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मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (शिवराज सिंह चौहान) आज प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने उज्जैन के नवनिर्मित कॉरिडोर महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम में योगदान के लिए उज्जैन शहर के पत्रकारों को अपना धन्यवाद प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अवंतिका उज्जैन के पत्रकार मित्रों को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं जिन्होंने लोकार्पण कार्यक्रम को सानंद और अलौकिक रूप से संपन्न कराने में आपने अभूतपूर्व योगदान दिया है।
उज्जैन में नवनिर्मित कॉरिडोर महाकाल लोक के लोकार्पण से गदगद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज मैं देश के प्रमुख लोगों को पत्र लिखकर महाकाल महाराज का प्रसाद भेजना प्रारंभ करूंगा कि आप आएं और श्री महाकाल लोक को देखें। मुख्यमंत्री के इस कदम से महाकाल लोक के दर्शन हेतु देशभर के प्रमुख लोगों की संख्या में बढ़ोतरी की सम्भवना है, हालाकिं बाबा महकाल के लिए अपने सभी भक्त बराबर हैंन उनके लिए कोई भक्त विप नहीं और नाही कोई भक्त साधारण ही है। |
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आदमपुर अनाज मंडी के किसान विश्राम गृह में अटल किसान-मजदूर कैंटीन का शुभारंभ किया।
हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से एक आईआरएस, एक आईएफएस और दो आईपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए ।
कंट्री प्लानिंग विभाग की तरफ से अवैध कालोनियों में लगातार तोड़फोड़ जारी है।: जिला नगर योजनाकार,
जिला योजनाकार एवं इन्फोर्समेंट विभाग ने गांव मादलपुर में भारी तोड़ फोड़ की।
फरीदाबाद के सभी धार्मिक संस्थानों को खोलने के जिलाधीश यशपाल यादव ने आदेश पारित किया।
कोरोना योद्धाओं को अपनी जान पर खेलकर सेवायें देने वाले हरियाणा पर्यटन विभाग के कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं।
आज के मुख्य समाचार।
फरीदाबाद : भारतीय जनता पार्टी ने गरीबों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है और धर्म और जाति के नाम पर लोगों को लड़ाने का काम किया है। इस बार क्षेत्र की जनता इनको आइना अवश्य दिखाएगी। उक्त वक्तव्य कांग्रेस के पूर्व वित्त राज्यमंत्री प्रदीप आदित्य जैन ने नेहरू ग्राउण्ड में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहे। उन्होंने बताया कि किस तरह दिल्ली में संत रविदास मंदिर को तोड़ा गया, जोकि गलत है, जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि हम मंदिर की एक इंच भूमि भी नहीं जाने देंगे, चाहे इसके लिए हमें अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े। श्री जैन ने कहा कि विजय प्रताप सिंह एक युवा एवं ऊर्जावान प्रत्याशी है, जो जन भावनाओं को समझता है। इसलिए इस बार जुमलों एवं बहकावे में न आएं और ऐसे प्रत्याशी को चुनें, जो आपके काम आ सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी सत्ता में काबिज होने जा रही है और एक मजबूत सरकार बनाएंगे, जो प्रदेश के विकास की नई गाथा लिखेगी। बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप ने शुक्रवार सैक्टर-४८, नेहरू ग्राउण्ड मार्किट, एन.एच.२ बी, बी पार्क, एन.एच.३, इरोज, शिव दुर्गा विहार, बीकानेर स्वीटस, लक्कड़पुर पुलिया, डी ब्लॉक गुरुद्वारा, डी-१ ब्लॉक, दयाल नगर, हाऊसिंग बोर्ड सैैक्टर-४८ में ताबड़तोड़ सभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने ५ साल स्मार्ट सिटी के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया है। क्षेत्र की हालत आप देखेंगे, तो आप स्वयं जान जाएंगे कि किस तरह की स्मार्ट सिटी बनाने का दावा भाजपा कर रही है। विजय प्रताप ने कहा कि पिछले ५ वर्षो में बडखल विधानसभा का जो बुरा हाल हुआ है, वो किसी से छुपा नहीं है। स्मार्ट की तो छोड़ो, बडख़ल विधानसभा का वास्तविक स्वरूप भी इन्होंने बिगाडक़र रख दिया है। परंतु एक बात की दाद देनी पड़ेगी, जो कभी जनता को दुत्कारते थे, आज उसी जनता के सामने उनको वोट मांगने के लिए हाथ जोडऩे पड़ रहे हैं। उन्होनें कहा कि मेरे पिता पूर्व मंत्री चौ.महेन्द्र प्रताप को आप लोगों ने हमेशा प्यार और आर्शीवाद देकर जिताया था, आज मैं आपके सामने खड़ा हुं मुझ पर भी अपनी कृपा बरसा दो। मैं आपसे वायदा करता हुं आपको कभी निराश नहीं करूंगा। उन्होंनें उपस्थित जनसमूह से अपील की, कि आने वाी २१ अक्टूबर को पंजे के चुनाव चिन्ह्र का बटन दबाकर विकास की गाथा लिखने में अपना योगदान दें। विजय प्रताप ने कहा कि भाजपा विधायिका राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं, उनकी अपनी झोली में कुछ नहीं है। वो क्षेत्र की जनता को बेवकूफ समझ रही हैं, मगर लोग भलीभांति जानते हैं कि हमारी स्थानीय समस्याओं का हल हमारे बीच का नेता, हमारा अपना ही कर पाएगा। इसलिए आपसे अपील करता हूं, जो कृपा आपने मेरे पिताश्री पर बरसाई, उसकी कृपा मुझ पर भी कर दो। वादा करता हूं आपको निराश नहीं होने दूंगा और आगे से जब वोट लेने आऊंगा आपके पास तो ५ साल के कार्यों के आधार पर। विजय प्रताप ने सैक्टर-४८ वासियों को भरोसा दिलाया कि यहां पर स्कूल, बारातघर, हेल्थ सेंटर बनवाया जाएगा, ताकि आस-पास के लोगों को वो सुविधाएं मिल सकें, जिनको उनकी जरूरत है। |
इसमे आपको आर्टियल ८५ ऑफ इंडियन कंस्टीट्यूशन इन हिन्दी के बारे मे बताया गया है। अगर आपको आर्टियल ८५ इन हिन्दी मे जानकारी नहीं है कि अनुच्छेद ८५ क्या है, तो इस पोस्ट मे आपको पूरी जानकारी मिलेगी।
अनुच्छेद हमारे भारतीय संविधान मे दिए गए है, जिसमे हर एक प्रावधान को एक अंक दिया गया है, जिसमे इसमे आर्टियल ८५ के बारे मे भी बताया गया है। भारत के हर व्यक्ति को इंडियन कंस्टीट्यूशन आर्टिक्ल्स के बारे मे जानकारी जरूर से जरूर होनी चाहिए ही।
अनुचद ८५(१) राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर बैठक करने के लिए बुलाएगा जो वह ठीक समझे, लेकिन एक सत्र में उसकी अंतिम बैठक और उसकी पहली बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह महीने का अंतराल नहीं होगा। अगले सत्र।
(बी) लोगों के सदन को भंग कर दें।
वाद-विवाद संक्षेप एक सदस्य ने खंड १ में छह महीने को तीन महीने करने के लिए एक संशोधन का प्रस्ताव रखा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि संसद अधिक बार बैठक करे और अपने कार्य पर अधिक समय बिताए। उन्होंने संसद के वार्षिक सत्र को निरंतर एकल वार्षिक सत्र के रूप में मानने के लिए खंड १ में एक परंतुक जोड़ने की मांग की। एक अन्य सदस्य ने खंड १ में दो बार के स्थान पर तीन बार करने के लिए एक संशोधन पेश किया। उन्होंने मसौदा समिति पर भारत सरकार अधिनियम, १935 से इस प्रावधान की नकल करने का आरोप लगाया, बिना नए, स्वतंत्र भारत की राजनीति की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए।
इस संशोधन के समर्थन में एक सदस्य ने बताया कि कैसे संसद के बजट सत्र के दौरान अन्य विधायी मामलों को दरकिनार कर दिया गया। अनिवार्य तीन सत्र होने से संसद को अधिक विधायी कार्य करने की अनुमति मिल जाएगी। मसौदा समिति के अध्यक्ष ने कहा कि मसौदा अनुच्छेद संसद को बार-बार बैठक करने से प्रतिबंधित नहीं करता है।
यह प्रावधान केवल न्यूनतम संसदीय बैठकों को सुनिश्चित करता है। उनका मानना था कि संसद इतनी बार बैठक करेगी कि सदस्य शायद खुद सत्र से थक जाएंगे। इसके अलावा, संसद न केवल अच्छे प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार थी, बल्कि लोगों के प्रति भी जिम्मेदार थी और बहुमत वाली सरकार के पार्टी के जनादेश को प्रभावी बनाने के लिए थी। लोक सभा के अध्यक्ष या राज्य सभा के सभापति को अपने-अपने सदनों को आहूत करने की अनुमति देने का प्रस्ताव था, राष्ट्रपति तीन महीने में ऐसा करने में नाकाम रहे।
राष्ट्रपति की भूमिका में संदेह के स्थान से आने के कारण, उन्होंने तर्क दिया कि संविधान को भविष्य की सभी आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहना चाहिए। इस संशोधन से यह सुनिश्चित होगा कि संसद का कामकाज हमेशा की तरह चल सके। मसौदा समिति के अध्यक्ष को विश्वास नहीं था कि एक राष्ट्रपति संवैधानिक रूप से निर्धारित दायित्व की अवहेलना करेगा। वास्तव में, अगर उसने बैठक बुलाने से इनकार कर दिया तो यह उस पर महाभियोग चलाने का पर्याप्त आधार होगा। |
आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं कुरियर संघर्ष समिति का अनिश्चितकालीन हड़ताल १८ वें दिन भी जारी रहा।बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ के तत्वाधान में चल रहे यह हड़ताल टूटने का नाम नही ले रहा है।सभी अपने मांगो पर डटे हुए हैं।मंगलवार को आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं कुरियर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य द्वार पर तालाबंदी करते हुए अपने मांगों के समर्थन में नारे लगाए।इसके बाद मुख्य द्वार पर धरना पर बैठ गए ।इन लोगों ने कहा कि जब तक उन लोगों की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा। तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन को और तेज किया जाएगा धरना की अध्यक्षता आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ के प्रखंड अध्यक्ष कविता कुमारी एवं कुरियर संघ के जय गोविंद कुमार ने किया। इनके द्वारा कहा गया कि जब तक सम्मानजनक समझौता नहीं होता है, तब तक उन लोगों ने आंदोलन पर डटे रहने का संकल्प लिया है।बिहार अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अनुमंडल शाखा के सम्मानित अध्यक्ष शंभू नाथ राय ने धरना को संबोधित किया एवं सभी कर्मियों को महासंघ की पत्रिका से सेवांजली पढ़ने का अनुरोध किया ।उनके द्वारा वार्षिक शुल्क देने की अपील की गई।इस मौके पर आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता बबीता कुमारी समेत अन्य लोग उपस्थित थे। |
जिंदगी में चाहो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है । कुछ लोग मानते हैं कि कई क्षेत्र ऐसे हैं जिसमें करियर बनने की संभावनाएं कम होती हैं लेकिन कुछ लोगों ने इसी बात को गलत साबित किया है और बताया है कि कड़ी मेहनत से किसी भी क्षेत्र में सफलता को हासिल किया जा सकता है । हरियाणा के अंबाला के रहने वाले मधुर रखेजा भी इन्हीं में से एक हैं जिन्होंने साबित किया है कि हर क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है ।
मधुर ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज़ से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की है । वहीं अब हाल ही में उन्हें अमेरिका की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से ५० लाख रूपये की नौकरी का ऑफर मिला है । ये मधुर के सपने के सच होने जैसा ही है । अब मधुर भी कई छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं ।
