्रम में १२ मार्च को आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इसी दिन महात्मा गांधी जी ने नमक सत्याग्रह की शुरूआत की थी।
इस महोत्सव को मनाने की तीन प्रमुख वजह हैः- पहला यह कि इसी दिन हमारा देश अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ था। दूसरा यह कि इस आजादी के दौरान कई वीर योद्धाओं ने अपने जान की बाजी लगा दी और अनन्य कष्ट सहे। उन्हे याद करने की जरूरत हैं। तीसरा यह की हमारे देश को आजाद हुए ७५ साल हो चुके है। इन कारणो से आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मायने बताने बहुत जरूरी है कि इन ७५ वर्षों मे भारत ने क्या उपलब्धिया हासिल की है।
वर्तमान समय में जो युवा पीढ़ी है जिनकी उम्र १८ से ३५ साल के बीच मे है वह आजादी के संघर्ष और लोकतंत्र के महत्व को बेहतर ढंग से नही जानती है। कई विचारधाराओं मे बटी यह पीढ़ी गुमराही के एक चौराहे पर खड़ी है। ऐसे में उसे अपने देश के इतिहास और वर्तमान से जोड़ना बहुत जरूरी है। कहते है कि जो देश अपना इतिहास भूल जाता है उसका भूगोल बदल जाता है और हुआ भी यही है। कई कुर्बानिया व्यर्थ चली गई तब जबकी देश का विभाजन हुआ। भारत को आजाद कराने के लिए किन-किन चुनौतियो का सामना करना पड़ा और क्या क्या कुर्बानिया भारत को देनी पड़ी यह आज की युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। साथ ही यह भी की आने वाले समय में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा । हांलांकि किताबों और स्कूलों में पढ़ाए गए पाठ से उन्हे आजादी मिल जाती है लेकिन वह करीब से इसकी संघर्ष की कहानी को नही जानते है। इतिहास को बहुत सी बातें पाठ्यक्रम में नही, जिन्हे जानना या बताना जरूरी है।
भारत को विश्वअर्थव्यवस्था में एक शक्ति माना गया है। भारत में युवाओं की संख्या बहुत अधिक है जो अपनी काबिलियत से लगातार उन्नति और सफलता के परचम लहरा रही है और देश के विकास में सहयोग कर रही , लेकिन भारत ने एक बुरी अर्थव्यवस्था का दौर भी देखा है जब आजादी के बाद भारत को बंटवारा झेलना पड़ा और भारत चीन के साथ युद्ध हुआ। उस समय के बाद भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से टूट चुकी थी लेकिन फिर भी लगातार प्रयास के बाद भारत आज एक बड़ी अर्थव्यवस्था और हर क्षेत्र मे विकास वाला देश बन गया है।
आज भारत एक परमाणु शक्ति होने के साथ ही बड़ी सैन्य शक्ति भी है । यही नही चांद और मंगल पर मानव रहित मिशन भेजने वाले देशो की सूची मे भारत का भी नाम शामिल है जो कि हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है। साथ ही भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने बहुत ही कम खर्च में मंगल मिशन के लिए पहली ही बार में सफलता प्राप्त की है। बात की जाए उत्पादन के क्षेत्र की तो इस मामले मे भी भारत ने कई देशो को पीछे छोड़ा है। सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ भारत सरकार लगातार अपनी योजनाओ के माध्यम से लोगो तक सेवाए पहुचाती रहती है। इससे वर्तमान में भारत की तस्वीर बदल गई है। आज भारत को दुनिया सम्मान और आशा भरी नज़रो से देख रही है। इन सभी बातो पर ध्यान देना आवश्यक है क्योकि जब आप इन सभी बातो पर ध्यान देंगें तो आपको गर्व महसूस होगा कि आप भारतवासी है। और आप भारत जैसे देश में पैदा हुए है, इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाना बहुत ज़रूरी है। |
अर्थातः जो जानबूझ कर अथवा अनजाने में ही भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन करेगा, वह अभिशप्त होगा। उसे बहुत दुःख उठाना पडेगा।
गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा देख लेने पर कलंक अवश्य लगता है। ऐसा गणेश जी का वचन है।
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन न करें यदि भूल से चंद्र दर्शन हो जाये तो उसके निवारण के निमित्त श्रीमद्भागवत के १०वें स्कंध, ५६-५७वें अध्याय में उल्लेखित स्यमंतक मणि की चोरी कि कथा का श्रवण करना लाभकारक है। जिससेे चंद्रमा के दर्शन से होने वाले मिथ्या कलंक का ज्यादा खतरा नहीं होगा।
यदि अनिच्छा से चंद्र-दर्शन हो जाये तो व्यक्ति को निम्न मंत्र से पवित्र किया हुआ जल ग्रहण करना चाहिये। मंत्र का २१, ५४ या १०८ बार जप करें । ऐसा करने से वह तत्काल शुद्ध हो निष्कलंक बना रहता है। मंत्र निम्न है।
सिंहः प्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः ॥
चौथ के चन्द्रदर्शन से कलंक लगता है। इस मंत्र-प्रयोग अथवा स्यमन्तक मणि कथा के वचन या श्रवण से उसका प्रभाव कम हो जाता है।
जब मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार ही गति पाता है, तो फिर भीष्म जी ने, जो तत्त्वज्ञ जीवनमुक्त महापुरुष थे, दक्षिणायन में शरीर में छोड़कर उत्तरायण की प्रतीक्षा क्यों किया..? |
बेनीपट्टी(मधुबनी) प्रखंड के तिसियाही खनुआटोल पर राधा अष्टमी पूजनोत्सव को लेकर मंगलवार को ३५१ कन्याओं द्वारा भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गयी। नवज्योति मिथिला समिति के तत्वावधान में आयोजित होनेवाली पूजनोत्सव समारोह को लेकर ग्रामीणों के नेतृत्व में यह कलश शोभा यात्रा पूजा पंडाल स्थल से चलकर तिसियाही त्योंथ और खनुआटोल सहित विभिन्न गांव व टोले का परिभ्रमण करते हुए बछराजा नदी के तट पर पहुंची जहां नदी का पवित्र जल भर कर पुनः परिक्रमा करते हुये गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा पूजा पूजन स्थल पहुंची।
जहां आचार्यों ने वैदिक मंत्रोचारण कर कलश को निष्ठापूर्वक स्थापित किया। इस दौरान राधे कृष्ण के जयजयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान बना रहा। पूजनोत्सव का आयोजन खनुआ चौक पर किया जा रहा है। बता दें कि दूसरे शहरों से बुलाये गये कलाकारों के द्वारा कई देवी देवताओं का प्रतिमा का निर्माण कराया गया है और आकर्षक पंडाल बनाकर सजाया गया है।
जानकारी देते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष व सचिव ने बताया कि पिछले ३१ वर्षों से यहां श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ समस्त ग्रामीणों के सहयोग से हर वर्ष राधा अष्ठमी पूजा मनाया जाता रहा है। चार दिवसीय पूजनोत्सव के दौरान भव्य मेला, संकीर्तन-भजन, महाआरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
इस पूजनोत्सव के आयोजन से पूरा गांव भक्तिमय माहौल में सराबोर है। मौके पर देवचंद्र महतो, गणेश महतो, कृष्णा कुमार महतो, रौशन कुमार महतो, जयप्रकाश, पिंकू महतो, संजीत कुमार आदि थे। |
बच्चों को पालना कोई आसान काम नहीं है। उनकी जरूरतें पूरी करने के साथ बच्चों की कई छोटी-छोटी चीजों का भी ख्याल रखना होता है, तभी बच्चे अच्छे इंसान बन सकते हैं। जैसे, कई बार ऐसा होता है कि पेरेंट की लाइफ में कुछ अच्छा नहीं चल रहा होता, इसलिए उन्हें कई बातों पर गुस्सा आता है। इस बुरे टाइम में वे बच्चों पर ध्यान ही नहीं दे पाते और बिना सोचे-समझें बच्चों को ऐसी बातें कह देते हैं, जिससे बच्चे के दिमाग और मन पर असर पड़ता है, इसलिए आप चाहें कितने भी गुस्से में हों लेकिन आपक बच्चों को कुछ बातें कहने से बचना चाहिए।
कई पेरेंट की आदत होती है कि वे अपने बच्चों को गुस्से में अक्सर गाली देते हैं जबकि ऐसा करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप बच्चे को गाली न दें।
बच्चों को जिन शब्दों का मतलब भी नहीं पता होता, वे बातें अगर आप उनसे कहेंगे, तो बच्चा उसका मतलब जानने के लिए इधर-उधर जाएंगे। ऐसे में बच्चों के मन पर यह शब्द भी बहुत बुरा असर डालता है।
अपने बच्चों को आप कभी भी बोझ न कहें। बेशक से गुस्से में कहे हुए शब्दों का मतलब हमेशा वही नहीं होता लेकिन फिर भी बच्चोंं को ये बात कहने से बचें। बढ़ते हुए बच्चों को यह बात बहुत बुरी लगती है।
यह भी पेरेंट का डायलॉग होता है लेकिन इस डायलॉग भी बच्चों के दिमाग पर काफी गलत असर डालता है। पेरेंट को यह कहने से भी बचना चाहिए। ऐसा कहने से बच्चा अनसेफ फील करता है।
आप अगर अक्सर ऐसा कहते हैं, तो आपको अपनी यह आदत सुधारनी पड़ेगी। बच्चों को यह बात कहने से भी बचना चाहिए। वरना बच्चे अनसेफ फील करने के साथ हमेशा डरने लगते हैं। |
अगस्त ५ में ज़ियाओमी मी पड़ २०२१ को चीन में पेश किए हुए लगभग एक साल बीत चुका है, कुछ समय के लिए बाजार से गायब रहने के बाद श्रृंखला को बड़ी सफलता मिली है।
ज़ियाओमी मी पड़ ६ चीन में प्रमाणित: स्नैपड्रैगन ८८८ के साथ आ रहा है?
अब, लगभग एक साल बाद, पहले से ही कई उपयोगकर्ता हैं जो ज़ियाओमी के मी पड़ की छठी पीढ़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आखिरकार, ज़ियामी एमआई पैड ५ में पहले से ही सुधार के लिए पर्याप्त जगह थी, जैसे कि चिपसेट जो स्नैपड्रैगन ८७० पर अधिक महंगे संस्करण में भी रुक गया था।
खैर, चीनी ब्लॉगर अंगंगह के नवीनतम खुलासे के अनुसार, ज़ियाओमी ने एशियाई देश में मॉडल संख्या २२०८१२८१एक के साथ एक टैबलेट को प्रमाणित किया है। याद रखें कि ज़ियाओमी पड़ ५ श्रृंखला का मॉडल नंबर म210५क८१च था, इसलिए हम अंतिम भाग "८१एक" और "८१च" में समानता देखते हैं।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि पहले कई चीनी ब्लॉगर्स ने डिज़ाइन चरण में एक डिवाइस के मापदंडों को उजागर किया है जिसे ज़ियाओमी मी पड़ ६ श्रृंखला का एक मॉडल माना जाता है।
जबकि हाई-एंड मॉडल को महत्वपूर्ण अपग्रेड लाना चाहिए। विशेष रूप से, अफवाह यह है कि इसे स्नैपड्रैगन ८८८ श्रृंखला चिप में अपग्रेड किया गया है, इसलिए हमारे पास प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इसके अलावा, जबकि स्नैपड्रैगन ८८८ स्मार्टफोन पर ऊर्जा की खपत और गर्मी के उत्पादन में बहुत अच्छा नहीं है, टैबलेट पर इस कमी को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। गोलियों के बड़े आयाम वास्तव में एक बढ़ी हुई गर्मी लंपटता प्रणाली, साथ ही साथ एक बहुत बड़ी बैटरी लाने की अनुमति देते हैं।
नर्ड, प्रौद्योगिकी, फोटोग्राफी, वीडियो निर्माता और गेमर के बारे में भावुक। और निश्चित रूप से मुझे ज़ियाओमी उत्पादों से प्यार है! ट्विटर पर उपलब्ध है।
मिजिया डेस्कटॉप वाटर प्यूरीफायर स्मार्ट संस्करण प्रस्तुत: यहां तक कि वाटर प्यूरीफायर भी स्मार्ट हो जाता है!
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२ के लिए हिमो ल२96 मैक्स इलेक्ट्रिक स्कूटर यूरोप से मुफ़्त भेजा गया! |
हरियाणा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड ने कंप्यूटर प्रोफेशनल्स के ११७ पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक उम्मीदवार २५ फरवरी २०२० से ०६ मार्च २०२० तक ऑनलाइन मोड के माध्यम से हार्ट्रॉन भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवार इस वेबसाइट में अधिक विवरण देख सकते हैं।
नेटवर्किंग इंजीनियर बीई / बी.टेक (किसी भी स्ट्रीम में) / एम.एससी। (कंप.स्क./इट)/ एमसीए / .स्क. बी / लेवल सी ६०% अंकों के साथ स्तरीय पाठ्यक्रम। या ६०% अंकों के साथ म. स्क (फी / गणित / सांख्यिकी) और ६०% अंकों के साथ पगड़्का। मैसे / कैना / द्क्ने / लीनूक्स / सोलरिस / न्यूनतम ३ महीने का डिप्लोमा नेटवर्किंग / सिस्टम सुरक्षा में प्रमाणन। नेटवर्क प्रशासन का ०१ वर्ष का कार्य अनुभव / हार्डवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर सहित लान / वन / इंटरनेट / इंट्रानेट के परिचालन समस्याओं के निवारण और समाधान का अनुभव।
नेटवर्किंग सहायक कॉम्प में ०३ वर्ष का डिप्लोमा। स्क./ इट / इलेक्ट्रॉनिक्स / इलेक्ट्रॉनिक्स & कम./ब्का/ ब.स्क. (कंप.स्क./इट),/आ/ब स्तर का कोर्स डीओई / एनआईईएलआईटी से ५५% अंकों के साथ। इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण के समस्या निवारण, संचालन और रखरखाव में १ वर्ष का कार्य अनुभव; हार्डवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर सहित लैन / वान / इंटरनेट / इंट्रानेट की हैंडलिंग।
डीटीपी ऑपरेटर स्नातक (५५% अंक) पीजीडीसीए / पीडीसीए / पीजीडीआईटी / एपीजीडीसीए के साथ। या बीसीए / बी.एससी। (कंप। स्क./इट) म्का / म.स्क। कंप.स्क./इट)/ ब.टेक (किसी भी स्ट्रीम में) (५५% अंकों के साथ)।
जूनियर प्रोग्रामर डेस्कटॉप पब्लिशिंग / ग्रेजुएशन में १ साल के कोर्स के साथ १0 + २ (५०% अंक) के साथ डेस्कटॉप पब्लिशिंग में ६ महीने का फुल टाइम सर्टिफिकेट कोर्स। कोरल ड्रॉ / पेज मेकर और एडोब प्रीमियर / फोटोशॉप का उपयोग करके प्रिंट मीडिया जैसे विज्ञापन, ब्रोचर्स, समाचार पत्र आदि को डिजाइन करने में १ वर्ष का अनुभव।
पात्र उम्मीदवार २५ फरवरी से ०६ मार्च २०२० तक आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से पद पर आवेदन कर सकते हैं।
आधिकारिक साइट पर जाएं।
इस ११७ कंप्यूटर प्रोफेशनल के रिक्त पद के लिए अधिसूचना देखें।
यदि आप किसी भी पद के लिए पात्र हैं तो लिंक पर क्लिक करें।
आवश्यक विवरण दें।
फिर ऑनलाइन आवेदन पूरा करने के लिए सबमिट करें।
हारत्रों साक्षात्कार और टेस्ट के माध्यम से उम्मीदवारों का चयन होगा। |
केरल के कोझिकोड से शुक्रवार को एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट के कार्गों में आग लगने का पता चला है। इसके बाद पायलटों ने इमरजेंसी लैंडिंग की है। यह जानकारी एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने दी है।
केरल। केरल के कोझिकोड से शुक्रवार को एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट के कार्गों में आग लगने का पता चला है। इसके बाद पायलटों ने इमरजेंसी लैंडिंग की है। यह जानकारी एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने दी है। उन्होंने बताया कि विमान ने १७ यात्रियों के साथ कोझिकोड से कुवैत के लिए उड़ान भरी थी।
जहाज पर सवार लोगों को कोई चोट नहीं लगी है और न ही विमान को नुकसान पहुंचा है। पायलटों ने कार्गो खाड़ी से एक फायर अलार्म का पता लगाया और केरल के कोझीकोड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक इमरजेंसी लैंडिंग करने का फैसला किया।
बता दें कि पिछले साल केरल के कोझिकोड में करीपुर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान लैंडिंग करने के दौरान फिसलकर खाई में गिर गया था । दुबई से आ रहे इस फ्लाइट में पायलट और क्रू मेंबर समेत १९० यात्री सवार थे। पिछले माह नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारी बारिश के दौरान इस दुर्घटना में ३५ फीट गहरे खाई में गिरने से विमान दो हिस्सों में टूट गया था और हादसे के अगले दिन १४९ लोगों को अस्पतालों मे भर्ती कराया गया। कोझीकोड विमान हादसे की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच बोर्ड ने पांच सदस्यीय समिति बनाने की घोषणा की थी। बोर्ड ने कहा था कि समिति पांच माह में अपनी रिपोर्ट दे देगी।
मनीष असीजा जीवन परिचय : मनीष असीजा ने दूसरी बार साइकिल को किया पंचर, क्या लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक? |
हंगामे पर प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए। लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों से शांत होने की अपील की।
मॉनसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब तृणमूल कांग्रेस ने हाल ही में मोदी कैबिनेट में शामिल किए गए पश्चिम बंगाल के एक सांसद को सोमवार को कथित तौर पर 'बांग्लादेशी' बताया। इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण की भी मांग की गई। इस मुद्दे पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा वह बांग्लादेशी हैं या नहीं, यह जानने को मुझे पूरा अधिकार है।
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और इसमें सच्चाई नहीं होने का दावा करते हुए उपसभापति हरिवंश से इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा जिस प्रकार की बेबुनियाद बातें सदन में रखने की कोशिश की जा रही है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं। इसमें सत्यता नहीं है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर समाज के एक वर्ग विशेष को अपमानित करने का आरोप लगाया और उपसभापति से विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए विषय को कार्यवाही में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया। इसके जवाब में उपसभापति हरिवंश ने कहा इसका परीक्षण किया जाएगा।
वहीं संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में भी जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्ष के हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय नहीं करा सके। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने के कारण सदन की बैठक को एक बार के स्थगन के बाद ३:३0 बजे तक के लिए दोबारा स्थगित कर दिया गया।
ट्रेंडिंग लड़की के सामने कर रहा था बाइक पर स्टंट, पर भैया... किस्मत ने उसके साथ खेल कर दिया!
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं? |
दिल्ली-न्क्र रेन & वेथर फोर्कस्त: मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में ४ अक्टूबर को शाम में बूंदाबादी हो सकती है। ५ अक्टूबर से बारिश बढ़ जाएगी। रावण दहन में समस्या आ सकती है।
नई दिल्ली: दशहरे यानी ५ अक्टूबर को कुछ जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है। ऐसे में रावण दहन को लेकर आयोजकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, सुबह व दोपहर के समय बारिश होने की उम्मीद कम है। दोपहर बाद कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। कुछ जगहों पर यह बौछारों के रूप में भी आ सकती हैं। दशहरे से एक दिन पहले ४ अक्टूबर को भी शाम के समय एक दो जगहों पर बूंदाबांदी के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, ५ अक्टूबर से बारिश बढ़ेगी और आठ अक्टूबर तक यह रुक-रुक का होती रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को अधिकतम तापमान 3५.२ डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान २3.२ डिग्री रहा। हवा में नमी का स्तर ४7 से 9५ प्रतिशत तक रहा। सोमवार को मौसम साफ रहेगा। अधिकतम तापमान 3५ और न्यूनतम तापमान २४ डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर में इस हफ्ते मौसम कैसा रहेगा?
पूर्वानुमान के अनुसार, ४ अक्टूबर को दोपहर के समय गर्मी कुछ बढ़ जाएगी। तापमान ३६ डिग्री तक जा सकता है। न्यूनतम तापमान भी २५ डिग्री को छू लेगा। शाम के समय एक दो स्थानों पर बूंदाबांदी की संभावना है। इसके बाद ५ अक्टूबर से बारिश कुछ बढ़ेगी। शाम के समय हल्की बारिश होगी। ऐसे में यह रावण दहन के कार्यक्रमों को प्रभावित कर सकती है। बहुत तेज बारिश की संभावना नहीं है। तापमान इस दिन 3४ डिगी के आसपास रहेंगे। ६ अक्टूबर को हल्की और ७ अक्टूबर को मध्यम बारिश होने की संभावना है। इसकी वजह से तापमान में भारी गिरावट होगी। यह २९ से ३० डिग्री पर पहुंच जाएगे। ८ अक्टूबर को भी मध्यम बारिश की संभावना है।
स्काईमेट के महेश पलावत के अनुसार, संभावना काफी कम है कि ४ अक्टूबर को बारिश होगी। बादल छाए रह सकते हैं। एक दो जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। वहीं, ५ अक्टूबर को सुबह से ही बादल रहेंगे। बारिश सुबह के समय भी होने के हल्के आसार है। शाम के समय बूंदाबांदी होगी। यह बहुत तेज तो नहीं होगी, लेकिन पुतले जलाने में परेशानी खड़ी कर सकती है।
रामलीला आयोजकों के अनुसार वह उम्मीद कर रहे हैं कि रावण दहन के दिन बारिश न हो। रावण के पुतले कुछ देरी से खड़े किए जाएंगे। उन पर प्लास्टिक कवर लगाए जाएंगे, ताकि वह गीले न हों। लेकिन दहन के समय बारिश हुई तो परेशानियां काफी अधिक बढ़ सकती हैं।
ट्रेंडिंग लड़की के सामने कर रहा था बाइक पर स्टंट, पर भैया... किस्मत ने उसके साथ खेल कर दिया!
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं? |
बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में स्थित सोन भंडार गुफा में खजाना छिपे होने की बात लम्बे समय से प्रचलित है। भारत में ऐसे कई टूरिस्ट स्पॉट्स है, जहां राजा-महाराजाओं का खजाना छिपे होने की बातें होती रहती हैं।इसी क्रम में कहा जाता है कि मौर्य शासक बिंबिसार ने अपने शासन काल में राजगीर में एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने खजाने को छुपाने और सोने को सहेजने के लिए यह गुफा बनाई थी। इसके बाद इस गुफा का नाम सोन भंडार गुफा पड़ा था। पूरी चट्टान को काटकर यहां पर दो बड़े कमरे बनवाए गए थे। गुफा के पहले कमरे में जहां सिपाहियों के रुकने की व्यवस्था थी। वहीं दूसरे कमरे में खजाना छुपा था। दूसरे कमरे को पत्थर की एक बड़ी चट्टान से ढंका गया है। जिसे आज तक कोई नहीं खोल पाया। कहा जाता है कि अंग्रेजों ने इस गुफा को तोप के गोले से उड़ाने की कोशिश की थी, लेकिन वे इसमें नाकामयाब रहे। अंग्रेजों ने इस गुफा में छुपे खजाने को पाने के लिए यह कोशिश की थी,लेकिन नाकाम होने पर वे वापस लौट गए। आज भी इस गुफा पर उस गोले के निशान दिखते हैं। सोन भंडार गुफा में अंदर घुसते ही १०.४ मीटर लंबा और ५.२ मीटर चौड़ा एक कमरा है। इस कमरे की ऊंचाई लगभग १.५ मीटर है। कहा जाता है कि यह कमरा खजाने की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए बनाया गया था। इसी कमरे के दूसरी ओर खजाने वाला कमरा है, जो कि एक बड़ी चट्टान से ढंका हुआ है। मौर्य शासक के समय बनी इस गुफा की एक चट्टान पर सम्भवतः शंख लिपि में कुछ लिखा है। इसके संबंध में मान्यता प्रचलित है कि इसी शंख लिपि में इस खजाने के कमरे को खोलने का राज लिखा है, परन्तु उस लिपि को आजतक कोई पढ़ नहीं पायाल इस जगह पर जैन धर्म के अवशेष भी देखने को मिलते हैं। यहीं पर दूसरी ओर बनी गुफा में ६ जैन धर्म तीर्थंकरों की मूर्तियां भी चट्टान में उकेरी गई हैं। जिससे यह मान्यता है कि यहां पर जैन धर्म के अनुयायी भी रहे थे। दोनों ही गुफा तीसरी और चौथी शताब्दी में चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। इन गुफाओं के कमरों को पॉलिश भी किया गया है। |
५ जुलाई, २०२२ को जारी एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक के पहले संस्करण में राजस्थान पूरे देश में पंद्रहवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक का पहला संस्करण जारी किया।
सामान्य श्रेणी के राज्यों में एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक में ओडिशा ८३६ स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश ०.७९७ स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश ०.७९४ स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
सामान्य श्रेणी के राज्यों में एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक में राजस्थान ६९४ स्कोर के साथ पंद्रहवें स्थान पर है।
विशेषश्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा ७८८ स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश ०.७५८ स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम ०.71० स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
इसके अलावा, तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली और दमन दीव ८०२ स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति तथा प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- ई) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ई) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और ई) पोषण संबंधी पहल। |
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्र के भाइयों के साथ मजबूती से खड़ी है। वे इस संबंध में कानूनी लड़ाई के लिए एकजुट प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त किया गया है। मंत्री सर्वश्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को न्यायिक प्रक्रिया के समन्वय के लिए नियुक्त किया गया है। यह कहते हुए कि सीमा मुद्दों से निपटने वाले विशेष प्रकोष्ठ को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं का लाभ सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को प्रभावी ढंग से दिया जा सके। मुख्यमंत्री सहायता कोष का लाभ सीमावर्ती क्षेत्रों को पूर्व की भांति दिया जाए और महात्मा जोतिबा फुले जन आरोग्य योजना का भी लाभ दिया जाए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यहां कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को लाभ प्रदान करने के लिए सकारात्मक है।
सह्याद्री गेस्ट हाउस में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति की बैठक हुई। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, समिति के सदस्य मंत्री सर्वश्री चंद्रकांत पाटिल, डॉ. तानाजी सावंत, दीपक केसरकर, शंभूराज देसाई, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, विधायक पृथ्वीराज चव्हाण, राजेश क्षीरसागर, मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ संपादक किरण ठाकुर सहित महाराष्ट्र एकता समिति के सदस्य उपस्थित थे।
सुजाता सौनिक, अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताविक किया। वकील शिवाजी जाधव ने सीमा मुद्दे को लेकर चल रही अदालती लड़ाई की जानकारी दी।
स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे भी सीमा क्षेत्र के लोगों के साथ हमेशा रहे, यह कहते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार सीमा मुद्दे के समाधान पर गंभीरता से ध्यान दे रही है। इसके लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त किया गया है। जरूरत पड़ी तो और वकीलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। राज्य सरकार ने इस मसले पर अपना पूरा ध्यान लगा रखा है। साथ ही मैं, उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस, हम जल्द ही इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार की ओर से मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को समन्वयक नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं का लाभ प्रभावी ढंग से मिले। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सीमा मुद्दे से निपटने वाले विशेष प्रकोष्ठ को भी मजबूत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हालांकि अदालती कार्यवाही चल रही है, लेकिन कर्नाटक सरकार के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाषा के उपयोग और उन क्षेत्रों में भाइयों द्वारा आवश्यक सुविधाओं के संबंध में संचार जारी रखा जाना चाहिए।
सीमावर्ती क्षेत्रों में मुख्यमंत्री सहायता कोष का लाभ पूर्व की भांति देने का निर्णय इस बार लिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने यह भी कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में महाराष्ट्र सरकार की महात्मा जोतिबा फुले जन आरोग्य योजना का लाभ दिलाने के लिए सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सीमा आंदोलन के शहीदों के परिवारों को स्वतंत्रता सेनानियों की तरह पेंशन देने का फैसला किया। साथ ही एकता समिति द्वारा अदालती लड़ाई के लिए भुगतान किये गये शुल्क की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया गया।
उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि सीमा का मुद्दा बहुत संवेदनशील मुद्दा है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं। हम इस मुद्दे को वैध, लोकतांत्रिक तरीके से हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सब सीमा वासियों के साथ हैं।
इस मौके पर मध्य महाराष्ट्र एकता समिति के प्रकाश मारगले, दिनेश ओउलकर, विनोद आंबेवाडकर ने सीमा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी। समिति के सदस्यों ने सीमा मुद्दे पर अदालती लड़ाई के लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को धन्यवाद दिया। इस समय श्री दानवे, श्री चव्हाण, श्री ठाकुर ने मनोगत व्यक्त किया। |
रामनगर(बाराबंकी)।सुजल एवं स्वच्छ गांव के तहत ब्लाक में चल रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन भी ६१ प्रधान और सचिवों को प्रशिक्षण दिया गया।गुरुवार को बीडीओ कमलेश कुमार द्वारा प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया गया था। पहले दिन ५५ प्रधान सचिवों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था ।एडीओ पंचायत अखिलेश दुबे के संयोजन में चल रहे प्रशिक्षण में प्रशिक्षक आशुतोष त्रिपुरारी सिंह रोनक अंबुज ने जल संचयन पर चर्चा करते कहा कि आने वाले समय में भूगर्भ जल का स्तर बचाना चुनौती है। जिससे सभी को सीख लेते हुए जल संरक्षण का कार्य करना है। पानी बर्बाद न करें और वर्षा के पानी को जमीन में पुनः जाने की व्यवस्था करें उन्होंने बताया कि हर हर घर नल योजना का शुभारंभ जल्द होने वाला है। जिसके तहत सभी घरों में नल का स्वच्छ पानी मिलेगा इस अभियान को भी मिलकर सफल बनाना है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत करता करते हुए कहा कि गांव में शौचालय बने हैं। उनके उपयोग के लिए लोगों को प्रेरित करें तथा शौचालय जहां नहीं है,वह लोग शौचालय बनवाने के काम करें। प्रशिक्षण में प्रधान शिवमंगल सिंह राजमल कैलाश सिंह सुरेश वर्मा मिराज हारून मौजूद रहे। |
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रायपुर। पुलिस विभाग ने आरक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। चयन प्रक्रिया का परिणाम छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट ( पर उपलब्ध है। परिणाम के अनुसार, प्रदेश में पहली बार पुलिस विभाग में तृतीय लिंग का आरक्षक के रूप में चयन हुआ है।
रायपुर रेंज में ३१५ पुरुष, ७१ महिला व नौ तृतीय लिंग का चयन हुआ है। अकेले रायपुर से आठ और धमतरी से एक किन्नर का चयन हुआ है। इनके साथ ३९५ पुलिस आरक्षक के रूप में चयनित हुए। इसमें एक सहायक आरक्षक और २७ होमगार्ड भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त आरक्षक ट्रेड में ४६ चालक, १९ अन्य ट्रेड आरक्षकों की सूची भी जारी कर दी गई है, जिसमें ट्रेड आरक्षक के १९ में कुक के पद पर एक महिला भी चयनित हुई। भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण सहित सभी नियमों का पालन किया गया है।
दरअसल, जिला पुलिस बल के आरक्षक संवर्ग के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए २९ दिसंबर २०१७ को विज्ञापन जारी किया गया था। इसके बाद २८ जनवरी से ११ फरवरी तक आरक्षक भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई। अभ्यर्थियों के शारीरिक दक्षता का परीक्षण राजधानी रायपुर में किया गया था। वहीं, सभी संभाग मुख्यालयों में भी भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी। इसी के नतीजे घोषित किए गए हैं। बता दें कि पिछले दिनों रायपुर में प्रदेश भर से किन्नर भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए शामिल हुए थे। |
रायपुर। राजधानी रायपुर में असली पुलिस ने नकली पुलिस को दुकानदार से वसूली करने के मामले में गिरफ़्तार किया है। जानकारी के मुताबिक कटोरातालाब स्थित रितेश पंजवानी के फास्ट फ़ूड दुकान में घुसकर आरोपित ने वसूली करने की कोशिश की और दुकानदार को धमकी भी दी।
सिविल लाइन पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। सिविल लाइन पुलिस थाना प्रभारी आरके मिश्रा ने बताया कि चार मार्च को देर रात एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में रितेश की दुकान पहुंचकर पैसों की मांग करने लगा व उसकी वर्दी के नेम प्लेट में मोहन सोना लिखा हुआ था।
इसके पहले भी २५ फरवरी को उसने दुकानदार से पैसे की मांग की थी। इस पर दुकानदार ने सिविल लाइन थाना पुलिस को मामले की सूचना दी। इसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने आरोपित मोहन सोना को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ धारा ३८४, ४१९ और ४२० के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। |
नई दिल्ली। व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ एल इंडिया ट्रेडर्स) ने जीएसटी (गस्ट) के प्रावधानों की समीक्षा की मांग को लेकर कल (२६ फरवरी) भारत बंद (भारत बंध) का आह्रान किया है। कल देशभर में सभी बाजार बंद रहेंगे। कैट (कैट) का कहना है कि करीब ८ करोड़ व्यापारी हड़ताल से जुड़ेंगे। कैट के नेतृत्व में जीएसटी पर तर्कहीन प्रावधानों को वापस लेने और ई कॉमर्स कंपनी पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर देश को बंद करने का फैसला लिया है।
ट्रांसपोर्ट संगठन ने दिया समर्थन: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते भाव को लेकर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने कैट के बंद का समर्थन किया है। संगठन ने देशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। वहीं अन्य राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों ने भी बंद का समर्थन किया। इसमें ऑल इंडिया एफएमसीजी डिस्ट्रिब्युटर्स फेडरेशन, फेडरेशन ऑफ एल्युमिनियम यूटेंसिल मैन्यूफैकचर एंड ट्रेडर्स, ऑल इंडिया कंप्यूटर डीलर एसोसिएशन आदि शामिल हैं।
व्यापारियों को दोबारा टैक्स देना पड़ रहा: कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने कहा कि जीएसटी के बेतुके प्रावधानों के कारण व्यापारियों को दोबारा टैक्स देना पड़ रहा है। ऐसा तो मुगलों और अंग्रेजों के जमाने में भी नहीं था। वहीं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी पूरी तरह से नाकाम टैक्स व्यवस्था है। इसके मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ किया है। किसी भी सरकार को इसके सरलीकरण की चिंता नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी से की हस्तक्षेप की मांग: इससे पहले रविवार को कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। अपने पत्र में उन्होंने ई-कॉमर्स नियमों के उल्लंघन का जिक्र किया। साथ ही सुझाव दिया कि जीएसटी की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में एक समूह का गठन किया जा सकता है। इससे टैक्स के विस्तार और राजस्व में वृद्धि के लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं। |
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने तो पहले ही कह दिया था कि आने वाले समय में मच्छर मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित होंगे। एक तथ्य यह भी है कि मच्छर जनित रोग मलेरिया, जिया वायरस, चिकन गुनिया, और डेंगू जैसी बीमारियों के इलाज के लिए आज तक चिकित्सा विज्ञान कोई दवा तैयार नहीं कर सकी।
मच्छरों के काटने से उत्पन्न होने वाली ऐसी बीमारियों के विभिन्न दवाओं की मदद से उस समय ही इलाज संभव है, जब यह रोग प्रारंभिक स्थिति में हो, यही कारण है कि इस समय भी दुनिया में वार्षिक लाखों लोग मलेरिया से मारे जाते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों, वैज्ञानिक और विश्व संस्था इस संबंध में लगातार प्रयासरत हैं और ऐसी ही एक कोशिश के माध्यम से अब खतरनाक मच्छरों को मच्छरों के माध्यम से ही समाप्त करने की योजना शुरू कर दिया गया।