मधुर ने विशेष तौर पर तेल और गैस सूचना विज्ञान को चुना था । हालांकि ये विषय ज्यादा पॉपुलर नहीं है इसलिए मधुर के फैसले पर कई लोगों ने सवाल भी खड़े किए थे लेकिन आज मधुर अपनी कड़ी मेहनत से सभी के सवालो का जवाब दे चुके हैं । आज मधुर को कई बड़ी कंपनियाँ भी नौकरी देने के लिए तैयार हैं ।
माइक्रोसॉफ्ट से भी मधुर को ५० लाख की नौकरी का ऑफर मिला है । मधुर ने कंपनियों की एक लिस्ट तैयार की थी जिसमें वे काम करना चाहते हैं माइक्रोसॉफ्ट भी इन्हीं में से एक है । अब मधुर का सपना भी पूरा हो चुका है । उनका परिवार अपने बेटे की सफलता से काफी खुश है । परिवार से भी मधुर को पूरा सपोर्ट मिला है । मधुर के पिता एक छोटी सी दुकान चलाते हैं लेकिन बेटे को पढ़ाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी ।
ये पहली बार नहीं है जब मधुर को किसी बड़ी कंपनी से ऑफर मिला है । इससे पहले भी कई कंपनियाँ मधुर को अपने साथ काम करने के लिए न्योता दे चुकी हैं । मधुर को इन्फोसिस, अमेज़न, डीई शॉऑप्टम जैसी कई बड़ी कंपनियों में काम करने का ऑफर मिला है ।
दिल्ली से कटरा जाने के लिए हरियाणा रोडवेज ने गुड़गांव से शुरू की शानदार बस सर्विस, जाने क्या होगा बस का पूरा रूट । |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिन के दौरे पर गुजरात जाएंगे। इस दौरान पीएम मोदी राजकोट के अटकोट में बने माटुश्री के.डी.पी. मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन कर सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे। इस अस्पताल का संचालन श्री पटेल सेवा समिति द्वारा किया जाएगा जिसमें विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इसके बाद पीएम मोदी शाम चार बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में सहकार से समृद्धि कार्यक्रम को संबोधित करेंगे जिसमें विभिन्न सहकारिता समूह के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इस दौरान पीएम मोदी कलोल में लगभग १७५ करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र का भी उद्घाटन करेंगे।
गौरतलब है कि गुजरात के सहकारी क्षेत्र को देश के लिए रोल मॉडल के रूप में देखा जाता है। गुजरात में सहकारी क्षेत्र में ८४,००० से अधिक समितियां हैं। इन समितियों से करीब २३१ लाख सदस्य जुड़े हुए हैं। सहकार से समृद्धि में करीब राज्य के विभिन्न सहकारी संस्थानों के ७,००० से अधिक प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। नैनो यूरिया के उपयोग से फसल की पैदावार में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अल्ट्रामॉडर्न नैनो फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना की गई है। यह संयंत्र प्रतिदिन ५०० मिलीलीटर की लगभग १.५ लाख बोतलों का उत्पादन करेगा।
हर साल खरीफ के सीजन में देश में किसानों को बड़ी मात्रा में खाद की जरूरत पड़ती है। किसानों की मांग को देखते हुए इफको इस साल कलोल में नैनो यूरिया प्लांट की शुरूआत करने जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस प्लांट के शुरू होने के साथ ही देश में बड़ी मात्रा में नैनो यूरिया की कमी दूर होगी। इसके साथ ही किसानों को खाद की किल्लत का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। |
किसान विरोधी कानून के विरोध किसान सड़कों पर नजर आ रहा है। सहारनपुर जनपद में कहीं पर पदयात्रा निकाली गई तो कहीं पर धरना देकर अपना विरोध प्रकट किया गया।
सहारनपुर। केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानून के विरोध किसान सड़कों पर नजर आ रहा है। सहारनपुर जनपद में कहीं पर पदयात्रा निकाली गई तो कहीं पर धरना देकर अपना विरोध प्रकट किया गया।
भरतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया। धरना सभा को संबोधित करते हुए पूर्व जिला अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि पीड़ित शिकायतकर्ता को पूरा सम्मान किया जाए और उसकी समस्या को तुरंत हल किया जाए। उन्होंने मांग की रायपुर से नंदपुर जोड़ियों तक सड़क निर्माण किया जाए, जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी ना हो। लेखपाल जो काफी समय से अपने क्षेत्र में है उनके कार्यक्षेत्र बदले जाएं। जो किसान सम्मान निधि से वंचित है उनको भी इस योजना का लाभ दिलाया जाए। उन्होंने मांग की कासमपुर रजबाहे पर आवश्यकतानुसार कुलावे लगाया जाए। भाकियू के पूर्व जिला महासचिव चौधरी आलिम ने कहा कि किसानों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जायेगा। इसके बाद उप जिलाधिकारी को ५ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। धरने पर सत्यपाल सिंह, अनिल कुमार, सुरेश चौहान , सुरेंद्र कंबोज,अनुज कुमार आदि मौजूद रहे।
इसके अलावा किसान मजदूर संगठन ने गांव रणखंडी में ट्रैक्टर रैली निकालकर किसानों से आगामी २१ सितंबर को शुरू होने वाली किसान मजदूर अधिकार पदयात्रा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आहृवान किया। संगठन के अध्यक्ष ठा. पूरन सिंह ने बताया नए तीनों कृषि कानूनों की वापसी समेत अन्य मांगों को लेकर आगामी २१ सितंबर को जनपद सहारनपुर से दिल्ली के लिए किसानों की पदयात्रा शुरू होगी। जिसके तहत गांव-गांव जाकर किसानों को उनके हक के लिए जागरूक किया जा रहा है। पदयात्रा का उद्देश्य काले कृषि कानूनों की वापसी समेत किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को जगाना है। इस दौरान राहुल राणा, समय सिंह, रवि कुमार, सचिन राणा, विनय राणा, मास्टर जितेंद्र आदि मौजूद रहे। |
मुंगेर : लगभग छह साल बाद बिहार में किसी चुनावी सभा को संबोधन को करने पहुंचे लालू प्रसाद अपने पुराने अंदाज में नजर आए। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर धोखे से सीएम बनने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि २०१५ में नीतीश से ज्यादा सीट हमें मिला था, मैं चाहता तो तेजस्वी को सीएम बना सकता था, लेकिन मैंने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन उन्होंने क्या किया। लालू प्रसाद ने इस दौरान नीतीश कुमार को गोली मारने की बात पर हमला करते हुए कहा - तुम्हें गोली मारने की कोई आवश्यकता नहीं है, तुम एक दिन खुद मरे जाओगे।
लालू ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था विशेष राज्य पर जो समर्थन करेगा, वह उनके साथ जाएंगे। लेकिन सत्ता की लालच में उन्हीं लोगों की गोद में जाकर बैठ गए। नीतीश कुमार की इन्ही आदतों के कारण मैंने उन्हें पलटू राम नाम दिया था। वह किसी एक के साथ कभी टिक नहीं पाते हैं।
नीतीश कुमार डर गए हैं। जनता को देखकर भड़कते हैं। रेलवे को हमने ५००० करोड़ मुनाफे में लाया। संप्रदायिक ताकतों के आगे हार कभी नहीं मानेंगे। तारापुर को हमने अनुमंडल बनाया है। यह लड़ाई सरकार और जनता के बीच है सभी लोग एकजुट होकर वोट कीजिए तेजस्वी ने कचूमर निकाल दिया हम विसर्जन करेंगे। नीतीश कुमार बेईमानी से सीएम बने हैं बीजेपी के राज में रेल जहाज सब कुछ बिक गया तेजस्वी को जनता ने सीएम बना दिया है। |
अमेरिका में जो बाइडेन ने भले ही निर्वाचित राष्ट्रपति के तौर पर देश को संबोधित भी कर लिया हो, लेकिन सत्ता का सस्पेंस आगे और बढ़ने वाला है। चुनाव में पिछड़ने के बावजूद डोनाल्ड ट्रम्प ने अब तक व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा है। बल्कि, कुछ घटनाक्रम ऐसे शुरू हो गए हैं, जिनसे अमेरिका के पूर्व सुरक्षा अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। उन्हें डर है कि व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले ट्रम्प गोपनीय सुरक्षा सूचनाएं सार्वजनिक न कर दें या कहीं वे उन्हें अपने व्यापार में फायदे के लिए बेच न दें।
ट्रम्प के पास बतौर राष्ट्रपति कई बेहद गोपनीय सूचनाएं हैं। इनमें परमाणु हथियारों की लॉन्चिंग, खुफिया सूचनाएं जुटाने की क्षमताएं, दूसरे देशों में अमेरिकी सामरिक ठिकानों से जुड़ी तमाम जानकारियां, अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के विकास की स्थिति आदि शामिल है। पूर्व अधिकारियों की मानें तो इन सूचनाओं के प्रति ट्रम्प का रवैया अब तक काफी गैरजिम्मेदार रहा है।
इसके अलावा सिलसिलेवार घटनाएं भी हैं, जो चिंताजनक संकेत दे रही हैं। मसलन- ये आम मान्यता है कि चुनाव हारने के व्हाइट हाउस में बैठे राष्ट्रपति की व्यस्तता स्वाभाविक तौर पर कम हो जाती है। लेकिन, ट्रम्प पहले से अधिक व्यस्त हैं।
वे व्हाइट हाउस छोड़ने काे राजी नहीं है। बल्कि, उन्होंने एक सप्ताह में अमेरिकी सैन्य मुख्यालय पेंटागन से कई बड़े अफसरों को हटाकर उनकी जगह वफादारों को बैठाया है। यहां तक कि रक्षा मंत्री को भी बदल दिया है। इस तरह वे प्रशासन पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
वे व्हाइट हाउस से बाहर कहीं किसी कार्यक्रम में या सैर-सपाटे के लिए भी नहीं निकले हैं। दूसरी तरफ उनकी टीम धन जुटाने के अभियान में भी लगी है। संकेत साफ है कि आने वाले दिनों में सत्ता का एक नया संघर्ष शुरू होगा। इस बीच ट्रम्प को पेन्सिलवेनिया से एक झटका भी लगा है।
वहां डाक विभाग के एक कर्मचारी हॉपकिंस ने स्वीकार किया है कि उसने मेल-इन वोट (ईमेल के जरिए डाले गए वोट) के बारे में मनगढ़ंत आरोप लगाए थे। हॉपकिंस ने इसे पहले शपथ पत्र देकर मेल-इन वोटिंग में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
ट्रम्प और उनकी टीम ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। इन वोटों को अवैध मानते हुए ही ट्रम्प अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं। हालांकि हॉपकिंस ने मामले की जांच के दौरान सोमवार को अपने आरोपों को गलत बता दिया। इससे ट्रम्प और उनका दावा कमजोर हुआ है।
अमेरिका में कोई भी व्यक्ति दो बार राष्ट्रपति बन सकता है। वह चाहे लगातार हो या आगे-पीछे कभी। सूत्रों की मानें तो ट्रम्प इस संभावना पर भी काम कर हैं कि राष्ट्रपति पद से अगर वे हटते हैं तो उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही न हो। उन्हें अच्छी तरह पता है कि उनकी बढ़ी हुई संपत्ति, कर चोरी, महिलाओं से अवैध संबंध, चुनाव प्रचार में वित्तीय कानूनों के उल्लंघन आदि के तमाम आरोप हैं।
भविष्य में इनकी जांच की जा सकती है। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद वे संवैधानिक रूप से मिला कानूनी संरक्षण भी खो चुके होंगे। ऐसे में खुद को बचाने के लिए भी उन्हें पैसों की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए उनसे जुड़ी आशंकाएं पूरी तरह निराधार भी नहीं मानी जा रही हैं।
अमेरिकी जनता मानने लगी है कि ट्रम्प को हार मान लेनी चाहिए। रॉयटर्स/इस्पसॉस के एक सर्वे में ७९% लोगों ने कहा कि ट्रम्प को व्हाइट हाउस छोड़ देना चाहिए जबकि, १३% लोगों का कहना है कि अभी चुनाव में जीत-हार तय नहीं हुई है। ३% लोग ही यह मानते हैं कि जीत असल में ट्रम्प की हुई है। ५% लोगों ने कोई राय नहीं दी। |
रागअनुरागद्वेष-विमुखता; वियुक्तेः-मुक्त; तु-लेकिन; विषयान्इन्द्रिय विषयों को; इन्द्रियैः-इन्द्रियों द्वारा; चरन्-भोग करते हुए; आत्मवश्यैः-मन को अपने वश में करने वाला; विधेय-आत्मा-मन को नियत्रित करता है; प्रसादम्-भगवतकृपा को; अधिगच्छतिप्राप्त करता है।