गूगल निर्माता कंपनी एल्फा के संस्था वर्ली लाइफ साइंसेज मासकीटो मैट और कनसोलियडेट मासकीटो एबीडमेंट ड्रिस्क्ट (सीएमडीए) ने ऐसे नर मच्छर तैयार किए हैं, जो जिया, चिकन गुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों को नष्ट या कम करेंगे। कंपनियों ने डिबग प्रोजेक्ट के तहत नर मच्छरों के कई समय तक विशेष रसायनों के माध्यम से विशेष प्रयोगशाला में बढ़ाया, जहां इन मच्छरों को वालबाकया नामक जीवाणु दिया गया, जिससे ये मच्छर मनुष्य को काटने की आदत से वंचित हो गए।
विशेषज्ञों के अनुसार मच्छरों को विशेष बैक्टीरिया के माध्यम रसायल के माध्यम ये इंसान के दोस्त बन गए, जिसके बाद यह मनुष्य को नहीं काटेंगे और न ही कोई बीमारी और वायरस का विस्तार होगा। यह विशेष नर मच्छर ऐसे पदार्थ मच्छरों से मेलआप करेंगे, जो पहले से ही क्षेत्र में मौजूद होंगे, लेकिन उनके मिलान पदार्थों मच्छर अंडे देने या अंडे से बच्चे पैदा करने में असमर्थ रहेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रक्रिया के माध्यम से मच्छरों की आबादी धीरे धीरे कम होगी और इससे यह अनुमान भी लगाया जा सकेगा कि किस क्षेत्र में कितने मच्छर हैं और उसी हिसाब से ऐसे ही लाखों नर मच्छर तैयार करके इस क्षेत्र में छोड़े जाएंगे।
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शुरू में इस परियोजना के लिए विशेषज्ञों ने कैलिफोर्निया के ३०० एकड़ क्षेत्रफल में फैले एक क्षेत्र को चुना है, जहां १४ जुलाई से लाखों की संख्या में यह मच्छर छोड़े जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एक समय में १० लाख नर मच्छरों को चरणबद्ध प्रयोगशाला की विशेष वैन के माध्यम से क्षेत्र में ले जाकर छोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि इन मच्छरों को विशेष तौर पर जिया वायरस, चिकन गुनिया और डेंगू वायरस फैलाने वाले विशेष पदार्थ मच्छरों को नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है। |
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अच्छी सेहत के लिए फल का सेवन करना बेहद जरूरी है। डॉक्टर्स भी अच्छी सेहत के लिए रोज फल खाने की सलाह देते हैं। ये तो सभी जानते हैं कि आम को फलों का राजा कहा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि फलों की रानी कौन है? नहीं न, तो हम बताते हैं फलों की रानी है अंगूर। जी हां, अब आप सोचेंगे कि ये कैसे। असल में यहां कोई सिंहासन नहीं है, इनको राजा और रानी का दर्जा दिया गया है इनकी डिमांड के आधार पर। तो चलिए आपको हम बताते हैं फलों के बारे में कुछ रोचक तथ्य जो आप शायद ही जानते होंगे।
फलों से संबंधित पढ़ाई को पोमोलॉजी कहा जाता है। दुनिया का सबसे प्रोड्यूज होने वाला फल टमाटर है।
अमेरिका की दुकानों पर जो सेब बेचा जाता है वह एक साल पुराना होता है।
लीची के बीज खाने नही चाहिए क्योंकि यह जहरीले होते हैं।
सेब पानी में तैरने लगते है क्योंकि उनमें २५ प्रतिशत हवा होती है। सेब का तेल त्वचा के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह त्वचा पर पड़ी झुर्रियां, टूटी त्वचा, खुजली और सूजन को दूर करता है।
दवाई लेने के बाद अंगूर खाने से आपकी मौत भी हो सकती है। यदि आप अंगूरों को माइक्रोवेव में रखते हैं तो यह फट जाएगें।
अंगूर के कुल उत्पादन का ७१ प्रतिशत हिस्सा शराब बनाने में उपयोग किया जाता है।
अगर आप को किसी चीज से नफरत है, तो आपको केले खाने चाहिए, इससे ये कम हो जाती है। क्योंकि इन में एक प्राकृतिक अम्ल होता है जो कि हमारे शरीर के अंदर जाकर इसके प्रभाव को कम करता है।
सेब लगभग ७,००० प्रकार के होते है। पीने की तुलना में सेब खाने से अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
आम दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला फल है। इसे फलों का राजा कहते हैं और यह भारत का राष्ट्रीय फल है।
क्या आपको पता है कि केला पानी में तैर सकता है।
कई सालों पहले खोजकर्ता लंबे अभियानों पर पानी ले जाने के निए तरबूज का उपयोग करते थे।
स्ट्रॉबेरी और काजू एकलौते ऐसे फल हैं जिनके बीज फल के बाहर होते हैं जबकि अन्य फलों के अंदर होते हैं।
केले थोड़े से रेडियोधर्मी भी होते हैं। केलों को कच्चा तोड़ने के बाद रसायनिक तरीकों से पकाया जा सकता है। जबकि अंगूरों के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता। मनुष्य के डीएनए का ५०% हिस्सा केले के साथ मिलता जुलता है। कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि केला धरती का पहला फल है। |
जब कोई पिण्ड किसी वृत्ताकार पथ (सर्कुलर पथ) पर नियत चाल (कॉन्सटेंट स्पीड) से चलता है, तो उसकी गति को एक समान वृत्तीय गति कहते हैं। इस गति में पिण्ड की चाल का परिमाण (मेग्नीट्यूड) सदैव नियत रहता है परन्तु उसकी चाद की दिशा लगातार बदलती रहती है।
किसी भी समय पिण्ड की चाल की दिशा, वृत्त की परिधि पर खींची गई स्पर्श रेखा की दिशा में होती है।
चित्र ३.१ में बिन्दु ओ के चारों ओर वृत्ताकार पथ पर घूम रहे कण प की गति कोणीय गति है।
(ब) कोणीय विस्थापन (अंगुलार दिसप्लेसिमेंट) जिस प्रकार रेखीय गति (लाइन्यर मोशन) में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी या विस्थापन को स से नापते हैं उसी प्रकार कोणीय गति में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी या विस्थापन को वस्तु द्वारा तय किये हुए कोण (थीटा-थेटा) से नापते हैं और इसे कोणीय विस्थापन कहते हैं (क्योंकि कोणीय गति में, कण के द्वारा एक पूरा चक्कर लगाने पर, रेखीय विस्थापन शून्य हो जाता है और यह स्थिति बार-बार आती है)। भौतिकी में कोण को प्रायः रेडियन (चाप/त्रिज्या) में नापते हैं।
रेडियन में कोण का मान,
यदि कोण बहुत छोटा है तो,
(च) कोणीय वेग (अंगुलार वेलोसिटी) जिस प्रकार रेखीय गति में, रेखीय विस्थापन की दर को रेखीय वेग (लाइन्यर वेलोसिटी) कहते हैं, उसी प्रकार कोणीय गति में, कोणीय विस्थापन की दर को कोणीय वेग कहते हैं। इसे ग्रीक अक्षर (ओमेगा ओमेगा) से प्रकट करते हैं।
इसका मात्रक डिग्री/सेकेण्ड, चक्कर/सेकेण्ड या रेडियन/सेकेण्ड है। इसका स.ई. मात्रक रेडियन/सेकेण्ड (रेड्स) तथा विमा [मल्ट-१] है। यह एक सदिश (वेक्टर) राशि है, जिसकी दिशा घूर्णन अक्ष (एक्सिस ऑफ रोटेशन) के समान्तर होती है तथा दाहिने हाथ के अंगूठे के नियम (र.ह. ठुमब रूल) द्वारा ज्ञात की जाती है।
(ई) आवर्तकाल (टाइम पीरियड) यदि वृत्तीय गति करते हुए पिंड को एक पूरा चक्कर लगाने में लगा समय त हो, तो कण का औसत कोणीय वेग,
त को आवर्तकाल कहते हैं और इसे निम्न प्रकार परिभाषित करते हैं।
वृत्तीय गति करते हुए पिण्ड को एक पूरा चक्कर लगाने में लगे समय (टाइम) को पिंड का आवर्तकाल (टाइम पीरियड) कहते हैं।
(ई) आवृति (फ्रीक्वेंसी) वृत्तीय गति करते हुए पिण्ड द्वारा एक सेकेण्ड में लगाये गये चक्करों की संख्या (नंबर ऑफ रिवॉल्यूशन पर सेकंड) को आवृति (फ्रीक्वेंसी) कहते हैं तथा इसे न (स्मॉल एन) से प्रदर्शित करते हैं व्यवहार में इसका मात्रक चक्कर प्रति सेकेण्ड है।
(ई) आवृति तथा आवर्त काल में सम्बन्ध (रिलेशन बिट्वीन न एंड त) आवृति तथा आवर्तकाल में निम्न सम्बन्ध होता है।
(ड) कोणीय तथा रेखीय वेग में सम्बन्ध (रिलेशन बिट्वीन अंगुलार एंड लाइन्यर वेलोसिटी) माना कोई पिण्ड, त समयान्तराल में वृत्त की परिधि पर गति करता हुआ बिन्दु आ से ब तक (चित्र ३.१), स दूरी तय करता है।
स्पष्ट है कि पिण्ड का रेखीय वेग (व) पिण्ड की केन्द्र से दूरी (र) के अनुक्रमानुपाती (डाइरेकली प्रोपोर्शनल) होता है। अतः पिण्ड केन्द्र से जितनी अधिक दूरी पर होगा, उसका रेखीय वेग उतना ही अधिक होगा। इसीलिये केन्द्र पर स्थिति पिण्ड का रेखीय वेग शून्य होता है।
(ए) कोणीय त्वरण (अंगुलार एक्सेलरेशन) कोणीय गति में, कोणीय वेग परिवर्तन की दर को कोणीय त्वरण कहते हैं। इसे ग्रीक अक्षर (अल्फा-अल्फा) से प्रदर्शित करते हैं। यह एक सदिश राशि है, इसकी दिशा कोणीय वेग के अनुदिश होती हैं। यदि एक पिण्ड का (जो घूर्णन अक्ष से र दूरी पर हैं) त१ समय पर कोणीय वेग तथा त समय पर कोणीय वेग हो,
तात्कालिक कोणीय त्वरण, |
उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के तत्वाधान में ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में यूनानी चिकित्सा उपचार का शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर सुनील कुमार जोशी द्वारा किया गया। कुलपति डॉ सुनील कुमार जोशी ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आयुष पद्धति से रोगों का उचित इलाज दिलाने हेतु यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सा की सुविधा दी गई है साथ ही अवगत कराया कि मुख्य परिसर में रोगी, आयुर्वेद के साथ-साथ होम्योपैथी पद्धति से भी अपना इलाज करा सकते हैं एवं ऋषिकुल परिसर में आयुर्वेद के साथ-साथ यूनानी चिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं। इस अवसर पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश अधाना ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की इस पहल से सभी रोगियों का इधर उधर जाना बच जाएगा और उन्हें सुविधानुसार संपूर्ण इलाज एवं परामर्श प्राचीन आयुष पद्धति द्वारा किया जायेगा।
उद्घाटन समारोह में ऋषिकुल परिसर के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर डी०सी० सिंह उपकुलसचिव डॉ शैलेन्द्र प्रधान, डॉ संजय गुप्ता, शरीर रचना विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ नरेश चौधरी उत्तरांचल यूनानी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक डॉ हारून एवं यूनानी चिकित्सीय टीम, डॉ शशिकांत तिवारी, डा रमेश चंद तिवारी, डॉ वेदभूषण शर्मा, डाक्टर खेमचंद शर्मा, अनिल सिंह नेगी, खेमानंद भट्ट, मोहित मनोचा, अनिल, अजय, मृदुला आदि सक्रिय सहभागिता की। |
नवरात्रि के अवसर पर अभिलिप्सा ने नया गाना रिलीज किया है। हर हर शंभू गाकर ख़बरों में छाई अभिलिप्सा पांडा (अभिलीप्सा पांडा) एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। इसका कारण अभिलिप्सा पांडा का नया गाना है। पहले अभिलिप्सा महादेव का भक्ति गीत गाते हुए दिखाई दी थीं। वहीं अब वो मां दुर्गा की आराधना करती नजर आ रही हैं। भक्ति गीत में अभिलिप्सा एक बार अपनी आवाज का जादू बिखेर रही हैं।
हर हर शंभू गाकर ख़बरों में छाई अभिलिप्सा पांडा (अभिलीप्सा पांडा) एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। इसका कारण अभिलिप्सा पांडा का नया गाना है। पहले अभिलिप्सा महादेव का भक्ति गीत गाते हुए दिखाई दी थीं। वहीं अब वो मां दुर्गा की आराधना करती नजर आ रही हैं। नवरात्रि के अवसर पर अभिलिप्सा ने नया गाना रिलीज किया है। भक्ति गीत में अभिलिप्सा एक बार अपनी आवाज का जादू बिखेर रही हैं।
शनिवार को अभिलिप्सा ने एक पोस्टर साझा करते हुए नव दुर्गे नमो नमः (नव दुर्गा नमो नामाह) गाने की रिलीज की घोषणा की थी। अभिलिप्सा द्वारा साझा किये गये पोस्टर में मां दुर्गा की तस्वीर दिखाई दे रही थी। मां दुर्गा की आराधना करते हुए पोस्टर में अभिलिप्ला उनके हाथ जोड़े खड़ी नजर आ रही थीं। हांलाकि, पोस्टर के साथ ये नहीं बताया गया था कि गाना कब रिलीज होगा। लेकिन पोस्टर देख कर ही दिखाई दे रहा था कि गाना बेहतरीन होने वाला है। और हुआ भी वही।
अभिलिप्सा का नव दुर्गे नमो नमः रिलीज हो गया है। वीडियो (विडियो) में अभिलिप्सा लाल रंग की साड़ी पहनकर नव दुर्गे नमो नमः गाती नजर आ रही हैं। अभिलिप्सा के हावभाव देखने लायक हैं। वो गाने को इतने शानदार तरीके से गा रही हैं कि सुनने वाला मंत्रमुग्ध हो जाये। गाने में एक अलग ही फील है। नव दुर्गे नमो नमः सुनकर ऐसा महससू होता है जैसे आप मां की भक्ति में डूबे हों। इस गाने के लिरिक्स संदीप कपूर ने लिखे हैं। अभिलिप्सा पांडा (अभिलीप्सा पांडा) ने नव दुर्गे नमो नमः गीत को इतने जबरदस्त तरीके से गाया है कि इसे सुनने के बाद उनके प्रशंसक बहुत खुश हो जाएंगे। अभिलिप्सा ने अपनी सिंगिंग (सिंगिंग) से देवी गीत के साथ पूरा न्याय किया है।
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पलक वादा : सर्दियों में पालक से बनाएं यह लज़ीज व्यंजन, बच्चे भी खाएंगे प्यार से ! |
जेनिफ़र वेस्टफेल्ट वह एक प्रशंसित अमेरिकी अभिनेत्री १९७० में पैदा हुआ था है और पटकथा लेखक के लिए सबसे अच्छा २००१ स्वतंत्र फिल्म, 'चुम्बन जेसिका स्टीन' और उसके २०११ की फिल्म, 'बच्चों के साथ मित्र' में अपने काम के लिए जाना जाता है। गिल्डफोर्ड, कनेक्टिकट में माता-पिता, कॉन्स्टेंस, एक चिकित्सक, और पैट्रिक मैक्लोस्की वेस्टफेल्ड, जूनियर, एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में जन्मे, वेस्टफील्ड ने गिलफोर्ड हाई स्कूल से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और बाद में येल विश्वविद्यालय में भाग लिया। वेस्टफेल्ड ने न्यूयॉर्क में एक थिएटर अभिनेता के रूप में शुरुआत की और उस समय के दौरान, वह कई ब्रॉडवे प्रस्तुतियों में दिखाई दी। उसके हॉलीवुड कैरियर १९९७ में शुरू किया और चार साल बाद वह जुर्गेनसेन के साथ रडार पिक्चर्स द्वारा फिल्म 'चुम्बन जेसिका स्टीन' में अभिनय किया। उनके अभिनय को कॉमेडी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए गोल्डन सैटेलाइट अवार्ड मिला और बेस्ट फर्स्ट स्क्रीनप्ले के लिए इंडी स्पिरिट नामांकन भी। वेस्टफील्ड ने २००३ में ब्लॉकबस्टर हिट, 'वंडरफुल टाउन' में अपना ब्रॉडवे डेब्यू किया। दो बार के टोनी विजेता डोना मर्फी के साथ दिखाई देते हैं। 'वंडरफुल टाउन' तीन बार के टोनी विजेता कैथलीन मार्शल द्वारा निर्देशित थी। बाद में उन्हें ब्रॉडवे के २००४ टोनी पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में नामित किया गया (विशेष भूमिका - संगीत) एक पुनरुद्धार 'वंडरफुल टाउन' के लिए। एक स्क्रीनराइटर के रूप में वेस्टफेल्ड की प्रतिभा को बाद में फिल्म 'इरा एंड एबी' में देखा गया था। उन्होंने जून २००६ में लॉस एंजिल्स फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया, 'इरा एंड एबी' में क्रिस मेसिना के साथ लिखा, निर्मित और अभिनय किया। फिल्म ने कई पुरस्कार जीते। उन्होंने अपने निर्देशन की शुरुआत 'फ्रेंड्स विद किड्स' में की, जिसमें उन्होंने लिखा, निर्माण और अभिनय भी किया। वेस्टफेल्ट बाद में 'दो लड़के, एक लड़की और एक पिज्जा जगह' के लिए एक नियमित भूमिका के रूप में दिखाई दिया। १९९७ में 'टू गाइज, ए गर्ल एंड ए पिज़्ज़ा प्लेस' का पहला सीज़न प्रसारित किया गया था। २००७ में, वेस्टफील्ड ने एबीसी के 'नोट्स इन द अंडरबेली' में अभिनय किया, जिसे बैरी सोननफेल्ड द्वारा निर्देशित और निष्पादन रूप से निर्मित किया गया था। 'अंडरबेली से नोट्स' दो सीज़न के लिए सफलतापूर्वक चला। १९९७ में, वेस्टफेल्ड अभिनेता जॉन हैम के साथ एक रिश्ते में आ गया। अप्रैल २००९ में, हम्म और वेस्टफील्ड ने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी, पॉइंट्स वेस्ट पिक्चर्स की सह-स्थापना की। लेकिन, सितंबर २०१५ में, हम्म और वेस्टफील्ड ने घोषणा की कि वे अपने रिश्ते को समाप्त कर रहे हैं। जेनिफर वेस्टफेल्ट को आगामी नाटक / जीवनी, 'कैन यू एवर फॉरगिव मी?' में देखा जाएगा। यह अक्टूबर, २०१८ में रिलीज़ होने के लिए कहा गया है। 'कैन यू एवर फॉरगिव मी?' एक आगामी जीवनी पर आधारित ड्रामा-थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन निकोल होलोफेनर और जेफ व्हाईट द्वारा लिखा गया है, जो ली इज़राइल के उसी संस्मरण पर आधारित है।
नीचे इंस्टाग्राम से ली गई अभिनेत्री और लेखक की कुछ बहुत ही हॉट तस्वीरों का संकलन है।
अपने रिश्ते में कोडपेंडेंट होने से कैसे रोकें?
जब मैं नर्वस होता हूं तो मुझे शौच क्यों करना पड़ता है?
स्वास्थ्य हैक ऑफ: आपकी सूखी खांसी के साथ क्या डील है?
लाइव क्या मैं बस ऊब गया हूँ या हमें टूट जाना चाहिए?
जब आपकी दीवारें कागज़ की पतली हों तो वाइब्रेटर की आवाज़ को कैसे मफल करें?
बहुत ज्यादा नींद कितनी है? |
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधानसभा में पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सदस्यों को समान रूप से सम्मान दिया तथा सभी सदस्यों के प्रति आत्मीयता का भाव रखा। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का उनके प्रति भी विशेष स्नेह का भाव रहा है। उन्होंने विधानसभा में सतत विकास कार्यक्रम के संचालन की पहल करने के साथ ही हर माह योग के माध्यम से शारीरिक स्वस्थता तथा पर्यावरण की दिशा में पहल की गई।
विधानसभा में १०१ फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराने की भी पहल विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई। उन्होंने इस अवसर पर विधानसभा के अधिकारियों एवं कार्मिकों का भी आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले ४ जुलाई को उन्होंने मुख्य सेवक के रूप में प्रदेश के समग्र विकास की यात्रा शुरू की है, जिसमें सभी बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद एवं जनता का उन्हें स्नेह प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास की उनकी निजी नहीं बल्कि हम सबकी सामुहिक यात्रा है।
मुख्यमंत्री ने राज्य के समग्र विकास को किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश के समग्र विकास में हम सब सहभागी एवं सहयोगी है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप २०२५ में उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो इसके लिये हम निरंतर प्रयासरत है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में काशीविश्वनाथ धाम का कायाकल्प किया गया है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य अंतिम चरण में हैं।
कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखंड में ४०० करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया है। बद्रीनाथ धाम के सौन्दर्यीकरण के लिये २५० करोड़ की योजना बनायी गई है। इस प्रकार देश में पुरातन संस्कृति के उत्थान का कार्य किया जा रहा है। यह हमारी संस्कृति के उत्सव का भी समय है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने योगाचार्यों एवं विधानसभा कार्मिकों को सम्मानित भी किया।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका प्रयास रहा कि विधानसभा में सभी सदस्यों को समान रूप से अपनी बात रखने का अवसर मिले। उनका प्रयास सभी सम्मानित विधायकों को सम्मान देने का भी रहा है। उत्तराखण्ड की विधानसभा को देवभूमि के अनुरूप उत्तराखण्डी विधानसभा बनाने का भी उनका प्रयास रहा।
उन्होंने कहा कि विधानसभा के सदस्यों द्वारा भी विधान सभा के कार्य संचालन में गम्भीरता दिखायी तथा सदन की गरिमा को बनाये रखने में सहयोगी बनें। उन्होंने मुख्यमंत्री का विधानसभा में अधिक से अधिक समय देकर सहयोग के लिये भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम सबके दिल में उत्तराखण्ड को आगे बढ़ाने की ललक है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, राजेश शुक्ला, मुन्नी देवी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। |
इस विश्वव्यापी लॉकडाउन के दौरान कोकोनट थिएटर ने एक महत्वाकांक्षी और चुनौतीपूर्ण परियोजना चाय-वाई एंड रंगमंच २०२० प्रस्तुति की है। हम भारत और अन्य देशों के थियेटर एक्सपर्ट्स के साथ ऑनलाइन सेशन हमारे आधिकारिक कोकोनट थिएटर फेसबुक पेज पर हररोज़ शाम ६ बजे (इंडियन स्टैण्डर्ड टाइम) आयोजन करते हैं , अर्थात दिग्गज अभिनेता, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता नाटककार और निर्देशक, मेकअप विशेषज्ञ, संगीतकार, डिजाइनर, कोरियोग्राफर और तकनीशियन अपने सुनहरे अनुभवों को साझा करते हैं, साथ ही उनके व्यक्तिगत जीवन की प्रेरणा जो किसी भी इच्छुक थिएटर छात्र, शौकिया रंगमंच कलाकार, लेखक, निर्देशक, संगीतकार, कोरियोग्राफर, मेकअप कलाकार, डिजाइनर, तकनीशियन और थिएटर समूह और पूरे थिएटर बिरादरी के लिए उपयोगी हो सकते हैं । ये सेशन सभी के लिए उपलब्ध है और पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
कोविड -१९ और वर्ल्डवाइड लॉकडाउन के कारण, साल २०२० पूरी दुनिया के लिए विशेष रूप से थियेटर उद्योग के लिए काफी नुकसानदायक वर्ष रहा है, जो कि लाइव एक्ट में विश्वास रखता है।
चाय-वाई एंड रंगमंच २०२० ने ऑनलाइन सेशन्स के माध्यम से एक उत्कृष्ट मानदंड प्रस्थापित किया है और अपने दैनिक जानकारीपूर्ण सेशन्स से थिएटर के दर्शकों का मनोरंजन भी किया है। इस कारण हमारे ऑनलाइन और ऑफलाइन दर्शकों में बहुत वृद्धि हुई है।
अलग-अलग समय क्षेत्रों के बावजूद हमारे दर्शक इन सेशन्स को देखना पसंद करते हैं, उदाहरण के लिए, कैलिफ़ोर्निया, यूएसए के एक सज्जन इन लाइव सेशन्स को देखने के लिए रोजाना सुबह ५:०० बजे उठते हैं।
आज अपनी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहुंच और लोकप्रियता के कारण कई अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच एक्सपर्ट्सने कोकोनट थिएटर से सीधे संपर्क कर के चाई-वाई और रंगमंच २०२० पर अपने सेशन्स की मेजबानी करने का अनुरोध किया।
इन सेशन्स से जुड़ने वाले सभी वक्ता विभिन्न संस्कृति, विभिन्न आयू समूहों और कइयों के लिए तो ये ऑनलाइन प्रक्रिया बिलकुल ही नयी और कठीन थी, उसके बावजूद भी वे हमारे साथ जुड़ने के लिए स्वेच्छा से तैयार हुए। इनमें से कुछ ८० साल से अधिक आयू के होने के बावजूद भी उन्होंने स्वेच्छा से सेशन करने का आग्रह किया।
पद्म श्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता श्रीमती. रीता गांगुली, श्री. एम. एस. सथ्यू, श्री. बंसी कौल, श्री. मनोज जोशी, श्रीमती. नीलम मानसिंह, श्री. सतीश अलेकर, श्री. दादी पुदुमजी और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता श्रीमती. डॉली अहलूवालिया, श्री. प्रो. अशोक भगत, श्री. प्रसन्ना, श्री. सुरेश शर्मा (निदेशक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय), श्री. अमोद भट्ट, श्रीमती. अंजना पुरी, श्री. संजय उपाध्याय, श्रीमती. रोहिणी हट्टंगडी, श्रीमती. नादिरा बब्बर, श्रीमती. हिमानी शिवपुरी ने अबतक अपने सेशन्स किए हैं।
निष्ठावान प्रतिभागियों में रजत कपूर, मकरंद देशपांडे, महेश दत्तानी, के.के. रैना, लिलेट दुबे, राकेश बेदी, सोनाली कुलकर्णी, रघुबीर यादव, लुबना सलीम, दर्शन जरीवाला, सिद्धार्थ रांधेरिया, इला अरुण, अंजन श्रीवास्तव, आलोक चटर्जी, सलीम आरिफ, सैफ हैदर हसन, आसिफ अली बेग, टिकू तलसानिया, सचिन खेडेकर, संदीप सोपारकर, विजय केंकरे, नीना कुलकर्णी, जयति भाटिया, सुचित्रा पिल्लई, विपुल मेहता, जिमित त्रिवेदी, राजू बारोट, रमेश तलवार, कुलदीप सिंह, चंद्रकांत कुलकर्णी, सौम्या जोशी, केवल धालीवाल, सहित कई अन्य वरिष्ठ रंगमंच एक्सपर्ट्स ने सेशन्स किए हैं।
ग्लोबल थिएटर एक्सपर्ट्स को कोकोनट थिएटर के प्रदर्शनों की सूची में जोड़ा गया है। इनमें से कुछ नाम हैं, यूके से आर्टिस्टिक डायरेक्टर ब्रूस गुथरी (नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स मुंबई के थिएटर और फिल्म के प्रमुख), यूके से अभिनेता और निर्देशक मार्क वेकलिंग, थियेटर निर्देशक अमर काबिल इजिप्त, नॉर्वे से कोरियोग्राफर इंग्री फिक्सडल, ऑस्ट्रेलिया के लेखक-निर्देशक डेविड वुड्स, यूएसए से इंटरनेशनल प्रोडक्शन डिज़ाइनर नील पटेल (मुग़ल-ए-आज़म द म्यूज़िकल के प्रोडक्शन डिज़ाइनर), दक्षिण अफ्रीका से लेखक,नाटककार मेगन फ़र्निस, ऑस्ट्रेलिया से अभिनेता-निर्देशक ग्लेन हेडन, कैलिफ़ोर्निया यूएसए से लेखक-निर्देशक और कलाकार जेसिका लिटवॉक, यूएसए से लेखक-निर्देशक एना कैन्डिडा कैनेइरो, यूएसए से तीन बार टोनी अवार्ड विजेता स्कॉट पास्क, दक्षिण अफ्रीका से लेखक और कलाकार मोतशाबी टिलेले और यूएसए से विश्व विख्यात लेखक-निदेशक जेफ बेरॉन ने सेशन्स किए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सेशन्स के बाद कि भारतीय रंगमंच एक्सपर्ट्स लाइन-अप भी तैयार है। जिसमें पद्म श्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता वामन केंद्रे (पूर्व निदेशक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) ( २५ जुलाई), पद्म श्री पुरस्कार विजेता बलवंत ठाकुर (१८ जुलाई), संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता नीना तिवाना (१३ जुलाई), थिएटर और बॉलीवुड ऐक्टर अनंत महादेवन (२४ जुलाई), शर्मन जोशी (१२ जुलाई), राजपाल यादव (१४ जुलाई), और आदिल हुसैन (२६ जुलाई), गायिका और अभिनेत्री पल्लवी एमडी (२० जुलाई), प्रख्यात लेखक रंजीत कपूर (१५ जुलाई) और प्रसिद्ध ऐक्टर सुमीत राघवन (१७ जुलाई), थिएटर पर्सनालिटी टी. स. नागभरणा (२२ जुलाई), स. बसवलिंगा (१६ जुलाई) और प्रकाश बेलावड़ी (२३ जुलाई), अपरा मेहता जी (१९ जुलाई), भारती आचरेकर जी (१२ जुलाई) और जिग्ना जोशी (२१ जुलाई) जी भी शामिल हैं।
भारतीय रंगमंच को बॉलीवुड, खेल, संगीत और अन्य डिजिटल मनोरंजन प्लेटफार्मों की तुलना में दर्शकों, कॉरपोरेट और अन्य संस्थाओ का न्यूनतम समर्थन रहा है, लेकिन कोकोनट थिएटर के निरंतर प्रयासों के साथ इस बढ़ते आई-पी ने इस महामारी के दौरान शानदार परिणाम दिखाए। हमें भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय थिएटर बिरादरी से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है, जो हमारी कोशीश चाय-वाई एंड रंगमंच २०२० की सराहना कर रही है।
प्रेवियस आर्टियलविकास दुबे के घर से पुलिसकर्मियों से लूटी एक-४७ बरामद, इनामी बदमाश शशिकांत गिरफ्तार, |
नई दिल्ली: यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बीच मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौडरम का शव २० मार्च को भारत पहुंचेगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि खार्किव मेडिकल यूनिवर्सिटी में अंतिम वर्ष के भारतीय छात्र नवीन का शव रविवार को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पहुंचेगा। पिछली दो मार्च को युद्ध के दौरान गोलीबारी में नवीन की मौत हो गई थी। परिजन लगातार शव को भारत लाने की कोशिशों में लगे हुए थे।
यूक्रेन में संघर्ष के बाद पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद, भारतीय सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि लगभग २२,५०० भारतीय नागरिक सुरक्षित घर लौट आए हैं। आपरेशन गंगा के तहत निकाले गए लोगों में ज्यादातर मेडिकल छात्र हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान यूक्रेन की स्थिति पर भारत के रुख को दोहराया। उन्होंने कहा कि हम स्पष्ट और सुसंगत रहे हैं, हमें लगता है कि कूटनीति और बातचीत के माध्यम से एकमात्र रास्ता है। जिस पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में जोर दिया है। |
रिलायंस जियो (रिलायंस जियो) अपने यूजर्स को कई शानदार प्लान ऑफर कर रहा है। जियो के ये प्लान हर रेंज में आते हैं। इनमें आपको डेली डेटा और फ्री कॉलिंग के साथ अडिशनल बेनिफिट्स भी मिलते हैं। प्लान्स की लंबी लिस्ट में कुछ ऐसे प्लान भी हैं, जो बेनिफिट्स के मामले में सबसे अलग हैं। ये प्लान फोन को बार-बार रिचार्ज कराने की टेंशन भी दूर कर देते हैं। इनमें आपको रोज ३जीबी डेटा और फ्री कॉलिंग भी मिलेगी।इसके अलावा इनमें से कुछ प्लान्स में कंपनी डिज्नी+ हॉटस्टार का फ्री सब्सक्रपिप्शन भी दे रही है। आइए जानते हैं डीटेल। |
राजस्थान समाचार : राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा राज्य कार्मिकों की १ अप्रेल को परिपक्व राज्य बीमा पोलिसियाें के प्राप्त दावों का निस्तारण करते हुए १974 पोलिसियाें के अग्रिम भुगतान पत्र के लिए १3१ करोड़ ९० लाख ९३ हजार ८७४ रुपये की राशि जारी की गई है। विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती संतोष अमिताभ ने बताया कि जयपुर संभाग के अधिनस्थ जिला कार्यालयों जयपुर शहर के ८४४, जयपुर ग्रामीण के ६२५, सचिवालय के ४७८ एवं नई दिल्ली कार्यालयों के २७ दावाें का निस्तारण कर 3१ मार्च 202१ को अग्रिम भुगतान पत्र जारी कर दिये गये। उन्होंने बताया कि सभी ज़िला कार्यालयों द्वारा १974 निस्तारित दावों के बिल कोष कार्यालयों को प्रेषित कर भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। जिन राज्य कार्मिको द्वारा बीमा दावा राशि का भुगतान अपने जी पी एफ खातों में स्थानांतरित करने का विकल्प दिया गया है, उनकी बीमा राशि जी.पी.एफ. खातों में स्थानांतरित करने की कार्यवाही की जा रही है। |
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय और सीमा पार आतंकवाद को सबसे गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि इन खतरों का सामना पूरी दुनिया कर रही है। राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान किया। बता दें कि #राजनाथ सिंह ने ९वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में ये बातें कही।
आसियान मंत्रियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सबसे बड़ा खतरा अंतराष्ट्रीय और सीमा पार वाला आतंकवाद है और इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब उदासीनता प्रतिक्रिया नहीं हो सकती है, क्योंकि आतंकवाद ने विश्व स्तर पर कई देशों को नुकसान पहुंचाया है।
राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि कैसे आतंकवादी समूहों ने मनी ट्रांसफर और आतंकियों की भर्ती के लिए नई टेक्नोलॉजी का यूज किया है, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध इस ओर इशारा भी करता है। राजनाथ सिंह ने जब आतंकवाद एक बड़ा खतरा बना हुआ है, ऐसे में कोरोना महामारी से होने वाली परेशानियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
उन्होने कहा कि आसियान के १० देशों और ८ प्रमुख प्लस देशों की भागीदारी के साथ, एडीएमएम प्लस न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि विश्व शांति के लिए एक चालक के रूप में खुद को स्थापित कर सकता है। |
इंटर सेन्टअप परीक्षा में हिजाब प्रकरण को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। जिला पदाधिकारी श्री प्रणव कुमार ने मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए घटना की उच्चस्तरीय जाँच हेतु निदेश दिया गया है। श्री संजीव कुमार, अपर जिला दंडाधिकारी-सह-अपर समाहर्ता, मुजफ्फरपुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जाँच दल का गठन किया गया है। जिसमें श्रीमति चाँदनी सिंह जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस मुजफ्फरपुर तथा श्री वैसूर रहमान जिला लेखा पदाधिकारी मुजफ्फरपुर को सदस्य बनाया गया है। जाँच दल को यह आदेश दिया गया है कि मामले की गहराई से जाँच करते हुए विस्तृत एंव तथ्यात्मक जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगें।
पंचायत प्रतिनिधियों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया । |
ई) ऊपर उल्लिखित आरक्षित रिक्तियों सहित रिक्तियों की संख्या अनंतिम है और बैंक की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार भिन्न हो सकती है।
ई) विभिन्न पदों के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम है। उम्मीदवार के पास निर्दिष्ट तिथियों के अनुसार योग्यता और प्रासंगिक पूर्णकालिक अनुभव होना चाहिए।
ई) विकलांग व्यक्ति सहित आरक्षित श्रेणी से संबंधित उम्मीदवार जिनके लिए कोई आरक्षण का उल्लेख नहीं किया गया है, वे सामान्य श्रेणी के लिए घोषित रिक्तियों के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं।
बशर्ते वे सामान्य श्रेणी के लिए लागू सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।
इव) विभिन्न श्रेणियों के तहत आरक्षण प्रचलित सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार होगा।
विशेष रूप से कि उम्मीदवार को उस संबंधित क्षेत्र में आवश्यकतानुसार अनुभव था।
वि) पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण क्षैतिज है और संबंधित मूल श्रेणी की रिक्ति में शामिल है।
ओबीसी श्रेणी के लिए उपलब्ध किसी भी छूट / आरक्षण के लिए। उन्हें अपनी श्रेणी को सामान्य या सामान्य (ल्ड/वि/ही/ड&ए), जैसा भी मामला हो, के रूप में इंगित करना चाहिए।
वी) ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार को सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप पर ओबीसी प्रमाण पत्र जमा करना चाहिए। भारत के, गैर-मलाईदार परत खंड ०१.०४.२०२२ की अवधि के दौरान जारी किए जाने की तारीख तक नियुक्ति तक, यदि चयनित हो।
इक्स) भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) उम्मीदवारों द्वारा जमा करना होगा।
क्स) भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण कार्यालय ज्ञापन संख्या ३६०३९/१/20१9-स्था (रेस) दड द्वारा शासित है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के 3१.0१.20१9,
किसी मुकदमे का नियुक्ति अनंतिम है और उचित माध्यम से आय और संपत्ति प्रमाण पत्र के अधीन है।
मौजूदा डीओपीटी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रासंगिक वित्तीय वर्ष के लिए भारत।
ज़ी) ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि यदि उनके पास संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए मौजूदा डीओपीटी दिशानिर्देशों के अनुसार या उससे पहले आय और संपत्ति प्रमाण पत्र नहीं है। |
प्रदेशभर में नववर्ष के स्वागत के साथ मनाया स्थापना दिवस, जारी किया कैलेण्डर लखनऊ। अखिल भारत हिन्दू महासभा, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी के आह्वान पर आज पूरे राज्य में शंखनॉद और घंटा-घड़ियाल बजाकर हिन्दी नववर्ष विक्रम संवत्सर २०७८ का स्वागत किया और पार्टी के स्थापना दिवस समारोह का आयोजन कर हिन्दी तिथि का कैलेण्डर जारी किया। तय कार्यक्रम के अनुसार पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में प्रातः साढ़े बजे शंखनॉद एवं घंटा घड़ियाल बजाकर भारतीय नववर्ष विक्रम संवत्सर २०७८ का जोरदार ढंग से स्वागत किया। इस क्रम में प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने अपने अलीगंज स्थित आवास पर परिवार के साथ पूजा अर्चन के साथ शंखनॉद कर सूर्यादय के समय नववर्ष का स्वागत किया। इसी तरह प्रदेश के विभिन्न जनपदों और नगरों में भी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी नववर्ष का जोरदार ढंग से स्वागत किया। प्रातः नववर्ष के स्वागत के बाद अपराह्न २ बजे कुर्सी रोड स्थित पार्टी के प्रदेश कैम्प कार्यालय में हिन्दू महासभा का स्थापना दिवस मनाया। इस मौक पर हिन्दी तिथि का कैलेण्डर भी जारी किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी, प्रदेश प्रभारी शिव पूजन दीक्षित, प्रदेश महामंत्री सिद्धार्थ दुबे, विधिक प्रकोठ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे। इस मौके पर हिन्दू महासभा के संस्थापकों के जीवन पर प्रकाश डालते हुये प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने कहा कि संस्थापकों ने जिन विचारों और सिद्धान्तों के साथ हिन्दू महासभा की स्थापना की थी, वही विचार और सिद्धान्त देश की जरूरत है। हिन्दू महासभा के विचारों और सिद्धान्तों की राह पर चल कर ही देश में हिन्दुत्व की रक्षा की जा सकती है। इस मौके पर हिन्दू महासभा के प्रदेश प्रभारी शिवपूजन दीक्षित, विधिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने भी हिन्दू महासभा के संगठनात्मक ढांचे पर चर्चा की और देश को हिन्दू महासभा के विचारों, सिद्धान्तों और नीतियों को अपनाने की जरूरत बताया।
सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?
आपकी लिखी पुस्तक बेस्टसेलर बने तो आपको भी सही निर्णय लेना होगा !
आपकी पुस्तक बेस्टसेलर बनने जा रही है यह सुनिश्चित करने के लिए संपादन शायद सबसे महत्वपूर्ण कदम है। एक अच्छी तरह से संपादित पुस्तक आपके शिल्प और कहानी कहने के कौशल को उसकी पूरी क्षमता तक पहुँचने के लिए बढ़ाती है। हालांकि पेशेवर संपादन के कुछ दौर से गुजरने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है, आपको अपनी पुस्तक को पेशेवर रूप से संपादित करने से पहले उसे ठीक करना भी सीखना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी आवाज़ पुस्तक में विशिष्ट और प्रामाणिक बनी रहे। २ प्रकाशक के चयन से पहले विचार करें- क्या आपका प्रकाशक विश्वसनीय छवियों के साथ पुस्तक की लेआडट और डिजायन बनाने में सक्षम है! -क्या आपका प्रकाशक देश भर में समीक्षा छपा सकता है। -क्या आपका प्रकाशक संपादन कार्य में सक्षम है। ३ यदि आप हमारे साथ अपनी पुस्तक प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो कृपया इस ईमेल पर संपर्क करें * आपसे हमारा प्रकाशन तुरंत आपसे संपर्क करेगा। |
लखनऊ,आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, महाकवि सुमित्रानन्दन पंत एवं आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री की पावन स्मृति पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
डॉ० सदानन्दप्रसाद गुप्त, मा० कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में सम्माननीय अतिथि डा० प्रेमशंकर त्रिपाठी, कोलकाता डॉ० कलानाथ मिश्र, पटना एवं डॉ० आनन्द कुमार सिंह, भोपाल व्याख्यान हेतु पधारें।
अभ्यागतों का स्वागत करते हुए श्री पवन कुमार, निदेशक, उ०प्र० हिन्दी संस्थान ने कहा- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा आचर्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, महाकवि सुमित्रानन्दन पंत और आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री की पावन स्मृति को समर्पित इस संगोष्ठी में पधारें सभी विद्वानों का उ०प्र० हिन्दी संस्थान परिवार स्वागत एवं अभिनन्दन करता है। हमारे लिए यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर व्याख्यान देने हेतु पटना से डॉ० कलानाथ मिश्र हमारे बीच पधारे हैं। आज हिन्दी साहित्य में छायावाद के नाम से प्रसिद्ध काल खण्ड के प्रमुख हस्ताक्षर समित्रा नन्दपंत जी की जयंती है उन्हें प्रकृति के सुकुमार कवि के रूप में स्मरण किया जाता है। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करने हेतु भोपाल से डॉ० आनन्द कुमार सिंह जी उपस्थित है। हम उनका स्वागत एवं अभिनन्दन करते है। इसी क्रम में भारतीय संस्कृति एवं साहित्य के विद्वान आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री जी का भी जन्म दिवस माई माह में मनाया जाता है, उनका स्मरण करते हुये हम विशेष आभारी है, डॉ० प्रेमशंकर त्रिपाठी जी के प्रति जो कोलकता से हमारे बीच पधारे हैं और आचार्य शास्त्री जी के विराट व्यक्तित्व एवं उनके रचना संसार से हमें परिचित करायेंगे। मा० कार्यकारी अध्यक्ष महोदय के प्रति भी हम हृदय से आभारी है। आपके कुशल मार्ग दर्शन में हिन्दी संस्थान अपनी साहित्यक गतिविधियों में निरन्तर सजग है। निराला जी की सरस्वती वंदना को सस्वर हमारे मध्य प्रस्तुत करने वाली डॉ० पूनम श्रीवास्तव को भी शुभकामनाएँ। पत्रकार बंधुओं, मीडिया कर्मियों एवं हमारे अनुरोध पर पधारें सभी साहित्य अनुरागियों, हिन्दी प्रेमियों का भी स्वागत एवं अभिनन्दन है। आशा है स्मृति समारोह के अवसर पर आयोजित इस संगोष्ठी में अनेक महत्वपूर्ण तथ्यों से हम सभी लाभान्वित होंगे। शुभकामनाएँ।
डॉ० कलानाथ मिश्र ने कहा - आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का व्यक्तित्व वे सच्चे अर्थों में वे महावीर थे। वे भाषा वैज्ञानिक, समाज सुधारक, युगप्रर्वतक चिन्तक सम्पादक, आलोचक थे। द्विवेदी जी नव जागरण तथा राष्ट्रीय एकता के लिए समर्पित थे, उनकी रचनाओं में इसकी व्यापक झलक मिलती हैं वे कहते थे कि ज्ञान का विकास विवेकपूर्ण चिन्तन से ही हो सकता है, वाणी को परिभाषित किये जाने की आवश्यकता पर बल देते थे। उनका कहना था कि जो समर्थ होते हुए भी साहित्य की सेवा व अभिवृद्धि नहीं करता है उसे समाज विरोधी की संज्ञा देते थे। वे आध्यात्मिकता से भी काफी प्रभावित रहे। सरस्वती पत्रिका का सम्पादन करके साहित्यिक क्षेत्र में पथ पदर्शक के रूप में जाने जाते हैं, भाषा विज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। वे अनुवादक के रूप में साहित्यिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ गये हैं। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी साहित्य के क्षेत्र में युग पुरुष के रूप में जाने जाते है। प्रिय प्रवास उनकी चर्चित व महत्वपूर्ण रचनाओं में है। उन्होंने खड़ी बोली में भी काफी कार्य किया।
डॉ० आनन्द कुमार सिंह ने कहा- पंत जी को मिश्र बंधुओं ने कहा था कि सुमित्रानन्दन पंत जी साहित्यिक मापदण्डों को पूर्ण करते हुए महाकवि की संज्ञा प्रदान की थी। पंत जी ने खड़ी बोली के स्वर को बदल दिया। पंत जी के काव्य में पल्लव, उच्छ्वास महत्वपूर्ण रचनाएँ हैं। अज्ञेय जी ने कहा था कि पंत जी से भावी रचनाकार पीढ़ी सीखने का कार्य करेगी। पंत जी ने ब्रजभाषा काव्य की आलोचना करते हुए कहा कि खड़ी बोली की स्वर्णिम आशा की कल्पना की थी। खड़ी बोली की महत्ता को वर्णन करते हुए पंत जी ने कहा खड़ी बोली साहित्य के क्षेत्र में स्वार्णिम अध्याय जोड़ेगी व मार्ग प्रशस्त करेगी। उनकी मान्यता थी कि खड़ी बोली साहित्य को गद्य एवं काव्य में समृद्ध करेगी। पंत जी ने बिम्ब विधान की परिकल्पना करते हुए लिखते हैं काव्य को परिपूर्ण करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। पंत प्रकृति के सुकुमार कवि कहे जाते हैं। उनका मानना था कि काव्य में संगीतात्मकता प्रधान तत्व है। वे सवैया एवं कविन्त में परिमार्जन के पक्ष में थे। पंत जी की कविता में कल्पना जगत की प्रधानता है। उनकी पल्लव व गुंजन काव्य रचना साहित्य जगत में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती है। पंत जी का मानना था कि काव्य में सदैव परिमार्जन की आवश्यकता होती है।
डॉ० प्रेमशंकर त्रिपाठी ने कहा -आचार्य विष्णुकांत शास्त्री जी आधुनिक काल के आलोचक रहे हैं। शास्त्री जी संस्मरणकारों में अग्रणी भूमिका रही है। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। सम्मोहक वक्ता थे। आलोचक विद्वान, लेखक, राजनीतिज्ञ थे। शास्त्री जी के साहित्य की चर्चाएं कम हुई हैं। शास्त्री जी ने संस्मरण, आलोचना व रिपोतार्ज लेखन में अपनी महत्वपूर्ण लेखनी चलायी। उनकी लगभग 3० पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। शास्त्री जी को जानने के लिए उनके साहित्य में प्रवेश होकर ही जाना जा सकता है। शास्त्री जी ने कहा कि प्रभावित करना तथा प्रभावित होना जीवंतता का प्रमाण है। शास्त्री जी ने पथ के पड़ाव को मंजिल नहीं मानी। उनमें राष्ट्रीयता का भाव प्रचुरता से रही। सुधियाँ उस चन्दन के वन की संस्मरणात्मक रचनाओं में महत्वपूर्ण रही है। आलोक हुआ अपना पन भी संस्माणात्मक रचनाओं में शास्त्री जी ने रामविलास शर्मा व अमृत राय, धर्मवीर भारती तथा बाबा नर्गजुन पर भी संस्मरण लिखा। वे अपने विरोधी विचारधारा वाले साहित्यकारों के सम्बन्ध में सहजभाव से रचना करते थे। वे सिद्धहस्त कवि व प्रवचनकार थे। प्रखर मेघा अडिग विश्वास रामविलाश शर्मा पर लिखा महत्वपूर्ण संस्मरण है।
अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ० सदानन्दप्रसाद गुप्त, मा० कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने कहा - आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी को साहित्य जगत में कम मूल्यांकन किया गया जो कि चिंता का विषय है। द्विवेदी जी का समय मातृ भाषा को महत्व देने का रहा है। उनका मानना था कि मातृ भाषा के बिना स्वराज्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। मौलिकता अपनी भाषा में ही व्यक्त की जा सकती है। द्विवेदी जी का जीवन तप व तपस्या का जीवन है। वे राष्ट्रभाषा के मूर्तिवान स्वरूप हैं समालोचक के रूप में उनका स्थान अग्रणी रहा है। द्विवेदी जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी रहे। पंत की पल्लव रचना महत्वपूर्ण रही है। पंत को शिल्प व सौन्दर्य का कवि कहा गया है। पंत के लिए प्रकृति एक दूसरा संसार है मानते हुए अपनी रचनाएं की। पंत छायावाद को व्यक्तिनिष्ठ नहीं बल्कि मूल्यनिष्ठ मानते है। पंत की रचनाओं में राष्ट्रीय चेतना के तत्व विराजमान हैं। पंत जी हमारे सामने मानवतावादी रचनाकार के रूप में आते हैं। भारत में मानवतावाद चराचरवाद के रूप में हमारे सम्मुख आता है। विष्णुकांत शास्त्री जी में सम्मोहनकारी क्षमता थी। शास्त्री जी बंग्ला भाषा अनुवाद कार्य भी किया है। शास्त्री जी का मानना था कि लक्ष्य तक पहुँचने के लिए साधना की आवश्यकता होती है। कवि नये-नये शब्दों को गढ़ता है। शास्त्री जी पण्डित्यपूर्ण, आत्माभिमानी, सहज व्यक्तित्व के धनी थे।
डॉ० अमिता दुबे, सम्पादक, उ०प्र० हिन्दी संस्थान ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस संगोष्ठी में उपस्थित समस्त साहित्यकारों, विदुत्तजनों एवं मीडिया कर्मियों का अभार व्यक्त किया।
सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?
आपकी लिखी पुस्तक बेस्टसेलर बने तो आपको भी सही निर्णय लेना होगा !
आपकी पुस्तक बेस्टसेलर बनने जा रही है यह सुनिश्चित करने के लिए संपादन शायद सबसे महत्वपूर्ण कदम है। एक अच्छी तरह से संपादित पुस्तक आपके शिल्प और कहानी कहने के कौशल को उसकी पूरी क्षमता तक पहुँचने के लिए बढ़ाती है। हालांकि पेशेवर संपादन के कुछ दौर से गुजरने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है, आपको अपनी पुस्तक को पेशेवर रूप से संपादित करने से पहले उसे ठीक करना भी सीखना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी आवाज़ पुस्तक में विशिष्ट और प्रामाणिक बनी रहे। २ प्रकाशक के चयन से पहले विचार करें- क्या आपका प्रकाशक विश्वसनीय छवियों के साथ पुस्तक की लेआडट और डिजायन बनाने में सक्षम है! -क्या आपका प्रकाशक देश भर में समीक्षा छपा सकता है। -क्या आपका प्रकाशक संपादन कार्य में सक्षम है। ३ यदि आप हमारे साथ अपनी पुस्तक प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो कृपया इस ईमेल पर संपर्क करें * आपसे हमारा प्रकाशन तुरंत आपसे संपर्क करेगा। |
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
फोरलेन पर सोमवार शाम एक ट्राले ने एक्टिवा सवार को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि एक्टिवा तो एक तरफ गिर गई, लेकिन एक्टिवा सवार को ट्राला चालक घसीटता हुआ काफी दूर ले गया। टायर के बीच फंसने से मौके पर एक्टिवा सवार की मौत हो गई। मृतक की पहचान रतलाम जिले के बिलपांक स्थित होस्टल अधीक्षक मोहनलाल वर्मा के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार घटना फोरलेन स्थित बिलपांक टोल प्लाजा से रतलाम के बीच हुई। वर्मा एक्टिवा नंबर एमपी ४३ ईया ५६४५ से ड्यूटी कर रतलाम आ रहे थे। तभी बिलपांक से धराड़ के बीच हादसा हुआ। शव ट्राले में इस तरह फंस गया कि जेसीबी की मदद से ट्राले को उठाना पड़ा। इस दौरान शव दो टुकड़ों में बट गया। घटना स्थल पर परिजन भी पहुंच गए थे। बताया जाता है कि मृतक ड्यूटी कर रतलाम लौट रहे थे। हेलमेट भी लगा रखा था, लेकिन टक्कर इतनी जोरदार थी कि हेलमेट भी निकल गया। डेढ़ घन्टे की मशक्कत के बाद शव को ट्राले से निकाला गया। एम्बुलेंस से शव जिला अस्पताल लाया गया। |
लंदनः ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल ऋषि सुनक ने टेलीविजन पर हुई आमने-सामने की बहस में कंजव्रेटिव पार्टी की अपनी प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस को पछाड़ते हुए दर्शकों का समर्थन हासिल कर लिया। रात को बैटल ऑफ नंबर १० बहस में कंजव्रेटिव पार्टी के दोनों उम्मीदवारों ने उन सदस्यों को रिझाने की कोशिश की, जो चुनाव में वोट डालने के योग्य हैं, लेकिन उन्होंने अभी यह निर्णय नहीं लिया कि वे किसे वोट देंगे।
पूर्व वित्त मंत्री सुनक और विदेश मंत्री ट्रस ने इस पर अपनी-अपनी दलीलें रखी कि १० डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आवास व कार्यालय) में बोरिस जॉनसन के स्थान पर उन्हें क्यों होना चाहिए। बहस में दर्शकों के तौर पर शामिल हुए सदस्यों को यह बताने के लिए कहा गया कि कौन बहस जीता तथा उन्होंने हाथ उठाकर सुनक के पक्ष में फैसला दिया। |
वास्तव में मानसिक विकार क्या हैं? इस प्रश्न का उत्तर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बताता है कि शोधकर्ताओं को मानसिक विकारों की व्याख्या करने की कोशिश के बारे में कैसे जाना चाहिए, जनता उन लोगों के लिए कैसे प्रतिक्रिया देती है जो उन्हें अनुभव करते हैं, और हमें उनके लिए उपचार के बारे में कैसे जाना चाहिए।
इस प्रश्न के महत्व के बावजूद, उत्तर पर थोड़ी सहमति है। कुछ मानते हैं कि मानसिक विकार मस्तिष्क रोग हैं। अन्य लोगों का तर्क है कि वे सामाजिक निर्माण हैं जिनका उपयोग व्यवहार को रोकना है। कुछ लोग सोचते हैं कि वे विकासवादी रूप से अनुकूल व्यवहार प्रतिक्रियाएं हैं जो अब हमारे लिए आधुनिक संदर्भ में काम नहीं करती हैं। और कुछ लोग सोचते हैं कि वे हमारे संज्ञानात्मक 'कोडिंग' में त्रुटि या पूर्वाग्रह हैं। फिर भी दूसरों का मानना है कि वे भयानक स्थितियों के लिए सामान्य प्रतिक्रियाएं हैं।
जब मैंने एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक के रूप में अपना प्रशिक्षण शुरू किया, तो मुझे लगा कि इन मानसिक विकारों के बारे में इन बेतहाशा अलग-अलग समझों के सामने आने में असहजता महसूस हो रही है, और वे एक के रूप में क्यों या नहीं गिन सकते हैं जिलेआदेश या ए रोगसमारोह। इसलिए, जब मैंने अपने पीएचडी शोध को अपनाया, तो मैंने इस अवधारणा के आसपास कुछ स्पष्टता की तलाश करने का निर्णय लिया, जो कि मनोचिकित्सा, नैदानिक मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हमारे बहुत सारे प्रवचन के लिए एक मूलभूत स्तंभ के रूप में कार्य करता है।
मेरा आरंभिक अवलोकन यह था कि हम जो मानसिक विकार लेते हैं वह इस बात से संबंधित है कि हम सामान्य रूप से मानव शरीर और मन के काम को कैसे समझते हैं। उदाहरण के लिए, एक सेलुलर जीवविज्ञानी इस दृष्टिकोण को लेने की अधिक संभावना है कि मानसिक विकार मस्तिष्क रोग हैं, एक समाजशास्त्री की तुलना में, जो सामाजिक विकारों के रूप में मानसिक विकारों की संपूर्ण अवधारणा को देख सकते हैं। मनुष्य कैसे काम करता है, इस बारे में किसी की समझ प्रभावित करती है कि मनुष्य के लिए 'शिथिल' होने का क्या मतलब है। एक मूर्खतापूर्ण उदाहरण में, अगर हम एक टाइम मशीन में मिले, रेने डेसकार्टेस का दौरा किया, और उनसे पूछा कि मानसिक विकार क्या हैं, तो हम मान सकते हैं कि उनका जवाब उनके आधार पर होगा द्वैतवादी मन-शरीर की समझ। शायद वह सुझाव देगा कि मानसिक विकार आत्मा के भ्रष्टाचार का प्रतिनिधित्व करते हैं, या हो सकता है कि पीनियल ग्रंथि के माध्यम से संचार करने वाली आत्मा में किसी प्रकार का यंत्रवत विच्छेद हो।
यह अवलोकन कुछ दिलचस्प सवालों की ओर इशारा करता है: क्या मानसिक विकार के बारे में सोचने में हमारी मदद करने के लिए मानव कार्यप्रणाली के कुछ ढांचे दूसरों की तुलना में बेहतर हो सकते हैं? मानव कार्यप्रणाली का अधिक सहायक दृष्टिकोण मानसिक विकार की एक समृद्ध समझ पैदा कर सकता है? मेरे शोध के दायरे को कम करते हुए, ये प्रश्न मुझे 'मूर्त रूपवाद' के रूप में जाना जाता है।
मन और संज्ञानात्मक विज्ञान के दर्शन में सन्निहित सक्रियता एक बढ़ती हुई स्थिति है। यह एक 'जैविक' स्थिति है कि यह मानव व्यवहार को समझने की खोज में महत्वपूर्ण शारीरिक प्रक्रियाओं को पहचानता है, फिर भी यह व्यक्तिगत अर्थ और स्पष्टीकरण के पारस्परिक पैमाने पर समान मूल्य रखता है। इस तरह, यह जैविक जीव के रूप में हमारे अवतार के महत्व को अनदेखा किए बिना गैर-न्यूनतावादी होने का प्रबंधन करता है। यह इस दृष्टिकोण की चौड़ाई है जिसने शुरू में मेरा ध्यान मानव कार्यप्रणाली के एक ढांचे के रूप में मूर्त रूप देने में लगाया, जिससे मानसिक विकार पर विचार किया जा सके। मूर्त रूपवाद, मानव व्यवहार को समझने के लिए प्रासंगिक व्याख्या के विभिन्न पैमानों को एक ही गतिशील संपूर्ण के विभिन्न पहलुओं के रूप में देखता है - एक जीव जो अपनी दुनिया के संबंध में खड़ा है।
एछद्म सक्रियता हमें मस्तिष्क, शरीर और पर्यावरण के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती है जो एक जटिल प्रणाली के रूप में एक साथ काम करते हैं। यह व्यापक परिप्रेक्ष्य स्पष्ट प्रमाण के साथ संरेखित करता है कि, जब मानसिक विकार की बात आती है, तो जीन से संस्कृति तक सब कुछ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिक से अधिक, ऐसा लगता है कि मानसिक विकार को एक एकल जैविक विचलन या सार (जैसे कि मस्तिष्क में रसायनों का असंतुलन) द्वारा परिभाषित नहीं किया जा सकता है; बल्कि, मानसिक विकार तंत्र-तंत्र के नेटवर्क से बने होते हैं, जो मस्तिष्क-शरीर-पर्यावरण प्रणाली को फैलाते हैं, जो एक साथ दुर्भावनापूर्ण व्यवहार के साथ जुड़ाव बनाए रखते हैं।
इस गूढ़ दृष्टिकोण के साथ, संयुग्मित संधिवाद में मूल्यों और मानदंडों की एक विशेष समझ है, जो उन्हें दुनिया में वास्तविक चीजों के रूप में देखते हैं जो पर्यावरण के साथ उनके आवश्यक संबंधों के माध्यम से जीवों के लिए मौजूद हैं। यह एक विभाजन को संबोधित करने की क्षमता है जो वर्तमान में उन लोगों के बीच मौजूद है जो मानदंड और मूल्यों द्वारा परिभाषित मानसिक विकारों को देखते हैं (जिन्हें 'मूल्यांकनकर्ता' कहा जाता है) और जो मानसिक विकारों को स्वाभाविक रूप से परिभाषित घटना ('ऑब्जेक्टविस्ट' के रूप में जाना जाता है) के रूप में देखते हैं। वहाँ से राय एक संयुक्ताक्षरवादी, मानसिक विकार दोनों प्राकृतिक और प्रामाणिक हैं: वे व्यवहार, विचार और भावना के पैटर्न हैं जो दुनिया में किसी व्यक्ति के कामकाज के तरीके के साथ संघर्ष में हैं।
एक विचित्र, विशेष रूप से, मूर्त संधिवाद के लेंस के माध्यम से मानसिक विकार को देखने की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया है, एक दृष्टिकोण जिसके लिए बढ़ती सहायता है। स्पष्ट रूप से परिभाषित निबंधों के साथ रोगों के बजाय मानसिक विकारों को तंत्र के नेटवर्क के रूप में सबसे अच्छा माना जा सकता है। फिर भी मस्तिष्क, शरीर और पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारकों से प्रभावित होने के बावजूद, हम अभी भी संकट और शिथिलता के स्पष्ट रूप से पहचाने जाने वाले पैटर्न को देखते हैं - जैसे कि अवसाद और चिंता - जीने में मुहावरेदार समस्याओं के एक मेलेंज के बजाय। ऐसा क्यों है? सन्निहित सक्रियता से यह पता चलता है कि विचारों, व्यवहारों और भावनाओं के ये पैटर्न मानव मस्तिष्क-शरीर-पर्यावरण प्रणाली में 'चिपचिपी प्रवृत्ति' का प्रतिनिधित्व करते हैं।
व्ट स्टिकी एक आकर्षित करने वाले बेसिन की अवधारणा का वर्णन करने का मेरा तरीका है - गणित में, एक राज्य जिसमें एक प्रणाली गिरती है और विभिन्न प्रारंभिक स्थितियों के बावजूद बनी रहती है। इसे स्पष्ट भाषा में कहें तो मानसिक विकार विचार, व्यवहार और भावना के पैटर्न हो सकते हैं, जिसमें मानव मस्तिष्क-शरीर-पर्यावरण प्रणाली में गिरावट की प्रवृत्ति होती है, और ये पैटर्न बदलने के लिए कठिन होते हैं क्योंकि वे आत्म-रखरखाव होते हैं।
अवसाद, भाग में अवसाद है, क्योंकि यह विचार, व्यवहार और भावना का एक पैटर्न है जो मानव मस्तिष्क-शरीर-पर्यावरण प्रणाली में गिरने और फंसने की प्रवृत्ति है। इस दृष्टिकोण से, मानसिक विकार फजी लेकिन वास्तविक पैटर्न हैं। दुनिया जो तय होने के बजाय खोजी जा सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, इसका मतलब है कि वे अभी भी इस तरह की चीजें हैं जिन्हें हम समझाने की कोशिश कर सकते हैं।
इस अवधारणा को थोड़ा और समझने के लिए, दोनों हाथों से किटी-कूड़े के आकार के कंटेनर को पकड़ने की कल्पना करें। इस कंटेनर का फर्श पहाड़ियों और घाटियों के साथ थोड़ा परिदृश्य की तरह है। अब कंटेनर में एक संगमरमर रखने और अपने हाथों को हिलाने की कल्पना करें ताकि संगमरमर परिदृश्य पर लुढ़के। ध्यान दें कि कैसे संगमरमर घाटियों में फंस जाता है और पहाड़ियों से उछलता है; कभी-कभी यह पूरे परिदृश्य में पैटर्न या विशेष पटरियों में गिर जाता है। इस सादृश्य में, कंटेनर में अलग-अलग स्थानों पर होने वाला संगमरमर अलग-अलग राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है जो एक व्यक्ति में हो सकता है और परिदृश्य का आकार संयुक्त प्रभावों का प्रतिनिधित्व करता है - रसायनों से संस्कृति तक - जो किसी व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करते हैं। ऊपरी-बाएँ कोने में एक विशेष रूप से गहरी घाटी है जो अवसाद या किसी अन्य मानसिक विकार का प्रतिनिधित्व करती है। यदि संगमरमर इस घाटी में फंस जाता है, तो आपको संगमरमर को वहां से बाहर ले जाने के लिए कंटेनर को झुकाना और हिलाना होगा। जबकि संगमरमर घाटी में फंस गया है, यह केवल पीछे और आगे बढ़ सकता है, व्यवहार के समान पैटर्न में फंस सकता है; इसलिए, अवसाद 'चिपचिपा' है।
इस दृष्टिकोण में, यदि हम अवसाद (या एक अन्य मानसिक विकार) की व्याख्या करने जा रहे हैं, तो हमें समझने की जरूरत है कि इस घाटी को आकार देने और बनाए रखने वाले कारकों का नेटवर्क है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि इस नेटवर्क का इस तरह से गठन कैसे किया जाता है कि यह प्रभावित लोगों के लिए दुर्भावनापूर्ण होने के बावजूद व्यवहार, विचारों और भावनाओं के इस पैटर्न को बनाए रखता है।
मैं निश्चित रूप से यह दावा नहीं कर रहा हूं कि मानसिक विकार की प्रकृति पर एक अन्तर्निहित सक्रिय दृष्टिकोण है। बल्कि, मुझे लगता है कि यह प्रश्न के एक व्यवहार्य उत्तर का प्रतिनिधित्व करता है मानसिक विकार क्या हैं? और एक जिसने मुझे क्लिनिटी खोजने में मदद की है क्योंकि मैं अपने नैदानिक मनोविज्ञान प्रशिक्षण जारी रखता हूं। अगर मनोचिकित्सा विज्ञान की प्रगति हो रही है, तो हमें इस प्रश्न को रखने और अपने उत्तरों को परिष्कृत करने की आवश्यकता है।
क्रिस्टोफर नीलसन न्यूजीलैंड में विक्टोरिया विश्वविद्यालय वेलिंगटन में मनोविज्ञान में पीएचडी छात्र हैं।
यह आलेख मूल रूप में प्रकाशित किया गया था कल्प और क्रिएटिव कॉमन्स के तहत पुन: प्रकाशित किया गया है।
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मैंओह, ओह, मुसीबत की एक पूरी बहुत कुछ प्रियजनों को समझने में मदद करने के लिए जब मैं कर रहा हूँ उदास महसूस कर रहा हू, और शायद नीले होने के साथ मेरे व्यक्तिगत अनुभवों ने मुझे पहचानने की क्षमता विकसित करने में मदद की है जब कोई और संघर्ष कर रहा है। फिर भी, मुझे पता है कि हमेशा यह बताना आसान नहीं है कि अवसाद के गंभीर स्तर कैसे हो सकते हैं। सौभाग्य से, एक विधि है जो मदद कर सकती है।
हाल ही में इंस्टाग्राम पोस्ट ऑस्ट्रेलियाई वकालत संगठन द्वारा डिप्रेशन प्रोजेक्ट को इंगित करता है डिप्रेशन ट्रैफिक लाइट अवसाद के स्तर की पहचान के लिए रूपरेखा। क्षेत्र बहुत ही सीधे हैं: हरे रंग के हल्के लक्षण बताते हैं, जहां आप तैर रहे हैं; नारंगी मध्यम लक्षणों को इंगित करता है, जहां आप लहरों के खिलाफ चलना चाहते हैं; और लाल जब पीड़ित भँवर में है। फ्रेमवर्क लोगों को पहचानने और व्यक्त करने में मदद करता है कि वे क्या अनुभव कर रहे हैं। और, उन लोगों को एक उपकरण प्रदान करने के अलावा, जो अवसाद की भावनाओं से जूझ रहे हैं, यह अधिवक्ताओं और प्रियजनों को यह जानने में मदद कर सकता है कि किसी ऐसे व्यक्ति की मदद कैसे करें जिसे वे पीड़ित मानते हैं।
मान लीजिए कि आप बाद वाले शिविर में किसी प्रियजन के रूप में हैं या किसी ऐसे व्यक्ति की वकालत करते हैं जो अवसाद के लक्षणों को प्रदर्शित करता है: आप कैसे मदद कर सकते हैं? कोई बात नहीं सवाल में अवसाद का स्तर, एक सफल अधिवक्ता होने का मतलब है कि आप बात करने और तरीके से सुनने के लिए सुनिश्चित करें यह सहायक है - लेकिन यह जानना कि क्या बात करना या सुनना सबसे अच्छा पहला मार्ग है, जहां रंग वास्तव में आते हैं काम।
उदाहरण के लिए, जब कोई व्यक्ति ग्रीन ज़ोन में होता है, तो आप पहली बार में नोटिस भी नहीं कर सकते हैं - अगर चीजें महसूस होती हैं, तो यह पूछना महत्वपूर्ण है। मनोचिकित्सक कहते हैं, "यदि आप हल्के लक्षणों के साथ किसी मित्र को देखते हैं, तो उन्हें आकर्षित करने की पूरी कोशिश करें।" एमी हार्टस्टीन, लॉस्व। "बेझिझक उल्लेख करें कि वे थोड़े वशीभूत हैं, और पूछें कि वे कैसे कर रहे हैं।"
विशिष्ट व्यवहार के आधार पर, पीला ज़ोन थोड़ा आसान है। "शायद वे एक कठिन समय के लिए जा रहे हैं 'इसे फेकिंग', और उनके नकारात्मक विचार, निराशा और उदासी शायद उभरने वाली है," हार्टस्टीन कहते हैं। इस दोस्त के लिए सबसे अच्छी बात यह स्पष्ट है कि आप सुनकर खुश हैं। आप उनसे यह भी पूछ सकते हैं कि क्या कुछ विशेष है जो उन्हें आपसे चाहिए।] "क्या आप ठीक हैं?" जैसे मृत-अंत सवालों के बजाय। और क्या गलत?" कुछ और विशिष्ट पूछें, जैसे "आपको लगता है कि आप हाल ही में संघर्ष कर रहे हैं-क्या आप इसके बारे में बात करना चाहेंगे?" या "मैं क्या कर सकता हूं मदद?"