ब्ग २.६४: लेकिन जो मन को वश में रखता है वह इन्द्रियों के विषयों का भोग करने पर भी राग और द्वेष से मुक्त रहता है और भगवद्कृपा प्राप्त करता है।
यह विनाश की ओर ले जाने वाला पेचीदा अधोपतन इन्द्रियों के विषय भोगों का चिन्तन करने से आरम्भ होता है। सुखों की लालसा करना आत्मा के लिए उसी प्रकार से सहज है जिस प्रकार से भौतिक शरीर की प्यास से तृप्त होने की इच्छा। यह विचार करना भी कठिन है-"मैं कभी सुखों का चिन्तन नहीं करूंगा", क्योंकि यह आत्मा के लिए असहज है। इसका सरल उपाय यह है कि सुख का चिन्तन उचित दिशा अर्थात भगवान में हो। यदि हम बार-बार यह स्मरण करते हैं कि भगवान में ही सुख है तब भगवान में हमारी भक्ति विकसित होगी। यह दिव्य प्रेम भौतिक आसक्ति के समान मन को दूषित नहीं करेगा अपितु उसे शुद्ध कर देगा। भगवान शुद्ध तत्त्व हैं और जब हम अपने मन को उनमें लीन करते हैं तब मन भी शुद्ध हो जाता है। इस प्रकार श्रीकृष्ण हमें मोह और कामनाओं का त्याग करने का उपदेश देते हैं। यहाँ वे केवल लौकिक मोह और कामनाओं के संबंध में चर्चा कर रहे हैं।आध्यात्मिक आसक्ति और कामनाओं का त्याग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वास्तव में ये अति प्रशंसनीय हैं। मन के शुद्धिकरण के लिए इनका पोषण और संवर्धन आवश्यक है। हम कामनाओं का जितना दहन करेंगे, हमें उतना ही अधिक भगवद्प्रेम प्राप्त होगा और हमारा मन शुद्ध होगा। ज्ञानीजन जो निर्विशेष निर्गुण ब्रह्म की पूजा करने को कहते हैं, वे इस तथ्य को समझ नहीं पाते जब वे सभी प्रकार की आसक्तियों का त्याग करने की अनुशंसा करते हैं। श्रीकृष्ण कहते हैं कि वे लोग जो अपने मन को निष्काम भाव से मुझ में स्थिर करते हैं, वे माया के तीन गुणों से ऊपर उठ जाते हैं और वे परब्रह्म की अवस्था प्राप्त कर लेते हैं (भगवद्गीता १४.२६)।
भगवद्गीता के आगे के अध्यायों जैसे (८.७, ८.१४, ९.२२, ९.३४, १०.१०, १२.८, ११.५४, 1८. ५५, 1८.5८, 1८.६५) आदि में वे बार-बार अर्जुन को अपना मन भगवान में स्थिर करने की प्रेरणा देते हैं। राग और द्वेष एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। द्वेष और कुछ न होकर नकारात्मक आसक्ति है। जिस प्रकार से आसक्ति संसार के विषय भोगों का मन में बार-बार चिन्तन करने से उत्पन्न होती है उसी प्रकार से द्वेष के कारण घृणा के विषय मन में प्रविष्ट हो जाते हैं। इस प्रकार भौतिक पदार्थों में आसक्ति और विमुखता दोनों का मन पर समान रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वे इसे दूषित करते हैं और माया के तीन गुणों में धकेल देते हैं। जब मन, राग और द्वेष दोनों से मुक्त हो जाता है और भगवान की भक्ति में तल्लीन हो जाता है तब वह मनुष्य भगवान की कृपा प्राप्त कर अनन्त दिव्य सुख प्राप्त करता है। इस दिव्य सुख को पाकर मन संसार के सुखों का भोग करने पर भी इन्द्रिय विषयों की ओर आकर्षित नहीं होता। इस प्रकार से स्थितप्रज्ञ मनीषी इन्द्रियों के विषयों स्वाद, स्पर्श, गंध, श्रवण, रूप का हमारे समान भोग करते हैं लेकिन फिर भी वे आसक्ति और विमुखता दोनों से मुक्त रहते हैं। |
मुंबई, ट्रांसयूनियन सिबिल के नवीनतम अध्ययन से पता चला है कि भारतीय ऋण क्षेत्र में भारतीय महिला उपभोक्ताओं की सहभागिता व हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। ३० मिलियन महिला उधारकर्ताओं ने ऋण उत्पादों का लाभ उठाया है। सितंबर-१९ में कुल उधारकर्ताओं में महिला उधारकर्ताओं की भागीदारी लगभग २६ प्रतिशत रही, जबकि सितंबर-१३ में यह लगभग २१ प्रतिशत रहा।
जैसे-जैसे महिला उधारकर्ताओं की संख्या बढ़ी है, वैसे-वैसे इन महिला उधारकर्ताओं के बीच जागरूकता और ऋण की समझ भी बढ़ी है। वर्ष २०१८ से २०१९ के बीच स्वयं निर्णय लेने वाली महिलाओं की संख्या में ६२ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह स्वयं निर्णय लेने वाले पुरुष उपभोक्ताओं की वृद्धि दर से दोगुनी है(३० प्रतिशत)।
अध्ययन के अनुसार, स्वयं निर्णय लेने वाली इन महिला उपभोक्ताओं में से ५६ प्रतिशत महिलाएँ महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और दिल्ली राज्यों से हैं। (तालिका १ देखें) यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जबकि इस सेगमेंट में आंध्र प्रदेश की केवल ५ प्रतिशत महिलाएँ हैं, उनमें से ४४ प्रतिशत महिलाएँ तीन महीने पर अपने सिबिल स्कोर और रिपोर्ट की जाँच कर ऋण या क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाती हैं। इससे पता चलता है कि वे क्रेडिट को लेकर जागरूक हैं और उनहें ऋण हासिल करने में अपनी सिबिल रिपोर्ट की भूमिका के बारे में पता है।
दिलचस्प बात यह है कि स्वयं निर्णय लेने वाली ६४ प्रतिशत महिलाएँ मिलेनियल्स हैं (तालिका २ देखें) हैं। इन आयु समूहों में औसत सिबिल स्कोर उल्लेखनीय हैं, और इन सेल्फ-मॉनिटरिंग महिला उपभोक्ताओं का औसत सिबिल स्कोर ७३५ है। कुल मिलाकर, औसत सेल्फ-मॉनिटरिंग महिला उपभोक्ता कासिबिल स्कोर ७३४ है; जबकि सेल्फ-मॉनिटरिंग पुरुष का सिबिल स्कोर 7२6 है।
तो महिलाएँ ऋण की इस सुलभता का क्या कर रही हैं?
अपने सिबिल स्कोर और रिपोर्ट की जाँच के तीन महीने के भीतर, ५२प्रतिशत महिला उपभोक्ता कम से कम एक ऋण खाते या क्रेडिट कार्ड के लिए (केवल पूछताछ) आवेदन करती हैं। इसके अतिरिक्त, समग्र आधार पर ३५ प्रतिशत महिलाएँ वास्तव में ऋण खाता खोलने या क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाने के लिए पहल करेंगी।
महिलाओं ने क्रेडिट को लेकर अपनी समझ का भी परिचय दिया है और अपने सिबिल स्कोर व रिपोर्ट की जाँच के छह महीने के भीतर, उनमें से ४५ प्रतिशत ने अपने क्रेडिट प्रोफाइल (सिबिल स्कोर) में सुधार किया है। यह सुनिश्चित करता है कि ऋण की सबसे अधिक आवश्यकता होने की स्थिति में, वो ऋण का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं।
सरकार और ऋणदाता भी महिला उपभोक्ताओं के बीच ऋण की इस समझ को स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने महिलाओं को ब्याज की कम दरों पर सस्ती ऋण प्रदान करके ऋण की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। ऋणदाता भी ऐसे ऋण और क्रेडिट कार्ड बना रहे हैं जो विशेष रूप से महिला उपभोक्ताओं के लिए हों।
२०२२ में किस और रहेगा जीरा का रुझान ?
क्या २०२२ में भी सुस्त रहेगी मेंथा ऑयल की चाल?
२०२१ में धनिया ने बनाया धनीराम, जानिए २०२२ में कैसी रहेगी इसकी चाल? |
बीकानेर। मकर सक्रांति के साथ ही मल मास समाप्त हो गया। पुष्करणा सावा के मांगलिक गीतों के कार्यक्रम अब शुरू होंगे। सावा के वातावरण निर्माण व कुरीतियों को दूर करने व सावा संस्कृति को बचाने के लिए पतंगों पर स्लोगन सन्देश लिख कर पतंग उड़ाकर छोड़े गए। रमक झमक की ओर से करीब २०० पतंगों पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , बहु ने बेटी मानो सा लाडी ने लाड लडाओ सा , कुरीतियों ने घटाओ सा परम्पराओं ने निभाओ सा , व एक बात रो राखो ध्यान बेटा बेटी एक सामान, जैसे अनेक सन्देश लिखकर पतंग बांटे व उड़ाकर छोड़े। नयाशहर थानाधिकारी महेंद्रदत्त शर्मा, पुजारी बाबा, डॉ प्रीति गुप्ता, रतनलाल महाराज, डॉ सुधा आचार्य, पार्षद गिरिराज जोशी, आइया महाराज, डॉ जगदीश नारायण, दिलीप रंगा, करण ग्रुप के केप्सा पुष्करणा, अमित जोशी, भाई राजेश ओझा, मुकेश छंगाणी, रवि कलवाणी, देवेंद्र बिस्सा, नितेश पुरोहित, शिवदत्त ओझा सहित अनेक लोग शामिल हुवे। रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा भैरुँ ने कहा कि यह पतंग युवाओं द्वारा पुष्करणा समाज के बाहुल्य छेत्र में उड़ाकर छोड़े जायेंगे।
एस एच ओ महेंद्रदत शर्मा ने कहा कि पुष्करणा समाज के लोग शांतिप्रिय है शहर में सावे के दौरान अच्छी व्यवस्था की जायेगी। पुजारी बाबा ने कहा कि पतंगों पर लिखे सावा सन्देश आसमान से घरो की छतों व आँगन तक पहुचेंगे। उन्होंने कहा कि रमक झमक का संदेश आसानी से घरो तक पहुच पायेगा। इस अवसर पर एस एच ओ नयाशहर थाना महेन्द्र दत शर्मा का स्वागत पुजारी बाबा द्वारा किया गया। आभार राधे ओझा ने स्वीकार किया। |
मान्यता है कि भगवान शिव ने पार्वती जी को उनका पूर्व जन्म याद दिलाने के लिए इस व्रत की माहात्म्य कथा कही थी। भोलेशंकर ने माता पार्वती जी से कहा, हे गौरी! तुमने अपनी बाल्यावस्था में १२ वर्षों तक अधोमुखी होकर पर्वतराज हिमालय पर स्थित गंगा के तट पर कठोर तप किया था। इस समय तुमने केवल पेड़ों के सूखे पत्ते खाकर ही व्यतीत किए थे। तुमने माघ की विक्राल शीतलता में निरंतर जल में प्रवेश कर, वैशाख की जला देने वाली गर्मी में पंचाग्नि से शरीर को तपाकर, श्रावण की मूसलधार वर्षा में खुल आसमान में बिना अन्न-जल ग्रहण किए तुमने तप किया था। तु्म्हारी इस स्थिति को देख तु्म्हारे पिता अत्यंत दुखी थे। फिर एक दिन पिता के क्लेश और तुम्हारी कठोर तपस्या को देख नारद जी तुम्हारे घर आए।
नारदजी ने कहा- गिरिराज! मुझे भगवान विष्णु ने भेजा है। आपकी पुत्री ने कठोर तप किया है। विष्णु जी उनके तप से प्रसन्न हैं और उनके विवाह करना चाहते हैं। इस बारे में मैं आपकी राय जानना चाहता हूं। यह सुनकर गिरिराज खुश हो उठे और बोले- श्रीमान्! अगर स्वयं भगवान विष्णु मेरी कन्या से विवाह करना चाहते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। वे तो साक्षात ब्रह्म हैं। नारद जी तुम्हारे पिता की स्वीकृति पाकर विष्णु जी के पास लौट गए। उन्होंने विष्णु जी का ब्याह निश्चित होने का समाचार सुनाया। लेकिन जब यह बात तुम्हें पता चली तो तुम अत्यंत दुखी हो गईं।
तुम्हारी यह दशा देखकर तुम्हारी सखी ने उस विक्षिप्तता का कारण जानना चाहा। इस पर तुमने अपनी सखी को बताया- मैंने सच्चे हृदय से भगवान शिवशंकर का वरण किया है, लेकिन मेरे पिता ने विष्णु जी के साथ मेरा विवाह निश्चित कर दिया है। मैं क्या करूं धर्म संकट में हूं। प्राण त्यागने के अलावा और कोई उपाय बाकी नहीं है। लेकिन तुम्हारी सखी बहुत समझदार थी। उसने कहा- सखी! यह कोई उपाय नही हैं। इस समय तुम्हें धैर्य से काम लेना होगा। नारी के जीवन की सार्थकता इसी में है कि वो पति-रूप में जिसे दिल से स्वीकारें उसी के साथ जीवन निर्वाह करें। मैं तुम्हें एक ऐसी जगह या घनघोर जंगल में ले जाती हूं जहां तुम्हारे पिता न पहुंच पाएं। साथ ही यह साधना स्थली भी हो। यहां तुम साधना करना। भगवान तुम्हारी हर इच्छा करेंगे।
तुमने ऐसा ही किया। तुम्हे न पाकर तुम्हें पिता अत्यंत व्याकुल हो गए। वो सोचने लगे कि तुम कहां जा सकती हैं क्योंकि वो तुम्हारा विवाह विष्णु जी के साथ करने का वचन दे चुके थे। कुछ ही देर में विष्णु जी बारात लेकर तुम्हारे घर पहुंचने वाले थे। तुम्हारे पिता को लगा कि अगर वो आ गए और तुम न मिली तो क्या होगा। ऐसे में गिरिराज ने तुम्हारी खोज शुरू करवा दी। जहां तुम्हारे पिता तुम्हें ढूंढ रहे थे वहीं, तुम अपनी सखी के साथ नदी के तट पर एक गुफा में मेरी आराधना में लीन थीं। यह भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र था। इस दिन तुमने रेत का शिवलिंग बनाया और व्रत किया। पूरी रात तुमने मेरी अराधना की। तुम्हारी कठोर तपस्या और कष्टों से मेरा आसने डोलने लगा। मेरी समाधि तक टूट गई। तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न होकर मैं मैं तुरंत तुम्हारे समक्ष जा पहुंचा और तुम्हें वर मांगने को कहा।