फिर लाल क्षेत्र आता है; गंभीर अवसाद के लिए बहुत अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, और अधिक बार नहीं, एक पेशेवर के हस्तक्षेप से। इस अवसाद स्तर के साथ, पीड़ित व्यक्ति अक्सर निराशाजनक, लकवाग्रस्त और शायद आत्महत्या भी महसूस करता है। इस व्यक्ति की मदद करने के लिए व्यवसाय का पहला आदेश यह पहचानना है कि वर्तमान में जोखिम है या नहीं।
"हो सकता है कि यह थोड़ा असुविधाजनक हो, लेकिन अगर कोई दोस्त बहुत उदास लग रहा है, तो आप उनसे पूछ सकते हैं कि क्या उनके पास आत्महत्या के विचार हैं," हार्टस्टीन कहते हैं। "अगर वे हाँ कहते हैं और अगर उनके पास कोई योजना है, तो आपको या तो उनके परिवार से संपर्क करना चाहिए, या उन्हें अपने आप को एक चिकित्सक या ईआर के पास ले जाना चाहिए।"
यदि नहीं, तो निकट निगरानी की सलाह दी जा सकती है। हार्टस्टीन के अनुसार, इस तरह के अवसाद क्षेत्र में एक व्यक्ति को बिस्तर से बाहर निकलने, खाने, काम करने और पेशेवर मदद लेने के लिए अतिरिक्त दयालुता और प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है। हालांकि यह व्यक्ति आपकी सहायता के लिए जो भी मदद और ध्यान दे रहा है, उसका उपयोग कर सकता है, सुनिश्चित करें कि आप इसे न डालें अपना मानसिक स्वास्थ्य और अपने आप को ओवरईटिंग करके जोखिम में पड़ना।
इसलिए किसी को ठीक मानने के बजाय, यह पूछना कि ज़ोन में वे कहाँ हो सकते हैं, किसी की मदद करने के लिए आपका वास्तविक पहला कदम है। वहां से, आपको कम से कम एक विचार करना है कि कैसे आगे बढ़ना है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि, हालांकि, यह हमेशा लोगों को अतिरिक्त कठिन गले लगाने में मदद करता है (अगर वे गले लगाना चाहते हैं) और उनके मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जांच करें... चाहे कोई भी रोशनी चमक रही हो। |
१. शत्रु बाधा,
४. भय ये चारों स्थितियां विष हैं,
और विष को अपने आप से दूर करने का, इस विष को नष्ट करने का एक मात्र उपाय है "सद्गुरु श्री तारामणि जी की गुरु कृपा से बगलामुखी सिद्धि"। भगवती #बगलामुखी के ध्यान से स्पष्ट हो जाता है कि बगलामुखी अमृतत्व प्राप्ति के मार्ग में आने वाले शत्रु, कलह, तिरस्कार और भय को पूर्ण रूप से समाप्त कर देती हैं, देवी विरोधियों, शत्रुओं की वाणी एवं बुद्धि को ही स्तंभित कर देती है, जिससे शत्रु आपके प्रति गुप्त षड्यंत्र नहीं कर सकते ।
#साधना की प्रचण्डता और तीव्रता इतनी अधिक है, कि साधक जिस किसी को भी शत्रु मानता हो, उस पर उसे विजय प्राप्त होती ही है, यह आवश्यक नहीं कि शत्रु कोई व्यक्ति ही हो, जो भी व्यक्ति अथवा परिस्थिति आपके तनाव का कारण है, वही आपके शत्रु हैं ।
#महाविद्या #पीताम्बरा श्री बगलामुखी शत्रुओं की प्रगति, उन्नति ही समाप्त कर देती है, शत्रु पक्ष उसके भक्तों का तिरस्कार नहीं कर सकता और भय पैदा करने वाले शत्रुओं को अपने प्रहार से चूर-चूर कर समाप्त ही कर देती है ।
भगवती महाविद्या बगलामुखि दीक्षा व साधना शिविर में उपस्थित हो, आपके जीवन में व्याप्त किसी भी तरह कानूनी विवाद, ज्ञात अज्ञात शत्रु बाधा, नीच #तंत्र बंधन जिसकी वजह से व्यापार बाधा, कर्ज, पारिवारिक कलह अशांति को स्वयं के साधना बल से नष्ट करें, अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति हेतु और भयमुक्त जीवन जीना शुरू करें ।
"सदगुरूदेव श्री तारामणि जी" |
फिर जंगल का राजा हाथी ही बना है।पर, अब उसके साथ बिल्लियाँ, भेड़ें आदि हैं। भेड़ियों की बहुतायत है।समरसता, न्याय, सबको काम देने का ऐलान हो चुका है।उधर शेर -मंडल दहाड़ मारकर जंगल को सिर पर उठाए है कि इस ढुलमुल हाथी को उनलोगों ने ही पाल -पोसकर बड़ा किया।काम लायक बनाया,पर यह तो पाला- बदलू निकला।इसपर कोई क्या भरोसा करेगा? राज -पक्ष की ओर से इन सब बातों को विधवा -विलाप करार दिया गया है। शेर -दल की अब बिल्लों के दल से उम्मीद बँधी है।
इसी बीच एक मादा मेमना गुम पाई गई। उसकी माँ दौड़ी हुई हाथी के दरबारी के घर चली गई।सोचा, भले दरबारी पुराने भेड़िया के खानदान से है,पर अब तो वह मेमना जैसा व्यवहार करता है।सबको पुचकारकर बतियाता है।मदद करेगा ही। वहाँ उसने देखा, दरबारी के घर पुराना भेड़िया बैठा था।उसने उसको निहारा।वह सहम गई।उसे लगा,भेड़िए की नजर उसे भेद रही है।उसे पुराने दिन याद आ गए,जब वह लुटी थी,लांछित की गई थी। मन मारकर उसने बिटिया के गायब होने की अपनी व्यथा -कथा सुनाई।आरजू -मिन्नत की। रोई -गिड़गिड़ाई। फिर उसे आश्वासन मिला,"जा,बिटिया शाम तक मिल जायेगी।" वह सिर झुका सलामी दे चलती बनी।
चारदीवारी के बाहर आई ही थी कि अंदर ठहाकों की आवाज सुन ठमक गई।चारदीवारी से सटकर सुनने लगी। "बहुत बढ़िया।भेड़ें अब चलकर यहीं आ जायेंगी। लाने की जहमत कौन उठाए।चैन से बैठकर खायेंगे।" बूढ़ा भेड़िया कह रहा था।
"मौलिक एवं अप्रकाशित"
लघुकथा पर समय देकर उसे इज्जत बख्शने हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र जी।बदली परिस्थितियों में प्रतीक को थोड़ा बदलने की चाह ने राजा बदला है।
आदरणीय मनन जी, लोकतन्त्र के माध्यम से मूल स्वभाव पर अच्छी प्रतीकात्मक लघुकथा लिखी है आपने। इस हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित है। मेरे ख़याल से लोकतन्त्र में यदि राजा शेर को ही रहने दिया जाता तो बेहतर रहता। पर यदि सत्ता परिवर्तन हेतु हाथी को ही राजा दर्शाना है तो उसकी भूमिका थोड़ी और स्पष्ट की जा सकती है। आपकी रचना में मूल पात्र चार हैं : शेर, हाथी, भेड़िया और मेमना। इनके बीच के अन्तर्सम्बन्ध पर एक बार पुनः दृष्टि निवेदित है। सादर।
तिनका तिनका टूटा मन(गजल) - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
गजल -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
दीप कोई तो जलाये शाम के (गजल) - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
गजल-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"मिली मुझे शुभकामना, मिले प्यार के बोलभरा हुआ हूँ स्नेह से,दिन बीता अनमोलतिथि को अति विशिष्ट बनाने"
"आ. भाई सौरभ जी को जन्मदिन की ढेरों हार्दिक शुभकामनाएँ ।।"
"जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएँ आदरणीय सौरभ जी"
"दीर्घायुरारोग्यमस्तु,सुयशः भवतु,विजयः भवतु, जन्मदिनशुभेच्छाः"
"जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं आदरणीय सौरभ जी "
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय. सादर"
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय. जय-जय"
"जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब को यौम-ए-विलादत की दिली मुबारकबाद ।" |
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने नगर निगम एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ छठ पूजा के लिए निर्मित सूर्य कुंडों का निरीक्षण किया। उन्होंने सूर्य कुंडों की आवश्यक मरम्मत और साफ-सफाई के निर्देश संबंधितों को दिये।
मंत्री सारंग ने कहा कि भोपाल में भी प्रतिवर्ष छठ पूजा का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान सूर्य को अर्ध्य देने के लिए पूर्व में सूर्य कुंडों का निर्माण कराया गया था। यह पर्व भगवान सूर्य की उपासना का पर्व है। श्रद्धालु सूर्य कुंडों में भगवान सूर्य को अर्ध्य देते हैं। सारंग ने शाखा ग्राउंड, पुराना सुभाष नगर, राजेन्द्र नगर और काशी विश्वनाथ मंदिर के पास निर्मित सूर्य कुंडों का मुआयना किया।
मंत्री सारंग ने सभी कुंडों के आसपास उचित व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इस बात का ध्यान रखा जाये। |
दोस्तों! यदि आप जानना चाहते हैं कि रस फुल फॉर्म इन हिन्दी क्या है और इसके बारे में जानने के लिए काफी उत्साहित हैं तो हम आपके लिए एक बेहतरीन आर्टिकल लेकर आए हैं जिसमें रस फुल फॉर्म इन हिन्दी के साथ-साथ इसकी सभी जानकारी लेकर हम उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसकी मदद से आप रस के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
१.५ आर ए एस की फुल फॉर्म क्या होगी?
१.६ आर ए एस ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है?
दोस्तों! रस का फुल फॉर्म जानने के लिए बेहद उत्सुक होंगे तो हम बता देंगे इसका पूरा नाम राजस्थान आद्मिनिस्ट्रेशन सर्विसेस होता है। इसे हिंदी में राजस्थान प्रशासनिक सेवा कहा जाता है।
रस क्या है? के बारे में बात करें तो जिस प्रकार हर राज्य की एक राज्य सिविल सेवा सर्विस होती है, उसी प्रकार राजस्थान की राज्य सिविल सेवा राजस्थान प्रशासनिक सेवा है जिसे रस कहा जाता है। रस की शुरुआत सन १९५० ईस्वी में हुई थी। प्रत्येक रस अधिकारी को क्या-क्या करना चाहिए इसके लिए उन्हें राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान से २ साल के लिए ट्रेनिंग करनी पड़ती है। ट्रेनिंग के दौरान एक अधिकारी को उसके काम करने के तरीके को सिखाया जाता है।
प्रेलिम- रस के लिए प्रथम चरण प्रि एग्जाम होता है। इस परीक्षा में सिर्फ और सिर्फ एक ही प्रकार का पेपर होता है जिसमें १५० बहुविकल्पीय प्रश्न आते हैं। इस परीक्षा का समय ३ घंटा होता है। इस परीक्षा में इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र तथा करंट अफेयर्स से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। दुसरे चरण के परीक्षा में प्रवेश पाने के लिए परीक्षार्थी को प्री एग्जाम कट ऑफ क्लियर करना ही पड़ता है।
इसमें भी सभी पेपर ३ घंटे का होता है हर एक पेपर २०० मार्क्स का होता है। तीसरे चरण के परीक्षा में प्रवेश करने के लिए यह परीक्षा जोकि मैंस कहलाता है को उत्तीर्ण करना अत्यंत आवश्यक है।
इन्टरहीव- यह परीक्षा एक प्रकार का इंटरव्यू होता है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के परीक्षा का यह अंतिम चरण होता है। इंटरव्यू एक बड़े अधिकारी या सेवानिवृत्त आर ए एस अधिकारी के द्वारा लिया जाता है। इंटरव्यू लेने के लिए दो या ३ व्यक्तियों के जरूरत होती है। इंटरव्यू में कैंडिडेट का जानकारी की क्षमता, आत्मविश्वास, मुश्किल परिस्थितियों में काम करने की काबिलियत तथा भविष्य के बारे में सोच और विचार पर प्रश्न की जाते हैं। प्रत्येक कैंडिडेट को उसके प्रश्न के जवाब देने के तरीके के अनुसार मार्क्स दिए जाते हैं। अंत में मेरिट के आधार पर अंतिम चुनाव किया जाता है।
रस अधिकारी बनने के लिए कैंडिडेट के पास कुछ शैक्षणिक गुण होने ही चाहिए जैसे कि कैंडिडेट के पास किसी भी विषय का ग्रेजुएशन पूर्ण होना चाहिए। कैंडिडेट एक भारतीय नागरिक ही होना चाहिए। यदि कैंडिडेट आरक्षण का फायदा लेना चाहता है तो उसे राजस्थान की नागरिकता हासिल होनी चाहिए। कैंडिडेट की उम्र कम से कम २१ वर्ष होनी चाहिए तथा अधिकतम ४० वर्ष तक दी जाती है। वह इस दौरान कई बार परीक्षा दे सकता है।
१. राज्य नीति निर्माण करना आर ए एस अधिकारी का महत्वपूर्ण कार्य होता है।
२. इसके अलावा राज्य नीति लागू करना भी आर ए एस अधिकारी का कार्य है।
३. राज्य लोक प्रशासन से संबंधित सभी कार्य रस अधिकारी करते हैं।
४. राज्य नौकरशाही शासन की जिम्मेदारी मुख्य रूप से रस अधिकारी पर होती है।
५. रस अधिकारी राज्य सचिव सहायता करना भी है।
हर एक अधिकारी को २ साल के प्रोबेशन पीरियड से गुजरना पड़ता है। इस दौरान उन अधिकारियों की वेतन बहुत कम होती है। इस दौरान उन्हें किसी प्रकार का अलाउंस नहीं मिलता है। किसी अधिकारी के बेसिक वेतन ३९,३०० होती है जिसमें से हर एक अधिकारी के १०% पीएफ फंड के लिए काटे जाते हैं। हर १ वर्ष में अधिकारियों की वेतन बढ़ती रहती है। अधिकारियों की काबिलियत के अनुसार उन्हें प्रमोशन भी दिया जाता है जिससे उनकी वेतन और बढ़ती जाती है। इस प्रकार आपको आर ए एस अधिकारी के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी और आप समझ चुके होंगे कि इस अधिकारी के पद एवं पावर के बारे में जान चुके होंगे।
आर ए एस की फुल फॉर्म क्या होगी?
आर ए एस ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है?
तो दोस्तों, आपको के बारे में जानकारी हिंदी में। अच्छी लगी होगी हमे उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़ कर आप रस फुल फॉर्म इन हिन्दी ( रस मीनिंग इन हिंदी) समझ गए होंगें और अब अगर आपसे कोई पूछेगा कि रस का मतलब क्या होता है? तो अब आप उसे रस मीनिंग इन हिंदी बता सकेंगे।
अगर आपको हमारा ये रस इंफोरमेशन इन हिन्दी पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शारें कीजिए और अगर आपके पास हमारे लिए कोई सवाल हो, तो उसे कमेंट में लिख कर हमें बताए। |
ज्योतिषशास्त्र (एस्ट्रोलॉजी) में राशिफल के माध्यम से विभिन्न काल-खण्डों के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। जहां दैनिक राशिफल रोजाना की घटनाओं को लेकर भविष्यकथन करता है,वहीं साप्ताहिक, मासिक एवं वार्षिक राशिफल में क्रमशः सप्ताह, महीने और साल की भविष्यकथन होते हैं। दैनिक राशिफल (दैनिक रशिफल) ग्रह-नक्षत्र की चाल पर आधारित फलादेश है, जिसमें सभी राशियों (मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन) का दैनिक भविष्यफल विस्तार से बताया जाता है। इस राशिफल को निकालते समय ग्रह-नक्षत्र के साथ साथ पंचांग की गणना का विश्लेषण किया जाता है। आज के राशिफल में आपके लिए नौकरी, व्यापार, लेन-देन, परिवार और मित्रों के साथ संबंध, सेहत और दिन भर में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं का भविष्यफल होता है। इस राशिफल को पढ़कर आप अपनी दैनिक योजनाओं को सफल बनाने में कामयाब रहेंगे। जैसे दैनिक राशिफल ग्रह-नक्षत्र की चाल के आधार पर आपको यह बताएगा कि आज के दिन आपके सितारे आपके अनुकूल हैं या नहीं। आज आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है या फिर किस तरह के अवसर आपको प्राप्त हो सकते हैं। दैनिक राशिफल को पढ़कर आप दोनों ही परिस्थिति (अवसर और चुनौतियों) के लिए तैयार हो सकते हैं।
आज आपको काफी संघर्ष के बाद कुछ परेशानियों से निजात मिलेगी। आपके ऊपर यदि कुछ कर्ज था तो वह भी उतर सकता है,जिसके बाद आप चैन की सांस लेंगे। जो लोग नौकरी में कार्यरत हैं और पार्ट टाइम कारोबार को करना चाहते हैं,तो वह आसानी से समय निकाल पाएंगे। आपकी काफी सारी महत्वकांक्षाएं पूरी होंगी,जिससे आपका मनोबल और ऊंचा होगा। यदि छोटी दूरी की यात्रा पर जाने का मौका मिले,तो अवश्य जाएं,जिससे आपको मानसिक शांति मिलेगी। यदि आप किसी व्यक्ति के कहने में आकर किसी डील को फाइनल करेंगे,तो वह बाद में आपके लिए नुकसानदायक रहेगी।
आज आपके घर परिवार में किसी शुभ व मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है,जिसकी तैयारियों में आप तो व्यस्त रहेंगे। अपनी सुख-सुविधाओं की वस्तु की भी कुछ खरीदारी कर सकते हैं। सायंकाल के समय आपके घर किसी अतिथि का आगमन भी हो सकता है,जिससे मिलकर आपको प्रसन्नता होगी। यदि जीवनसाथी आपसे अपनी किसी समस्या को साझा करें,तो आपको उसमें उनकी मदद करनी होगी,जिससे आप दोनों के बीच प्रेम और गहरा होगा। छोटे बच्चों आपसे कुछ नयी फरमाइशें कर सकते हैं। छोटे व्यापारियों को किसी अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता होगी।
कार्यक्षेत्र में कुछ नई उपलब्धियां मिलती नजर आ रही है और संतान के करियर में यदि आपको कुछ चिंताएं सता रही थी,तो वह भी समाप्त होगी,क्योंकि उन्हें कोई अच्छी नौकरी प्राप्त हो सकती है। जो लोग प्रेम जीवन जी रहे हैं उन्हें अपने साथी से बातचीत करके चल रहे वाद विवाद को सुलझाना होगा नहीं तो वह उनके लिए परेशानी भरा हो सकता है। आपकी अप्रत्याशित उन्नति देखकर लोग हैरान रहेंगे लेकिन गुप्त शत्रु आज आपके कार्य में टांग अड़ाने की पूरी कोशिश करेंगे,जिनसे आपको सावधान रहना होगा। आप अपने कार्यों की ओर ध्यान लगाएं।
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहेगा। सरकारी नौकरी से जुड़े जातकों को मनचाहा ट्रांसफर मिलता दिख रहा है। आपके बहन व भाई के लिए किसी बात को लेकर यदि कोई चिंता थी,तो वह भी समाप्त होगी। आपको अपने मन में किसी के प्रति भी कोई गलत भावना नहीं रखनी है,तभी आप अपने कार्य में सफलता हासिल कर सकेंगे। यदि आपने किसी डील को फाइनल करने से पहले किसी से सलाह मशवरा किया,तो वह आपको गलत सलाह दे सकता है। माता पिता से आशीर्वाद लेकर यदि घर से बाहर जाएंगे,तो आपको कार्य में सफलता मिलेगी।
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बिलासपुर तखतपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने गहन कार्रवाई कर भारी मात्रा में शराब का जखीरा बरामद किया है। कोटा पुलिस की संयुक्त टीम ने तखतपुर पुलिस के साथ सोनबंधा में छापामार कार्रवाई की है।कार्रवाई के दौरान ६ आरोपियों को धर दबोचा गया है। मोटरसायकल समेत महुआ और ६40 लीटर से अधिक हाथभठ्ठी शराब को बरामद किया है।
मुखबिर की सूचना पर तखतपुर थाना क्षेत्र के सोनबांधा में कोटा और तखतपुर पुलिस ने जंगी कार्रवाई कर भारी मात्रा में शराब का जखीरा बरामद किया है। पुलिस की संयुक्त और जंगी कार्रवाई सुबह करीब ४ बजे हुई। कार्रवाई के दौरान गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था। चिन्हांकित स्थानों में कार्रवाई के बाद शराब बनाने वालों के अलावा ग्रामीणों में खलबली मच गयी।
सूत्रों की मानें तो भारी संख्या में पुलिस बल के सामने कोचियों की एक नहीं चली। यद्यपि आरोपियों ने बचकर निकलने का प्रयास किया। पुलिस ने ६ आरोपियों को धर दबोचा। कार्रवाई के दौरान कोटा एसडीओपी स्टाफ, तखतपुर थाना प्रभारी समेत पुलिस जवान विशेष रूप से मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए आरोपियो में गांव का सरपंच भी शामिल है। बताया जा रहा है कि उसके संरक्षण में हाथभठ्ठी शराब बनाने और बिक्री का काम किया जा रहा था।
कार्रवाई में पुलिस को ६४० लीटर महुआ शराब, लहान और तीन मोटर सायकल भी जब्त हुए हैं। सुबह तक आरोपियों के थाने में कार्रवाई चल रही थी। सभी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। |
दिल्ली। भारत में बढ़ते विकास के नए प्रारूपों और पर्यावरण की समस्याओं को लेकर सरकार ऊर्जा के दूसरे विकल्पों को खोज रही है। उन्हीं के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों को भी तवज्जो दी जा रही है। बड़ी-बड़ी वाहन निर्माता कंपनियां बिजली से चलने वाली कारों को लॉन्च करके लोगों को लुभाने में लगी है। मगर उन्हीं लोगों में शामिल एक किसान ऐसे भी है जिसने अपनी खुद की चार पहियों के इलेक्ट्रिक वाहन का ईजाद किया है।
जी हाँ सुशील कुमार नाम के एक किसान जो ओडिशा के मयूर भंज जिले के हैं उन्होंने खुद की इलेक्ट्रिक कार बनाई है। यह कार पूरी चार्ज होने में ८ घंटे का समय लेती है और सिंगल चार्ज पर ३०० क्म की दूरी तय कर सकती है। इस इलेक्ट्रिक कार में सुशील कुमार ने ८50 वाॅट्स मोटर, १०० आह/ ५४ वोल्ट्स की बैटरी का प्रयोग किया है।
१००/१५० साल पहले कैसा दिखाई देता था दिल्ली शहर. इन २१ अनदेखी तस्वीरों में देख लीजिये,
सुशील कुमार ने बताया कि उन्होंने लाॅकडाउन के वक्त अपनी गाड़ी पर काम करना शुरु किया था। इस कार को तैयार करने में उनके दो अन्य मैकनिकों और एक दोस्त ने उनकी मदद की थी।उनके अनुसार कार की बैटरी ८ घंटे में फुल चार्ज होने के बाद ३०० किमी चलने में सक्षम है। हालांकि उन्होंने बैटरी को फुल चार्ज होने की प्रक्रिया को धीमा बताया है। उन्हें यह कार बनाने से संबधित जानकारी किताबों और यूट्यूब से सीखी। |
भोपाल। मध्यप्रदेश में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई (सस्पेंड) का सिलसिला जारी है। लापरवाही पाए जाने पर तालगांव सचिव सहित जेआरएस को तत्काल हटाने के मामले सामने आए हैं। दरअसल कलेक्टर संदीप जी आर द्वारा तालगांव में आयोजित मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान शिविर में आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस दौरान योजनाओं का लाभ देने में काम में लापरवाही पाए जाने पर तालगांव से अशोक मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। ग्राम रोजगार सहायक राम नरेश पटेल को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है।
वही कारवाई विदिशा जिले में की गई है। जहां सीएम राइज स्कूल में सरकारी खर्च पर बनाए गए चबूतरे को मजार का रूप दे दिया गया। मुस्लिम शिक्षक हर शुक्रवार को वहां नमाज पढ़ने लगे हैं। इस बात पर काफी विरोध देखा जा रहा है। मुस्लिम विद्यार्थियों को इस दिन विशेष अवकाश भी दिया जाता है। गुरुवार की शाम लोक शिक्षण आयुक्त अभय वर्मा ने इस मामले में तत्कालीन प्राचार्य शायना फिरदौस को निलंबित कर दिया है।
एक अन्य कार्रवाई शिवपुरी जिले में की गई है। बदरवास ब्लॉक के शासकीय हाई स्कूल ढकरोरा में डीईओ के आदेश के बाद भी महिला शिक्षकों प्राचार्य का प्रभार नहीं सौंपा गया है। आदेश का पालन नहीं करने पर जिला शिक्षा अधिकारी संजय श्रीवास्तव द्वारा प्रभारी प्राचार्य को निलंबित कर दिया है। सुरेंद्र जाट को निलंबित करने के साथ ही छेड़छाड़ की शिकायत पर कमिश्नर द्वारा खनियाधाना के हाई स्कूल का दौरा में पदस्थ अध्यापक राजेश पाठक को भी निलंबित किया गया है। त्रैमासिक परीक्षा के प्रश्न पत्र केंद्र नहीं पहुंचे। जिसपर बदरवास करेरा और पिछोर के स्कूल प्राचार्य को भी नोटिस जारी कर ३ दिन में जवाब मांगे गए हैं।
एक अन्य कार्रवाई राजगढ़ में की गई है। जहां सारंगपुर में शासकीय कार्य में व्यवधान करने और अवैधानिक गतिविधि में लिप्त होने के आरोप में शासकीय महाविद्यालय में पदस्थ प्रयोगशाला तकनीशियन धर्मेंद्र वर्मा को उच्च शिक्षा आयुक्त द्वारा निलंबित किया गया है। इमानदारी पूर्वक अपने कार्य का निर्वहन नहीं करने के कारण उन पर यह कार्रवाई की गई है।
एक अन्य कार्रवाई उमरिया में की गई है। जहां जन सेवा शिविर में लापरवाही बरतने पर चार नोडल ऑफिसर को निलंबित करने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। जिले में आयोजित मुख्यमंत्री जन सेवा कल्याण शिविर में चारों नोडल अधिकारी को ४ पंचायत के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन नोडल ऑफिसर से भी उपस्थित होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहे थे। जिसके चलते कलेक्टर द्वारा कार्य को लापरवाही मानते हुए सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। |
दिल्ली के पांच सितारा होटल में कैमरामैन से मारपीट के आरोप झेल रहे अभिनेता अर्जुन रामपाल ने मारपीट के आरोपों को झूठा बताया है। उन्होंने ट्विटर के जरिए कहा कि उन्होंने किसी भी फैन को नहीं मारा है और पता नहीं ऐसी खबरें आती कहां से हैं। खबरों के मुताबिक अर्जुन रामपाल शनिवार को दिल्ली के फाइव स्टार होटल में रुके थे, रात में जब शोभित नाम के एक कैमरामैन ने उनकी तस्वीर लेने की कोशिश की तो वह नाराज हो गए और कैमरा छीनकर उनके सिर पर वार कर दिया।
समाचार एजेंसी के मुताबिक शोभित का सिर फट गया और उससे खून निकलने लगा। पीड़ित ने दिल्ली पुलिस में अर्जुन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अर्जुन रामपाल ने मारपीट की खबरों का खंडन करते हुए ट्वीट किया, मेरी नींद खुली तो मेरे पास किसी फैन को पीटने से जुड़े कई सारे मैसेज आए हुए थे। पता नहीं लोग कहां से ऐसी खबरें बना लेते हैं। मैंने किसी को नहीं मारा। झूठ। फेक न्यूज।इस साल अर्जुन रामपाल फिल्म डैडी में नजर आने वाले हैं।
गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली की इस बायोपिक में अर्जुन मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। अर्जुन की आखिरी फिल्म पिछले साल दिसंबर में रिलीज हुई विद्या बालन की कहानी २ थी जिसमें वह इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह की भूमिका में दिखे थे। |
बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव का आज ३७वां जन्मदिन है। बॉलीवुड के सबसे उम्दा कलाकारों में राजकुमार राव की गिनती होती है। गुरुग्राम में उनका जन्म हुआ था। उनकी स्कूली पढ़ाई भी गुरुग्राम से ही हुई है। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने थिएटर करना शुरू कर दिया था। पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से वर्ष २००८ में उन्होंने ग्रेजुएशन भी किया था। इसके बाद फिल्मी दुनिया में अपना करियर बनाने के लिए वे मुंबई पहुंच गए थे।
दिल्ली में नाटक में काम करने के लिए राजकुमार राव अपने कॉलेज के दिनों में गुरुग्राम से साइकिल चलाकर दिल्ली पहुंचते थे। क्षितिज रेपर्टरी और श्रीराम सेंटर के साथ वे तब प्ले किया करते थे। राजकुमार राव ने जब अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया तो वर्ष २००९ में स्टूडियो के चक्कर उन्हें खूब लगाने पड़े। कई कास्टिंग डायरेक्टर से वे मिले उनसे काम मांगा। फिर दिबाकर बनर्जी की फिल्म लव सेक्स और धोखा के लिए जब उन्होंने ऑडिशन दिया तो उन्हें इसमें एक भूमिका मिल गई।
राजकुमार राव को इस फिल्म में अभिनेत्री नुसरत भरूचा के साथ देखा गया था। हालांकि, यह फिल्म दर्शकों को रास नहीं आई। बॉक्स ऑफिस पर यह बुरी तरीके से फ्लॉप हो गई। इसके बाद राजकुमार राव को फिल्म रागिनी एमएमएस में वर्ष २०११ में देखा गया। शैतान और गैंग्स ऑफ वासेपुर २ जैसी फिल्मों में भी उन्होंने काम किया। वर्ष २013 में राजकुमार राव को फिल्म काई पो चे में काम करने का मौका मिला, जिसमें वे सुशांत सिंह राजपूत के साथ नजर आए थे।
फिल्म शाहिद में राजकुमार राव की भूमिका को बहुत पसंद किया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार तक उन्हें इस फिल्म के लिए मिला था। यहां से राजकुमार राव को अच्छी पहचान मिल गई थी। वर्ष २०१४ में उन्हें कंगना रनौत के साथ फिल्म क्वीन में काम करने का अवसर मिल गया। इसके बाद तो राजकुमार राव ने न्यूटन, शादी में जरूर आना, एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, स्त्री और जजमेंटल है क्या जैसी कई फिल्मों में काम किया, जिनमें उनकी भूमिकाएं बहुत पसंद की गईं।
वैसे, २०१६ में राजकुमार राव की ट्रैप्ड नाम से एक फिल्म आई थी, जिसका निर्देशन मशहूर निर्माता-निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी ने किया था। इस कम बजट की फिल्म में राजकुमार राव ने बेहद दमदार अभिनय किया था, जिसकी वजह से उनकी आज भी सराहना की जाती है। फिल्म में उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया था जो कि गलती से अपने घर में कैद होकर रह जाता है और भूखे-प्यासे कई हफ्ते उसे इस घर में बिताने पड़ते हैं।
किसी इंसान को यदि कई दिनों तक भोजन न मिले तो उसकी क्या हालत हो जाती है, यह दिखाने के लिए और महसूस करने के लिए अपनी निजी जिंदगी में भी राजकुमार राव ने कुछ ऐसा ही किया था। उन्होंने २० दिनों तक केवल गाजर खाई थी और काफी पिया था। इस तरीके से उन्होंने ट्रैप्ड का किरदार निभाने के लिए खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया था।
फिल्म इंडस्ट्री में राजकुमार राव की आज एक अलग ही पहचान बन चुकी है। अपने दम पर उन्होंने इस मुकाम को प्राप्त किया है। एक मध्यमवर्गीय संयुक्त परिवार से राजकुमार राव नाता रखते हैं। उन्होंने एक बार बताया भी था कि उनका जीवन कितने संघर्षों से भरा रहा है। कोई जरूरत की चीज भी उन्हें लेनी पड़ती थी तो उससे पहले वे कई बार सोचते थे। उन्होंने यह भी बताया कि २ साल तक उनके स्कूल की फीस उनके एक टीचर ने भरी थी।
यही राजकुमार राव आज अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर फिल्मी जगत में उस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां वे एक फिल्म के लिए ७-८ करोड़ रुपये की फीस ले रहे हैं। राजकुमार राव की लव लाइफ की बात की जाए तो कई फिल्मों में काम करने के बाद भी आज तक अपनी किसी को-स्टार के साथ उनकी अफेयर की खबरें सुनने को नहीं मिली हैं। वैसे, वर्ष २०१० से बॉलीवुड अभिनेत्री पत्रलेखा पॉल को वे डेट कर रहे हैं। फिल्म सिटी लाइट्स में पत्रलेखा के साथ राजकुमार राव को काम करते हुए देखा गया था। लव गेम्स और नानू की जानू जैसी फिल्मों में भी पत्रलेखा नजर आ चुकी हैं। |
ग्वालियर, जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों ने शोध करके ऐसी दवा तैयार की है, जिससे हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी का इलाज हो सकेगा। यह दवा मधुमक्खी के छत्ते से मिलने वाले एंटी बैक्टीरियल तत्वों (प्रोपॉलिस) से तैयार की गई है। विश्वविद्यालय ने इस दवा को पेटेंट कराने का भी फैसला लिया है।
मधुमक्खी के छत्ते के प्रोपॉलिस में मिलने वाले इन तत्वों की पहचान विश्वविद्यालय की शोधार्थी डॉ. मोनिका भदौरिया ने नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी की हाई परफॉर्मेंस लिम्डि क्रोमेटोग्राफी के जरिए की थी। इसके बाद जम्मू स्थित नेशनल रिसर्च लेबोरेटरी में लिवर पर असर करने वाले हानिकारक पदार्थों पर प्रोपॉलिस के असर का अध्ययन किया गया।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने बताया कि इस फॉर्मूले को पेटेंट कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही हमें इसके लिए पेटेंट मिल जाएगा।
दवा का प्रयोग चूहों के लिवर पर भी किया गया। लिवर सायरोसिस, हेपेटाइटिस और पीलिया जैसी बीमारियों में उपयोग की जाने वाली दवाओं के साथ भी इसकी तुलना की गई तो प्रोपॉलिस के परिणाम सकारात्मक मिले हैं।
इस दवा से हेपेटाइटिस के अलावा लिवर सायरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी संभव है। प्रोपॉलिस पर विश्वविद्यालय की कुलपति के मार्गदर्शन में शोध करने वाली डॉ. भदौरिया का कहना है कि प्रोपॉलिस में ३०० एंटी बैक्टीरियल तत्व रहते हैं। कैंसर के इलाज में होने वाली कीमोथैरेपी में कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं, जैसे- बालों का झड़ना आदि को भी प्रोपॉलिस से रोका जा सकता है।
मधुमक्खी जब छत्ता बनाती है तो उसमें वैक्स के बीच में कुछ गैप रह जाता है। इस जगह को मधुमक्खी फूलों के परागकणों से लिए गए प्रोपॉलिस से भरती है। प्रोपॉलिस में एंटी बैक्टीरियल तत्व म्ेरिसिटिन, रुटिन, सिनेमिक एसिड, इलैजिक एसिड, रेसवरसोट्रोल के साथ-साथ एस्टर, एल्डिहाइड और कीटोन्स होते हैं। रानी मक्खी जब अंडा देती है तो यही एंटी-बैक्टीरियल तत्व उसकी वायरस से रक्षा करते हैं। इसी सिक्यूरिटी फीचर ने शोध का आइडिया दिया। शोध के बाद इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधन में २०२२ तक नए भारत के निर्माण की बात कही है। जिसमें धार्मिक और जातीय संकीर्णता से ऊपर उठकर सशक्त और समृद्धशाली भारत बनाने की बात है। अपने उदबोधन में कश्मीर मसले का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने गोली और गाली को गलत बता कर समस्या का समाधान प्रेम के रास्ते से खोजने की बात कही है।
इस सप्ताह अनुकूल स्थितियों से फायदा महसूस होने लगेगा। कार्य व्यवहार से लोगों पर प्रभाव पड़ेगा। मन प्रसन्न रहेगा इससे परिवर्तन दिखाई देगा।
क्या-क्या करे नया मंत्रिमंडल?
स्वतंत्र भारत में इंदिराजी के कामराज प्लान के बाद यह सबसे बड़ी साहसिक पहल प्र.मं. नरेंद्र मोदी ने की है। इन नए और युवा मंत्रियों को अपने अनुशासन में रखना और उनसे अपने मन मुताबिक काम करवाना आसान रहेगा लेकिन उनसे कौन से काम करवाना है, यह तो प्रधानमंत्री को ही तय करना होगा।
भारत के किसान और एफपीओ के लिए ३०० किसानों की अनिवार्यता?
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक भोपाल में आज स्पिक मेके द्वारा पश्चिम बंगाल और पुरवलिया क्षेत्र के प्रसिद्ध लोकनृत्य छाऊ के अंतर्गत महिषासुर मर्दन का मनमोहक मंचन किया गया।
बिहार के दरभंगा में चिता पर बना है मां काली का धाम श्यामा काली मंदिर कुछ मामलों में यह मंदिर सबसे अलग है। यहां सभी मांगलिक कार्य भी किए जाते हैं। |
कई छात्रों के कहने के बाद उन्हें अन्य संस्थानों में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (कएट) उग २०२२नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने कल पूरे हालात की समीक्षा की। इसने दावा किया कि कुछ परीक्षा केंद्र एजेंसी द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करने में विफल रहे। अब ५० संस्थानों में परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है।
एनटीए ने यह भी सूचित किया है कि संबंधित छात्रों की शिकायतों को ईमेल के माध्यम से संबोधित किया जा सकता है। उम्मीदवारों को उस पाठ्यक्रम के लिए अपने आवेदन संख्या का उल्लेख करना चाहिए। एनटीए छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
४ अगस्त बहुत, मैं सभी १७ राज्यों के कुछ केंद्रों पर परीक्षा रद्द कर दी गई है सभी ४89 केंद्रों पर पहली पाली, जबकि दूसरी पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई है। कई छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें यह बताने के लिए दो घंटे इंतजार करना पड़ा कि दिन के लिए निर्धारित परीक्षा रद्द कर दी गई है।
जमीन पर पर्यवेक्षकों / शहर के आयोजकों से रिपोर्ट का अनुरोध किया गया था। उनकी सिफारिशों के आधार पर, ०४ अगस्त २०२२ (शिफ्ट २) (दोपहर ३ बजे से सुबह ६ बजे तक) के लिए निर्धारित दूसरी पाली रद्द कर दी गई है और अब 1२ से १४ अगस्त २०२२ के बीच आयोजित की जाएगी। कार्ड वही सहमति प्रभावित व्यक्ति पर लागू होगी। जिन उम्मीदवारों की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। मामले में, 1२-१४ अगस्त २०२२ उपयुक्त नहीं है, उम्मीदवार निम्नलिखित पते पर एक ईमेल भेज सकते हैं: अपनी वांछित तिथि और पंजीकरण संख्या बताते हुए, परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था ने कहा। |
बरेली। कलक्ट्रेट के पास उसकी चहारदीवारी से सटाकर बनाए गए महिला वकील के टिन के चैंबर को हटाने के लिए नगर निगम के अफसरों को छह घंटे तक वकीलों से जूझना पड़ा। वकील बुलडोजर और निगम टीम के सामने खड़े हो गए और उसे आगे नहीं बढ़ने दिया। शाम को जैसे-तैसे बुलडोजर ने अपना काम किया। इससे गुस्साए वकीलों ने दोबारा कलक्ट्रेट के पास खाली जमीन पर चैंबर बनाने का एलान कर दिया।
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें कलक्ट्रेट के बाहर उसकी चहारदीवारी से सटी निगम की जमीन पर अवैध रूप से एक महिला वकील के अपना टिन का चैंबर बना लेने की शिकायत मिली थी। रविवार सुबह करीब दस बजे अतिक्रमण विरोधी दस्ते के प्रभारी जयपाल सिंह टीम के साथ बुलडोजर लेकर इस चैंबर को हटाने पहुंचे। इसी दौरान महिला वकील प्रेरणा सिंह भी कुछ और वकीलों के साथ पहुंच गई और उन्होंने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया।
प्रेरणा सिंह ने कहा कि यह चैंबर उनके नाम आवंटित है, इसे नहीं हटाया जा सकता। नगर निगम की टीम ने उनसे कागज दिखाने को कहा तो उन्होंने इसके लिए २४ घंटे का समय देने की मांग की। टीम ने अफसरों के निर्देश का हवाला देते हुए मोहलत देने से इन्कार किया तो हंगामा शुरू हो गया। कई और वकीलों के आने के बाद वे इकट्ठे होकर निगम टीम और बुलडोजर के सामने अड़ गए। इस पर उसे पीछे हटना पड़ा।
हंगामे के बीच पहुंचे अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बात की। पदाधिकारियों ने भी २४ घंटे का समय देने की मांग की। कहा, सोमवार को अलाटमेंट के कागज दिखा दिए जाएंगे। अपर नगर आयुक्त ने समय देने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि बिना अनुमति लिए रातोंरात चैंबर रखा गया है। हंगामे और शोरगुल के बीच बहस चलती रही। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नगर निगम के उच्चाधिकारियों से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। वकीलों के विरोध की वजह से शाम चार बजे तक चैंबर नहीं हट पाया तो सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार गुप्ता पहुंचे। उन्होंने नगर निगम और पुलिस के अधिकारियों को हड़काया। कहा, जब अनधिकृत रूप से खोखा रखा गया है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। क्या हर जगह उन्हें आना पड़ेगा। इसके बाद शाम चार बजे नगर निगम की टीम ने बुलडोजर चलाकर चैंबरनुमा खोखा तोड़ दिया। बहाने से वकीलों को हटाया फिर बुलडोजर चलाया महिला वकील ने लगाया रिश्वत मांगने का आरोप सिटी मजिस्ट्रेट से डांट खाने के बाद नगर निगम के लोग प्रेरणा सिंह और उनके साथी वकीलों को चैंबर के लिए दूसरी जगह दिखाने के बहाने अलग ले गए, इसी बीच बुलडोजर ने चैंबर तोड़ दिया। इससे गुस्साई प्रेरणा ने धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि निगम अधिकारियों ने उनसे दस लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। अब वह यहीं अपना चैंबर लगाएंगी। कहा, वह लड़की हैं इसलिए ऐसा किया गया। चैंबर रातोंरात नहीं रखा गया है, पहले से यहां है। वकीलों और नगर निगम की टीम में चैंबर हटने के बाद बी नोकझोंक चलती रही। कुछ देर बाद टीम वहां से चली गई लेकिन वकीलों ने खोखे के पास खाली जमीन पर अपने चैंबर लगाने का एलान करते हुए दीवार पर अपने नाम भी लिख दिए। |
बिलासपुर २५ नवम्बर २०२२: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के ३५ मजदूरों को राजस्थान में बंधक बनाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है। मजदूर अपने परिवार के साथ काम करने गए थे, तब उन्हें ठेकेदार ने काम नहीं दिलाया और भूखे प्सासे रखे रहे। जब परेशान मजदूर वहां से काम करने गुजरात चले गए, तब उन्हें वापस लाकर मारपीट भी की गई। मजदूरों ने हेल्प लाइन नंबर से मदद मांगी, तब वहां पहुंची पुलिस ने उन्हें छुड़ाकर वापस भेजा। बिलासपुर पहुंचे मजदूरों ने ठेकेदार और मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
मस्तूरी थाना क्षेत्र के बकरकुदा के साथ ही जांजगीर-चांपा जिले के कोटमीसोनार सहित आसपास गांव के करीब ३५ मजदूर कमाने खाने के लिए बीते २६ सितंबर को राजस्थान के बाड़मेरे जिले के जसोल के ग्राम तिलवाड़ा गए थे। सभी मजदूरों को ठेकेदार चंपक लाल लेकर गया था, जहां उन्हें प्रकाश भाई से बात कराया। वहां, जाने के बाद प्रकाश ने उन्हें करीब एक महीने तक सिर्फ खाना खिलाकर बिना मजदूरी दिए काम कराते रहा।
मजदूरों ने बताया कि जब एक महीने तक उन्हें मजदूरी दिए बिना काम कराया गया, तब परेशान मजदूरों ने दूसरी जगह काम करने के लिए जाने की बात कही। उनकी बातों को सुनकर प्रकाश भाई ने ईंट बनवाने का काम शुरू किया। लेकिन, इसके साथ ही मजदूरों पर प्रताड़ना भी बढ़ गई। वह ज्यादा काम करने के नाम पर गाली-गलौज और मारपीट करने लगा।
मजदूरों ने बताया कि २६ सितंबर से १७ नवंबर तक मजूदरों ने उनके यहां काम किया। लेकिन, इस दौरान न तो उन्हें सही तरीके से खाना दिया गया और न ही मजदूरी दी गई। उल्टा उनके साथ मारपीट कर उन्हें ज्यादा काम करने के लिए दबाव बनाया जाता रहा। इससे परेशान होकर सभी मजदूर भागकर वहां से गुजरात पहुंच गए। मजदूर दो-तीन साल पहले गुजरात भी कमाने गए थे। वहां उन्होंने अपने पुराने सेठ को आपबीती बताई, उन्हें देखकर उनके पुराने सेठ ने मदद की और खर्च के लिए पैसे भी दिए। तभी उनकी तलाश करते हुए ईंट भट्ठा संचालक प्रकाश भाई लठैत लेकर पहुंच गया और उन्हें वाहन में भरकर वापस ले जाने के लिए दबाव बनाने लगा।
इस दौरान मजदूरों ने किसी तरह से बिलासपुर के एक सामाजिक संगठन के लोगों से संपर्क किया, तब उन्होंने मदद की और हेल्प लाइन नंबर उपलब्ध कराया, जिसमें कॉल करने पर पुलिस की टीम पहुंची। इसके बाद मजदूरों को छुड़ाकर वापस बिलासपुर भेजा गया। बिलासपुर आने के बाद मजदूरों ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की है और बंधक बनाकर मारपीट करने वाले ठेकेदार और प्रकाश भाई के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। |
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है ?
नम्रता मल्ला:भोजपुरी एक्ट्रेस नम्रता मल्ला अपनी बोल्ड अदाओं से फैंस और लोगों के बीच रहती हैं. ऐसे में नम्रता मल्ला ने ब्लैक बिकिनी में एक वीडियो डाला जिससे इंटरनेट का तापमान बढ़ गया। फिल्म इंडस्ट्री में रातोंरात स्टार बन चुकी भोजपुरी एक्ट्रेस नम्रता मल्ला किसी परिचय के लिए अजनबी नहीं हैं। एक्ट्रेस हमेशा अपनी बोल्ड इमेज की वजह से न्यूज मार्केट में रहती हैं। उनका यह वीडियो देखकर फैंस के पसीने छूट जाएंगे।
नम्रता ने फिर से अपनी जानलेवा हरकतों से महफिल लूट ली है और उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर जो वीडियो शेयर किया है वो काफी धमाकेदार है. वीडियो शेयर करते हुए नम्रता मल्ला ने कैप्शन में लिखा- मेरे पास गंदा दिमाग नहीं है, मेरे पास सेक्सी कल्पना है नम्रता ब्लैक बिकिनी में कहर बरपाती नजर आ रही हैं। नम्रता मल्ला का अंदाज देखकर हर किसी का दिल धड़कने लगा होगा ना? चलो कोई समस्या नहीं है। यदि हां, तो थोड़ी देर के लिए दिल को धड़कने दें।
खेसारी लाल यादव के साथ गाने के दो घूंट से लोकप्रियता हासिल करने वाली नम्रता मल्ला ने पिछले कुछ महीनों में काफी तरक्की की है। नम्रता मल्ला एक अभिनेत्री के साथसाथ एक अद्भुत नृत्य भी हैं। एक्ट्रेस का डांस देखने के बाद आप चाहकर भी अपनी आंखें नहीं हटा पाएंगे। एक्ट्रेस रोजाना अपनी हॉट बिकिनी तस्वीरें शेयर कर इंटरनेट का तापमान बढ़ाती नजर आ रही हैं। |
मही । द्यावापृथिवी इति । इह । ज्येष्ठे इति । रुचा । भवताम् । शुचयत्भिः । अर्कैः । यत् । सीम् । वरिष्ठे इति । बृहती इति । विमिन्वन् । रुवत् । ह । उक्षा । पप्रथानेभिः । एवैः ॥
देवी इति । देवेभिः । यजते इति । यजत्रैः । अमिनती इति । तस्थतुः । उक्षमाणे इति । ऋतवरी इत्यृतवरी । अद्रुहा । देवपुत्रे इति देवपुत्रे । यज्ञस्य । नेत्री इति । शुचयत्भिः । अर्कैः ॥
ते । हि । द्यावापृथिवी इति । मातरा । मही । देवी । देवान् । जन्मना । यज्ञिये इति । इतः । उभे इति । बिभृतः । उभयम् । भरीमभिः । पुरु । रेतांसि । पितृभिः । च । सिञ्चतः ॥
पुनः । नः । असुम् । पृथिवी । ददातु । पुनः । द्यौः । देवी । पुनः । अन्तरिक्षम् । पुनः । नः । सोमः । तन्वम् । ददातु । पुनरिति । पूषा । पथ्याम् । या । स्वस्तिः ॥
जनिता । दिवः । जनिता । पृथिव्याः । पिब । सोमम् । मदाय । कम् । शतक्रतो इति शतक्रतो । यम् । ते । भागम् । अधारयन् । विश्वाः । सेहानः । पृतनाः । उरु । ज्रयः । सम् । अप्सुजित् । मरुत्वान् । इन्द्र । सत्पते ॥
के । ऊँ इति । नु । ते । महिमनः । समस्य । अस्मत् । पूर्वे । ऋषयः । अन्तम् । आपुः । यत् । मातरम् । च । पितरम् । च । साकम् । अजनयथाः । तन्वः । स्वायाः ॥
मिमातु । द्यौः । अदितिः । वीतये । नः । सम् । दानुचित्राः । उषसः । यतन्ताम् । आ । अचुच्यवुः । दिव्यम् । कोशम् । एते । ऋषे । रुद्रस्य । मरुतः । गृणानाः ॥
विश्वा । हि । वः । नमस्यानि । वन्द्या । नामानि । देवाः । उत । यज्ञियानि । वः । ये । स्थ । जाताः । अदितेः । अत्भ्यः । परि । ये । पृथिव्याः । ते । मे । इह । श्रुत । हवम् ॥
येभ्यः । माता । मधुमत् । पिन्वते । पयः । पीयूषम् । द्यौः । अदितिः । अद्रिबर्हाः । उक्थशुष्मान् । वृषभरान् । स्वप्नसः । तान् । आदित्यान् । अनु । मद । स्वस्तये ॥
नवरात्र में माता के ९ संकेत। अगले अंक में देवमाता अदिति।
चित्र विविध सभ्यताओं में अंतरिक्ष आधारित माता के विविध रूप दर्शाते हैं।
गाँव गिराम से ले कर नगर तक 'उत्त भदेस' में 'भाजी' हेतु 'सब्ज़ी' शब्द का 'मूसलाधार' प्रयोग हमारी पीढ़ी में आरम्भ हुआ तथा बपुरा 'भाजी' शब्द पहले 'शाक' 'साग' हेतु रूढ़ हुआ एवं आगे प्राय: प्रयोगबाह्य हो गया।
पारसी भाषा में 'सब्ज़' हरे (ताजे एवं भले भी) अर्थ में प्रयुक्त है। सब्ज़ी वही होगी जो 'हरी' हो अर्थात आलू की 'सब्ज़ी' नहीं हो सकती। इसके विपरीत यदि औषधि, वनस्पति आदि शब्दों के आयुर्वेदिक पारिभाषिक अर्थ न ले कर प्रचलित अर्थ लें तो वनस्पति शब्द पादप या पादपस्रोत अर्थ में चलता है। पौधा पादप से ही है। जो पाद अर्थात पाँव एक ही स्थान से बद्ध किये हो, स्थित स्थावर जिसमें गति न हो।
भाजी शब्द वनस्पति से है, लोकसंक्षिप्ति। इसका प्रयोग पुन: आरम्भ करें क्यों कि यह आलू से ले कर पालक तक, सबके लिये उपयुक्त होगा। आप का अपना शब्द है, पर्सिया फारस से आयातित नहीं जिसने अपनी सभ्यता आक्रांता अरबी के बान्हे रख दी!
भाजी शब्द प्रयोग न तो पिछड़े होने का चिह्न है, न ही सब्जी प्रयोग से आप सभ्य नागर हो जाते हैं।
शाकाहार अपनायें, स्वस्थ रहें किंतु साग का उसके 'मांस' सहित प्रयोग अल्प करें क्यों कि आयुर्वेद इसे पशुमांस समान ही गरिष्ठ बताता है। सूप लें।
यहाँ शाकाहार मांसाहार का युद्ध आरम्भ न करें। आहार का सम्बंध परिवेश, सभ्यता, संस्कृति, उपलब्धता, मूल्यदक्षता, मान्यताओं आदि से है।
बृहद हिंदी क्षेत्र हेतु शाकाहार पर्याप्त उपलब्ध है, पोषक है, मूल्यदक्ष है, धरा के स्वास्थ्य हेतु भी उत्तम है, अत: पथ्य है।
वैविध्य बनाये रखें। जिन भाजियों को पिछड़ा मान कर आप छूते तक नहीं, उनमें अनमोल तत्व हैं। प्रयोगधर्मी बनें, भारत के अन्य प्रांतों का शाकाहार अपनायें, टन के टन टमाटर उदर में हूरना व भखना तो आप ने विदेशियों से सीखा न, वे तो अपने हैं!
सदैव ध्यान रखें कि खाद्यविशेष का चयन उसकी गुणवत्ता से करना होता है। कोई खाद्य न पिछड़ेपन का चिह्न होता है, न आभिजात्य का। जिन कोदो, मड़ुवा, साँवा, टाङ्गुन, जौ आदि को आप मोटा अन्न एवं पिछड़ा मान कर त्याग दिये, थरिया भर भर भात एवं तीन समय गेहूँ की रोट्टी सोट्टी खा स्थायी रूप से अपानवायूत्सर्जन के रोगी हो गये; उन्हीं मोटो झोटों को अब नागर अभिजन ऑर्गेनिक स्टोर्स से चौगुने मूल्य में ले कर धन्य धन्य हो रहे हैं। आप खेती करते हैं तो उनकी बुवाई करें, मोटा अन्न, मोटा दाम।
हाँ, टमाटर सांस्कृतिक संकट भी है। अपने व्यञ्जनों से इसके प्रदूषण को शनै: शनै: हटा ही दें। मुआ बचा रह गया अंग्रेज है!
चंद्रयान २ : आकाश देखें, आसमान नहीं ... क्षितिज निहारिकाओं से भी आगे है!
परश्व(१) निरभ्र(२) स्थिति में देखा था, चंद्र को गुरु के निकट जाते हुये। कल नभ(३) स्थिति थी, नहीं दिखे किंतु पिछले प्रेक्षण से जान गया था कि बहुत निकट पहुँच चुके होंगे, ज्येष्ठा नक्षत्र(४) पर एक साथ, जिसके देवता ज्येष्ठराजा इंद्र हैं। वस्तुत: दोनों एक दूसरे से बहुत दूर हैं, भिन्न संसार के वासी, किंतु हमें आकाश में जैसा धरती से दिखता है, कहते हैं। नभ स्थिति पर मन में एक आशङ्का ने सिर उठाया जिसे मैंने झटक दिया।
घरनी सङ्गिनी ने पूछा कि आज तो चंद्रयान वहाँ उतरने वाला है, मैंने हूँ हाँ कर के बात टाली दी। प्रात: चंद्रतल से २.१ किलोमीटर ऊपर मृदु-अवतरण के चरण में 'विक्रम' घटक से सम्पर्क टूट जाने का दु:खद समाचार मिला।
मैंने लिखा है आकाश देखें, आसमान नहीं। इन शब्दों का अंतर बहुत महत्त्वपूर्ण है। आकाश हमारी जातीय परम्परा का शब्द है जिसमें प्र'काश' निविष्ट है। आसमान विदेशी स्रोत का शब्द है जिसकी सङ्गति अश्म से बैठती है - पत्थर, जड़, औंधे कटोरे सा ऊपर धरा। दृष्टि का अंतर है।
सीमाओं के होते हुये भी यह आत्मविश्वास से भरा भारत है जिसका ढेर सारा श्रेय उस 'पंतप्रधान' को जाता है जो अप्रतिहत ऊर्जा, कर्मठता, समर्पण एवं निश्चय का स्वामी है, जो गहराती रात में भी वैज्ञानिकों के साथ उनका उत्साह बढ़ाता वहाँ उपस्थित था। यह वह भारत है जो दुर्घटनाओं पर वक्षताड़न करता रुकता नहीं है, उपाय कर आगे बढ़ लेता है। आश्चर्य नहीं कि जनसामान्य भी कल रात जगा हुआ था। ऐसे अवसर एक कर देते हैं।
पुरी के शंकराचार्य की प्रक्षेपण पूर्व 'आशीर्वाद यात्रा' हो या प्रक्षेपित होते चंद्रयान को उत्सुकता के साथ निहारते सद्गुरु जग्गी वासुदेव; पुरी के प्रवक्ताओं की हास्यास्पद कथित वैदिक गणितीय बातों के होते हुये भी, धर्म व आध्यात्म से जुड़े गुरुओं का इस अभियान से जुड़ाव ध्यातव्य है। सामान्य घरनी से ले कर धर्मपीठ तक चंद्रयान अभियान ने समस्त भारत को जोड़ दिया। तब जब कि विघटनकारी शक्तियों का वैचारिक विषतंत्र अपने उच्च पर है, राष्ट्र को एक सूत्र में जोड़ता ऐसा कोई भी अभियान अभिनंदन योग्य है। लखनऊ से ले कर बंगलोर तक, पूरब से ले कर पश्चिम तक, समस्त भारतभू से आते वैज्ञानिक इस अभियान में लगे। त्वरित उद्गार एवं सामाजिक सञ्चार तंत्र के इस युग में यह वह समय भी है जब गोद में पल रही भारतद्वेषी एवं भारतद्रोही शक्तियाँ नग्न भी होंगी, कोई सूक्ष्मता से कलुष परोसेगा तो कोई स्थूल भौंड़े ढंग से, नंगे वे सब होंगे। ऐसे अवसरों का भरपूर उपयोग तो होना ही चाहिये, इन्हें भविष्य हेतु चिह्नित भी कर लिया जाना चाहिये।
एक प्रश्न उठता है कि इसरो को चंद्रयान प्रेषित करने हेतु इतने लम्बे समय एवं जटिल प्रक्रिया की आवश्यकता क्यों पड़ी? बहुत सरल ढंग से कहें तो इस कारण कि हमारे पास अभी भी उतनी शक्तिशाली प्रणोदयुक्ति नहीं है जो सीधे चंद्रमा पर उतार दे। वर्षों पहले क्रायोजेनिक इञ्जन का परीक्षण हुआ था किंतु आगामी वर्षों में जो उपलब्धि मिल जानी चाहिये थी, नहीं मिली। वास्तविकता यह है कि हार्डवेयर के क्षेत्र में हम अभी पीछे हैं। उस पर काम किया जाना चाहिये। आशा है कि इस घटना के पश्चात शक्तिशाली प्रणोद युक्ति के विकास पर ठोस काम किया जायेगा।
सीमित हार्डवेयर के होते हुये इस अभियान में जो प्रक्रिया अपनाई गई, उसके द्वारा चंद्र के इतना निकट पहुँचा देना अपने आप में महती उपलब्धि है तथा प्रतिद्वन्द्वी महाशक्तियाँ मन ही मन ईर्ष्या कर रही होंगी।
इस प्रक्रिया में गुरुत्वाकर्षण एवं प्रणोद का सम्मिलित उपयोग किया जाता है। यान को पहले धरती की परिक्रमा करते हुये संवेग प्राप्त कराया जाता है। मोटा मोटी प्रक्रिया को कुछ कुछ वनवासी गोफन से समझा जा सकता है, जिसमें वे अपने यंत्र में पत्थर रख कर घुमाते घुमाते उसे संवेग देते हैं तथा उपयुक्त समय पर, पर्याप्त गति प्राप्त कर लेने पर छोड़ देते हैं।
निश्चित संवेग की वह मात्रा हो जाने पर जब कि यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त हो कर चंद्र की कक्षा तक पहुँचने योग्य हो जाता है, उसे धक्का दे पृथ्वी के आकर्षण से मुक्त कर दिया जाता है तथा वह आगे चंद्र के गुरुत्व के आकर्षण में उसके 'उपग्रह' समान हो जाता है। परिक्रमा करते यान से प्रेक्षकयन्त्र युक्त घटक चन्द्र धरातल पर उतारा जाता है। यह प्रक्रिया भी चरणबद्ध होती है। पूरी प्रक्रिया बहुत ही जटिल, सूक्ष्म एवं परिशुद्ध गणना एवं कार्रवाई की माँग करती है। कोण में या समय में सेकेण्ड की विचलन या विलम्ब भी यान को सदा सदा के लिये अंतरिक्ष में व्यर्थ यायावर बना सकते हैं।
असफलता में भी ऐसा बहुत कुछ है जो भासमान है। हम सक्षम हैं, सीमित हार्डवेयर के होते हुये भी हमने पूर्णत: देसी तकनीक से वह कर दिखाया है जो हार्डवेयर सक्षम देश कर पाते हैं, असफलतायें तो लगी ही रहती हैं।
अमेरिका का अपोलो १३ न भूलें जब कि उससे पूर्व के सफल अभियान अनुभव होते हुये भी एक चूक ने असफलता के साथ साथ यात्रियों के प्राण भी संकट में डाल दिये थे तथा उन्हें जीवित लौटा लाने की प्रक्रिया में बहुत कुछ सीखने को मिला।
न भूलें वह घटना जब कि विण्डोज के नये संस्करण के लोकार्पण को मञ्च पर चढ़े बिल गेट्स को कुछ ही मिनटों में असफलता के कारण उतरना पड़ा था। माइक्रोसॉफ्ट रुका नहीं, आगे बढ़ गया।
इस अभियान को धन का नाश बताते हुये रोटी एवं निर्धनता को रोते जन को जानना चाहिये कि ऐसे अभियानों की ऐसी सैकड़ो पार्श्व उपलब्धियाँ होती हैं जो जन सामान्य के कल्याण में काम आती हैं। ये भविष्य में एक निवेश की भाँति भी होते हैं।
असफलता नहीं उपलब्धियाँ देखें। अंधकार नहीं, उस प्रकाश पर केंद्रित रहें जो भेद दर्शा रहा है। जड़ नहीं चैतन्यबुद्धि बनें। आसमान नहीं, आकाश देखें! उड़ाने आगे भी होंगी।
हमारा क्षितिज निहारिकाओं के पार तक पसरा है और हमारी गुलेलें, हमारे गोफन भी समर्थ हैं!
(२),(३),(४) - अभ्र कहते हैं बादल को, निरभ्र अर्थात जब बादल न हों, आकाश में नक्षत्र दिख रहे हों। भ को भासमान, प्रकाशित से समझें, चमकते नक्षत्र पिण्ड आदि। नभ अर्थात भ नहीं, जब बादल हों तथा नक्षत्र आदि न दिख रहे हों। जिस पथ पर सूर्य वर्ष भर चलता दिखाई देता है उसे क्रान्तिवृत, भचक्र नाम दिये गये हैं तथा उसका कोणीय विभाजन २७ भागों में किया गया है जिससे कि धरती से देखने पर ज्ञात होता है कि कौन से भाग 'नक्षत्र' में सौर मण्डल के सदस्य ग्रह, उपग्रहादि हैं। नक्षत्र का एक अर्थ न क्षरति जिसका क्षरण न होता हो, है अर्थात जो बने रहते हों। चंद्रमा धरती की परिक्रमा २७+ भू-दिनों में करता है। आकाशीय कैलेण्डर के सबसे चलबिद्धर पिण्ड चंद्र की दैनिक गति के प्रेक्षण हेतु ही २७ विभाग किये गये थे जिन्हें आलंकारिक रूप में कहा गया कि उसकी २७ पत्नियाँ हैं जिनके साथ वह एक एक रात बिताता है।
कोणार्क सूर्यमन्दिर - ६ : अभिशप्त ब्रह्मा, अभिशप्त केतकी?
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लखनऊ, ०३ अगस्त : विकास की दौड़ में पिछड़े १०० आकांक्षात्मक विकास खंडों के चयन के बाद अब उनकी बेहतरी के लिए सेक्टरवार रोडमैप भी तैयार कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता के अनुरूप चिकित्सा एवं पोषण और शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत संरचना विकास से जुड़े कुल १४ विभागों के ७५ इंडिकेटर तय किए गए हैं, जिनमें बेहतरी के लिए कोशिश होगी। खास बात यह कि सभी १०० विकासखंडों पर शासन की सीधी नजर होगी। यहां की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा भी मुख्यमंत्री भी करेंगे।
तय कार्ययोजना के मुताबिक इन विकास खंडों की प्रगति का सबसे बड़ा मानक यहां के चिकित्सा व पोषण तथा शिक्षा सेक्टर की बेहतरी होगी। सीएम योगी का इस सेक्टर पर खास फोकस है।विकास खंड के रिपोर्ट कार्ड में ६० प्रतिशत अंक इसी आधार पर मिलेंगे। इसी तरह, कृषि एवं जल संसाधन सेक्टर में कृषि, पशुधन, उद्यान, और ग्राम्य विकास विभागों को रखा गया है।
इनके प्रयासों के लिए २० फीसदी अंक होंगे जबकि, वित्तीय समावेशन सेक्टर में संस्थागत वित्त, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा के १६ इंडिकेटरों के आधार पर और १० प्रतिशत अंक और ऊर्जा, नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स व पंचायती राज विभाग की कोशिशों से यहां आधारभूत संरचना विकास की कोशिश होगी, जिसके लिए १० प्रतिशत अंक रखे गए हैं।
कार्ययोजना के अनुसार, प्रदेश के ३४ जनपदों में चयनित सभी १०० आकांक्षात्मक विकासखंडों में ३१ मार्च २०२२ की स्थिति को बेसलाइन मानकर बेहतरी के लिए प्रयास किए जाएंगे। ताजा स्थिति के आकांक्षात्मक विकास खंडों में सबसे बेहतर स्थिति वाले टॉप-५ आकांक्षात्मक विकास खंडों में जालौन और रामपुरा (जालौन), राजगढ़ और मड़िहान (मिर्जापुर) और हरैया (बस्ती) विकास खंड शामिल हैं।
आकांक्षात्मक जिलों के तर्ज पर विकास खंडों की तरक्की की योजना शुरू करने से पहले ही मुख्यमंत्री योगी ने यहां पर तैनात होने वाले अधिकारियों की दक्षता पर खास ध्यान देने का निर्देश दिया था। अब जबकि कार्यक्रम शुरू हो चुका है, ऐसे में सीएम ने इन ब्लॉक में बीडीओ, सीडीपीओ, एडीओ (पंचायत), खंड शिक्षा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, एएनएम, चिकित्सा अधिकारी, लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, प्राविधिक सहायक (कृषि) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती का विवरण मांगा।वर्तमान में यहां बीडीओ और खंड शिक्षा अधिकारी के सभी पदों पर तैनाती है, जबकि एडीओ पंचायत के ०३, पशु चिकित्सा अधिकारी के १६ और सीडीपीओ के २१ पद रिक्त हैं। सीएम ने इन पदों सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण पदों पर तत्काल योग्य और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। |
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बुधवार (१५ जून) को घोषणा की कि उनके मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की भर्ती में अग्निपथ योजना के तहत चार साल पूरे करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
शाह ने कहा कि निर्णय के बाद गृह मंत्रालय में एक विस्तृत योजना का काम शुरू किया गया है।
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अग्निपथ योजना का स्वागत करते हुए घोषणा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों को बदलना है।
शाह ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, अग्निपथ योजना युवाओं को अपना व देश का सुनहरा कल बनाने का एक अद्भुत अवसर है। भारत की युवाशक्ति को अनुशासित,स्किल्ड, फिट व आर्थिक रूप से सशक्त कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने वाला @नरेन्द्रमोदी जी का यह दूरदर्शी निर्णय सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर भारत की नींव रखेगा। #भारतकग्नीवीर।
मोदी जी ने युवाओं को गौरवपूर्ण भविष्य व सशस्त्र बलों से जुड़ राष्ट्रसेवा का अवसर देने के लिए 'अग्निपथ योजना' की घोषणा की है।
इससे उनमें क्षमताओं व कौशल का निर्माण होगा, साथ ही देश का रक्षातंत्र और सशक्त होगा।
अग्निपथ योजना का अनावरण करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि यह एक परिवर्तनकारी पहल है जो सशस्त्र बलों को एक युवा प्रोफ़ाइल प्रदान करेगी।
भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अग्निपथ योजना लाई गई है। अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद एक अच्छा वेतन पैकेज और एक निकास सेवानिवृत्ति पैकेज दिया जाएगा।
यह कदम बढ़ते वेतन और पेंशन बिलों को कम करने के लिए उठाया गया है, प्रमुख चिंताओं के बीच यह कदम १४ लाख से अधिक मजबूत सशस्त्र बलों की व्यावसायिकता, सैन्य लोकाचार और लड़ाई की भावना पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
अग्निपथ सैनिकों, वायुसैनिकों और नाविकों के नामांकन के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना है। यह योजना युवाओं को सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में सेवा करने का अवसर प्रदान करती है। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए सभी लोग अग्निवर कहलाएंगे।
अग्निवर को प्रशिक्षण अवधि सहित ४ वर्ष की सेवा अवधि के लिए नामांकित किया जाएगा। चार वर्षों के बाद, योग्यता, इच्छा और चिकित्सा फिटनेस के आधार पर केवल २५ प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित संवर्ग में बनाए रखा जाएगा या फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा।
इसके बाद वे अगले १५ साल के पूरे कार्यकाल के लिए काम करेंगे।
अंतिम पेंशन लाभ के निर्धारण के लिए अनुबंध के तहत सेवा किए गए पहले चार वर्षों पर विचार किए जाने की संभावना नहीं है।
अन्य ७५ प्रतिशत अग्निवर को उनके दूसरे करियर में मदद के लिए उनके मासिक योगदान के साथ-साथ कौशल प्रमाण पत्र और बैंक ऋण द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित ११-१२ लाख रुपये के एक्जिट या सेवा निधि पैकेज के साथ विमुद्रीकृत किया जाएगा। |
जोधपुर के राजा गजसिंह ने अपने बड़े पुत्र अमरसिंह को उसकी स्वतंत्र एवं विद्रोही प्रवृत्ति से नाराज होकर राज्य से निकाल दिया था। इस पर शाहजहाँ ने अमरसिंह को नागौर परगने का स्वतंत्र राजा बना दिया।
१६४४ ई. में नागौर राज्य की अंतिम सीमा पर स्थित एक किसान के खेत में मतीरे की बेल लगी। बेल खेत की मेढ़ पार करके बीकानेर राज्य की सीमा में स्थित एक किसान के खेत में चली गयी और वहाँ पर एक मतीरा लग गया। जिस पर स्वामित्व को लेकर दोनों किसानों में झगड़ा हो गया।
इस समय बीकानेर के नरेश कर्णसिंह थे। यह झगड़ा सैनिकों तक जा पहुंचा और दोनों तरफ के कई सैनिक मारे गये, जो मतीरे की राड़ नाम से प्रसिद्ध हुई। उस समय अमरसिंह शाहजहाँ की सेवा में आगरा में था। जब उसे इस झगड़े की जानकारी हुई तो उसने नागौर जाने के लिये बादशाह से अवकाश लेना चाहा। बीकानेर नरेश ने शाहजहाँ के बख्शी सलावत खां को सिखा दिया कि किसी भी तरह अमरसिंह को बादशाह से मत मिलने देना।
जब अमरसिंह कई दिन तक बादशाह से मिलकर अवकाश नहीं मांग सका तो एक दिन उसने बख्शी से पूछे बिना बादशाह को सलाम कर लिया। इस पर बख्शी सलावतखां ने उसे गंवार कह दिया। अमर सिंह ने नाराज होकर उसी समय अपनी कटार निकाली और बख्शी को मार में डाला। बाद में खलीमुल्ला व बिट्ठदास के पुत्र अर्जुन से युद्ध करते हुए शहीद हुए।
अमरसिंह राठौड़ राजकुमारों में अपने साहस और वीरता के लिए प्रसिद्ध है। आज भी इसी के नाम से अमरसिंह राठौड़ के ख्याल प्रसिद्ध हैं।
क १. जोधपुर के राजा गजसिंह ने अपने बड़े पुत्र अमरसिंह को उसकी किस प्रवृत्ति से नाराज होकर राज्य से निकाल दिया था?
क २. शाहजहाँ ने अमरसिंह को किस परगने का स्वतंत्र राजा बना दिया था?
क ३. मतीरे की राड़ नामक घटना कब हुई थी?
क ४. राव अमर सिंह किससे युद्ध करते हुए शहीद हुए थी? |
शहद के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। शहद में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो कि मस्तिष्क में सेलुलर क्षति को रोकने में मदद करते हैं। हमने आपको बताया है कि आपके शहद में मिलावट तो नहीं है। कैसे आप जांच सकते हैं कि शहद में मिलावट है इसके लिए पढ़ें हमारी पूरी रिपोर्ट।
बिस्कुट भारतीय घरों में ही नहीं बल्कि विश्वभर में चाय की मेज पर अपनी अहम भूमिका अदा करता है। इस लेख में हमने मीठे और नमकीन बिस्कुट के ५ पसंदीदा ब्रांडों का अध्ययन कर बताया है कि किस ब्रांड से पोषण की आवश्यकता पूरी हो सकती है।
बैक्टीरिया और वायरस को हम अपनी आंखों से भले ही नहीं देख सकते, लेकिन यह पानी से उत्पन्न बीमारियों का मुख्य कारण होते हैं। हमने अपने सर्वेक्षण में बताया है कि पानी की गुणवत्ता को परख कर ही आप अपने वॉटर प्यूरीफायर को खरीदें।
हमने बताया है कि क्या भुगतान बैंक नियमित बैंक से अलग हैं। इन बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की एक स्पष्ट तस्वीर भी मिलती है।
रीयल एस्टेट को लेकर आए कुछ फैसलों से राहत और निराशा जैसी संभावनाएं जाहिर हो रही हैं। हमने उपभोक्ताओं को बताने का प्रयास किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से घर खरीदारों को मिली-जुली राहत। पढ़ें पूरी स्टोरी। |
पटना(न्यूज़ क्राइम २४): लॉकडाउन के दौरान किसी को भोजन संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता। १५ दिनों से लगातार आप की रसोई चला रहे है. आप नेता बबलू प्रकाश ने कहा कि इस आपदा के समय समाज के सक्षम लोगों ने आगे आकर आप की रसोई के लिए अनाज और अर्थ दान देकर सहयोग किया है। उन सभी लोगो को धन्यवाद देता हूँ। पटना के समाजसेवी संजीव कुमार चंद्रवंशी ने आप की रसोई में पके भोजन का पूरा खर्च उठाया है। जिसमे चार सौं पैकेट भोजन वितरित किया गया. इस दौरान आप कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष सह आप की रसोई के सदस्य सुयश कुमार ज्योति उर्फ राजा ने जानकारी दी की हमारा मकसद है की गरीबों को भोजन प्रदान किया जाये। जिससे इस महामारी की घडी में लोगो को भूखे पेट न सोना पडे, हालाँकि इसके लिए सरकार भी कार्य कर रही है. सतीश कुमार ने बताया कि क्रोरोन की दूसरी लहर में ज्यादा ज्यादा से लोगो को सहायता देने के लिए प्रयासरत है। जिससे बेसहारा और असहाय लोगो को कुछ हद तक सुकून मिल सके। उन्होंने बताया कि आप की रसोई से जुड़े कार्यकर्ता लॉकडाउन की शुरुवात से ही लोगो के लिए भोजन का प्रबंध कर रहें हैं और हमारा प्रयास रहेगा कि ८ जून तक जरूरतमंद लोगो को भोजन उपलब्ध कराते रहेंगे। |
दीन दयाल स्पर्श योजना आप्लिकेशन फॉर्म २०२२ | दीनदयाल स्पर्श योजना आवेदन फॉर्म, लाभ एवं पात्रता | दीन दयाल स्पर्श योजना स्कोलारशिप टेस्ट & अमाउंट | भारतीय डाकघर विभाग ने दीनदयाल स्पर्श छात्रवृत्ति योजना को फिलैटली (डाक टिकट के संग्रह) को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया है। इस योजना के तहत डाक टिकट संग्रह में रुचि रखने वाले ६ठीं कक्षा से लेकर ९वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष ६000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। ताकि उनकी डाक टिकटों के प्रति अभिरुचि एवं इस क्षेत्र में शोध के प्रचार प्रसार को बढ़ावा दिया जाए। इस योजना के तहत परिमंडलों द्वारा एक लिखित/मौखिक क्विज प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाती है और एक फिलैटली संबंधित प्रोजेक्ट कार्य दिया जाता है। जिसके माध्यम से विजेताओं को चुना जाता है और उन्हें छात्रवृत्ति उपलब्ध करवाई जाती है। अगर आप भी फिलैटली में रुचि रखते हैं और दीन दयाल स्पर्श योजना २०२२ के तहत आयोजित परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं तो आपसे निवेदन है कि हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
दीनदयाल स्पर्श योजना क्या है?