पिताजी! मैंने अपने जीवन का ज्यादातर समय कठोर तपस्या की है। मैं महादेव को पति के रूप में पाना चाहती हूं। लेकिन आप मेरा विवाह विष्णुजी से तय कर चुके थए। इसलिए मैं घर को त्याग कर आराध्य की खोज में निकल गई। मैं इस कसौटी में खरी उतर चुकी हूं। अगर आप मेरा विवाह विष्णु जी के बजाय महादेव से करेंगे तो ही मैं आपके साथ घर वापस जाऊंगी।
शिव जी ने पार्वती जी को बताया कि तुम्हारी इस शर्त को गिरिराज मान गए और तुम्हें घर ले आए। कुछ समय बाद हम दोनों का विवाह सम्पन्न किया गया। शिव जी ने कहा- हे पार्वती! भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को तुमने मेरी आराधना कर व्रत किया था। इसकी वजह से ही तुमसे मेरा विवाह हो पाया। इस व्रत का महत्व यह है कि जो भी कुंवारी कन्या इस व्रत को करती है मैं उसे मनोवांछित फल देता हूं। इसलिए युवती को यह व्रत पूरी निष्ठा और आस्था के साथ करना चाहिए। |
१. इंटरव्यू के लिए मास्क लगा कर आए और आप कोविड-१9 को लेकर गवर्मेन्ट के जो भी दिशा निर्देश हैं उनका भली भांति पालन करें।
२. कैंडिडेट का वैक्सीनेटेड होना अनिवार्य है और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेकर आना अनिवार्य है।
नोट-: यह भर्ती पूरी तरह से निःशुल्क है, इसीलिए किसी भी प्रकार का कोई भी शुल्क किसी भी ब्यक्ति को न दे, वेलमैन किसी भी प्रकार के रुपए का लेन देन नही करता है. कोई भी ब्यक्ति अगर इस प्रकार को गतिबिधि में पकड़ा जाता है तो उस पर क़ानूनी कार्यवाही होगी साक्षात्कार के लिए बहुत शुभकामनाएं । |
आईसीएसई, आईएससी बोर्ड परीक्षा २०२३: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सिस्स) ने इकसे (कक्षा १०) और इस्क (कक्षा १२) बोर्ड परीक्षा, २०२३ के लिए नमूना प्रश्न पत्र प्रकाशित किए हैं।
जो छात्र अगले साल इकसे और इस्क बोर्ड परीक्षा देंगे, वे सिस्स.ऑर्ग से सैंपल पेपर डाउनलोड कर सकते हैं और परीक्षा पैटर्न और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार को समझने के लिए उन्हें हल कर सकते हैं।
इस साल, सिस्स ने पिछले साल के विपरीत केवल एक बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है, जब यह दो सेमेस्टर में आयोजित की गई थी।
सीआईएससीई द्वारा आईसीएसई और आईएससी दोनों स्तरों पर शैक्षणिक वर्ष २०२३ के अंत में केवल एक परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। सिस्स ने फरवरी / मार्च २०२३ के महीनों में उक्त परीक्षाओं को अस्थायी रूप से आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है। कृपया ध्यान दें कि इकसे और इस्क वर्ष २०२३ परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम को चुनिंदा विषयों में संशोधित किया गया है। संशोधित पाठ्यक्रम प्रकाशन अनुभाग के तहत सिस्स की वेबसाइट पर उपलब्ध है, परिषद ने मई, २०२२ की एक अधिसूचना में कहा।
नमूना पत्र डाउनलोड करने के लिए, आईसीएसई और आईएससी छात्र सीआईएससीई वेबसाइट के प्रकाशन अनुभाग पर जा सकते हैं और नमूना प्रश्न पत्र आईसीएसई कक्षा एक्स या नमूना प्रश्न पत्र आईएससी कक्षा बारहवीं के तहत वर्ष २०२३ लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। इसे डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करें। |
रेडमी नोट ११ प्रो (२०२३) स्मार्टफोन को कथित तौर पर गीकबेंच पर देखा गया है, जिससे संकेत मिलता है कि स्मार्टफोन क्वालकॉम के स्नैपड्रैगन ७३२ग सोक के साथ ८गब रैम के साथ आ सकता है। इस बीच, कंपनी पहले ही इस सप्ताह की शुरुआत में रेडमी नोट १२ सीरीज के लॉन्च की घोषणा कर चुकी है। यह पहली बार नहीं होगा जब चीनी स्मार्टफोन उत्तराधिकारी के लॉन्च के बाद पुराने मॉडलों के लिए एक अद्यतन संस्करण जारी करेगा। इस बीच, यह बताया जा रहा है कि २०२३ में लॉन्च होने वाला रेडमी नोट ११ प्रो इस साल के रेडमी नोट ११ का अपडेटेड वर्जन होगा।
गीकबेंच पर मॉडल नंबर २२०९११६आग के साथ एक ज़ियाओमी स्मार्टफोन देखा गया था, जिसे ९१मोबाइल की एक रिपोर्ट के अनुसार रेडमी नोट ११ प्रो (२०२३) ग्लोबल वेरिएंट कहा जाता है।
गीकबेंच लिस्टिंग के अनुसार, रेडमी नोट ११ प्रो (२०२३) में क्वालकॉम सोक हो सकता है, जिसका कोडनेम स्वीट होगा। स्वीट इंगित करता है कि स्मार्टफोन स्नैपड्रैगन ७३२ग सोक को स्पोर्ट करेगा। प्रोसेसर स्पेसिफिकेशन से यह भी पता चलता है कि यह डिवाइस एक ४जी स्मार्टफोन होगा। इसके पूर्ववर्ती, रेडमी नोट ११ प्रो ४ग, को कंपनी ने २०२२ की शुरुआत में मेडियाटेक हेलियो ग९६ सोक के साथ लॉन्च किया था।
नवीनतम गीकबेंच लिस्टिंग से पता चलता है कि स्मार्टफोन का २०२३ संस्करण एंड्रॉइड ११ पर चलेगा, जो कि निराशाजनक हो सकता है क्योंकि एंड्रॉइड १२ और एंड्रॉइड १३ को समान विनिर्देशों की श्रेणी में अन्य स्मार्टफोन पर तेजी से देखा जा रहा है।
हालाँकि, ज़ियाओमी ने अभी तक रेडमी नोट ११ प्रो (२०२३) वेरिएंट पर किसी भी विवरण की पुष्टि नहीं की है। इसलिए, आधिकारिक घोषणा के बाद, स्मार्टफोन के विनिर्देशों के बारे में अन्य जानकारी, जिसमें ८गब के अलावा और अधिक रैम विकल्प शामिल हैं, को भी उपलब्ध कराया जा सकता है।
पिछले महीने, यह बताया गया था कि रेडमी नोट ११ प्रो (२०२३) वेरिएंट को यूएस फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन (फक) डेटाबेस पर देखा गया है और इसे ईच सर्टिफिकेशन मिला है। मिस्मार्टप्राइस की एक रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि मॉडल नंबर 2209११6आग वाले रेडमी स्मार्टफोन को फक डेटाबेस पर देखा गया है। इसके अलावा, यह उल्लेख करता है कि हैंडसेट मिउई १३ आउट-ऑफ-द-बॉक्स पर चलता है, जो अंड्रॉयड १२ पर आधारित हो सकता है।
इस बीच, ज़ियाओमीउई की एक पिछली रिपोर्ट ने इमी डेटाबेस पर रेडमी २२०९११६आग मॉडल को देखा। हालांकि स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशंस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन यह अनुमान लगाया गया था कि रेडमी नोट ११ प्रो (२०२३) रेडमी नोट १० प्रो का रीबैज हो सकता है।
रेडमी नोट ११ प्रो (२०२३) संस्करण भी कथित तौर पर पिछले महीने गूगल प्ले कंसोल पर दिखाई दिया था जहां इसे तीन साल पुराने स्नैपड्रैगन ७१२ सोक को स्पोर्ट करने के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। उपस्थिति ने यह भी सुझाव दिया कि प्रोसेसर में एक ऑक्टा-कोर आर्किटेक्चर हो सकता है जिसमें २ प्रदर्शन कोर, छह दक्षता कोर और एक एड्रेनो ६१० जीपीयू शामिल होंगे। रेडमी नोट ११ प्रो (२०२३) के डिस्प्ले को 1080२400 पिक्सल रेजोल्यूशन वाला पैनल माना गया था। स्मार्टफोन के डिस्प्ले का आकार रेडमी नोट ११ प्रो पर ६.६7-इंच टचस्क्रीन के समान रहने के लिए इत्तला दी गई है।
संबद्ध लिंक स्वचालित रूप से उत्पन्न हो सकते हैं विवरण के लिए हमारा नैतिक विवरण देखें। |
यह नया सीज़न गेराल्ट ऑफ रिविया (कैविल) का अनुसरण करेगा, आश्वस्त येंफर का जीवन सोडेन की लड़ाई में खो गया था, जो राजकुमारी सिरिला को सबसे सुरक्षित स्थान पर लाना चाहता है, जिसे वह जानता है कि उसका बचपन का घर कैर मोरेन है।
जबकि महाद्वीप के राजा, कल्पित बौने, मनुष्य और राक्षस इसकी दीवारों के बाहर वर्चस्व के लिए प्रयास करते हैं, उसे लड़की को किसी और खतरनाक चीज़ से बचाना चाहिए: वह रहस्यमयी शक्ति जो उसके अंदर है।
उनके द्वारा साझा की गई प्रमुख कला जून में अपने गीकेड वीक इवेंट के दौरान साझा किए गए क्रिप्टिक टीज़र नेटफ्लिक्स पर आधारित है, जिसने फ्रेया एलन की सीरी, रहस्यमयी रनों और बहुत कुछ को छेड़ा।
सीज़न दो के प्रोडक्शन का सफर विश्वासघाती रहा है। श्रृंखला में शामिल कई लोगों के कोविड-१९ के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद नवंबर २०२० में उत्पादन को रोक दिया गया था।
ठीक एक महीने बाद, सीज़न दो का उत्पादन एक और पड़ाव पर आ गया क्योंकि कैविल को सेट पर चोट लग गई थी। उत्पादन अप्रैल में लपेटा गया।
द विचर सीजन २ का प्रीमियर १७ दिसंबर को होगा। लॉरेन श्मिट हिसरिच कार्यकारी निर्माता और श्रोता के रूप में काम कर रहे हैं। टोमेक बैगिंस्की, जेसन एफ। ब्राउन, सीन डैनियल, माइक ओस्ट्रोस्की, स्टीव गॉब और जारोस्लाव सावको भी कार्यकारी निर्माता हैं।
लोकप्रिय फंतासी श्रृंखला द विचर के प्रशंसकों के लिए इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। मेकर्स ने काफी इंतजार के बाद आखिरकार सीजन २ का टीजर ट्रेलर रिलीज कर दिया है। टीजर ट्रेलर के साथ ही शो की रिलीज डेट का भी खुलासा किया गया था. हेनरी कैविल के नेतृत्व वाले कलाकारों के साथ, फ्रेया एलन और अन्या चालोत्रा नए कलाकारों के साथ श्रृंखला में अपनी भूमिका को फिर से करने के लिए तैयार हैं।
नेटफ्लिक्स का लोकप्रिय शो द विचर सीजन २ के ट्रेलर के साथ वापस आ गया है। इसकी शुरुआत गेराल्ट ऑफ रिविया (हेनरी कैविल) के साथ होती है, जिसमें प्रिंसेस सिरिला (फ्रेया एलन) विचर महल कैर मोरेन की यात्रा पर निकलती है। ट्रेलर वेंजरबर्ग की जादूगरनी येनेफर की वापसी को भी चिढ़ाता है। नेटफ्लिक्स ने घोषणा की कि फंतासी श्रृंखला १७ दिसंबर, २0२1 को वापस आएगी। यह खुलासा शुक्रवार को विचर्कन के दौरान किया गया था, जो एक ऑनलाइन स्ट्रीमिंग इवेंट है, जो सभी चीजों के लिए समर्पित है, जिसमें निम्नलिखित टीज़र ट्रेलर जारी किया गया है।
द विचर सीज़न एक का प्रीमियर २०१९ में हुआ था और यह आंद्रेज सपकोव्स्की के इसी नाम के सबसे अधिक बिकने वाले उपन्यासों पर आधारित था। शो में हवा में लौटने के लिए एक चट्टानी सड़क रही है। हॉलीवुड रिपोर्टर के अनुसार, दूसरे सीज़न ने २०२० की शुरुआत में अपना उत्पादन शुरू किया, फिर मार्च में कोविड -१९ महामारी के कारण रोक दिया गया और जब शो के एक नवागंतुक क्रिस्टोफर हिवजू ने कोविद -१९ के लिए सकारात्मक परीक्षण किया। अगस्त में श्रृंखला का फिल्मांकन फिर से शुरू हुआ और फिर नवंबर में कोविड के बढ़ते मामलों के कारण फिर से रोक दिया गया। दिसंबर में, स्टार हेनरी कैविल को सेट पर चोट लग गई, हालांकि इससे फिल्मांकन की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आई। दूसरे सीज़न का उत्पादन अंततः अप्रैल में शुरू हुआ, इसके शुरू होने के एक साल से अधिक समय बाद, और सीज़न में शो के सीज़न के समान आठ एपिसोड शामिल होंगे।
नेटफ्लिक्स ने द विचर के प्रीक्वल की भी घोषणा की है जिसका शीर्षक द विचर: ब्लड ओरिजिन है जो शो की वर्तमान समयरेखा से १,२०० साल पहले एक योगिनी दुनिया में स्थापित किया जाएगा। प्रीक्वल समय के साथ खोई हुई कहानी बताएगा, जिसमें पहला प्रोटोटाइप विचर का निर्माण और ऐसी घटनाएं शामिल हैं, जो क्षेत्रों के निर्णायक संयोजन की ओर ले जाती हैं, जब राक्षसों, पुरुषों और कल्पित बौने की दुनिया एक हो जाती है। |
हमसे संपर्क कैसे करें?