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि इस योजना के तहत फिलैटली (डाक टिकट संग्रह) मे रुचि रखने वाले छठी कक्षा से लेकर नवी कक्षा तक के छात्र छात्रों को एक लिखित/मौखिक क्विज प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करके हर साल ६००० की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसी विषय में डाक अधीक्षक मिर्जापुर क्षेत्र के आशीष श्रीवास्तव ने बताया है कि दीनदयाल स्पर्श योजना २०२२ के तहत छात्र २९ अगस्त सन २०२२ तक डाक अधीक्षक कार्यालय में अपना ऑफलाइन मोड से आवेदन करने सकते हैं। छात्रों को आवेदन करने के लिए २०० का फिलैटली अकाउंट प्रधान डाकघर में खुलवाना होगा। आयोजित होने वाली इस क्विज परीक्षा में करंट अफेयर, भूगोल, इतिहास, ज्ञान, खेल और संस्कृति से संबंधित पांच पांच नंबर के प्रश्न पूछे जाएंगे। यह परीक्षा सितंबर तक आयोजित की जाएगी।
भारतीय डाकघर विभाग का इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति एवं उपलब्धियों से संबंधित डाक टिकटों को संग्रह करने की रुचि रखने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करके प्रोत्साहित करना है। दीनदयाल स्पर्श योजना के माध्यम से उन मेधावी छात्रों को ५०० रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है जो डाक टिकट को संग्रह अपने शौक के तौर पर करते हैं। इस छात्रवृत्ति को देने का मुख्य उद्देश्य बच्चों में छोटी आयु से फिलैटली के शौक को बढ़ावा देना है ताकि यह रुचिकार कार्य उन्हें सुकून भरा अनुभव और तनाव मुक्त जीवन प्रदान करने के साथ-साथ उनके शिक्षा के क्षेत्र में भी लाभकारी साबित हो।
६ठीं, ७वीं, ८वीं, और ९वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र ही इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र हैं।
छात्र को भारत के मान्यता प्राप्त स्कूल में अध्ययनरत होना अनिवार्य है।
आवेदक छात्र को अपने विद्यालय के फिलैटली क्लब का मेंबर होना अनिवार्य है।
अगर किसी विद्यालय में फिलैटली क्लब नहीं है तो उस विद्यालय के ऐसे विद्यार्थी जिसका अपना फिलैटली जमा खाता है उसके नाम पर विचार किया जा सकता है।
छात्र के पिछली कक्षा में ६०% अंक प्राप्त होने चाहिए और अनुसूचित जाति/ जनजाति के छात्रों को ५५% अंक प्राप्त होनी चाहिए।
स्पर्श योजना के तहत छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए छात्रों का चयन फिलैटली संबंधी प्रोजेक्ट कार्य की मूल्यांकन अथवा परिमंडलों द्वारा आयोजित हुई क्वीज प्रतियोगिता परीक्षा मे प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
नोट-छात्र के फिलैटली संबंधी प्रोजेक्ट का मूल्यांकन परिमंडल स्तर पर गठित समिति, जिसमें डाकघर के अधिकारी एवं प्रतिष्ठित फिलैटलीविद् शामिल होते हैं उनके द्वारा किया जाता है।जिस विषय पर प्रोजेक्ट तैयार करना है उसकी सूचना अधिसूचना जारी करते समय सर्कलो द्वारा प्रदान की जाती है।
जिन विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा उन्हें इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक या डाकघर बचत बैंक की कोर बैंकिंग सुविधा वाली शाखा में अपने माता पिता के साथ एक संयुक्त खाता खुलवाना होगा।
प्रत्येक डाकघर सर्कल छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थियों का चयन करेगा और छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए आईपीपीबी/पीओएसबी को लाभार्थियों की सूची सौंप देगा।
इसके बाद आईपीपीबी/पीओएसबी यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक चयनित विद्यार्थियों को तिमाही आधार पर (प्रति तिमाही में १५०० रुपए) छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है। |
अपनी यात्रा यहां शुरू से करें। पांच ध्यान का यह सेट आपको जीवन के लिए एक संपूर्ण साधन प्रदान करता है।
ब्रीदिंग रूम के मास्टर मेडिटेशन की श्रृंखला के साथ अपनी ५ दिन की यात्रा शुरू करें। ५ ध्यान साधनाओं का यह सेट अधिक शांतिपूर्ण जीवन की नींव निर्मित करेगा। इस श्रृंखला के प्रत्येक ध्यान में, एक परिचय शामिल है जो ध्यान के लाभों को और ध्यान करने के समय के बारे में बताता है।
प्रशांतता और विस्तार की स्थिति में प्रवेश करें जहां आप सामंजस्य सृजन करते हुए अपनी मनोकामनाओं को प्रकट कर सकते हैं। श्वास क्रिया, ध्वनि कंपन, कल्पना और अवलोकन का यह क्रम आपको जीवन के साथ सिंक में लाने में सहायता करता है।
अप्रिय भावनाओं के तनाव को विलीन करके, वर्तमान की शांत, केंद्रित स्थिति में लौटें।
हृदय में एक यात्रा पर निकलें और स्वयं व दूसरों के प्रति अपने संबंध को दृढ़ करें।
अपनी आत्म जागरूकता का विस्तार करने और अंतर्ज्ञान को प्राप्त करने के लिए विश्व प्रज्ञ तक पहुंचें।
अपने शरीर के भीतर ५ श्वास ऊर्जाओं को संतुलित करें और तुरंत ऊर्जा और प्राण शक्ति का अनुभव करें। |
कोविड १९ की मार से जीवन का कोई भी क्षेत्र अप्रभावी नहीं रहा है। बड़े-छोटे धंधे, फ़ैक्टरियाँ और कल कारखाने बंद पड़े हैं तो खेल उद्योग भी पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। लाकडाउन के चलते खिलाड़ी अपने अपने घरों में क़ैद होकर रह गये हैं। कोरोना ने यूँ तो क्रिकेट, हॉकी, फुटबाल, मुक्केबाज़ी, कुश्ती जैसे लोकप्रिय खेलों की कमर तोड़ डाली है लेकिन भारतीय नज़रिए से मार्शल आर्ट्स खेलों को भारी नुकसान हुआ है।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलूरु, चेन्नई, लखनउ, देहरादून, नैनीताल, शिमला, जैसे शहरों और छोटे बड़े कस्बों में मार्शल आर्ट सिखाने पढ़ाने वाले रिक्शा चलाने, फल सब्जी और सेनेटाइजर बेचने के लिए विवश हैं।कुछ एक ऐसे भी हैं जिनके पास कमाई का कोई ज़रिया नहीं रहा और मजबूर होकर अपराध जगत के साथ जुड़ गये हैं। आख़िर हर एक को अपना और अपने परिवार का पेट भरना है।इन खेलों में सबसे ज़्यादा असर कराटे पर पड़ा है।
एक अनुमान के अनुसार कराटेअपने आप में एक बड़ी भारतीय उद्योग है, जिसमें हर साल कई हज़ार करोड़ का कारोबार होता है, जिसमें खिलाड़ियों की मासिक फीस, बेल्ट, सर्टिफिकेट, मेडल, खेल उपकरण और ड्रेस बेचने का धंधा ज़ोर शोर से चलता है। हालाँकि कराटे और तायकवांडो में भारत की हालत बेहद खराब है लेकिन इन खेलों का फर्जीवाडा जगजाहिर है।
कराटे के दुर्भाग्य की कहानी का असली खलनायक भारतीय कराटे एसोशिएशन(काइ) है जिसने अपने खेल को इस कदर निचोड़ा किउसमे दम ही नहीं बचा।एशियाड और ओलंपिक में शामिल होने की भारतीय संभावनाएँ ख्वाब बनकर रह गई हैं।अधिकारी वर्षों से कुर्सी की लड़ाई लड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि कराटे में पैसे की भरमार है। जितना लूट सको तो लूट। भला दुधारू गाय किसे बुरी लगती है।लेकिन आरोप लगाया जा रहा है कि कराटे के रक्षक ही भक्षक बन चुके हैं और रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी है। जो कोच और ट्रेनर काइ (कई)के अधिकारियों पर हजारों लाखों लुटाते थे बेरोज़गार हो गए हैं।
उधर काइ का घमासान भारतीय ओलंपिक संघ तक पहुँच गया है।दो अलग अलग गुट अपना अपना दावा पेश कर रहे हैं। इस गुटबाजी के कारण पहले से अंतरकलह में डूबी आईओए के प्याले में भी तूफान उठ खड़ा हुआ है। कराटे की लड़ाई अब आईओए की अपनी लड़ाई बन गई है।आरोप प्रत्यारोपों का दौर तेज हो गया है। लेकिन उन कोचों के बारे में कोई नहीं सोच रहा जिनकी कमाई पर उनके परिवार चल रहे थे।
चूँकि कराटे बॉडीकांटेक्ट का खेल है इसलिए इसका पटरी पर आना फिलहाल मुश्किल लगता है।लगभग दस लाख परिवारों की दाल रोटी का इंतज़ाम करने वाले खेल को आने वाले दिनों में और गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। लुटे पिटे अभिभावक और कोच लुटेरे पदाधिकारियों के विरुद्ध लामबंद हुए तो कुछ एक को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है। |
३ अक्टूबर से सलमान खान बिग बॉस के १४वें सीजन को लेकर आ रहे हैं। इसी बीच बिग बॉस १४ पर भी नेपोटिज्म के आरोप लग गए हैं जिसकी वजह से आने वाले दिनों में मेकर्स की मुश्किल बढ़ सकती है। बिग बॉस की एक्स कंटेस्टेंट सोफिया हयात ने दावा किया है कि बिग बॉस १४ के मेकर्स नेपोटिज्म को बढ़ाने के काम कर रहे हैं।
कुछ समय पहले ही बिग बॉस १४ मेकर्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलमान खान ने दर्शकों की मुलाकात कुमार सानू के बेटे जान कुमार से करवाई थी जो कि बिग बॉस १४ के घर के घर में जाने वाले पहले सदस्य हैं। जान कुमार भी अपने पिता की तरह एक बेहतरीन सिंगर हैं। जिस तरह से बिग बॉस १४ के मेकर्स ने जान कुमार को शो का पहला सदस्य बनाया है ये बात सोफिया हयात को कुछ खास पसंद नहीं आई है। |
अल्मोड़ा-(अशोक कुमार पाण्डेय) भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम द्वारा महिलाओं के बारे मे की गई अनर्गल बयानबाजी की कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डेय ने कड़े शब्दों मे निंदा की।इसके साथ ही अल्मोड़ा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डेय के नेतृत्व में चौहानबाटा में भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का पुतला दहन किया तथा जोरदार नारेबाजी की।इस अवसर पर जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डेय ने कहा कि भाजपा प्रदेश प्रभारी द्वारा महिलाओं पर की गयी टिप्पणी बेहद शर्मनाक है।इसके लिए भाजपा प्रदेश प्रभारी को माफी मांगनी चाहिए।पुतला दहन कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डेय, नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी,महिला जिलाध्यक्ष लता तिवारी,जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारा चंद्र जोशी,नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला,जिला महामंत्री राधा बिष्ट,जिला उपाध्यक्ष विनोद वैष्णव,यूथ प्रदेश प्रवक्ता वैभव पाण्डेय,जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक,जिला सचिव दीपांशु पाण्डेय सहित नगर के कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
घनसाली बाजार में चलाया प्लास्टिक उन्मूलन अभियान ।
घनशाली(डीपी उनियाल) टिहरी जनपद के नगर पंचायत घनसाली में प्लास्टिक उन्मूलन अभियान अध्यक्ष शंकर पाल सिंह सजवाण व अधिशासी अधिकारी सुशील बहुगुणा नेतृत्व में चलाया गया। नगर पंचायत घनसाली में पूरे बाजार में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया गया जिसमें अधिशासी अधिकारी और अध्यक्ष के अलावा सभासदों यशपाल सिंह, शूरवीर सिंह, सुरजीत सिंह, गंगा सिंह तथा निकाय के सभी कार्मिकों व पर्यावरण मित्रों ने सहयोग किया , ९ किलो ग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक एकत्रित करते हुए कूड़ा के सेग्रीगेशन स्थल पर बिक्रय हेतु रखा गया है । अधिशासी अधिकारी सुशील बहुगुणा ने बताया कि स्वच्छता अभियान हर पखवाड़े चलाया जाएगा ताकि घनसाली बाजार में सफाई व्यवस्था रहे । उन्होंने कहा कि बाजार में निवासरत सभी जन प्रतिनिधियों व व्यापारियों का सहयोग जरूरी है। स्मरण रहे कि टिहरी बांध बन जाने के बाद घनसाली बाजार का विकास हुआ है तथा प्रतिष्ठानों की संख्या बढ़ी है । |
विद्फोम.कॉम फॉर यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) हिंदी में एनसीईआरटी समाधान विस्तृत विवरण के साथ सभी महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं जिसका उद्देश्य छात्रों को अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करना है। जो छात्र अपनी यूपी बोर्ड कक्षा १० की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें विद्फोम.कॉम फॉर यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) हिंदी में न्सर्ट सॉल्यूशंस से गुजरना होगा। इस पृष्ठ पर दिए गए समाधानों के माध्यम से जाने से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि समस्याओं का दृष्टिकोण और समाधान कैसे किया जाए।
यदि आप १० वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं और अपने स्कूली जीवन की अंतिम परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आप सभी को शुभकामनाएँ। आपको इसकी बुरी तरह आवश्यकता होगी। आखिरकार, यह परीक्षा आपके जीवन में निर्धारण कारक की भूमिका निभाने वाली है। एक तरफ, यह परीक्षा आपके लिए पढ़ाई की सही स्ट्रीम चुनने में आसान बनाएगी जो आपके लिए एकदम सही होगी।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ३ से ४ महीनों बाद बोर्ड की परीक्षाएं आरंभ हो जाएंगी। जो विद्यार्थी १०वीं की परीक्षाओं में सम्मलित होने जा रहे हैं उनके लिए विज्ञान के पेपर का हल आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इसमें एनसीईआरटी की किताब में जो प्रश्न दिये गए हैं उनका विस्तृत उत्तर दिया गया है। इसलिए इस आलेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें। इस आर्टिकल में प्रश्नों के साथ-साथ उनके विधिवत उत्तर भी दिये गये हैं। तो आईए जानते हैं विज्ञान के प्रश्नों का हल। छात्र ध्यान दें कि यह हल केवल एनसीईआरटी सिलेबस से परीक्षा देने वाले छात्रों के लिये उपयोगी है।
अब, जब आप अपने बोर्डों में एक असाधारण परिणाम करने की सोच रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि आप इसे करने का सही तरीका खोजने के बारे में सोचें। तो, यह क्या हो सकता है? ठीक है, यदि आप वास्तव में अच्छा स्कोर करने के इच्छुक हैं, तो यह आवश्यक है कि आप कक्षा १० के लिए एनसीईआरटी के समाधान पर अपना हाथ डालें।
ये समाधान इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं ताकि आप न केवल पाठ्यक्रम और विषयों में एक उचित जानकारी प्राप्त कर सकें, बल्कि अपनी तैयारी को सावधानीपूर्वक शुरू कर सकें।
छात्र एनसीईआरटी पूर्णांक, अभ्यास और अध्याय प्रश्नों के पीछे भी पा सकते हैं। साथ ही विद्फोम.कॉम फॉर यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) हिंदी में एनसीईआरटी सॉल्यूशंस पर काम करना छात्रों को उनके होमवर्क और असाइनमेंट को समय पर हल करने के लिए सबसे अधिक उपयोगी होगा। विद्फोम.कॉम फॉर यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) हिंदी में पीडीएफ के लिए छात्र एनसीईआरटी सॉल्यूशंस को ऑफलाइन मोड में भी एक्सेस करने के लिए डाउनलोड कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है कि यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान"के अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) नोट्स हिंदी में आपकी मदद करेंगे। यदि आपके पास यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" के अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) नोट्स हिंदी में के लिए के बारे में कोई प्रश्न है, तो नीचे एक टिप्पणी छोड़ दें और हम जल्द से जल्द आपके पास वापस आ जाएंगे।
हम आशा करते हैं हमारा एनसीईआरटी समाधान कक्षा १० विज्ञान आपके लिए उपयोगी साबित होगा। छात्र हमारे आर्टिकल्स से सभी एनसीईआरटी की किताबें और उनके हल प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको आर्टिकल पसंद आया तो कृपया अधिक से अधिक शेयर करें। |
पुलिस ने पिठौरिया थाना क्षेत्र में छापेमारी कर लगभग ३० लाख रुपये का विदेशी शराब जब्त किया है।
विशेष टीम गठित कर छापेमारी की गई छापेमारी के दौरान ५ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
न्यूस्टोदएज : रांची के पिठौरिया थाना क्षेत्र के ओएना गांव में अवैध तरीके से चलाए जा रहे शराब फैक्ट्री का पुलिस ने खुलासा किया हैं। पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि पुलिस ने पिठौरिया थाना क्षेत्र में छापेमारी कर लगभग ३० लाख रुपये का विदेशी शराब जब्त किया है।
बताया जा रहा है कि एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को गुप्त सूचना मिली थी कि इलाके में अवैध तरीके से शराब फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। सूचना के बाद एक विशेष टीम गठित कर छापेमारी की गई छापेमारी के दौरान ५ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार लोगों में राहुल शर्मा, नितय बनर्जी, गौतम, बिट्टू और तापस मंडल शामिल है। ग्रामीण एसपी नौशाद आलम के नेतृत्व में एसएसपी की की बाटी टीम और स्थानीय थाने में छापेमारी की। क्यूआरटी टीम का नेतृत्व एएसआई शाह फैसल कर रहे थे।
ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि लंबे समय से मुख्य आरोपित राहुल शर्मा अवैध नकली विदेशी शराब का कारोबार कर रहा था। झारखंड के अलावा बिहार, यूपी, हरियाणा,अरुणाचल प्रदेश ,दिल्ली और पंजाब सहित कई अन्य राज्यों में अवैध शराब का खेप भेजा करता था।
अभी तक ५० लाख से ज्यादा का नकली विदेशी शराब मार्केट में सप्लाई कर चुका है । एक बोतल शराब बनाने में २०० खर्च होते थे। उसे महंगे दामों में बेचा जाता था। छापेमारी के दौरान नामी-गिरामी कंपनियों के स्टिकर और रेफर बरामद किए गए हैं। |
वाराणसी। लामा फाइट क्लब एंड फिटनेस सेंटर की ११वीं एनिवर्सरी धूमधाम से तेलियाबाग स्थित सेंटर पर मनाई गई। मुख्य अतिथि वीडीए के सदस्य अमरीश सिंह भोला एवं विशिष्ट अतिथि जिला ओलंपिक संघ के सचिव शम्स तबरेज शैंपू, गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी सोनी चौरसिया एवं बरेली के रतन गुप्ता रहे। इस अवसर पर शिवांगी गुप्ता ने कथक डांस एवं जागृति दवे ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी।
मार्शल आर्ट का प्रदर्शन मुस्कान बिजलानी, वेदिका सिंह, अंजली कुमारी, अजय एवं अनंत ने किया। वही दिव्यांशी यादव, आस्था गुरुंग. आर्य दवे ने वेस्टर्न डांस का प्रदर्शन किया। अभिनव ने गिटार पर फिल्मी सॉन्ग सुना कर सबका मन मोहा। नैंसी चौरसिया व दुर्गा थापा ने मिमिक्री एक्ट किया और डॉडायटीशियन निवेदिता मिश्रा ने बैलेंस डाइट के बारे में जानकारियां दी। कार्यक्रम में गूमा कुमारी थापा, विजय गौड़, उदय शर्मा, सौरभ तिवारी, मार्गरेट देवी, विष्णु चौरसिया आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गोपालजी सेठ ने किया। |
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शिव का अद्भुत, अकल्पनीय और अलौकिक संसार। के आंगन के विस्तार के बाद जो भव्य और सुंदर दृश्य सामने आए, उसे हम महाकाल लोक के नाम से जानेंगे। ११ अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे देश को समर्पित करेंगे। दिव्यता, भव्यता और आध्यात्मिकता के इस संगम ने ४ साल की मेहनत के बाद आकार लिया है। के बाद अब दूसरे फेज का काम होगा।
पूरे महाकाल लोक (फर्स्ट फेज) में १५ हजार टन राजस्थानी पत्थर लगाया गया है। महाकाल लोक पहले चरण में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से ४ गुना बड़ा है। दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद यह ९ गुना बड़ा हो जाएगा। पूरे कैंपस को घूमने और दर्शन के लिए ४ से ५ घंटे का वक्त लगेगा।
जानते हैं महाकाल लोक आखिर है क्या?
महाकाल के आंगन को ८५६ करोड़ रुपए की लागत से २ फेज में डेवलप किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद २,८ हेक्टेयर में फैले महाकाल का पूरा एरिया ४७ हेक्टेयर का हो जाएगा। ९४६ मीटर लंबे कॉरिडोर पर चलते हुए भक्त महाकाल मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेंगे। कॉरिडोर पर चलते हुए उन्हें बाबा महाकाल के अद्भुत रूपों के दर्शन तो होंगे ही, शिव महिमा और शिव-पार्वती विवाह की भी गाथा देखने-सुनने को मिलेगी।
महाकाल लोक के बनने के बाद यह एकमात्र ऐसा मंदिर बन गया है, जहां श्रद्धालु दर्शन के साथ शिव से जुड़ी हर कहानी जान सकते हैं। बनाते समय पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखा गया है। विशेष पौधे मंगाए गए। इसके अलावा शमी, बेलपत्र, , पीपल, रुद्राक्ष और वटवृक्ष भी रोपे गए हैं। महाकाल वन का हिस्सा है। कारण है कि इसे इसी अनुसार डिजाइन किया गया है।
उज्जैन में करीब ४७ हेक्टेयर में विकसित हो रहे महाकाल लोक की कल्पना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के आने के साथ ही की गई। सिटी में उज्जैन का नाम शामिल होते ही सबसे पहले २.८ हेक्टेयर में फैले महाकाल के आंगन को सजाने के साथ ही विस्तार का सुझाव आया। महाकालेश्वर मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार ने ५ साल पहले इसकी सैद्धांतिक सहमति दी। ये योजना ३०० रुपए की थी।
के बाद महाकाल परिसर के साथ रुद्रसागर तालाब को सजाने का प्लान तैयार हुआ। तय हुआ कि दो अलग-अलग फेज में विस्तार किया जाएगा। २०१७ से २०१८ में प्रोजेक्ट के लिए ८७० करोड़ रुपए का बजट मंजूर कर दप्र और टेंडर निकाला गया। इसके बाद यहां मूर्तियां, म्यूरल के साथ परिसर को सजाने का काम शुरू हुआ। लिए खासतौर पर राजस्थान का बंसी पहाड़पुर पत्थर बुलवाया गया।
लोक की कल्पना को साकार करना चुनौतियों से भरा था। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह बताते हैं- सबसे बड़ा चैलेंज ८०० घरों और उनमें रहने वाले परिवारों को शिफ्ट करना था। थे। पढ़ाई का नुकसान भी नहीं होने देना था। मंथन के बाद सभी बच्चों को २ स्कूलों में शिफ्ट किया गया। नई चुनौती होती थी। मुद्दे थे, भी समाधान करना था। दूसरा चैलेंज था- की सफाई। कम ने भी कहा- फंड की कमी नहीं आने देंगे, काम समय पर चाहिए।
रुद्रसागर तालाब को साफ-सुथरा बनाने के लिए ४० लोगों ने डेढ़ महीने जलकुंभी हटाने के लिए दिन-रात एक किया। आसपास के सीवेज का गंदा पानी गिरता था। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया- तालाब के कायाकल्प के लिए सबसे पहली परेशानी इसमें मिल रहे गंदे नाले ही थे। १२ हजारा घरों का सीवरेज रुद्रसागर में गिरता था। तालाब की खुदाई कर इसमें मिल रहे ५ सीवेज पॉइंट को बंद कर हाउसहोल्ड कनेक्शन कराने की प्रोसेस शुरू की। बायपास कर अलग से लाइन डाली गई।
में गिरने वाले नालों का पानी रोका गया तो अब एक और चैलेंज ये था कि इसमें सालभर पानी कैसे रहे। , नालों और बारिश के पानी से ही भरता था। भी गर्मी में सूख जाता है। आशीष सिंह ने बताया कि इसके लिए प्लानिंग की और शिप्रा नदी से रुद्रसागर को जोड़ा गया। बीच में एक पम्पिंग स्टेशन बनाया है। ९ महीने की मेहनत के बाद रुद्रसागर निखर गया। रूद्रसागर विस्तारीकरण के लिए २० करोड़ की प्रस्तावित योजना में से १० करोड़ रुपए तो सिर्फ सीवरेज रोकने और जलकुंभी हटाने में खर्च हो गए।
लोक में ३८४ मीटर लंबी म्यूरल्स वॉल बनाई गई है। इस पर शिव की २५ कथाओं को ५२ म्यूरल्स में प्रदर्शित किया गया है। इन कथाओं में अधिकांश शिव पुराण, श्रीमद् भागवत, देवी भागवत और अन्य ग्रंथों से लिया गया है। निर्माण एजेंसी के विशेषज्ञ विनोद झालावाड़िया कहते हैं- म्यूरल्स वॉल बनाना मुश्किल था। इसके लिए पौराणिक शास्त्रों को खंगालना, कथाएं तय करना, उन कथाओं को मंदिर समिति, पुजारी-पुरोहित, सांस्कृतिक समिति से स्वीकृत कराना धैर्य का काम था। भी मुश्किल था, उन्हें बनाने के लिए कलाकारों का चयन। बनाने में १० महीने का वक्त लगा।
प्रोजेक्ट हेड कृष्ण मुरारी शर्मा कहते सबसे पहले क्राउड मैनेजमेंट को ध्यान में रखकर महाकाल लोक को डिजाइन किया गया। तैयार किए, बिगड़ गए। नए तैयार किए, तो उनमें भी कुछ कमी रह गई। टूरिज्म के बढ़ावे को ध्यान में रखकर प्रोजेक्ट तैयार किया। संख्या को ध्यान में रखा गया। हम कुछ ऐसा बनाना चाहते थे कि जो भी भक्त दर्शन करने आए, एक-दो दिन यहां रुके। होने से शहर में टूरिज्म को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे।
१२ अक्टूबर से महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था में देश का सबसे सुव्यवस्थित मंदिर हो जाएगा। यहां दर्शन व्यवस्था अगले ५० साल को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं को सबसे बड़ी सुविधा बिना भीड़ के और कम समय में दर्शन की व्यवस्था मिलेगी। रात में सोने की तरह दमकने वाले महाकाल लोक में सुंदरता के साथ आम श्रद्धालुओं को शिवरात्रि, नागपंचमी और सिंहस्थ जैसे लिए दर्शन की ऐसी बेहतर व्यवस्था बनाई जा रही है, जो देश के किसी मंदिर में नहीं है। भी त्योहार पर न तो महाकाल पहुंचने वाले वाहनों को शहर से दूर रोका जाएगा और न ही कई किमी पैदल चलना होगा। श्रद्धालुओं को पार्किंग से लेकर महाकाल दर्शन तक पहुंचने में सिर्फ २० मिनट लगेंगे। घंटे में ३० हजार लोग दर्शन कर सकेंगे। व्यवस्था ऐसी होगी कि एक दिन में १० लाख श्रद्धालु भी पहुंच जाएं, तो उन्हें दर्शन कराए जा सकते हैं। फेस-१ की व्यवस्था है, उद्घाटन होगा।
लोक में पिनाकी द्वार से एंट्री करते ही सबसे पहले नवग्रह के दर्शन होंगे। भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है।
फेस-२ की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। को ध्यान में रखकर प्लान किया गया है। सिंहस्थ के दौरान इंदौर, रतलाम, देवास, मक्सी जैसे किसी भी शहर से उज्जैन आने पर सिंहस्थ मेले के डेढ़ किमी नजदीक गाड़ियां पार्क हो सकेंगी। को मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए न तो कई किमी पैदल चलना होगा और न ही किसी पास की जरूरत होगी। डेढ़ किमी क्षेत्र में भी तिरुपति की तरह बैटरी वाली सरकारी गाड़ियां चलेंगी।
३० सितंबर २०२३ तक महाकाल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए २५०० गाड़ियों की पार्किंग तैयार हो जाएगी। वहीं, सिंहस्थ को लेकर ७ हजार गाड़ियों की स्थाई पार्किंग व्यवस्था नदी के किनारे ही बनाई जा रही है। लिए क्षिप्रा किनारे कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
२७ सितंबर को पहली बार उज्जैन में कैबिनेट बैठक हुई। के महाराज भगवान महाकाल ने की। मुख्य सीट पर बाबा महाकाल की तस्वीर को आसीन किया गया। कम शिवराज और मंत्रिमंडल के दूसरे सदस्य बैठे। कम ने यहीं से कॉरिडोर को महाकाल लोक का नाम दिया। साथ ही कहा- महाकाल महाराज से सबके कल्याण की कामना करता हूं। यहां के राजा हैं, लोग सेवक हैं। नाते हम लोग महाकाल महाराज से प्रार्थना कर रहे हैं।
में प्रवेश करते ही शांति के साथ भक्ति का माहौल मिलेगा। यहां मिड-वे जोन के तहत पूजन सामग्री की शॉप, फूड जोन, रेस्टोरेंट की सुविधा मिलेगी। पार्क के तहत महाकाल की कथाओं से युक्त म्यूरल वॉल, सप्तसागर के लिए डेक एरिया और डेक के नीचे शॉपिंग क्षेत्र और बैठने की व्यवस्था भी है। त्रिवेणी संग्रहालय के पास कार, बस और दोपहिया वाहन की पार्किंग बनाई गई है। ६०० अधिक गाड़ियां पार्क की जा सकेंगी। में धर्मशाला व अन्नक्षेत्र भी बनने शुरू हो चुके हैं।
की ओर जाने वाले पैदल मार्ग का कायाकल्प, फेरी व ठेले वालों के लिए अलग से व्यवस्था है। तत्वों के प्रयोग द्वारा गलियों का सौन्दर्यीकरण, रामघाट पर सिंहस्थ थीम आधारित डायनामिक लेजर शो किया गया है। छोटा रुद्रसागर लेक फ्रंट विकास योजना में लैंड स्केपिंग समेत मनोरंजन केंद्र, वैदिक वाटिका, योग केंद्र, मंत्र ध्वनि स्थल व पार्किंग का विकास हो रहा है।
लोक को चारों ओर से खुला बनाया जा रहा है। चार द्वार हैं- पिनाकी, शंख, नंदी और नीलकंठ। फेज में एक या दो मुख्य द्वार और बनाए जाएंगे। गेट से आप महाकाल लोक कैम्पस में प्रवेश कर सकते हैं। से पिनाकी द्वार मिलेगा। नीलकंठ द्वार बेगमबाग, शंख द्वार गणेश मंदिर के ठीक सामने और नंदी द्वार के लिए त्रिवेणी संग्रहालय के पास से रास्ता है।
का मुख्य द्वार नंदी है। है। आगे गणेश भगवान की बड़ी प्रतिमा है, सामने नंदी द्वार है। में प्रवेश करते ही ठीक सामने १०८ स्तंभ हैं। इन स्तंभों पर भगवान शिव के नटराज स्वरूप की अलग-अलग मुद्राओं को उकेरा गया है। सीधे हाथ पर २५ फीट ऊंची दीवार पर शिव गाथा उकेरी गई है। पर कमल सरोवर है। की प्रतिमा विराजित की गई है। शंकर यहां निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हुए नजर आ रहे हैं। सामने ४ शेर बनाए गए हैं। रुद्रसागर है।
भी रुद्रसागर के किनारे से ही है। द्वार से घुसते ही नवग्रह के साथ गजानन और कार्तिकेय के दर्शन होंगे। त्रिपुरासुर वध की गाथा भी देखने-सुनने को मिलेगी। यहां छोटे से पार्क में त्रिशूल के साथ रुद्राक्ष, डमरू और ओम की आकृति उकेरी गई है। त्रिपुरासुर के वध के समय धनुष उठाया था। पिनाक के नाम से जाना जाता है। शिखर पर धनुष की आकृति भी बनी है।
आगे महाकाल पथ में २५ दीवारों पर करीब ५२ और सप्तऋषि पर २८ म्यूरल बनाए गए हैं। म्यूरल रूद्रसागर के सामने है। में कुल ८१ बने हैं।
१८ ८ : नटराज, गणेश, कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार, पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर महादेव की कहानी, शिव और सती और समुद्र मंथन दृश्य।
१५ ऊंची २३ : शिव नृत्य, ११ रुद्र, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बरात, मणिभद्र, गणेश व कार्तिकेय के साथ पार्वती, सूर्य, कपालमोचक शिव।
११ १७ : प्रवेश द्वार पर गणेश, अर्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, कश्यप और जमदग्नी।
१० की ८ : लेटे हुए गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लकुलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश।
९ की 1९ : यक्ष, यक्षिणी, सिंह, बटुक भैरव, सती, पार्वती, ऋषि भृंगी, विष्णु, नंदीकेश्वर, रावण, श्रीराम, परशुराम, अर्जुन, सती, ऋषि शुक्राचार्य, शनिदेव और ऋषि दधिचि।
को हेरिटेज होटल में तब्दील किया जाएगा। मंदिर से जोड़ा जाएगा। और महाकाल थाने को हटाया जाएगा। वाले मैदान में पार्किंग और महाकाल थाना बनेगा। सामने एक नया कॉरिडोर बनेगा। रुद्रसागर पर ब्रिज और मंदिर के पास प्रवचन हॉल, अभिषेक स्थल बनाया जाएगा। सड़कों को भी चौड़ा किया जाएगा। इसके अलावा छोटा रुद्रसागर तट, रामघाट का सौंदर्यीकरण, पार्किंग व पर्यटन सूचना केंद्र, हरि फाटक पुल का चौड़ीकरण, रेलवे अंडरपास, महाकाल द्वार और प्राचीन बेगमबाग मार्ग को संवारा जाएगा। |
दुनिया के ५ सबसे महंगे स्मार्टफोन: कई कंपनियों ने इस साल फ्लैगशिप स्मार्टफोन लॉन्च किए हैं। वहीं, आपोल और सैमसंग के ऐसे स्मार्टफोन आ रहे हैं, जिनकी कीमत बढ़कर रु। वर्तमान में, आपोल के पास इफोन १३ प्रो मैक्स है जो एक मिलियन से अधिक में बिकता है। सैमसंग के पास एक मिलियन से अधिक गैलेक्सी स२२ अल्ट्रा हैं। आपको लगता होगा कि ये फोन सबसे महंगे स्मार्टफोन होंगे। लेकिन यह सच्चाई नहीं है। आज हम आपको दुनिया के ५ सबसे महंगे स्मार्टफोन के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी कीमत इतनी है कि आप भी यही कहेंगे, ये लीजिए आप एक बंगले में आ जाएं।
कैवियार आईफोन १२ प्रो प्योर गोल्ड दुनिया के सबसे महंगे स्मार्टफोन्स में से एक है। इसके केवल सात फोन ही बने थे। फोन की कीमत १२2,००० डॉलर यानी ९.१ लाख रुपये है। यदि आप इस फोन को भारत में ऑर्डर करते हैं, तो यह टैक्स और अन्य शुल्कों के कारण और अधिक महंगा हो जाएगा। इस फोन की खास बात यह है कि इसमें १8 कैरेट सोना और हीरे लगे हैं। इसलिए यह फोन काफी महंगा है। यह इफोन १२ प्रो की तरह ही काम करता है। यदि आप नवीनतम तकनीक को विलासिता के स्पर्श के साथ जोड़ना चाहते हैं, तो यह फोन आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
गोल्डविश ले मिलियन की कीमत भी लाखों में है। इसे स्वीडिश कंपनी गोल्डविश ने बनाया है। इस फोन को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने २००६ में दुनिया के सबसे महंगे मोबाइल फोन के रूप में मान्यता दी थी। फोन के शरीर पर १२०,००० हीरे लगे हैं, और १८ कैरेट सोने का भी उपयोग किया जाता है। इसकी कीमत करीब ७७ करोड़ है। कंपनी ने केवल ३ मॉडल तैयार किए।
फोन भी दुनिया में सबसे महंगे में से एक है। इसकी कीमत भी लाखों में है। जो चीज इस फोन को खास बनाती है, वह है इसके पीछे लगाई गई २०० साल पुरानी अफ्रीकी काली लकड़ी। इसके अलावा ४५.५ कैरेट काले हीरे और १८० ग्राम सोना स्थापित है। कंपनी ने फोन के केवल तीन वेरिएंट तैयार किए। इस स्मार्टफोन की कीमत करीब ७.१ करोड़ रुपये है।
डायमंड क्रिप्टो स्मार्टफोन की कीमत करोड़ों में है। इसे ऑस्ट्रियाई ज्वैलर पीटर एलिसन और रूसी कंपनी ज्स्क एनकोर्ट ने बनाया था। फोन के साइड में ५० डायमंड लगे हैं। इसमें ५ नीले हीरे भी लगे हैं। इसका लोगो भी १८ कैरेट सोने से बना है। इसकी कीमत करीब ९.३ करोड़ रुपये है। फोन रूसी टाइकून के लिए बनाया गया था। फोन में उन्नत एन्क्रिप्शन भी है।
उपस्क एक्सम: आवेदन पत्र भरते समय भूल भी जाएं तो न करें ये गलती, वरना पछताएंगे आप! |
एरिका फर्नांडिस, जो कुछ रंग प्यार के ऐसे भी में अपने कथानक के लिए जानी जाती हैं और कसौटी जिंदगी की सबसे ज्यादा ट्वीट्स के साथ ऑनलाइन ट्रेंड कर रही हैं।
हाल ही में एक साक्षात्कार में, अपने रिश्ते की स्थिति और प्रशंसकों के बारे में हस्तग के तहत खुलती है # एरिक्फर्नेनदेस आगे उसके आगे जिंदगी के लिए कामना करते है। अभिनेत्री ने खुलासा किया कि वह किसी ऐसे व्यक्ति को पसंद करती हैं जो इस इंडस्ट्री से नहीं है। वह ३ साल से रिलेशनशिप में है। इसके साथ ही एरिका ने अपनी सह-कलाकार पार्थ समर्थन के साथ रिश्ते में होने की अफवाहों पर भी पूर्ण विराम लगा दिया।
उनके साक्षात्कार के तुरंत बाद एरिका फर्नांडीस के वफादार प्रशंसकों ने उनकी ईमानदारी की सराहना की। अपने पसंदीदा स्टार के बारे में अधिक प्रशंसकों ने क्या कहा, इसकी जाँच करें!