शॉपीफी पर ई-कॉमर्स व्यापारी अब शिकागो स्थित बिटकॉइन भुगतान ऐप स्ट्राइक के बाद बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार कर सकते हैं, गुरुवार को ई-कॉमर्स कंपनी के साथ इसके एकीकरण की घोषणा की।
लाइटनिंग नेटवर्क बिटकॉइन ब्लॉकचैन के शीर्ष पर बनाया गया एक परत २ स्केलिंग समाधान है जो कम प्रसंस्करण शुल्क के साथ तेजी से लेनदेन को सक्षम करता है। जैक डोरसी के ब्लॉक की भुगतान सहायक ऐप कैश ऐप ने हाल ही में दुनिया भर में मुफ्त बिटकॉइन भुगतान को सक्षम करने के लिए लाइटनिंग नेटवर्क के साथ अपने एकीकरण की घोषणा की।
हमें शॉपीफी के साथ साझेदारी करने पर गर्व है ताकि व्यापारियों को बिटकॉइन तकनीक का उपयोग करके अमेरिकी डॉलर स्वीकार करने का एक सस्ता और तेज़ तरीका प्रदान किया जा सके। लाइटनिंग नेटवर्क एक वैश्विक भुगतान नेटवर्क है जो लागत कम करता है, गति बढ़ाता है, नवाचार को बढ़ावा देता है, वित्तीय समावेशन में सुधार करता है और उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए पसंद की शक्ति लाता है।
स्ट्राइक अल सल्वाडोर से भी संबद्ध है, जो बिटकॉइन को अपनी कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। दोनों ने देश में बिटकॉइन प्रौद्योगिकी का समर्थन करने के लिए एक वित्तीय बुनियादी ढांचा बनाने के लिए भागीदारी की।
लॉस एंजिल्स स्थित स्ट्रीटवियर डिजाइनर वॉरेन लोटास नवीनतम एकीकरण का लाभ उठाने वाले पहले खुदरा विक्रेता बन गए हैं, अगले कुछ महीनों में अधिक व्यापारियों को शामिल करने की योजना है।
निकिता को प्रौद्योगिकी और व्यवसाय रिपोर्टिंग में ७ साल का व्यापक अनुभव है। उसने 201७ में पहली बार बिटकॉइन में निवेश किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालाँकि वह अभी किसी भी क्रिप्टो मुद्रा को धारण नहीं करती है, लेकिन क्रिप्टो मुद्राओं और ब्लॉकचेन तकनीक में उसका ज्ञान त्रुटिहीन है और वह इसे सरल बोली जाने वाली हिंदी में भारतीय दर्शकों तक पहुंचाना चाहती है जिसे आम आदमी समझ सकता है। |
मीना या मीणा (मीना और मीना) भारत में पाई जाने वाली एक आदिवासी जाति है. इन्हें भारत के प्राचीनतम जातियों में से माना जाता है. इस जाति की गिनती भारत के वीर क्षत्रिय योद्धा जातियों में की जाती है. जीवन यापन के लिए यह मुख्य रूप से कृषि और पशुपालन पर निर्भर हैं. हालांकि अब यह आधुनिक शिक्षा और रोजगार के अवसरों का लाभ उठाते हुए हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं और अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं.अधिकांश मीणा हिंदू धर्म का अनुसरण करते हैं. यह भगवान मीन, शिव और अन्य हिंदू देवी देवताओं की पूजा करते हैं. यह हिंदी, मेवाड़ी, धुंधरी, गढ़वाली, मारवाड़ी, मालवी, भीली भाषा, आदि बोलते हैं. आइए जानते हैं मीणा जाति का इतिहास, मीणा शब्द की उत्पति कैसे हुई?
मीणा किस कैटेगरी में आते हैं?
मीणा जाति की जनसंख्या,कहां पाए जाते हैं?
मीणा शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई? |
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जा रही एलडीसी ग्रेड २/ कनिष्ठ सहायक भर्ती २018 में २.५० लाख रुपए से कम आय बताकर परीक्षा शुल्क में २00 एवं १०० रुपये की छूट लेना अब कई अभ्यर्थियों पर भारी पड़ रहा है । ऐसे कई अभ्यर्थियों का दस्तावेज जांच के लिए चयन तो हो गया , लेकिन वे आय का प्रमाण पत्र नहीं दे पा रहे हैं।
दैनिक भास्कर ने स्पेशल स्टोरी के रूप में इस मामले को उठाया हैदैनिक भास्कर की स्पेशल स्टोरी को देखने के लिए इस लिंक पर जाए।
ऐसे अभ्यर्थियों के चयन पर तलवार लटक गई है । बोर्ड उन्हें भी से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में है । इस भर्ती में १८,४२९ कैंडिडेट्स को दस्तावेज और पात्रता जांच के लिए सूचीबद्ध किया गया था । बोर्ड को अंदेशा है कि इनमें से करीब एक हजार अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने अधिक आय होते हुए भी २.५० लाख रुपए से कम आय बताकर परीक्षा शुल्क में छूट ली थी । बोर्ड के इस निर्णय का अभ्यर्थियों ने यह कहते हुए विरोध शुरू कर दिया है कि मानवीय भूल के चलते उनसे ऐसा हो गया ।
र्सब लैक भर्ती से जुड़ी आधिकारिक अपडेट के लिए इस लिंक पर जाए।
लेकिन अब वे त्रुटि सुधार के लिए ३०० रुपए के पोस्टल ऑर्डर सहित बोर्ड में आवेदन कर चुके हैं । ऐसे में उन्हें भर्ती से बाहर नहीं किया जाए । लेकिन बोर्ड मानने को तैयार नहीं है । टीम युवा हल्ला के अनुसार , बोर्ड ने अगर इन अभ्यर्थियों को बाहर करने का प्रयास किया तो भी कोर्ट में अटक सकती है जिसकी वजह से बिना किसी वजह ऐसे चयनित अभ्यर्थियों को इंतजार करना पड़ता है जिनके दस्तावेजो में कोई कमी नही होती है जो अन्याय है।
एलडीसी भर्ती के लिए चयन बोर्ड ने १६ अप्रैल २०१८ को विज्ञापन जारी किया था । इसमें १० मई से ८ जून तक आवेदन करना था । सामान्य वर्ग , ओबीसी क्रीमीलेयर व एमबीसी के लिए ४५० . नॉन क्रीमीलेयर ओबीसी , एमबीसी के लिए ३५० और एसस्सी , एसटी व विशेष योग्यजन के लिए २५० रूपए परीक्षा शुल्क तय किया गया ।
२ मई के नोटिफिकेशन के ८ दिन बाद १० मई से जब आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई तो अभ्यर्थियों ने परिवार की सालाना आय वाले कॉलम में २ . ५० लाख रुपए से कम आय पर टिक लगा दिया । इससे उन्हें परीक्षा में २00 रुपए की छूट मिल गई और केवल २५० रूपए ही जमा कराने पड़े ।
अभ्यर्थी की पात्रता तभी मानी जाती है जब उसने पूरा परीक्षा शुल्क जमा कराया हो । इन अभ्यर्थियों ने २ . ५० लाख रुपए से अधिक आय होते हुए भी पूरा शुल्क जमा नहीं कराया । पात्रता जांच के बाद पूरा परीक्षा शुल्क जमा नहीं कराने वालों को बाहर किया जाएगा । |
होली की पूर्व संध्या पर सीओ क्राइम /गोरखनाथ प्रवीण सिंह ने क्राइम ब्रांच की टीम के साथ मदद सेवा संस्थान के बच्चों के साथ होली खेली,
रुद्रपुर/देवरिया(संवाददाता): उपनगर के अधिकांश वार्डों में फैली गंदगी को देखकर संक्रामक बीमारियों का अंदेशा बढ़ गया है और जिम्मेदार एक दुसरे के मत्थे जिम्मेदारी को मढ़कर अपना पल्लू छाड़ ले रहे हैं।
पिछले कई दिनों से नालियों की साफ-सफाई नहीं हुई है। जगह-जगह कचरों के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं। नगर वासियों का कहना है कि उन्होंने अपने-अपने वार्ड के सभासदों को उक्त समस्याओं से अवगत करा दिया है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इधर सभासदों का कहना है कि नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी उनकी सुनते ही नहीं है।
नगर में बढ़ती गंदगी से स्वच्छता अभियान की पोल खोलने को काफी है। जबकि सत्ताधारी नेता सफाई अभियान के नाम पर समय-समय पर औपचारिकताएं पूरी करते हुए अवश्य नजर आ जाते हैं।
कुशीनगर:छ:माह पूर्व डीजे की दुकान हुए चोरी का पर्दाफाश नही कर सकी पुलिस।
छ:माह पूर्व डीजे की दुकान हुए चोरी का पर्दाफाश नही कर सकी पुलिस।
छ:माह पूर्व डीजे की दुकान मे हुए चोरी का पर्दाफाश नही कर सकी पुलिस।
कुशीनगर।जनपद के अहिंरौली बाजार थाना अंतर्गत जगदीशपुर से रेलवे क्रासिंग के तरफ जाने वाली पीच मार्ग स्थित डीजे के दुकान में हुई चोरी की घटना के बाद भी पुलिस मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बरडीहा निवासी रितेश सिह जो जगदीशपुर मुख्य मार्ग से बरडीहा रेलवे क्रासिंग के तरफ़ जाने वाली मार्ग पर डीजे की दुकान चलाते हैं।
छ:माह पूर्व ताला तोड़कर हुए लाखों की चोरी का पुलिस अब तक पर्दाफाश नही कर पाई जिससे पुलिस के कार्यप्रणाली पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे। लोगों का कहना है कि पुलिस रात्रि में गश्त कर रही है फिर भी क्षेत्र में चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही है जो कहीं कहीं पुलिस की भारी लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त थाना क्षेत्र बरडीहा गांव निवासी रितेश सिह पुत्र रविन्द्र सिंह के डीजे की दुकान में बीते दिनांक २९ जून २०२२ की दुकान के पीछे से खिड़की के रास्ते घुसकर तकरीबन ७० हजार रुपए के कीमती मिक्सर मशीन और अन्य सामान की चोरी कर फरार हो गए।सूचना पर मौके से पहुंची पुलिस ने चोरी की घटना का जायजा लिया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।ताज्जुब इस बात कि है कि घटना को छ: माह बीत गए लेकिन पुलिस अबतक चोरों का सुराग नही लगा पायी है जिससे क्षेत्र में चोरों के हौसले बुलंद हो गए है।जब चाहे छोटी-बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे है।
तरकुलवा (देवरिया)। स्थानीय विकास खंड के कंचनपुर तिराहे पर हिंदू युवा वाहिनी के जिला उपाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव की अगुआई में आयोजित होली मिलन समारोह को संबोधित करते हुए रामपुर कारखाना के नवनिर्वाचित विधायक सुरेंद्र चौरसिया ने कहा कि होली मिलन समारोह आपसी भाईचारे का संदेश देता है । आज इसी का परिणाम है कि यहां पर इतना उत्साह के साथ लोग आए हैं । लोगों का उत्साह यह सिद्ध करता है कि उत्तर प्रदेश की सरकार सबका साथ, सबका विकास के साथ काम किया है। एक बार पुनः आप सभी के आशीर्वाद से प्रदेश में दूसरी बार योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। जिसके कारण अब लोगों को किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। हर हाथों को काम मिलेगा तथा उनके चेहरे पर मुस्कान होगी। इस आशा और विश्वास के साथ आप सभी ने मुझे लखनऊ की महापंचायत में विधायक के रूप में चुन कर भेजा है। उसी विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। आप सभी के सम्मान की रक्षा होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष दीपक जायसवाल और संचालन नीरज श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रवीण प्रताप मल्ल, अजीत सिंह, मंडल अध्यक्ष पंकज सिंह, रोहित राय, मनोज भारती, सोनू गोंड़, जगदीश शर्मा, संजय श्रीवास्तव, रविंद्र शर्मा, रविंद्र प्रताप शर्मा, सत्य प्रकाश पांडेय, रविंद्र पांडेय, जेपी कुशवाहा, गंगा सागर यादव, जितेश पांडेय, अरुण मिश्रा, सहित सैकड़ों की तादाद में हिंदू युवा वाहिनी व भाजपा के कार्यकर्ता शामिल रहे। |
फ़्री सिलाई मशीन योजना राज्यवार सूची? (मुफ्त सिलाई मशीन योजना):इंडिया.गोव.इन पीएम मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाया और उन्हें सशक्त बनाया। लोगों को वर्क फ्रॉम होम के लिए प्रोत्साहित करने के लिए फ्री सिलाई मशीन योजना शुरू की गई थी। जो महिला सशक्तिकरण में काफी मददगार साबित होगी। प्रत्येक राज्य में ५० हजार से अधिक महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन मिलेगी। यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं की मदद करेगा।
देश में इच्छुक महिलाएं जो एक मुफ्त सिलाई मशीन प्राप्त करना चाहती हैं, उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा। इस योजना के तहत केवल २० से ४० वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं। फ्री सिलाई मशीन योजना २०22 (फ़्री सिलाई मशीन योजना) से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए पूरा लेख अंत तक पढ़ें।
पीएम ने कहा है कि इस योजना से देश की सभी महिलाओं को फायदा होगा. सरकार ने उन सभी महिलाओं के लिए एक सिलाई मशीन योजना बनाई है जो बेहद गरीब महिलाएं हैं, उनके जीवन को आसान बनाने के लिए, यह रणनीति महिलाओं को घर छोड़ने के बिना घर के आराम से पैसे कमाने की अनुमति देती है। इससे देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं और मजदूरों को मदद मिलेगी। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आएगा और वे बहुत खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर पाएंगे।
पीएम फ्री सिलाई मशीन २०२२ कार्यक्रम के तहत हर राज्य में ५० हजार से ज्यादा महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन बांटी जाएगी. इस योजना के माध्यम से श्रमिक महिलाएं निःशुल्क सिलाई मशीन प्राप्त कर अपना एवं अपने बच्चों का भरण पोषण कर सकेंगी। हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार इन सभी राज्यों में इस योजना को लागू करने वाले पहले देश हैं।
कोरोना महामारी के चलते हमारे देश में बेरोजगारी पहले से भी ज्यादा बढ़ गई है। कुछ के लिए जीवन बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। खासकर ऐसी महिलाएं जो आत्मनिर्भर हैं और जिनके पास खुद के अलावा कोई नहीं है। कई बेरोजगार महिलाएं अपने जीवन में कठिन दौर से गुजर रही हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए यह योजना बनाई गई है। फ़्री सिलाई मशीन योजना का उद्देश्य लोगों को मुफ्त सिलाई मशीन प्रदान करना है। इस मुफ्त सिलाई मशीन कार्यक्रम (फ्री सिलाई मशीन योजना २०२२) के माध्यम से श्रमिक महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त होंगी और ग्रामीण महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा। और वे अपना जीवन अच्छे से जी सकें।
हरियाणा में श्रम विभाग की ओर से प्रदेश की महिलाओं के लिए एक नई योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत राज्य की महिला आवेदक को एक मुफ्त सिलाई मशीन प्रदान की जाएगी। लाभ प्राप्त करने के लिए हरियाणा श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से पंजीकृत सभी आवेदकों को वित्तीय सहायता के रूप में ३५०० रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। नि:शुल्क सिलाई मशीन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को श्रम विभाग में पंजीकृत होना चाहिए और उसके पास न्यूनतम १ वर्ष की बीओसीडब्ल्यू पंजीकृत सदस्यता होनी चाहिए। इससे राज्यों की महिलाओं की शुरुआती स्थिति में सुधार होगा और साथ ही उन्हें रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे।
मुफ्त सिलाई मशीन योजना २०२२ के लिए देश की गरीब महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं।
आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
इस योजना के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की उम्र २० से ४० साल के बीच होनी चाहिए।
नि:शुल्क सिलाई मशीन के तहत कामकाजी महिला के पति की वार्षिक आय १२ हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
देश में केवल विधवा और विकलांग महिलाएं ही इस योजना में भाग लेने के लिए पात्र होंगी।
वित्तीय प्रमाण पत्र प्रमाण पत्र।
केंद्र सरकार फ़्री सिलाई मशीन योजना प्रोग्राम में हर राज्य में ५० हजार से अधिक महिला महिला मॉम मॉम मशीन चमचमाते।
इस योजना के बारे में नई स्थिति में बदलने के बाद, वे स्वतंत्र रूप से अपने जीवन यापन कर सकते हैं।
देश में अच्छी तरह से तैयार किए गए कपड़े सिलकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
इस योजना से देश के पर्यावरण में पर्यावरण की दृष्टि से पर्यावरण की दृष्टि से महिला को लाभ होगा।
इस योजना के कैमरे से देश की महिलाओं को बेहतर सुविधाओं की पेशकश की जाती है।
इस योजना का लाभ २० से ४० वर्ष की महिला की उम्र में होता है। और वह कामकाज भी शुरू कर सकता है। इस योजना के अनुसार, बिहार सरकार ने बिहार की बिहार सरकार, बिहार, राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार राज्य में संचालित होती है। इन सभी उपचारों में काम करने की क्रिया शुरू हो रही है। या योजना मुफ्त में आवेदन कर सकती है। |
भोजपुर जिले के संदेश थाना क्षेत्र के दलेलगंज गांव में शुक्रवार की देर शाम संदेहास्पद स्थिति में आधा दर्जन बच्चों की हालत बिगड़ गई। परिजनों द्वारा सभी बच्चों को आनन-फानन में इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया। आशंका जताया जा रहा है कि सभी बच्चों को सांप ने डस लिया है।
जानकारी के अनुसार उक्त बच्चों में संदेश थाना क्षेत्र के दलेलगंज गांव निवासी रंजीत सिंह की तीन पुत्री रोशनी कुमारी, रीया कुमारी और रिषभ कुमारी; मुकेश सिंह का एक पुत्र लल्लू कुमार, एक पुत्री तनु कुमारी एवं सच्चिदानंद सिंह का पुत्र ओम कुमार शामिल है।
रंजीत सिंह ने बताया कि सभी बच्चे गांव में शुक्रवार की देर शाम गांव में एक ही जगह पर खेल रहे थे। तभी सभी की हालत अचानक बिगड़ गई। सभी को इलाज के लिए संदेश रेफरल अस्पताल से आरा सदर अस्पताल लाया गया है। रौशनी और रिषभ कुमारी की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है, जबकि चार बच्चों को चक्कर, नशा जैसे हालत बनी हुई है। इसमें एक बच्चे की हंसी नहीं रुक रही जबकि एक बच्चा अजीबोगरीब हरकतें करता नजर आ रहा है। एक बच्चे ने बताया कि जब हमलोग खेलने के लिए जा रहे थे, तभी वहां से बड़ा सांप गुजरा जिसके बाद हमलोग इधरउधर भागने लगे। इसके बाद हमलोगों की तबियत खराब होने लगी।
हालांकि सभी बच्चों को विषैले कीटनाशक ने काटा है या नहीं, इनकी तबीयत अचानक कैसे बिगड़ गई, इसका कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। इस घटना से बच्चे काफी डरे और सहमे भी नजर आ रहे है। शनिवार सुबह तक दो बच्चियों रौशनी और रिषभ की स्थिति ठीक नहीं हो सकी थी। वो न बोल पा रहे हैं, ना ही अच्छे से सांस ले पा रहे हैं। बाकी चारों बच्चों की स्थिति लगभग ठीक थी। परिजन उन्हें लेकर चले गए हैं। |
जंभेश्वर पर्यावरण व जीव रक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान का दूसरा कार्यकाल पूरा होने के बाद इस वर्ष सितंबर व अक्टूबर में संपूर्ण राजस्थान में चुनाव करवाए गए। सितंबर माह में संस्था की जिला शाखा तहसील शाखाओं और ग्राम शाखाओं के चुनाव राजस्थान के १० जिलों में करवाए गए। बिश्नोई धर्म स्थापना दिवस के दिन प्रदेश कार्यकारिणी के चुनाव हुए प्रदेश चुनाव प्रभारी मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामानंद महाराज के सानिध्य में आयोजित बैठक हुई। रामरतन बिश्नोई को तीसरी बार भी सर्वसम्मति से आगामी ५ वर्षों के लिए प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। |
हाथरस में चलती बस में लगी भीषण आग।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में चलती रोडवेज बस में अचानक आग लग गई। बस दिल्ली से एटा के रास्ते में थी, जब ये हादसा हुआ। उस समय बस में लगभग २५ यात्री सवार थे। गनीमत रही कि सभी यात्री बस में आग लगते ही कूद गए, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। सूचना के बाद फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।घटना रविवार देर रात २ बजे की है।
दरअसल, एटा डिपो की रोडवेज बस दिल्ली से एटा जा रही थी। रात्रि लगभग २:०० बजे करीब सिकंदराराऊ में एटा रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग से आगे अचानक बस के इंजन में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरी बस को चपेट में ले लिया। इससे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
रोडवेज बस में लगी आग।
चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों की मदद से यात्रियों ने बस से कूद कर जैसे-तैसे जान बचाई। सूचना पर घटनास्थल पर दमकल कर्मी एवं पुलिस टीम भी पहुंच गई। दमकल कर्मियों ने धू-धू कर जल रही बस की आग को कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया। यह भगवान का शुक्र रहा कि इस हादसे में कोई जनहानि नही हुई है। |
बॉलीवुड के 'हीमैन' धर्मेंद्र ने खुद से जुड़ी एक जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने बताया कि फिल्म 'धरम-वीर' में एक स्टंट सीन था, जिसे बिना डुप्लीकेट के उन्होंने खुद किया। इस जानकारी के साथ उस सीन की क्लिप भी उन्होंने शेयर की। फैन्स उनके इस एक्शन सीन को काफी पसंद कर रहे हैं।
हिन्दी फिल्म के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र इन दिनों अपने फार्म पर हैं। खेती-बाड़ी के अलावा वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी काफी सक्रिय हैं। सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर कर खुद के बारे में जानकारी शेयर करते रहते हैं।
इसी कड़ी में उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर फिल्म 'धरम-वीर' का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो खतरनाक एक्शन करते दिख रहे हैं।
वीडियो में घोड़े पर सवार होकर धर्मेंद्र दो सैनिकों से लड़ाई करते दिख रहे हैं। इस सीन में धर्मेंद्र दोनों हाथों में भाला लिए हुए हैं।
बता दें फिल्म 'धरम-वीर' साल १९७७ में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में धर्मेन्द्र, जितेन्द्र, ज़ीनत अमान, नीतू सिंह मुख्य भूमिकाओं में थे। फिल्म का निर्देशन मनमोहन देसाई ने किया था।
अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये धर्मेंद्र कभी अपने खेतों में उगी फसलों और सब्जियों के बारे में बताते हैं, तो कभी फूलों की खेती और कभी गाय-बछड़ों की कहानी सुनाते हैं। इन सबके अलावा अपने करियर के जुड़े रोचक किस्से भी अपने फैन्स और फॉलोवर्स के साथ साझा करते रहते हैं। |
नई दिल्ली। लोकसभा के गठन के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के विकास के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। इस समय प्रधानमंत्री के सामने देश की कमजोर पड़ रही अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी चुनौती के रूप में सामने खड़ी है। जिससे निपटने के लिए भारत सरकार ने ८ कमेटियों का दोबारा गठन कर दिया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि उन आठों कमेटियों में गृह मंत्री अमित शाह शामिल है।
इन ८ कमेटियों में अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ द कैबिनेट, कैबिनेट कमेटी ऑन अकोमोडेशन, कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स, कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट अफेयर्स, केबिनेट कमिटी ऑन पॉलीटिकल अफेयर्स, केबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी, केबिनेट कमेटी ऑन इन्वेस्टमेंट एंड ग्रोथ, कैबिनेट कमेटी ऑन एंप्लॉयमेंट एंड स्किल डेवलपमेंट हैं।
इन कमेटियों में अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ द कैबिनेट का कंपोजीशन पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के पास रहेगा।
कैबिनेट कमेटी ऑन अकोमोडेशन का कंपोजीशन अमित शाह , नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, पियूष गोयल के पास रहेगा इसके अलावा विशेष तौर पर जितेंद्र सिंह और हरदीप सिंह पुरी को भी शामिल किया गया है।
कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स में पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, डीवी सदानंद गौड़ा, निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, डॉक्टर एस जयशंकर, पियूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान रहेंगे।
कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट अफेयर्स का कंपोजीशन अमित शाह, निर्मला सीतारमण, रामविलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, रवी शंकर प्रसाद, थावरचंद गहलोत, प्रकाश जावड़ेकर और प्रहलाद जोशी को दिया गया है। इनमें विशेष तौर पर अर्जुन राम मेघवाल और बी मुरलीधरन को भी शामिल किया गया है।
कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स में पीएम मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रामविलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, डॉक्टर हर्षवर्धन, पीयूष गोयल, अरविंद गणपत सावंत, और प्रहलाद जोशी शामिल है ।
केबिनेट कमिटी आन सिक्योरिटी में पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और जयशंकर हैं।
कैबिनेट कमेटी ऑन इन्वेस्टमेंट एंड ग्रोथ में पीएम मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल शामिल है।
कैबिनेट कमेटी ऑन एंप्लॉयमेंट एंड स्किल डेवलपमेंट में पीएम मोदी अमित शाह, निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, पियूष गोयल, रमेश पोखरियाल, धर्मेंद्र प्रधान, महेंद्र नाथ पांडे, संतोष कुमार गंगवार और हरदीप सिंह पुरी हैं इनमें खासतौर पर नितिन गडकरी हरसिमरत कौर बादल, स्मृति ईरानी और प्रहलाद सिंह पटेल को भी शामिल किया गया है।
पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों को जौनपुर जिले के जमीन पकड़ी एवम् कोहडे ग्राम सभा में मौन धारण कर एवम् कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी गई। |