इस बीच, एरिका फर्नांडिस और पार्थ समथान स्टारर कसौटी जिंदगी की ने कल शूटिंग शुरू कर दी। अनुराग बसु का किरदार निभाने वाले अभिनेता पार्थ समथान सेट पर स्पॉट किए गए। और शो की वापसी की खबर पहले से ही कसौटी ज़िन्दगी के प्रशंसकों को रोमांचक लगी। शो में करण पटेल के रूप में एक नई प्रविष्टि भी देखी जाएगी। करण ने मि। बजाज के रूप में करण सिंह ग्रोवर की जगह ली।
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छत्रसाल स्टेडियम में चार मई की रात हुई वारदात और युवा पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड के मुख्य आरोपी ओलंपियन सुशील पहलवान और अजय कुमार अब पुलिस हिरासत में हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच में मिले सबूत-गवाह भी दोषियों को सजा दिलाने के लिए काफी हैं। लेकिन अब दिल्ली पुलिस की असली परीक्षा कोर्ट के समक्ष होनी है। पुलिस की नजर में भले ही इस समय मौजूदा गवाह और सबूत आरोपी के खिलाफ पक्के और सही हों, लेकिन पुलिस के सामने इसे कानूनी रूप से साबित करना एक बड़ा चैलेंज होगा। यदि पुलिस कोर्ट में मजबूती से खड़ी नहीं हो पाती है तो आरोपी को उसका सीधा फायदा मिल सकता है।
अब तक की जांच के अनुसार दिल्ली पुलिस के पास चश्मदीद गवाह हैं जो घटना की रात हुए हमले में घायल हुए थे। वहीं मारे गए युवा पहलवान सागर धनखड़ के परिजनों के लिखित बयान भी सबूत के तौर पर अदालत में पेश किए जाने हैं। सुशील पहलवान, जिसे कथित तौर पर फरार साथी अजय के साथ २३ मई २०२१ को दिल्ली के मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया था, इन दोनों को मुख्य आरोपी के तौर पर पुलिस की टीम अदालत में पेश करेगी। बता दें कि आरोपी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की जांच कर रही टीम मामले में मुख्य आरोपी सुशील पहलवान द्वारा बनवाई गई घटना की मोबाइल वीडियो क्लिप पेश करेगी. मौकाए वारदात कार से बरामद सुशील पहलवान की लाइसेंसी पिस्टल, सीसीटीवी फुटेज भी जांच एजेंसी कड़े सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश करेगी।
लेकिन बचाव पक्ष यानि आरोपियों के वकील इन गवाहों पर जिरह कर और अदालत में सबूत पेश कर उन्हें कमजोर साबित करने की पूरी कोशिश करेंगे। फिलहाल बचाव पक्ष के वकील पुलिस के अगले एक्शन के इंतजार में हैं। आरोपियों (सुशील पहलवान और अजय कुमार) को पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने पर पुलिस कोर्ट में हाजिर करेगी। इसी समय आरोपी के वकील अपने क्लाइंट को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर जेल भिजवाने का प्रयास करेंगे। इस संबंध में कानूनी विशेषज्ञों की माने तो फिलहाल सबूतों व गवाहों में किसी तरह की कमी नहीं है, लेकिन यह विटनेस और एविडेंस कब तक अदालत में टिक पाएंगे यह अभी नहीं कहा जा सकता। क्योंकि इन्हीं सबूतों पर इस केस का भविष्य टिका है।
कानूनी सलाहकारों का मानना है कि घटनास्थल से मिली कार से सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल क्लिप और सुशील कुमार की लाइसेंसी पिस्टल बरामद हुई जोकि पक्के एविडेंस हैं। कोर्ट इन सभी मामलों को भी देखेगा। जरूरी ये है कि इन सबूतों से छेड़छाड़ न हो इसका ध्यान रखा जाए। पुलिस को एफएसएल से सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल क्लिप की प्रामाणिकता रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी होगी। बता दें कि यह प्रमाण पत्र भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा ६५-बी के तहत न्यायालय में पेश करनी होती है। खासकर वीडियो क्लिप सरीखे साक्ष्य के मामले में तो न्यायालय में दृढ़ता से विचार किया जाता है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की माने तो छत्रसाल हत्याकांड में इस समय पुलिस आरोपियों से ज्यादा मजबूत दिख रही है। कारण यह कि घटना के समय मुख्य आरोपी सुशील पहलवान खुद मौके पर मौजूद थे। रिपोर्ट्स की माने तो वीडियो में वे खुद ही पीड़ितों को पीटते नजर आ रहे हैं, जिनमें से एक पीड़ित की बाद में मौत हो जाती है। ऐसे में मामला अपहरण और हत्या के प्रयास से हत्या में तब्दील हो गया है। पुलिस ने सुशील के साथी बदमाश के पास से जो मोबाइल क्लिप बरामद की है, उसे सुशील कुमार ने खुद ही बनवाया था। ये सभी सबूत न्यायालय में आरोपियों पर आरोप सिद्ध करने के लिए बहुत है। यह सब जांच टीम पर निर्भर करेगा कि वह अदालत में इन सबूतों को कितनी गंभीरता और मजबूती से प्रस्तुत करती है।
विशेषज्ञों के अनसुार अदालत न केवल सबूतों बल्कि जांच एजेंसी और बचाव पक्ष के वकीलों तर्कों को भी तरजीह देती है। हत्या जैसे गंभीर मामलों की सुनवाई के दौरान यदि जांच एजेंसी और वकील अपना पक्ष ठीक से आदलत में नहीं रख पाते हैं तो फिर सबूत और गवाह भी ज्यादा समय तक नहीं टिक पाते हैं। ऐसे में इसका परिणाम क्या होगा ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस पूरे केस में एक बात तो तय है कि जिस तरह के एविडेंस हैं उससे आरोपी सुशील कुमार को जमानत मिलना आसान नहीं होगा।
कायदे से, जब भी कोई लाइसेंस धारक किसी गंभीर मामले में पकड़ा जाता है, तो जांच एजेंसी सबसे पहले उसके लाइसेंसी हथियारों और हथियारों के लाइसेंस को अपने कब्जे में लेती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच कर रही टीम के पास सुशील पहलवान की लाइसेंसी पिस्टल है। अब पुलिस उसके शस्त्र लाइसेंस की तलाश कर रही है। चूंकि सुशील पहलवान अब खुद पुलिस रिमांड पर है, इसलिए पुलिस को उसके शस्त्र लाइसेंस के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। कानून और पुलिस विशेषज्ञों के मुताबिक, जहां तक सुशील पहलवान के मामले की बात है तो पुलिस हिरासत में उसके हथियार और लाइसेंस दोनों को तत्काल निलंबित (निलंबित) करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
इसके लिए जांच दल शस्त्र लाइसेंस जारी करने वाले कार्यालय को पूरे आपराधिक मामले का हवाला देते हुए लेटर लिखेगा। साथ ही दिल्ली पुलिस सिफारिश करेगी कि उपरोक्त धारक के लाइसेंस और हथियार जब्त कर लिए गए हैं और अदालती फैसला आने तक इन्हें निलंबित रखा जाए। शस्त्र लाइसेंस धारक के खिलाफ जब तक मामला अदालत में जाता है, लाइसेंस पुलिस/जिला मजिस्ट्रेट जिसने भी लाइसेंस जारी किया है उनके पास रहेगा। वहीं, यदि जांच दल हथियार जमा करना चाहे है तो उसे जहां मामला दर्ज किया गया है उस थाने परिसर में जमा करा देगा।
नौतपा में प्रचंड गर्मी बढ़ने का खगोलीय और ज्योतिषीय कारण जानिए, जातकों पर ये होगा असर?
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फतेहपुर।सचिव (पूर्ण कालिक) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर के तत्वाधान में शनिवार को जनपद फतेहपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। जिसमें सुलह समझौता एवं संस्वीकृति के आधार पर आपराधिक शमनीय वाद, धारा १३८ परक्राम्य पर लिखित अधिनियम, बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकरवाद वैवाहिक वाद श्रम वाद, भूमि अधिग्रहण वाद, विद्युत एवं जल बिल विवाद (अशमनीय वादों को छोड़कर) वेतन भत्तों एवं सेवानिवृत्ति लाभों से सम्बन्धित सेवा प्रकरण, राजस्व वाद, अन्य दिवानी वाद (किरायेदारी, सुखाधिकारनिषेधाज्ञा वाद एवं विशिष्ट अनुतोष आदि) सुलह-समझौता/संस्वीकृति के आधार पर निस्तारित होने योग्य मामले निस्तारित किये जायेंगे ।
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कोविड-१९ के सम्बन्ध में मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन करते हुए उक्त मामलों का निस्तारण किया जायेगा ।
अतः सर्व सम्बन्धित को सूचित किया जाता है कि उपरोक्त से सम्बन्धित कोई वाद किसी भी व्यक्ति का जिस न्यायालय में लम्बित हो सम्बन्धित न्यायालय/जिला विधिक सेवा प्राधीकरण के कार्यालय में सम्पर्क कर अपने वाद को राष्ट्रीय लोक अदालत में नियत कराकर लाभान्वित हो ।
जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों पर बाहर से दवा लिखने का आरोप, जिलाधिकारी से की शिकायत, |
कवि करुणामय ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि उसे जीवन में विपदा दें साथ ही उन विपदाओं से लड़ने की शक्ति भी दें ताकि वह इन मुश्किलों पर विजय पा सके। उसका विश्वास अटल रहे।
२. 'विपदाओं से मुझे बचाओं, यह मेरी प्रार्थना नहीं' कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है?
कवि का कहना है कि हे ईश्वर मैं यह नहीं कहता कि मुझ पर कोई विपदा न आए, मेरे जीवन में कोई दुख न आए बल्कि मैं यह चाहता हूँ कि मुझ इन विपदाओं को सहने की शक्ति दें।
३. कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?
कवि सहायक के न मिलने पर प्रार्थना करता है कि उसका बल पौरुष न हिले, वह सदा बना रहे और कोई भी कष्ट वह धैर्य से सह ले।
४. अंत में कवि क्या अनुनय करता है?
अंत में कवि अनुनय करता है कि चाहे सब लोग उसे धोखा दे, सब दुख उसे घेर ले पर ईश्वर के प्रति उसकी आस्था कम न हो, उसका विश्वास बना रहे। उसका ईश्वर के प्रति विश्वास कभी न डगमगाए।
५. 'आत्मत्राण' शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
आत्मत्राण का अर्थ है आत्मा का त्राण अर्थात आत्मा या मन के भय का निवारण, उससे मुक्ति। कवि चाहता है कि जीवन में आने वाले दुखों को वह निर्भय होकर सहन करे। दुख न मिले ऐसी प्रार्थना वह नहीं करता बल्कि मिले हुए दुखों को सहने, उसे झेलने की शाक्ति के लिए प्रार्थना करता है। इसलिए यह शीर्षक पूर्णतया सार्थक है।
६. अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैं? लिखिए।
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना के अतिरिक्त परिश्रम और संघर्ष, सहनशीलता, कठिनाईयों का सामना करना और सतत प्रयत्न जैसे प्रयास आवश्यक हैं। धैर्यपूर्वक यह प्रयास करके इच्छापूर्ण करने की कोशिश करते हैं।
७. क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे?
यह प्रार्थना अन्य प्रार्थना गीतों से भिन्न है क्योंकि अन्य प्रार्थना गीतों में दास्य भाव, आत्म समर्पण, समस्त दुखों को दूर करके सुखशांति की प्रार्थना, कल्याण, मानवता का विकास, ईश्वर सभी कार्य पूरे करें ऐसी प्रार्थनाएँ होती हैं परन्तु इस कविता में कष्टों से छुटकारा नहीं कष्टों को सहने की शक्ति के लिए प्रार्थना की गई है। यहाँ ईश्वर में आस्था बनी रहे, कर्मशील बने रहने की प्रार्थना की गई है।
तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में।
इन पंक्तियों में कवि कहना चाहता है कि वह सुख के दिनों में भी सिर झुकाकर ईश्वर को याद रखना चाहता है, वह एक पल भी ईश्वर को भुलाना नहीं चाहता।
तो भी मन में ना मानूँ क्षय।
कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि जीवन में उसे लाभ मिले या हानि ही उठानी पड़े तब भी वह अपना मनोबल न खोए। वह उस स्थिति का सामना भी साहसपूर्वक करे।
मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।
कवि कामना करता है कि यदि प्रभु दुख दे तो उसे सहने की शक्ति भी दे। वह यह नहीं चाहता कि ईश्वर उसे इस दुख के भार को कम कर दे या सांत्वना दे। वह अपने जीवन की ज़िम्मेदारियों को कम करने के लिए नहीं कहता बल्कि उससे संघर्ष करने, उसे सहने की शक्ति के लिए प्रार्थना करता है। |
नई दिल्ली: महत्वपूर्ण समय के बीच जब कार्य-जीवन संतुलन एक गर्म विषय है और प्रबंधकों और कर्मचारियों के बीच एक निरंतर तनाव है, तन नाम की एक चीनी महिला ने एक संपूर्ण कार्य-जीवन संतुलन के लिए कुछ विचित्र किया है। वह कब्र की रखवाली करने वाली बन जाती है ताकि उसके पास अपने निजी जीवन के लिए पर्याप्त समय हो सके, जो कि उसके पहले के पेशे के लिए असंभव था।
वह अनपढ़ नहीं है। वह चीनी विश्वविद्यालय से स्नातक हैं और अब पश्चिमी चीन के चोंगक्विंग में एक पहाड़ी कब्रिस्तान में काम करती हैं। वह वर्तमान में लगभग ४५,७५० रुपये कमा रही है और अपनी नौकरी की तुलना समय से पहले सेवानिवृत्ति से करती है।
वह एक गंभीर रक्षक के रूप में अपने पेशे में काम के समय से खुश हैं। वह सप्ताह में छह दिन सुबह ८:३० बजे से शाम ५ बजे तक काम करती हैं और हर दिन २ घंटे का लंच ब्रेक लेती हैं। यह काम उसे एक नौकरी से संतुष्टि प्रदान करता है जिसमें अन्य भत्ते जैसे कि एक सुंदर दृश्य और कार्यालय की राजनीति के बिना एक संतुलित कार्य-जीवन शामिल है।
मैं आपको एक जेन जेड कब्र रक्षक के काम के माहौल को दिखाता हूं। यह एक सरल और आरामदायक काम है। यहां बिल्लियां और कुत्ते और इंटरनेट हैं। उन्होंने कहा, क्योंकि मैं यहां रहती हूं, मैं मजाक में खुद को कब्र रक्षक कहती हूं, उन्होंने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बात करते हुए कहा। उसने आगे कहा कि उसकी नौकरी में कई जिम्मेदारियां हैं जैसे कब्र बेचना, रिश्तेदारों के लिए कब्रों की सफाई करना और मेहमानों को प्राप्त करना।
न केवल वह अपने काम से प्यार करती है बल्कि वीडियो के रूप में सोने की सामग्री भी साझा करती है। नेटिज़ेंस एक जहरीली नौकरी छोड़ने के लिए उसकी कहानी सुनने के लिए उत्साहित हैं और इसके बजाय कार्य-जीवन संतुलन पसंद करते हैं। एक यूजर ने कहानी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, इस तरह की नौकरी को पुराने दिनों में अशुभ माना जाता था लेकिन आधुनिक लोगों के लिए यह एक शांतिपूर्ण है। एक अन्य यूजर ने लिखा, मुझे भी यह जॉब पसंद है, आपको लोगों से डील करने की जरूरत नहीं है, और कोई ऑफिस पॉलिटिक्स नहीं है। |
कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले गुरुद्वारा पहुंचे। गुरु नानक जयंती पर वह नांदेड़ जिले के गुरुद्वारा यादगार बाबा जोरावर सिंह फतेज सिंह जी पहुंचे और प्रार्थना की। इस दौरान राहुल गांधी ने केसरिया पगड़ी भी पहनी। कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया कि गुरुद्वारे में राहुल गांधी ने सद्भाव व समानता के लिए प्रार्थना की।
बता दें, राहुल गांधी सोमवार को तेलंगाना से महाराष्ट्र पहुंचे थे। यहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही वह गुरुद्वारा पहुंच गए। पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत गुरुद्वारे से हुई। इसके बाद यह यात्रा बिलोली जिले के अटकली में रुकेगी। शाम चार बजे यात्रा फिर से शुरू होगी, जो सात बजे भोपाला में रुकेगी। वहीं यात्रा का रात्रि प्रवास बिलोली के गोदावरी मनार शुगर फैक्ट्री मैदान में होगा।
बता दें, इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने मशाल के साथ महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश किया था। उन्होंने कहा था कि अगले १५ दिनों के महाराष्ट्र प्रवास के दौरान वह राज्य के लोगों से मिलेंगे और उनके दर्द को सुनेंगे। उन्होंने कहा, कोई भी ताकत उनकी ६१ दिन पुरानी यात्रा को रोक नहीं सकती है। |
भिलाई इस्पात संयंत्र में विभिन्न पदों पर बड़ी भर्ती होने जा रही है। इसमें सहायक प्रबंधक के पद से लेकर ओसीटी ट्रेनी तक के पद पर भर्ती की जाएगी। सेल स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड भिलाई इस्पात सेंटर, चंद्रपुर फेरो एलॉयज प्लांट और सेलम स्टील प्लांट में संयुक्त रूप से भर्ती हेतु इसका आवेदन आमंत्रित किया है। इस दौरान एसओटी ब्वॉयलर ऑपरेशन और ऐसीटी के पदों पर सबसे अधिक भर्ती होगी।इस हेतु ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख १७ दिसंबर है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड देश की नवरत्न कंपनियों में से एक है और खास बात यह है कि यह लगातार मुनाफे में रही है। इसके इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र ने उत्पादन के क्षेत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और हमेशा फायदे में बनी रही है। इस संयंत्र के आने के बाद से ही छत्तीसगढ़ में भिलाई जैसा बड़ा शहर विकसित हो सका है जो कि आज भी आगे बढ़ रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों कर्मचारियों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ कमी आई है और यह संख्या लगातार गिरावट की ओर बनी हुई है। शिक्षित युवा बेरोजगार यहां रोजगार की उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन उनके लिए नौकरियां नहीं आ रही हैं।अब जो नई नौकरियां आई हैं उससे शिक्षित बेरोजगार को खुशी हो सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां कुल २९० पदों पर भर्ती होने जा रही हैं और इसके लिए सेल के द्वारा विज्ञापन जारी कर दिया गया है। इसमें आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करना है जिसकी आवेदन करने की तारीख आगामी २६ नवंबर से खुलने जा रही है। इच्छुक, आवेदक इसके बाद इन पदों पर भर्ती के लिए १७ दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे।
उक्त इकाइयों में काफी वर्षों के बाद एसओटी, एसीटी ट्रेनी के जैसे पदों पर भर्ती होने जा रही है। ओ सी टी मैं ही अलग-अलग विभागों के लिए कुल ७५ पदों पर की भर्ती की जाएगी। तो वही एसीटी में ७७ पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किया गया है। सबसे अधिक एसीटी ट्रेनि के ४९ पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है।
इनके अलावा सहायक प्रबंधक ब्वॉयलर ऑपरेशन इंजीनियर, सहायक प्रबंधक सुरक्षा, प्रबंधक हाइड्रॉलिक्स प्रबंधन, प्रबंधक मैकेनिकल, वायर इंजीनियरिंग मेंटनेंस, प्रबंधक बार एंड रॉड मिल, उप प्रबंधक भूगर्भ शास्त्र राजघाट माइंस के लिए, वरिष्ठ चिकित्सा सलाहकार कार्डियोलॉजी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा, माइन्स फोरमैन, माइनिंग मेट, सर्वेयर, ब्लास्टर, फायरमैन इत्यादि पदों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। |
पेत्म इपो, पेटीएम बोर्ड ने योजनाओं को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी देने की पेशकश को अंतिम रूप दे रहा है जिसे जुलाई के पहले सप्ताह में पेश किया जा सकता है।
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पेटीएम ने अपने कर्मचारियों से पूछा है कि क्या वे डिजिटल भुगतान की योजनाबद्ध पेशकश से शेयर बेचना चाहते हैं, जिससे देश के सबसे बड़े शेयर बाजार में इसकी शुरुआत हो सकती है। ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, यह स्टार्टअप, जिसे औपचारिक रूप से वन९७ कम्युनिकेशंस के नाम से भी जाना जाता हैं। कंपनी ने सोमवार तक अपने सभी कर्मचारियों को बिक्री के लिए प्रस्ताव भेजा जायेग। क्योंकि यह पेत्म इपो के लिए फाइल करने की तैयारी कर रहे है।
वन९७ कम्युनिकेशंस अपने इक्विटी शेयरों (इक्विटी शेयर) की एक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश करने का प्रस्ताव कर रहा है, जो बाजार की स्थितियों के अनुसार होंगे, कॉर्पोरेट और अन्य अनुमोदनों और अन्य प्रासंगिक विचारों के अधीन, लागू कानून के अनुसार ही है, और इस संबंध में कंपनी के निदेशक मंडल से सैद्धांतिक मंजूरी, वन९७ के सचिव अमित खेरा ने कर्मचारियों और शेयरधारकों को नोटिस में बताया हैं।
ब्लूमबर्ग न्यूज ने मई २०२१ में बताया था कि कंपनी, जिसके निवेशकों में बर्कशायर हैथवे इंक, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और एंट ग्रुप कंपनी आदि शामिल हैं, लगभग २५ बिलियन डॉलर से ३० बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर लगभग २१८ बिलियन ($ ३ बिलियन) जुटाने की कोशिश कर रही है। कोल इंडिया ने २०१० में देश के अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में १५० बिलियन से अधिक जुटाए।
पेत्म इपो के सार्वजनिक बाजार की शुरुआत में भारत में नियामक दायित्वों को पूरा करने के लिए नए और मौजूदा शेयरों का मिश्रण शामिल होगा। देश के नियमों के अनुसार १० फीसदी शेयर दो साल के भीतर और २५ फीसदी पांच साल के भीतर इसऊ किये जायेंगे हैं।
बिक्री के लिए प्रस्ताव, या ओएफएस के तहत कर्मचारियों को आईपीओ के हिस्से के रूप में अपने शेयर बेचने की अनुमति देगा। दस्तावेजों में कहा गया है कि पेटीएम के बोर्ड ने डेब्यू को अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी है, लेकिन प्रॉस्पेक्टस को अंतिम रूप दिए जाने तक औपचारिक मंजूरी नहीं मिल सकती है।
यदि मौजूदा शेयरधारक पेत्म इपो के दौरान अनुमति से अधिक बिक्री करना चाहते हैं, तो दस्तावेजों के अनुसार, स्टॉक बेचने की क्षमता का निर्धारण आनुपातिक आधार पर किया जाएगा।
मॉर्गन स्टेनली, इस पेशकश पर पेटीएम के साथ काम कर रही है। पेटीएम ने लिस्टिंग पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पेत्म कर्मचारी पेत्म इपो में अपने इक्विटी शेयरों के सभी या कुछ हिस्से की पेशकश करने के लिए सहमति देकर भाग ले सकते हैं, एक निर्णय जिसे देश के नियामक को पहला प्रस्ताव दस्तावेज दाखिल करने से पहले अंतिम रूप देने की आवश्यकता होगी। नोटिस में कहा गया है कि पेशकश के दौरान नहीं बेचे जाने वाले इक्विटी शेयरों को एक साल की अवधि के लिए लॉक-इन कर दिया जाएगा। |
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल (माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल) एक मॉर्डन वर्कशीट/स्प्रेडशीट कार्यक्रम है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन अमेरिका (माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन अमेरिका) ने विकसित किया है। माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेड शीत, डेटाबसे और ग्राफिक्स का प्रयोग बहुत ही सरलता से तथा प्रभावपूर्ण माध्यम से किया जा सकता है। एक्सेल में सारणीबद्ध सूचनाओं को (तबुलर इंफोरमेशन), तकनीकी भाषा (टेक्निकल लैंग्वेज) में वर्कशीट (वर्कशित) कहते हैं। वर्कशीट में सभी सूचनाएँ रोज तथा कॉलमस में व्यवस्थित होती हैं। अतः इसके प्रत्येक खाने को सेलं (सेल) कहते हैं, जहाँ डाटा इनपुट कर सकते हैं। इसमें हम वे सभी कार्य कर सकते हैं जो सॉफ्टवेयर लोटस द्वारा किये जा सकते हैं। अतः इसे लोटस (लोटस) का समृद्ध संस्करण भी कह सकते हैं। एक्सेल स्प्रेशीट में माउस के प्रयोग से फॉरमेंटिंग का कार्य भी सरल हो गया है।
यह एक्सेल की विण्डो का मुख्य भाग है। स्प्रेडशीट (स्प्रेड शीत) को साधारण/आम बोलचाल की भाषा में वर्कशीट (वर्क शीत) भी कहते हैं। एक्सेल में अधिकतर कार्य यहीं पर किया जाता है। अतः यही एक्सेल का कार्यकारी क्षेत्र (वर्किंग स्पेस) है। स्प्रेडशीट अत्यन्त विशाल ग्राफ पेपर के समान होती। जिसे पंक्तियों (रोज) तथा स्तम्भों (कॉलमस) में विभाजित (दीविड) किया गया है। स्त्रेडशीट आकार में बहुत बड़ी होती है। इस कारण पूरी स्प्रेडशीट को एक साथ स्क्रीन पर नहीं देख सकते हैं। साथ ही प्रिन्टर द्वारा भी इतनी बड़ी स्प्रेडशीट का प्रिन्ट भी नहीं निकाल सकते हैं। केवल स्क्रोल बार की सहायता से इसे आगे-पीछे नीचे खिसकाकर थोड़ा- थोड़ा भाग देख सकते हैं। इसी प्रकार प्रिन्ट भी प्राप्त कर सकते हैं।
एक्सेल की प्रत्येक फाइल में १६ वर्कशीट होती हैं। प्रत्येक वर्कशीट/स्प्रेडशीट रोज तथा स्तम्भों (कॉलमस) के विभाजन के कारण आयताकार खानों (रेक्तंगुलार बॉक्स्स) में बंटा होता है। अतः स्प्रेडशीट के प्रत्येक छोटे-छोटे खानों को सैल (सेल) कहा जाता है। प्रत्येक सेल में करीब २५५ करेक्टर स्टोर (स्टोर) हो सकते हैं। प्रत्येक सेल के चारों ओर एक लाइन होती है, जिन्हें ग्रिड लाइन्स कहते हैं। वर्कशीट के प्रत्येक सैल में हम टेबल के रूप में डाटा संचित करके रखते हैं और आवश्यकतानुसार उसे कॉपी, मूव करा सकते हैं। हम अपने डाटा को कार्य के अनुसार फार्मूला देकर केलकुलेट कर सकते हैं। प्रत्येक मत्त का अपना पता (एड्डरेस) होता है जो कि कॉलम लेबल तथा (रो नंबर से मिलकर बनता है।
जैसे यदि पहले कॉलम और पहली पंक्ति के सैल को आई तथा दूसरे कॉलम और पाँचवीं पंक्ति के सैल को ब५ कहा जाता है। सेल के आकार का ही एक्सेल में एक पॉइन्टर होता है, इसे सेल पॉइंटर कहा जाता है। सेल पर एंट्री करने हेतु इस सेल पॉइंटर को उस सेल पर ले जाते हैं जहाँ एंट्री करनी है तथा कीबोर्ड द्वारा एंट्री करते हैं। सेल पॉइंटर को कीबोर्ड की ऐरो कीज् की सहायता से ऊपर-नीचे, दायें-बायें घुमाते हैं।
एक्सेल २००० में कर्सर को सैल पॉइन्टर कहा जाता है। एक्सेल २००० की विण्डो में तीन वर्कशीट होती हैं। इसके लोड होने पर मॉनीटर पर पहली वर्कशीट दिखायी देती है। इस विण्डो में वर्कशीट्स पर इसकी क्षैतिज स्क्रॉलबार पर दिये गये बटन्स हेक्ट-१, शीत-२ एव शीत-३ क्लिक करके जाया जा सकता है।
एक स्प्रेडशीट/वर्कशीट के आ से ई तक ९ कॉलम हैं तथा १ से २७ तक २७ रोज हैं। एक्सेल २००० की स्प्रेडशीट/वर्कशीट में २५६ कॉलम होते हैं, जिन्हें आ, ब, च.ज़, आ, ब्ब, ब्क..इय आदि। ये कॉलम के लेबल होते हैं। इसी तरह वर्कशीट में ऊपर से नीचे ६५५३६ रोज होती हैं। जिहें १, २, ३, आदि से लेबल करते हैं। अतः सम्पूर्ण स्प्रेडशीट में खानों की संख्या २५६ क्स ६५५३६ = १6777२१6 होती है। वर्कशीट के इस खाने को सैल कहते हैं। अर्थात् कॉलम एवं रो के मिलने से बनने वाला खाना सैल (सेल) है। वर्कशीट में नीचे स्क्रॉलबार पर शीत १, शीत २, शीत ३ दिखायी गयी है।
सैल पॉइन्टर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना- इसके अन्तर्गत हम उन कुंजियों तथा उनके कार्य का अध्ययन करेंगे, जिसकी सहायता से सेल पॉइंटर को वर्कशीट में घुमाया जाता है।
अपनी वर्कशीट पर एंट्री करने के लिए हमें सेल पॉइंटर को उस सेल पर ले जाना लेना होता है, जहाँ पर हमें कीबोर्ड द्वारा एन्ट्री करनी है।
प्रविष्टि करते समय (वेळ मकिंग एंट्री)- जब किसी सेल में एन्ट्री की जाती है। तो एंट्री सर्वप्रथम फार्मूला बार में आती है। अतः यदि एंट्री करते समय हमारे द्वारा कुछ गलत टाइप कर दिया जाता है। तो हम बऐक स्पेस की की सहायता से उसे मिटाकर पुनः सही एंट्री टाइप कर सकते हैं। अतः एंट्री करने के बाद एक बार हमें एंट्री को पढ़ना चाहिए कि उसमें कोई गलती न हो तथा अन्त में उसे सेल पर ले जाने के लिए एन्टर की का प्रयोग करेंगे।
ये तीनों ही एन्ट्रीज अपने पहले अक्षर के आधार पर विभाजित की जा सकती हैं।
वेल्यू प्रविष्टि (वेल्यू एंट्री)- वेल्यू एंट्री अंकों से मिलकर बनी होती है। ये वेल्यू ०-९ अंक, (दशमलव) हो सकती है। जब वेल्यू की एंट्री की जाती है तो वह ९ चरैक्टर जितने चौड़े सेल में दायीं ओर दिखाती देती है।
लेबल प्रविष्टि (लेबल एंट्री) जब कोई एंट्री किसी अल्फाब्त से शुरू होती है तो यह लेबल एन्ट्री होती है। लेबल का अल्फाब्त से ही शुरू होना आवश्यक है। उसके बाद उसमें अंक, चिह्न आदि भी आ सकता है। लेबल एन्ट्री णत्त में बायीं ओर आती है।
फार्मूला प्रविष्टि (फार्मुला एंट्री)- फार्मूला एन्ट्रीज संख्याओं, सेल एड्डरेस तथा मैथेमेटिकल ओपरेटर्स की सहायता से बनी होती है अतः इन्हीं के द्वारा एन्ट्रीज की जाती है फार्मूला एन्ट्री = (इक्वाल) सिन से शुरू होनी चाहिए।
जब किसी सेल में फार्मुला एंट्री की जाती है तो वहाँ फार्मुला के स्थान पर उसका परिणाम आता है।
नीचे टेबल प्रस्तुत की गयी है, जिसके चिह्नों के संयोजन से हम फार्मूला निर्माण करते हैं।
साधारणतः दिये जाने वाले फार्मुला, रिलेटिव एड्डरेसिंग के उपयोग द्वारा ही निर्मित होते हैं इस तरह के फार्मुला में जब उन्हें मूल स्थान से कॉपी करते हैं तो अपने आप ही उनमें प्रयुक्त कैल एड्डरेस बदल जाते हैं।
इस तरह के फार्मूला को उनके मूल स्थान से दज्य करने पर वे अपरिवर्तित रहते हैं।
प्रविष्टि करते समय (वेळ मकिंग एंट्री) जब किसी सेल में एंट्री की जाती है तो यह फार्मूला वार पर दिखायी देती है। अतः यदि एंट्री करते समय गलत टाइप कर दिया गया हो तो बऐक स्पेस की की सहायता से इसे अर्थात् गलत एंट्री को मिटाकर पुनः सही एंट्री टाइप की जा सकती है।
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हर कोई जो फॉरेक्स और स्टॉक ट्रेडिंग की कोशिश करने का फैसला करता है वह पैसा कमाना चाहता है। जब कोई व्यक्ति ट्रेडिंग खाता खोलता है और डिपॉज़िट करता है, तो तस्वीर हमेशा अच्छी होती है: खाता कुछ ही समय में प्रभावशाली लाभ दिखाता है, इसलिए एक नया कंप्यूटर, कार या घर खरीदना संभव है। इन लाभों के बारे में सोचकर भी हमें खुशी और उम्मीद मिलती है। हम आने वाली चीजों की कामना करते हैं। क्या यह अद्भुत नहीं होगा यदि ट्रेडिंग का अर्थ लाभ है और कुछ नहीं? निश्चित रूप से, जीवन आसान होगा यदि ट्रेडर्स हमेशा पैसा कमाए। हालाँकि, आपने शायद सुना है कि लोग ट्रेडिंग में पैसा खो सकते हैं। आप शायद स्वयं ट्रेडिंग में पैसे खो रहे थे।
क्या ट्रेडिंग घाटे से बाहर निकलने का कोई रास्ता है? यह लेख समस्या की तह तक जाने की कोशिश करता है और यह पता लगाने की कोशिश करता है कि ट्रेडर्स पैसे क्यों खोते हैं। वित्तीय बाजारों में असफल न होने का तरीका जानने के लिए कुछ मिनट बिताएं।
आमतौर पर "बाय" या "सेल" पर क्लिक करने और ट्रेड पोजीशन खोलने में कुछ मिनट लगते हैं। हालाँकि, भले ही ट्रेडिंग सरल लग सकता है, यह निश्चित रूप से नहीं है। यदि बाजार आपके पक्ष में नहीं जाता है तो आपके पास घाटे वाला ट्रेड है। पैसा कमाने के लिए, आप अपना पैसा दांव पर लगाते हैं।
इससे हम क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? यह दो बातें हैं। सबसे पहले, ट्रेडिंग जोखिम भरा है और इससे नुकसान हो सकता है। दूसरा, घाटे को कम करने और संभावित लाभ को अधिकतम करने का एक तरीका है।
ट्रेडर्स के कितने प्रतिशत पैसे खो देते है?
यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कितने ट्रेडर्स ने पैसा खो दिया है। विभिन्न संस्थानों के आंकड़े अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग के अनुसार, फॉरेक्स ट्रेडर्स का ७०% औसतन हर तिमाही में पैसा खो देता है। एटोरो का कहना है कि दिन के ८०% ट्रेडर्स एक साल में पैसे गंवाते है।
सबसे ज्यादा पीड़ित कौन है? एक ओर, शुरुआती जो पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और जितनी जल्दी हो सके अपना पहला ट्रेड खोलना चाहते हैं, वे जोखिम में हैं। दूसरी ओर, जिन लोगों ने ट्रेडिंग शुरू किया और कुछ प्रगति की, वे अति आत्मविश्वास महसूस कर सकते हैं और जोखिम प्रबंधन की उपेक्षा कर सकते हैं। वे किसी ट्रेड में बहुत अधिक जोखिम लेने का निर्णय ले सकते हैं। नतीजतन, उनकी पिछली प्रगति बर्बाद हो जाएगी।
ज्यादातर ट्रेडर्स असफल क्यों होते हैं?
आइए मुख्य कारणों की जांच करें कि ट्रेडर्स पैसे क्यों खो देते है।
ट्रेडिंग एक जटिल प्रक्रिया है। अच्छी तरह से ट्रेड करने के लिए, एक व्यक्ति को समय और प्रयास का निवेश करना पड़ता है। हर कोई ध्यान देने और परिणाम के लिए काम करने के लिए तैयार नहीं होता है।
ट्रेडिंग रणनीतियों के लिए अनुशासन और सटीकता की आवश्यकता होती है। बहुत से लोगों में उन गुणों की कमी होती है। भले ही उनके इरादे सबसे अच्छे हों, वे या तो व्यवस्थित रूप से कार्य करना भूल जाते हैं या ऐसा करने के लिए बहुत आलसी होते हैं।
ट्रेडर्स लापरवाह हो सकते हैं। वे बाजार विश्लेषण, स्टॉप लॉस ऑर्डर और जोखिम प्रबंधन नियमों को चकमा दे सकते हैं। यह सब गलतियों और बुरे ट्रेड की ओर ले जाता है।
ट्रेडिंग में पैसे खोने से कैसे बचें?
यदि आप सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं, तो आपको यह स्वीकार करना होगा कि कुछ नुकसान अवश्यंभावी हैं। स्वीकृति पहला और महत्वपूर्ण कदम है। अगर आप अपने दुश्मन को जानते हैं तो ही आप उससे लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं। यदि आप जोखिमों से अवगत हैं, तो आप अधिक विवेकपूर्ण होंगे और बेहतर निर्णय लेंगे।
नीचे आपको अनुसरण करने के लिए अनुशंसाएं मिलेंगी। ये टिप्स ट्रेडिंग की सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
सफल होने के लिए, आपको यह सीखने की जरूरत है कि ट्रेड को खोलने के लिए स्तर कैसे चुनें, कीमत की भविष्य की दिशा कैसे निर्धारित करें, टेक प्रॉफिट लक्ष्य कहां रखें, और स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे करें।
इन चीजों के बारे में पढ़ने, वीडियो देखने या वेबिनार में भाग लेने के बाद, आपको डेमो अकाउंट पर ट्रेडिंग का अभ्यास करना होगा। बेशक, डेमो ट्रेडिंग से आपको कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन केवल यह आपको ट्रेडिंग की भावना दे सकता है।
समाचार वित्तीय बाजारों को चलाता है। स्टॉक कंपनी की खबरों के प्रभाव को महसूस करते हैं जैसे कि नए उत्पादों की रिलीज और विलय के साथ-साथ कमाई की रिपोर्ट का प्रकाशन। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक रिलीज के बारे में उम्मीदों पर फॉरेक्स जोड़ी बढ़ती और गिरती हैं। आपको इन रिलीज़ का शेड्यूल और विभिन्न संकेतकों के लिए पूर्वानुमान आर्थिक कैलेंडर में मिलेगा।
यदि आप नहीं जानते कि आपके द्वारा ट्रेड किए जा रहे उपकरण के साथ क्या हो रहा है, तो कीमत में अचानक से उतार-चढ़ाव आपको चौका सकता है। समाचारों का पालन करें, तैयार रहें, और आप घाटे से बचने और ट्रेड के नए अवसरों को समझने में सक्षम होंगे। कुछ ट्रेडर्स केवल तकनीकी रणनीतियों के लिए ट्रेडिंग समाचार पसंद करते हैं।
आपका अपना ट्रेडिंग अनुभव ट्रेडिंग में आपका सबसे महत्वपूर्ण लाभ है। यह अनुभव प्राप्त करना सबसे अच्छा है जब आपका खाता अभी भी छोटा है। यह आपके लिए मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक आरामदायक होगा क्योंकि आप हर ट्रेड के बारे में ज्यादा परेशान नहीं होंगे। ऐसा दृष्टिकोण आपको उचित बाजार विश्लेषण करने और उच्च जीत अनुपात के साथ ट्रेडिंग रणनीति विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा।
फिर, जैसे-जैसे आप अधिक अनुभव प्राप्त करते हैं और आपकी जमा राशि बढ़ती है, आप अपने ट्रेडिंग वॉल्यूम को बढ़ाने में सक्षम होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे धीरे-धीरे करें। लंबे समय तक बाजार में रहने वाले पेशेवर ट्रेडर्स सलाह देते हैं कि किसी ट्रेड में खाते का ५% से अधिक जोखिम न लें। जैसे-जैसे आपका खाता बढ़ता है, यदि आप इस सिद्धांत का पालन करते हैं तो आप बड़े नुकसान से सुरक्षित रहेंगे।
ट्रेंड ट्रेडिंग काउंटर-ट्रेंड ट्रेडिंग की तुलना में बेहतर है। ट्रेंड एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है जो खराब ट्रेड विचारों को खत्म करने में मदद करता है। यदि आप बाजार की दिशा में जाते हैं, तो आप अपने ट्रेड की सफलता की संभावना बढ़ाते हैं। अपट्रेंड में खरीदना और डाउनट्रेंड में बेचना में अधिक समझदारी है। इसे इस तरह से देखें: आप लाभ कमाने के अपने अवसर को बढ़ाते हैं, और दुनिया द्वारा प्रदान किए जाने वाले हर अवसर का उपयोग करना बुद्धिमानी है।
"स्टॉप लॉस" सकारात्मक भी लगता है। घाटे को रोकने से बेहतर क्या हो सकता है? जब आप स्टॉप लॉस सेट करते हैं, उदाहरण के लिए, २० प्वाइंट पर, आप ट्रेड में अपने नुकसान की मात्रा को सीमित करते हैं। यदि आपका ट्रेड वॉल्यूम ०.१ लॉट है, तो २० प्वाइंट $२ के लिए जिम्मेदार होंगे। दूसरे शब्दों में, आप इस ट्रेड में $२ से अधिक नहीं खोएंगे। उसी समय, कीमत स्टॉप लॉस को ट्रिगर कर सकती है और सही दिशा में उलट सकती है। ऐसे परिदृश्य से कोई बीमा नहीं है, इसलिए आपको लाभ के विरुद्ध लागतों को तौलना चाहिए। हां, कभी-कभी आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर समय से पहले सक्रिय हो जाएगा। हालांकि, यदि आपके पास एक अच्छी ट्रेडिंग रणनीति है और आपके जीतने वाले ट्रेड हारने वालों से अधिक हैं, तो आपकी ट्रेडिंग लाभदायक होगी। समसामयिक स्टॉप लॉस ट्रेडिंग के लिए भुगतान होगा क्योंकि वे आपके दिमाग को आपकी जमा राशि की सुरक्षा के बारे में चिंताओं से मुक्त कर देंगे और अन्य ट्रेड की योजना बनाने का मौका मिलेगा।
आपके जोखिम कुछ ऐसे हैं जिन पर आपका पूरा नियंत्रण हो सकता है। इसलिए इस लाभ का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। हर ट्रेड में, आप रिस्क/रिवॉर्ड अनुपात, यानी स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट के बीच के अनुपात को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। सबसे अच्छा तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आपका टेक प्रॉफिट हमेशा आपके स्टॉप लॉस से बड़ा हो। यदि स्टॉप लॉस २० प्वाइंट है, जैसा कि पिछले उदाहरण में १:३ रिस्क/रिवॉर्ड अनुपात के साथ है, तो आपका टेक प्रॉफिट ६० प्वाइंट के बराबर होगा। यदि आपने ०.१ लॉट ट्रेड खोला है, तो ६० प्वाइंट $६ के लिए होंगे। फिर से, आप $६ कमाने के लिए $२ खोने का जोखिम उठाते हैं। यदि आप इस अनुपात पर टिके रहते हैं, तो अच्छा ट्रेड आपके लिए तीन गुना अधिक धन लाएगा, जितना कि आप एक खराब ट्रांजेक्शन में खो देंगे। ट्रेडिंग प्रणाली जो 5०% से अधिक अच्छे ट्रेड विचार देती है, आप मुनाफ़े में होंगे।
एक अच्छी ट्रेडिंग रणनीति कैसे ढूंढे? लाभदायक रणनीति का नुस्खा यह है कि इसमें कई घटक होने चाहिए। दूसरे शब्दों में, आपको केवल एक तकनीकी संकेतक के आधार पर अपना बाय/सेल निर्णय नहीं लेना चाहिए। तकनीकी विश्लेषण के संकेतक और अन्य उपकरणों को एक दूसरे की पुष्टि करनी चाहिए। विभिन्न प्रकार के दो या तीन संकेतकों को मिलाएं, उदाहरण के लिए, मूविंग एवरेज और स्टोकेस्टिक। आपकी ट्रेडिंग रणनीति कैंडलस्टिक और चार्ट पैटर्न और फिबोनाची उपकरणों के उपयोग पर भी निर्भर हो सकती है। इस मामले में, सिस्टम आपको सफलता की उच्च संभावना के साथ संकेत देगा। यदि आप स्टॉप लॉस और सही रिस्क/रिवॉर्ड अनुपात के साथ ऐसी रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप ट्रेडिंग में नुकसान से बचने में सक्षम होंगे।
जैसा कि हमने पाया है, कई ट्रेडर्स विफल हो जाते हैं और पैसे खो देते हैं। यदि आप उनमें से एक नहीं बनना चाहते हैं, यदि आप अलग और सफल होने जा रहे हैं, तो आपको दूसरों की गलतियों से सीखना होगा और शुरू से ही सही कदम उठाने होंगे।
२८.१०.२०२२ १८:०५ ट्रेडिंग में वॉल्यूम संकेतकों का उपयोग कैसे करें?
वर्तमान आर्थिक परिवर्तनों, हमारी दीर्घकालिक दृष्टि और स्टॉक के प्रदर्शन के आधार पर, हमने आपके लिए इस महीने में ट्रेड करने के लिए शीर्ष स्टॉक्स की एक सूची बनाई है।
ट्रेडिंग में, "वॉल्यूम" शब्द उस राशि का प्रतिनिधित्व करता है जो एक विशेष समय के दौरान किसी विशेष असेट को खरीदने या बेचने के लिए खर्च किया गया है।
फ्ब्स के साथ कमाए हुए धन को कैसे निकालें?
ये प्रक्रिया बहुत ही सरल है। वेबसाइट या फ्ब्स पर्सनल एरिया के वित्त अनुभाग में विथ्द्रावाल पेज पर जाएं और रकम निकासी की प्रक्रिया को एक्सेस करें। आप कमाया हुआ धन उसी भुगतान प्रणाली के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं जिसे आपने जमा करने के लिए उपयोग किया था। यदि आपने विभिन्न तरीकों से अकाउंट को वित्त पोषित किया है, तो जमा रकम के अनुसार अनुपात में समान विधियों के माध्यम से अपना लाभ वापस लें।
फ्ब्स अकाउंट कैसे खोलें?
हमारी वेबसाइट पर 'अकाउंट खोलें बटन पर क्लिक करें और पर्सनल एरिया पर जाएं। इससे पहले कि आप ट्रेडिंग शुरू कर सकें, एक प्रोफाइल सत्यापन पास करें। अपने ईमेल और फोन नंबर की पुष्टि करें और अपनी आईडी सत्यापित करें। यह प्रक्रिया आपके धन और पहचान की सुरक्षा की गारंटी देती है। एक बार जब आप सभी जांच कर लेते हैं, तो पसंदीदा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर जाएं, और ट्रेडिंग शुरू करें।
ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
यदि आप १८ वर्ष से ऊपर के हैं, तो आप फ्ब्स में शामिल हो कर अपनी फ्क्स यात्रा शुरू कर सकते हैं। ट्रेड करने के लिए, आपके पास एक ब्रोकरेज अकाउंट और वित्तीय बाज़ारों में एसेट्स कैसे व्यवहार करते है, इसकी पर्याप्त जानकारी होने की आवश्यकता है। हमारी नि: शुल्क शैक्षिक सामग्री और फ्ब्स खाता बनाने के साथ मूल बातें का अध्ययन करना शुरू करें। आप डेमो अकाउंट से आभासी पैसे के साथ परिस्थिति का परीक्षण करना चाह सकते हैं। एक बार जब आप तैयार हो जाएं, तो सफल होने के लिए वास्तविक बाज़ार में प्रवेश करें और ट्रेड करें।
लेवल अप बोनस को कैसे सक्रिय करें?
फ्ब्स पर्सनल एरिया के वेब या मोबाइल संस्कारण में जाकर लेवल अप बोनस खाता खोलें और अपने खाते में मुफ्त १४०$ पाएँ।
वेबसाइट फ्ब्स मार्केट्स इंक द्वारा संचालित है; पंजीकरण संख्या ११९७१७; फ्ब्स मार्केट्स इंक को इफ्स्क द्वारा विनियमित किया जाता है, लाइसेंस इफ्स्क/०००१०२/३१०; पता: २११८, गुआवा स्ट्रीट, बेलीज बेलमा फेज १, बेलीज।
फ्ब्स मार्केट्स इंक. कुछ क्षेत्राधिकारों के निवासियों को वित्तीय सेवाएं प्रदान नहीं करता है, जिनमें शामिल हैं, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं हैं: यूएसए, ईयू, यूके, इज़राइल, इस्लामी गणतंत्र ईरान, म्यांमार।
भुगतान ट्रांजेक्शन को ड टेक्नोलॉजीस लैड द्वारा प्रबंधित किया जाता है; पंजीकरण संख्या है ३७०७७८; कानूनी पता: आर्च. माकारियो ई और वायरोनोस, प. लॉर्डोस सेंटर, ब्लॉक ब, ऑफिस २०३।
जोखिम की चेतावनी : व्यापार शुरू करने से पहले, आपको मुद्रा बाजार और मार्जिन पर ट्रेड से जुड़े जोखिमों को पूरी तरह से समझना चाहिए, और आपको अपने अनुभव के स्तर के बारे में पता होना चाहिए।
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डेस्क. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत हासिल हुई है। इस जीत के बाद सीएम के शपथ ग्रहण की तैयारी जोरशोर से चल रही थी, लेकिन शपथ ग्रहण की तिथि ऐलान नहीं हुआ था। अब सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ दूसरी बार २५ मार्च को सीएम की शपथ लेंगे। पहले बताया जा रहा था कि वे २४ तारीख को सीएम पद की शपथ लेंगे, लेकिन अब बताया जा रहा है कि वे २५ मार्च को शपथ लेंगे। वहीं इस शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के बड़े नेता शामिल रहेंगे।
बता दें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी सफलता मिली है। साथ ही इसके अलावा पार्टी को मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड में भी सरकार बनने लायक बहुमत मिल गयी है। इसके बाद सबकी नजर यूपी में सीएम की शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी है। बताया जा रहा है कि मंत्री पद को लेकर सीएम की शपथ में देरी हो रही है। इस बार पूर्व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित कई मंत्री यूपी में विधानसभा का चुनाव हार गये हैं। केशव प्रसाद यूपी में भाजपा के ओबसी के बड़े नेता हैं। साथ ही किसे कौन सा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जाए, इस पर भाजपा मंथन कर रही है।
वहीं यूपी में सीएम शपथ समारोह का कार्यक्रम २४ मार्च होना बताया जा रहा था, लेकिन अब सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार कार्यक्रम २५ मार्च को होने वाला है। इसके लिए इकाना स्टेडियम में तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि अभी तक योगी मंत्रिमंडल की रूप रेखा तय नहीं हुई है। शपथ की तारीख में फेरबदल के पीछे मंत्रीमंडल के चेहरे को लेकर हो रही देरी को वजह बताया जा रहा है। |
दोषियों को सजा न मिल जाए और लडकियां अपने आप को सुरक्षित न महसूस करने लगें।
ये नहीं कि कुछ दिनों में हम इसे भूल जाएँ और फिर किसी अगली खबर का इंतज़ार हो। "
सबसे ज्यादा इस बात का डर था कि सबका गुस्सा पानी के बुलबुले सा बैठ न जाए।
पर संतोष है कि ये उबाल एक जलता ज्वालामुखी बन गया है, जिस से दहकता लावा निकलता ही जा रहा है।
सही भी है, पता नहीं कितने दिनों का जमा आक्रोश है, यह। रोज ही ऐसी ख़बरें सुनने को मिलती हैं और गुस्से में बेबसी से मुट्ठियाँ भिंच कर रह जाती हैं।
पर अब और नहीं, आज हर वर्ग के युवक-युवतियां आक्रोशित हैं, उस पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध हैं और ऐसी व्यवस्था चाहते हैं कि आगे चलकर ऐसी घटनाएँ न हों, महिलायें सड़कों पर खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
बस इतनी सी उनकी मांगें, इतनी सी उनकी चिंता और हमारे प्रशासकों, देश के संचालकों के पास उन्हें आश्वस्त करने के लिए दो शब्द भी नहीं ??
जिनके हाथों में शासन की बागडोर है ,क्या उन्हें ये सब मजाक लग रहा है ? सिर्फ बच्चों का ऊधम लग रहा है जो इसे पूरी तरह नज़रंदाज़ कर अपने सुरक्षित कमरे में बैठकर चाय के सिप के साथ राजनीति की गोटियाँ बिठाने में व्यस्त हैं ??
इन मंत्रियों, शीला दीक्षित, सुशील कुमार शिंदे ,सोनिया गांधी हमारे मूक बधिर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इन सबसे इतनी सी ही अपेक्षा थी कि वे इस जनसमूह को दिलासा देते और प्रॉमिस करते कि "एक निश्चित अवधि के अन्दर उन दोषियों को सजा मिलेगी। वे क़ानून ,व्यवस्था इतनी कड़ी कर देंगे कि रेप जैसे दुष्कर्म करने से पहले दुष्कर्मियों रूह काँप जायेगी। लडकियां खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी।"
ये सब क्या इतना कठिन कार्य है? जिसे कार्यान्वित करने का आत्मविश्वास उनके पास नहीं है। ये क्या गरीबी हटाने और बेरोजगारी दूर करने जैसी माँगें हैं, जिनके लिए उन्हें योजनायें बनानी है, समय लेना है।
इन युवाओं की अपनी सोच है, जरूरी नहीं कि उन्हें ये वोट दें। यहाँ हर वर्ग के युवा थे, जाति ,अल्पसंख्यक का भेदभाव नहीं था, इसलिए इन राजनीतिज्ञों की रूचि भी नहीं रही होगी।
पर एक बार चुनाव जीत कर जब शासन की बागडोर हाथ में ले ली फिर तो वे परिवार के मुखिया से हो गए। युवाओं के इस आन्दोलन में वे उनके बीच आते, युवाओं से दो बाते करते, टी वी के माध्यम से ही उन्हें सन्देश देते .उनके साथ बने रहते तो उनकी संवेदनशीलता भी जाहिर होती। पर उन्हें परवाह ही नहीं है। बल्कि आन्दोलन के दुसरे दिन तो पुलिस को जिस तरह आंसू गैस, लाठी चार्ज , पानी की बौछार करने के निर्देश दिए गए ,यह किसी कठोर शासक की तानाशाही जैसा रवैया ही था . शांतिपूर्वक अपनी बात कहने का भी हक़ नहीं। आपको वोट देकर जिताया गया, शासन की बागडोर सौंपी गयी। पर अब आपका जैसा मन हो व्यवस्था चलायें . कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ती रहें, गरीबी ,महंगाई,बेरोजगारी दूर करना तो दूर, एक सुरक्षित माहौल तक भी नहीं दिया जा सकता। जनता को सिर्फ सहना है, वो मुहं नहीं खोल सकती। और मुहं खोलने की जुर्रत की तो फिर उसे बंद करवाने के कई तरीके आजमाए जायेंगे। पुलिस बल, जनता की रक्षा के लिए नहीं , वह नेताओं की शान बढाने के लिए है . एक राजनीतिज्ञ की सुरक्षा के लिए तीन पुलिसकर्मी नियुक्त हैं, जबकि ७०० आम जनता के लिए मात्र एक पुलिसकर्मी। कमाल का जनतंत्र है।
प्रधानमंत्री 'मनमोहन सिंह' और राष्ट्रपति 'प्रणव मुखर्जी' ने तो मुहं नहीं खोले . वे भावहीन चेहरा लिए लिखी लिखाई स्पीच पढेंगे 'राष्ट्र के नाम सन्देश ' . (आज सुबह पढ़ा भी और जनता को ज्ञान दिया कि 'हिंसा किसी समस्या का हल नहीं।' मूक बधिर तो वे थे ही अब क्या नेत्रहीन भी हो गए कि उन्हें दिखाई नहीं दिया , जनता तो शांतिपूर्वक बैठी थी, पर उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और पानी की बौछार की गयी और लाठी चार्ज भी ) राष्ट्र के जनता की क्या फिकर करनी? चुनाव सन्निकट होगा, तो अपने वोटबैंक को संबोधित किया जाएगा, उन्हें झूठे आश्वासन दिए जायेंगे। शीला दीक्षित ने मुहं खोला भी तो अपने फायदे के लिए, 'दिल्ली पुलिस' पर दोष लगा, खुद को बरी करने की कोशिश। केंद्र में सरकार क्या उनकी पार्टी की नहीं है ?? वे गृहमन्त्री से बात नहीं कर सकती ? शीला के एक और बयान ने हैरान किया, वे बरखा दत्त को दिए इंटरव्यू में कह रही थीं, "उन्हें पीडिता को देखने की हिम्मत नहीं है, उसके माता -पिता से मिलने की हिम्मत नहीं है,वे रो पड़ेंगी . डा नर्स उस लड़की का अच्छा ख्याल रख रहे हैं। वे उनसे हालचाल पूछ कर संतुष्ट हो जाती हैं। " यही बातें इनकी मानसिकता दर्शाती हैं। उनके राज्य में ये जघन्य घटना घटी है और वे इसकी जिम्मेवारी नहीं लेना चाहतीं। उनके पास कहने के लिए दो शब्द भी नहीं ? क्या उनके परिवार में किसी के साथ कोई दुर्घटना घटे तो वे बस डा. से हालचाल पूछ कर रह जायेंगी ? कोई भी आपदा आने पर हर देश के मुखिया, अस्पताल में जाकर पीड़ितों का हालचाल पूछते हैं, तो क्या वे असंवेदनशील हैं ?? और शीला दीक्षित खुद को इतना संवेदनशील समझती हैं कि उन्हें रो पड़ने का डर है? तो रो पड़तीं , बेहोशी में भी उस पीडिता की आँखों में आंसू थे, कैसा मर्मान्तक कष्ट झेला था उसने।
हमारे प्रधानमन्त्री गृहमंत्री सब ये राग अलाप रहे हैं कि 'हम इनका दुःख समझते हैं हमारी भी तीन बेटियाँ है। " किसी का दुःख समझने के लिए बेटियों के माँ -बाप होना जरूरी नहीं , एक संवेदनशील ह्रदय होना चाहिए। मेरे सहित कई लोगों के सिर्फ बेटे हैं तो क्या उनका मन आहत नहीं है? उन्हें इनका दुःख महसूस नहीं हो रहा? इन सबके ,इतने हास्यास्पद बयान ये जाहिर कर रहे हैं कि ऐसी स्थितियों से निबटने के लिए हमारे नेता सक्षम नहीं हैं। वे सिर्फ लिखी लिखाई स्पीच पढने और जलसों में फूल और शॉल ग्रहण करने के योग्य हैं।
तो इसलिए कि समाज में हमारे अपने भी ऐसा घृणित दुष्कर्म कर रहे हैं, हम कठोरतम सजा की अपेक्षा न करें? ये सही है, कठोरतम सजा के प्रावधान से अपराध ख़त्म नहीं हो जाते पर कम जरूर हो जाते हैं। आज ड्रंक ड्राइविंग , कार चलते वक़्त मोबाइल पर बातें करना आदि जैसी गलतियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है और काफी कमी आयी है, लोगों की ऐसी हरकतों में। पहले ही सोच लेना कि 'सात साल सश्रम कारावास की सजा' ही बहुत है, जबकि एक लड़की की पूरी ज़िन्दगी पर असर पड़ता है . उसका पूरा व्यक्तित्व बदल जाता है। उसे एक नॉर्मल रिलेशनशिप निभाने में कठिनाई आती है तो क्या यह उसके व्यक्तित्व की ह्त्या नहीं है ?? जरूरी है कि इस दुष्कर्म को गंभीरतम अपराध के रूप में लिया जाए ताकि रूह काँप जाए किसी की ऐसा अपराध करते। जब देश की राजधानी में इसके खिलाफ आन्दोलन चल रहे थे। मुंबई में नेपाल से अपने पति को ढूँढने आयी एक लड़की की मदद करने के बहाने उसके पति के तीन मित्रों ने अलग अलग जगह ले जाकर उसका रेप किया। ऐसा वे बस इसलिए कर पाए कि उन्हें पता है, पहले तो अपराध साबित ही नहीं होगा और साबित हो गया तब भी वे जल्द ही जेल से छूट जायेंगे। लोगो में एक भीषण डर पैदा करने की बहुत जरूरत है और ऐसा तभी हो सकता है, जब वे अपने साथी अपराधकर्मियों को कठोर सजा पाते हुए देखें।
इसके साथ लोगों की मानसिकता बदलनी भी बहुत जरूरी है। आज भी नारी चाहे हर क्षेत्र में पुरुषों के समकक्ष हो। पर अधिकाँश पुरषों के मन में ,उसके लिए सम्मान नहीं है, । कुछ आंकड़े पढ़कर हैरानी हुई। दिल्ली में एक लाख महिलाओं में से ५०० रेप की शिकार हुई हैं। मुंबई में एक लाख में २५० , बैंगलोर, चेन्नई में ५ और कलकत्ता में एक लाख महिलाओं में दो महिलायें . और कलकत्ता का ये आंकड़ा पिछले पांच साल से ऐसा ही है। क्यूँ है ऐसा? क्यूंकि दक्षिण में बंगाल में महिलाओं का सम्मान है। बंगाल में छोटी लड़कियों को सिर्फ माँ कहा ही नहीं जाता ,उन्हें सम्मान भी दिया जाता है।
दुःख हो रहा है,ऐसा कहते पर सच तो यही है कि हमारे उत्तर भारत में लडकियां आज भी जायदाद समझी जाती हैं। उनका अलग अस्तित्व नहीं माना जाता। अधिकाँश पुरुष, उनके ऊपर अपना अधिकार समझते हैं,।
पर धीरे धीरे लडकियां जागरूक हो रही हैं। जिस तरह निर्भीक होकर दिल्ली में लड़कियों ने प्रदर्शन में भाग लिया है और उनके माता -पिता ने इसकी अनुमति दी, वो स्वागतयोग्य है। अब नयी पीढ़ी अपने बेटे-बेटियों में भेदभाव नहीं करेगी। बेटियों को भी उतना ही प्यार और सम्मान मिलेगा अपने माता -पिता से . और जब हर घर से शुरुआत होगी समाज को भी लड़कियों का सम्मान करना सीखना होगा। अभी इस परिवर्तन में बहुत समय लगेगा पर आशा और प्रार्थना है कि हमारे बाद आने वाली पीढ़ियों को ऐसे अपराध की ख़बरें भी सुनने को न मिले। अब कोई और निर्भया रेप की शिकार न हो।
निर्भया ( टाइम्स ऑफ इण्डिया द्वारा उस साहसी लड़की को यही नाम दिया गया है ) के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना में हाथ जुड़े हुए हैं। अब बस एक यही तमन्ना है, जल्द ही देख पाऊं कि मुस्कुराती हुई निर्भया टी.वी. के माध्यम से हमसे मुखातिब हो रही है। चाहे उसे पूरी तरह ठीक होने में एक साल लग जाए, दुनिया के किसी भी कोने में उसे इलाज के लिए जाना पड़े पर हमें उसे मुस्कुराते हुए देखना है।
हम ऐसा क्यूँ सोचें हेमंत ,
मेडिकल साइंस में रोज नयी खोजें हो रही हैं। ब्रिटेन के लीड्स शहर में इन्टेस्टाईन ट्रान्सप्लांटेशन भी होता है। पर इसके लिए निर्भया को पूरी तरह ठीक होना पड़ेगा। उसके बाद ऐसा इलाज सोचा जा सकता है।
ये सच है कि निर्भया पूर्णरूपेण सामान्य ज़िन्दगी नहीं बिता पाएगी। फिर भी कई ऐसे लोग हैं जो किसी दुर्घटना के शिकार हो गए हैं फिर भी समाज को कुछ दे गए हैं। एक व्यक्ति पूरी तरह पक्षाघात से पीड़ित है। सिर्फ अपनी पलकें झपका सकता है और उसने पलके झपका कर ही इशारे से एक किताब लिखवा डाली। उनके जीवन पर फिल्म भी बनी है। 'हिंदी फिल्म 'गुजारिश' उसी फिल्म पर आधरित थी . स्टीफन हॉकिंग का उदाहरण हमारे सामने है। फिर भी हम उसके मौत की कामना क्यूँ करें?
हम तो प्रार्थना करेंगे कि वो जीवित रहे और उन दरिदों की हार हो,जिन्होंने उसकी ज़िन्दगी लेनी चाही । उन नर पिशाचों को मौत से भी बदतर कोई सज़ा मिले।
निर्भया ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रही है. बेहोशी में भी उसे केवल उन दरिंदों की याद है. होश में आने पर उसने पूछा- उन्हें सजा मिली?
रहा सरकारी तंत्र, तो ऐसे मौकों पर सिवाय चुप्पी साध जाने के उसे आता ही क्या है? आखिर हम सबने ही चुन के भेजा है ऐसे गूंगे-बहरे प्रतिनिधियों को, अब शिकायत किससे करें?
सख्त कानून और उसके पालन की जरूरत है।
जनता का आक्रोश वाजिब है।
यह सब देख कर लगता है कि राह अभी भी बहुत कठिन है।
इस सरकार ने कब जनता की विपत्ती में साथ दिया है? वर्ल्ड कप जीतने पर सोनिया गांधी गाडी पर चढ़कर नाचती है और उसके चमचे खुश हो लेते हैं। लेकिन विपत्ति के समय, न जाने युवराज और राजमाता कहां अन्तर्धान हो जाते हैं। बस मौका तलाशते हैं कि कभी तो विपक्ष बोलेगा और हम कहना शुरू कर देंगे कि राजनीति हो रही है।
स्तब्ध थे तो यह तो कहते !
हद है !!
रात ६ बजे के बाद घर से बहार नहीं निकलना चाहिए ... १ महिला वैज्ञानिक ने तो यहाँ तक बोल ..की 'दामिनी'/निर्भया ' ने उन लोगों को उकसाया . वो रात को १0 बजे पिक्चर देखने क्यूँ निकली ?
उफ्फ यह जाति की दीवार !!
"पढने का शौक तो बचपन से ही था। कॉलेज तक का सफ़र तय करते करते लिखने का शौक भी हो गया. 'धर्मयुग',' साप्ताहिक हिन्दुस्तान', 'मनोरमा ' वगैरह में रचनाएँ छपने भी लगीं .पर जल्द ही घर गृहस्थी में उलझ गयी और लिखना,पेंटिंग करना सब 'स्वान्तः सुखाय' ही रह गया . जिम्मेवारियों से थोडी राहत मिली तो फिर से लेखन की दुनिया में लौटने की ख्वाहिश जगी.मुंबई आकाशवाणी से कहानियां और वार्ताएं प्रसारित होती हैं..यही कहूँगी "मंजिल मिले ना मिले , ये ग़म नहीं मंजिल की जुस्तजू में, मेरा कारवां तो है" |
बलिया।मनियर नगर कांग्रेस कमेटी की बैठक नवनियुक्त नगर अध्यक्ष अश्वशक्ति कुमार गांधी के द्वारा स्वर्गीय नरेंद्र बहादुर सिंह उर्फ बलदाऊ जी सभागार मनियर इंटर कॉलेज में रविवार को हुई जिसमें मुख्य अतिथि रामअवध यादव सचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं प्रभारी जनपद बलिया तथा विशिष्ट अतिथि श्री ओम प्रकाश पांडेय जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी बलिया उपस्थित रहे ।कार्यक्रम का संचालन अभिषेक कुमार पाठक ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी मनियर के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में आमिर परवेज को वार्ड नंबर १२ तथा मोहम्मद नसरुल्लाह को वार्ड नंबर ४ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया एवं साथ ही सतीश कुमार सिंह, विकास पर्वत, बृजेश कुमार वर्मा, सम्स तबरेज ,सद्दाम खान ,मोहम्मद साहब ,मोहम्मद कामरान ,मोहम्मद कैफ ,मोहम्मद साकिब ,अज्जू ,फहीम , सुहेल ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की ।कार्यक्रम में कमलेश कुमार उपाध्याय ,अमित कुमार उपाध्याय उपाध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मनियर, प्रशांत पांडेय उपाध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मनियर ,अनिल चौहान जिला सचिव किसान कांग्रेस बलिया, मनीष पाठक, सर्वशक्ति कुमार, ईशशक्ति कुमार एवं अन्य कांग्रेसी जन उपस्थित रहे। |
धरमपुरी (गौतम केवट) - धार जिले कि तहसील धरमपुरी में नर्मदा नदी के बहाव से कटाव का शिकार हो रहे बेंट (टापू) के संरक्षण को लेकर संभागायुक्त गुरुवार देर शाम यहां पहुंचे थे। उन्होंने टापू स्थित मंदिर में पहुंचकर अधिकारियों से चर्चा की। साथ ही टापू के संरक्षण के लिए सुरक्षा दीवार बनाने के निर्देश दिए। जिसके लिए एक करोड़ की राशि स्वीकृत करने के बात कही।
गौरतलब है कि बेंट के संरक्षण को लेकर राज्यसभा सदस्य डा. सुमेरसिंह सोलंकी ने यहां का दौरा कर अधिकारियों से कार्य पुनः प्रारंभ करने की बात कही थी। संभागायुक्त के दौरे के बाद संरक्षण का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। संभागायुक्त डा. पवन शर्मा गुरुवार शाम करीब सात बजे नर्मदा नदी के बीच बेंट (टापू) स्थित श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे।
मंदिर में उन्होंने भोलनाथ के दर्शन किए व सायंकालीन आरती में शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ आइजी राकेश सिंह, कलेक्टर डा. पंकज जैन, जिला पंचायत सीईओ केएस मीणा आदि मौजूद थे। संभागायुक्त ने भगवान भोलेनाथ की आरती पश्चात सरदार सरोवर परियोजना के वाटर लेवल आदि की जानकारी ली। इसके बाद मंदिर परिसर में ही अधिकारियों के साथ चर्चा की। इसमें पूरे टापू के संरक्षण के लिए सुरक्षा दीवार के निर्माण में आने वाली लागत को लेकर आरईएस विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली।अधिकारियों ने पूरे टापू के संरक्षण में करीब १६ करोड़ की लागत का अनुमानित खर्च बताया। इसके अलावा विभिन्ना तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की। अलग-अलग चरण में टापू के संरक्षण को लेकर कार्य करने की बात कही। संभागायुक्त डा. शर्मा ने कार्य प्रारंभ करने के निर्देश कलेक्टर को देते हुए एक करोड़ की राशि स्वीकृत करने के बात कही।
गौरतलब है कि श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव मंदिर रेवा गर्भ संस्थान बेंट संभागायुक्त के अधीन है। मंदिर संस्थान के नाम से कृषि भूमि पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा किया हुआ है। वहीं कुछ भूमियों का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। जिसको लेकर उन्होनें संस्थान के स्थानीय प्रशासक तहसीलदार संजय शर्मा से जानकारी ली व न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण को लेकर निर्देश जारी किए। साथ ही मंदिर की आय व खाते में जमा राशि सहित अन्य जानकारी ली। बैठक पश्चात श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव भक्त मंडल की ओर से संभागायुक्त को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। |
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