रणबीर कपूर की मल्टीस्टारर फिल्म ब्रह्मास्त्र की रिलीज को अब बस २ दिन बाकी रह गए है। मगर फिल्म रिलीज से पहले कई फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ने के काफी करीब पहुंच गई है। बॉलीवुड बायकॉट ट्रेंड के बीच ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इस साल की सबसे ज्यादा एडवांस बुकिंग की लिस्ट पर दूसरे पायदान पर पहुंच गई। फिल्म को लेकर लोगों के बीच काफी क्रेज देखने को मिल रहा है। रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन, नागार्जुन और मौनी रॉय फिल्म में अहम किरदार में नजर आएंगे।
फिल्म की रिलीज से पहले इसकी स्टार कास्ट इसका बड़े जोर-शोर से प्रमोशन कर रही हैं। यह आलिया और रणबीर की पहली साथ फिल्म है ऐसे में स्टार कपल के फैंस के बीच फिल्म को लेकर अलग ही बज बना हुआ है। ट्रेड एनालिस्ट फिल्म की एडवांस बुकिंग को लेकर जरूरी जानकारियां शेयर कर रहे हैं।
दरअसल, पेंडेमिक के बाद इस साल एडवांस बुकिंग के मामले में केजीएफ २ टॉप पर बनी हुई है। इस सुपरहिट फिल्म के बाद ब्रह्मास्त्र साल की दूसरी सबसे ज्यादा एडवांस बुकिंग वाली फिल्म बनकर उभरी है। केजीएफ २ के लिए बॉक्स ऑफिस पर ४.११ लाख टिकट एडवांस में बुक हुई थीं।
वहीं ब्रह्मास्त्र के लिए तीन नेशनल थिएटर चौन्स, पर आईनॉक्स और सिनेपोलिस पर ओपनिंग डे के लिए १ लाख टिकट बिक चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी ब्रह्मास्त्र की अब तक २ लाख से ज्यादा की टिकट सोल्ड हो चुकी हैं। अभी भी ब्रह्मास्त्र के लिए एडवांस बुकिंग जारी है।
इसी के साथ रणबीर कपूर की सबसे ज्यादा एडवांस बुकिंग वाली फिल्मों की लिस्ट में ब्रह्मास्त्र का नाम टॉप पर आ गया है। उसके बाद एक्टर की फिल्म संजू दूसरे नंबर पर है जिसने तीन बड़े नेशनल मल्टीप्लेक्सिस चौंस में करीब १.०८ लाख रुपये की एडवांस बुकिंग बुधवार तक की थी। |
बड़े अछए लगते हैं २ उपकोमिंग एपिसोड: सोनी टीवी के बड़े अच्छे लगते हैं २ की कहानी में लगातार दिलचस्प मोड़ देखने को मिल रहे हैं। हमने देखा है कि कैसे राम और प्रिया एक व्यापार सौदा करने के लिए एक साथ आए हैं।
इसके अलावा, निर्माता राम और प्रिया के बीच एक खूबसूरत रोमांटिक सीक्वेंस के साथ दर्शकों को आश्चर्यचकित करेंगे। मैंने प्यार किया के गाने मेरे रंग में रंगने वाली में राम और प्रिया रोमांस करेंगे। वह पीहू के साथ डांस भी करेंगे और इस सीक्वेंस को देखकर दिल खुश हो जाता है।
इसके अलावा, राम और प्रिया अपने जन्मदिन के मौके पर और भी करीब आएंगे। इसे देखकर, हम निश्चित रूप से अनुमान लगा सकते हैं कि राम और प्रिया एक बार फिर हमेशा के लिए फिर से मिल जाएंगे और अपनी बेटी पीहू के साथ एक सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करेंगे।
आने वाले एपिसोड के लिए आप कितने उत्साहित हैं? हमें टिप्पणियों में बताएं। |
हरिद्वार। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से करीब सवा लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक दी गई। राजकीय जूनियर हाई स्कूल रोशनाबाद में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता ने बच्चों को एल्बेंडाजोल की टेबलेट वितरित की। एल्बेंडाजोल की टेबलेट १४ और १७ अक्तूबर तक खिलाई जानी है। बहादराबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉ.सुबोध कुमार जोशी ने बताया कि शुक्रवार को ब्लॉक बहादराबाद के सौ से अधिक विद्यालय एवं बाहरी करीब सवा लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाई गई। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष २.३७ लाख बच्चों का टारगेट था। इस वर्ष २.१८ लाख छात्र-छात्राओं और अन्य बच्चों को एल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अकेले विद्यालयों में १.८५ छात्र-छात्राएं हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में ६० हजार एवं विद्यालयों में नहीं जा रहे करीब ६८ हजार बच्चों को भी एलबेंडाजोल की टेबलेट खिलाई जाएगी। |
० रेसपोनसे तो " बेटी सुहाना के बॉयफ्रेंड के लिए शाहरुख खान ने रख दी थी ७ शर्तें, जानिए कौन होगा वो स्पेशल"
नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड न्ट्प्क द्वारा १० सहायक विधि अधिकारी पद की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करती है।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अजमेर के द्वारा १९ वरिष्ठ निवासी पद के लिए आवेदन आमंत्रित करता है।
भारत संचार निगम लिमिटेड (ब्सल) ने १० डिप्लोमा अपरेंटिसपद के लिए सरकार जॉब आवेदन आमंत्रित किए हैं।
दवाई की गोली के बीच की रेखा का क्या मतलब है, जो ९० प्रतिशत भारतीय नहीं जानते?
महाराष्ट्र वन विभाग द्वारा १४ जीवविज्ञानी, जूनियर रिसर्च फेलो, पशु चिकित्सा अधिकारी, कार्यालय सहायक और अन्य पद के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। |
साल २००१ मे आई फिल्म तुम बिन इस फिल्म के जरिये संदली लोगो के दिल मे जगह बना ली थी। लेकिन बाद मे इनकी सारी फिल्मे फ्लॉप होती चली गयी। फिलहाल वे बेकरी ब्रांड कंट्री ऑफ ऑरिजन की को-ऑनर हैं।
मयूरी कांगो ने होगी प्यार की जीत फिल्म से बॉलीवुड मे करियर की शुरुआत की। लेकिन वे ज्यादा दिन तक बॉलीवुड की हिस्सा नहीं रह पायी। फिलहाल वे गूगल इंडिया में इंडस्ट्री हेड के तौर पर काम करती हैं।
विनोद खन्ना के बेटे राहुल खन्ना ने साल १९९९ में आई फिल्म अर्थ से डेब्यू किया था। हालांकि राहुल इस सफर मे आगे नहीं जा पाये। फिलहाल राहुल बतौर एक मॉडल काम करते हैं।
शुरुआत के कुछ हिट फिल्मों मे राजेन्द्र कुमार के बेटे कुमार गौरव काम किया हैं। लेकिन उन्होने खुद फिल्म इंडस्ट्री छोडने का फाइसल लिया। अभी वे मालदीप मे कंस्ट्रक्शन और ट्रेवल की बिजनेस कर रहे हैं।
स्टाइल फिल्म से रातो-रात स्टार बनने वाले साहिल खान फिल्म इंडस्ट्री मे ज्यादा कामयाब नहीं हो सके। फिलहाल साहिल खान कई शहरो मे जिम सेंटर्स खोले हैं। वो एक अच्छे फिटनेस इन्फ्लुएंसर हैं।
मन्दाकिनी के राम तेरी गंगा मैली से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। वो अचानक से फिल्म इंडस्ट्री को बाय बिल दिया था। फिलहाल वे मुंबई में एक तिब्बती हर्बल सेंटर चलाती हैं, साथ मे योगा भी चलाती हैं।
रजत बेदी ने कई सारी हिल फिल्मे दी हैं। जैसे:- कोई मिल गया, इंटरनेशनल खिलाड़ी । वो फिल्मी करियर मे ज्यादा दूर तक नहीं गए। फिलहाल वे विदेश में अपना बिजनेस करते हैं। |
फोटो बूथ विंडोज ८ - एक प्रोग्राम जो आपको लैपटॉप कंप्यूटर या वेबकैम से फ़ोटो लेने की अनुमति देता है। इसके अलावा, यह एप्लिकेशन आपको छवियों को संपादित करने की अनुमति देता है, शायद विशेष प्रभाव जोड़ रहा है।
मुख्य मेनू में छवियों को समायोजित करने के लिए उपकरण हैं। आप विभिन्न रंगों, फ़्रेमों का उपयोग कर सकते हैं, कोई भी बदलाव कर सकते हैं, चित्र बदल सकते हैं। छवि के साथ काम पूरा करने के बाद, आप इसे सहेज सकते हैं और इसे इंटरनेट पर भेज सकते हैं। आप सकते मुफ्त डाउनलोड फोटो बूथ आधिकारिक नवीनतम संस्करण विंडोज ८ हिंदी। |
सिवनी, ०१ अक्टूबर। जिले के दक्षिण सामान्य वनमंडल अंतर्गत आने वाले परिक्षेत्र रूखड के दरासी बीट स्थित वनरक्षक नाका शासकीय भवन में आक्रोशित ग्रामीणों ने तोडफोड व भवन में लगे पर्दे जलाये है वहीं बीट गार्ड राजेश निर्मलकर को मारने-पीटने की धमकी है। जिसकी शिकायत अरी थाने में एवं वन विभाग के अधिकारी को दी गई है। यह बात की जानकारी दक्षिण सामान्य वनमंडल के परिक्षेत्र रूखड के परिक्षेत्र अधिकारी दानसी उइके ने शनिवार को दी है।
परिक्षेत्र अधिकारी रूखड ने बताया कि शनिवार को बीट गार्ड राजेश निर्मलकर ने जानकारी दी कि ग्रामीणों द्वारा वनरक्षक नाका शासकीय भवन में आकर लगे कांच को फोडे है और तोडफोड की है तथा उसे फोन पर मारने पीटने की धमकी दी है।
आगे बताया गया कि घटना की सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई एवं थाना अरी में शिकायत दर्ज कराई गई है।
ज्ञात हो कि बीते दिन दक्षिण सामान्य वनमंडल अंतर्गत आने वाले परिक्षेत्र रूखड के दरासी बीट, अरी सर्किल आर एफ १९४ के जंगल में २९ सितम्बर की दोपहर को मवेशी चराने गये युवक पंचम(२५) पुत्र मुंशी लाल उइके ग्राम करकोटी निवासी की बाघ के हमले से मौत हो गई थी। जिस पर ग्रामीणों द्वारा २९ सितम्बर की रात्रि में जंगल में रात्रि भर हंगामा एवं शव को पोस्टमार्टम के लिए जंगल से उठाने नही दिया था एवं ३० सितम्बर को मोहगांव स्थित फोरलेन मार्ग पर मृतक के शव को रखकर चकाजाम किया गया था जो ३० सितम्बर की देर शाम को प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की मांगे पूरी कर चकाजाम समाप्त करवाया गया था। |
हिन्दी ब्लोगिंग का पहला कम्युनिटी ब्लॉग जिस पर केवल महिला ब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट करती हैं ।
यहाँ महिला की उपलब्धि भी हैं , महिला की कमजोरी भी और समाज के रुढ़िवादि संस्कारों का नारी पर असर कितना और क्यों ? हम वहीलिख रहे हैं जो हम को मिला हैं या बहुत ने भोगा हैं । कई बार प्रश्न किया जा रहा हैं कि अगर आप को अलग लाइन नहीं चाहिये तो अलग ब्लॉग क्यूँ ??इसका उत्तर हैं कि " नारी " ब्लॉग एक कम्युनिटी ब्लॉग हैं जिस की सदस्या नारी हैं जो ब्लॉग लिखती हैं । ये केवल एक सम्मिलित प्रयास हैं अपनी बात को समाज तक पहुचाने का ।
"नारी" ब्लॉग को ब्लॉग जगत की नारियों ने इसलिये शुरू किया ताकि वह नारियाँ जो सक्षम हैं नेट पर लिखने मे वह अपने शब्दों के रास्ते उन बातो पर भी लिखे जो समय समय पर उन्हे तकलीफ देती रहीं हैं । यहाँ कोई रेवोलुशन या आन्दोलन नहीं हो रहा हैं ... यहाँ बात हो रही हैं उन नारियों की जिन्होंने अपने सपनो को पूरा किया हैं किसी ना किसी तरह । कभी लड़ कर , कभी लिख कर , कभी शादी कर के , कभी तलाक ले कर । किसी का भी रास्ता आसन नहीं रहा हैं । उस रास्ते पर मिले अनुभवो को बांटने की कोशिश हैं "नारी " और उस रास्ते पर हुई समस्याओ के नए समाधान खोजने की कोशिश हैं " नारी " । अपनी स्वतंत्रता को जीने की कोशिश , अपनी सम्पूर्णता मे डूबने की कोशिश और अपनी सार्थकता को समझने की कोशिश ।
" नारी जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की "
हाँ आज ये संख्या बहुत नहीं हैं पर कम भी नहीं हैं । कुछ को मै जानती हूँ कुछ को आप । और आप ख़ुद भी किसी कि प्रेरणा हो सकती । कुछ ऐसा तों जरुर किया हैं आपने भी उसे बाटें । हर वह काम जो आप ने सम्पूर्णता से किया हो और करके अपनी जिन्दगी को जिया हो । जरुरी है जीना जिन्दगी को , काटना नही । और सम्पूर्णता से जीना , वो सम्पूर्णता जो केवल आप अपने आप को दे सकती हैं । जरुरी नहीं हैं की आप कमाती हो , जरुरी नहीं है की आप नियमित लिखती हो । केवल इतना जरुरी हैं की आप जो भी करती हो पूरी सच्चाई से करती हो , खुश हो कर करती हो । हर वो काम जो आप करती हैं आप का काम हैं बस जरुरी इतना हैं की समय पर आप अपने लिये भी समय निकालती हो और जिन्दगी को जीती हो ।
कल २५ नवम्बर को महिला अहिंसा दिवस था एक पोस्ट लिखने का मन था पर इस पोस्ट को पढ़ कर कुछ शेष नहीं रहगया लिखने को सो आप भी इस लिंक पर जाए जरुर ।
कि क़ानून ढेर सारे हैं, पर महिलाओं के ख़िलाफ़ न सिर्फ़ हिंसा ज़ारी हैं बल्कि दिन-प्रतिदिन बढती ही जा रही हैं। जन्म लेते ही उनके ख़िलाफ़ हिंसा का चक्र शुरु हो जाता है।
भारतीये समाज और सभ्यता कि दुहाई देने जब खुद खुले आम / प्राइवेट पार्टी मे शराब पीते हैं और फिर दुहाई देते हैं कि हमारे यहाँ "पब" कल्चर मे हमारी बेटियाँ क्यूँ जाती हैं तो उनकी सोच पर हंसी आती हैं । आप पीयों तो ठीक बेटी पीये तो नयी पीढ़ी का दोष ।
रचना जी, आपने हमारे "विचार" को इस ब्लॉग पर जो सम्मान दिया है उसके प्रति आभार प्रकट करने के लिए शब्द नहीं हैं। एक साल से अधिक हो गए ब्लॉगिंग करते हुए, पर आज लग रहा है कि मेरी ब्लॉगिंग सार्थक हुई।
बाक़ी तो पोस्ट में कहा ही है।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः॥
नारी आधारित विषयों पर जो भी पोस्ट आती हैं उसको कोशिश करती हूँ मनोज जी यहाँ दुबारा दूँ ताकि इस ब्लॉग के रेगुलर पाठक भी पढ़ सके अगर छुट गयी हो नज़र से । ब्लोगिंग सब सार्थक ही कर रहे हैं । सबके अपने अपने मुद्दे हैं,
पुरुष से इतना न डरो की नारी से ही प्यार कर बैठो,
समाज से इतना न डरो की गैर सामाजिक बाते करने लगो,
राठौड़ जी उस पंक्ति के पहले "सिर्फ़" लगा कर पढा जाए।
इसी मानसिकता में बदलाव की ज़रूरत है। उद्देश्य कहने का यह था।
पढने से रह गयी थी !
रचना जी,इस लिंक को यहाँ देने के लिए धन्यवाद ।कोई संवेदनशील व्यक्ति ही इस तरह की पोस्ट लिख सकता है चाहे वो स्त्री हो या पुरूष ।मनोज जी का भी आभार ।
क्यों न ऐसा हो? |
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आदमपुर अनाज मंडी के किसान विश्राम गृह में अटल किसान-मजदूर कैंटीन का शुभारंभ किया।
हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से एक आईआरएस, एक आईएफएस और दो आईपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए ।
कंट्री प्लानिंग विभाग की तरफ से अवैध कालोनियों में लगातार तोड़फोड़ जारी है।: जिला नगर योजनाकार,
जिला योजनाकार एवं इन्फोर्समेंट विभाग ने गांव मादलपुर में भारी तोड़ फोड़ की।
फरीदाबाद के सभी धार्मिक संस्थानों को खोलने के जिलाधीश यशपाल यादव ने आदेश पारित किया।
कोरोना योद्धाओं को अपनी जान पर खेलकर सेवायें देने वाले हरियाणा पर्यटन विभाग के कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं।
आज के मुख्य समाचार।
फरीदाबाद, २८ अगस्त। मुख्यमंत्री मनोहरलाल की जन आशीर्वाद यात्रा के मद्देनजर और कर्मचारियों की दूसरे दिन की हड़ताल को देखते हुए निगम मुख्यालय बना पुलिस छावनी। पुलिस व हड़ताली कर्मचारियों में कई बार झड़पे हुई लेकिन निगम कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय पर जमे रहे।
गौरतलब है कि निगम कर्मचारियों की तीन दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल चल रही है। जिसका आज दूसरा दिन था और नजदीक ही बीके चौक से मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा को गुजरना था। प्रशासन को डर था कि कही निगम के हड़ताली कर्मचारी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में विघ्न न डाल दें। इसलिए जिला प्रशासन इन कर्मचारियों को निगम मुख्यालय से हटाकर दशहरा मैदान में बैठाना चाहते थे, लेकिन कर्मचारी अड़ गए और निगम मुख्यालय पर बैठे रहे। हड़ताली कर्मचारियों ने नगर पालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री की अध्यक्षता में सभा करते हुए निगम मुख्यालय पर जमकर नारेबाजी की।
श्री शास्त्री ने कहा कि पूर्व में की गई तीन दिन की हड़ताल की कॉल पूरी हो जाएगी। जिसकी समीक्षा केन्द्रीय कमेटी की आपात बैठक कर हड़ताल को आगे बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने हड़ताल को कमजोर करने के हथकण्डे अपनाए तो हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी।
कर्मचारियों को सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान सुभाष लाम्बा ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार दमन और हठधर्मिता का रास्ता छोड़ बातचीत का माध्यम से पालिका कर्मचारियों की मांगों का समाधान करें। यदि सरकार ने पालिका कर्मियों की हड़ताल को कमजोर करने का प्रयास किया तो सर्व कर्मचारी संघ ने उसका डटकर विरोध करेगा।
इस अवसर पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान अशोक कुमार, जिला सचिव बलवीर सिंह बालगुहेर, ब्लॉक प्रधान करतार सिंह, रमेश तेवतिया, रविन्द्र नागर सहित अन्य विभागों के भी सैकड़ों कर्मचारी शामिल रहे। |
हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास में आने वाली अमावस्या को श्रावणी अमावस्या कहा जाता है, चूंकि इस मास से सावन महीने की शुरुआत होती है इसलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। प्रत्येक अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है।
इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है और इसके फेरे लिये जाते हैं।
हरियाली अमावस्या पर पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी आदि का वृक्षारोपण करना शुभ माना जाता है। क्योंकि इन वृक्षों में देवताओं का वास माना जाता है।
वृक्षारोपण के लिये उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपदा, रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, मूल, विशाखा, पुष्य, श्रवण, अश्विनी, हस्त आदि नक्षत्र श्रेष्ठ व शुभ फलदायी माने जाते हैं।
किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं।
सावन हरियाली अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।
धार्मिक और प्राकृतिक महत्व की वजह से श्रावण अमावस्या बहुत लोकप्रिय है। दरअसल इस दिन वृक्षों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए इसे हरियाली अमावस्या के तौर पर जाना जाता है। वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन पितरों का पिंडदान और अन्य दान-पुण्य संबंधी कार्य किये जाते हैं।
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पटना विमेंस कॉलेज ने एडमिशन के लिए जारी किया शेड्यूल, जानें आवेदन फार्म भरने और प्रवेश परीक्षा की तिथि।
नए सत्र के दाखिले के लिए पटना विमेंस कॉलेज ने अपना शेड्यूल जारी कर दिया है। एडमिशन के लिए एक मई से ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरा जाएगा। छात्र ३१ मई तक आवेदन भर सकेंगे। ऑनलाइन फार्म कॉलेज के वेबसाइट पर जारी होंगे।
छात्रों का एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर होगा। एंट्रेंस एग्जाम के बाद मेधा सूची तैयार होगी। मेरिट लिस्ट में जिन छात्राओं का नाम रहेगा, उन्हीं का एडमिशन होगा। अलग-अलग पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए कॉलेज नहीं योगिता और एंट्रेंस की तिथि जारी कर दी है। २५ से २९ जून तक का एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन होगा। इस दौरान विभिन्न वर्गों के लिए परीक्षा ली जाएगी। छात्रों को प्रवेश परीक्षा के लिए ११०० रुपए शुल्क देना होगा।
वहीं, एमए होम साइंस के लिए ३०० रुपए शुल्क देना होगा। एंट्रेंस एग्जाम का पैटर्न भी जारी किया गया है। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक एंट्रेंस एग्जाम १०० नंबर का बहु वैकल्पिक प्रश्न का होगा। ऑफलाइन मोड में परीक्षा ओएमआर सीट पर लिया जाएगा। २ घंटे की परीक्षा होगी। म.आ. और पीजी डिप्लोमा के विषयों में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित नहीं होगा। जूलॉजी और इंग्लिश में सिर्फ साक्षात्कार लिया जाएगा। १ से ७ जुलाई के बीच मेधा सूची जारी होगी। |
तकनीकी परिवर्तन लाए जाने के साथ ही भारतीय रेलवे सेवा, सुरक्षा और समय की पाबंदी को लेकर प्रतिबद्ध है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने नई दिल्ली में आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुरक्षा एवं संरक्षा के मोर्चे पर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इनके सकारात्मक परिणाम आए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान बहुत सचेत प्रयासों के परिणामस्वरूप किसी भी यात्री को जान नहीं गंवानी पड़ी है। जहां एक ओर सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, वहीं समय की पाबंदी के लिए भी हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। विभिन्न उपायों के माध्यम से यात्रियों को आराम देने और सुविधाओं में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है। खानपान आदि मोर्चे पर इन्हें अगले कुछ महीनों में पेश करने की योजना बनाई जा रही है।
भारत विदेश नीति के कारण वैश्विक शक्ति बनेगा। |
दो-दो प्रधानों वाली बन्नूवाल बिरादरी के चुनाव को लेकर विवाद गहराया! संस्था पर सरपरस्तों का कब्जा या कुछ और?
पंचायती चुनावों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के चलते पुलिस फोर्स ने निकाला फ्लैग मार्च।
देखिए, चुनाव आयोग ने किन चुने हुए पंच-सरंपचों को सस्पेंड कर बर्खास्त करने के आदेश जारी किए!
..अब सूटकेस में मिला युवती का शव, सीने पर है गोली का निशान!
फरीदाबाद, २० दिसंबर: हरियाणा हुडा शॉपकीपर्स वेलफैयर फेडरेशन (रजि०) के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गोयल ने शहर के प्रमुख समाजसेवी एवं होटल व्यवसायी एस.पी.जैन को फेडरेशन का प्रदेश महासचिव नियुक्त किया है जबकि हरपाल सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष तथा आई.जे. कालिया को फेडरेशन का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। उपरोक्त पदाधिकारियों की इन नियुक्तियों की घोषणा फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गोयल ने आज नीलम-बाटा रोड़ स्थित होटल आर्शीवाद में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में की। गौरतलब रहे कि श्री जैन सैक्टर-१६ हुडा मार्किट वेलफेयर एसोसिएशन के पैर्टन भी हैं। इस अवसर पर फेडरेशन के को-आर्डिनेटर जी.के. मेहता, ऑल इंडिया अग्रवाल सम्मेलन के जिला अध्यक्ष शुगनचंद जैन आदि प्रदेश के पदाधिकारी सहित शहर के गणमान्य लोग भी विशेष तौर पर मौजूद थे।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि उन्होंने उपरोक्त पदाधिकारियों की कार्यशैली से प्रभावित होकर ही उन्हें इस फेडरेशन का पदाधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें उम्मीद है कि श्री जैन हुडा मार्किट के दुकानदारों की समस्याओं को उचित प्लेटफार्म पर ले जाकर उनका निदान करा सकते हैं। श्री गोयल ने बताया कि पूरे हरियाणा की १४३ हुडा मार्किट एसोसिएशनों के अंतर्गत एसएसीएफ पर दुसरी मंजिलों का निर्माण, दुकानों में फ्लोर के मुताबिक दुकानों की सेल-परचेज, कंपीलशन प्रमाण-पत्र दिलवाने आदि जैसी समस्याओं को दूर करवाना की उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
श्री जैन का कहना था कि उनकी कोशिश रहेगी कि जिस तरह से सरकार ने रेजिडेंसियल क्षेत्र में एफ.ए.आर. बढ़ाया है वैसे ही हुडा सैक्टर्स की मार्किट के एससीओ का भी एफ.ए.आर. बढऩा चाहिए। इससे जहां हरियाणा सरकार को राजस्व मिलेगा वहीं दुकानदारों के व्यापार में भी बढ़ोत्तरी होगी। |
हरियाणा सरकार प्रदेश के श्रमिकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और उनकी सुविधा के लिए हमेशा से ही बहुत से प्रयासों को किया जाता है।
हरियाणा के गुरुग्राम में लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित द हरियाणा बिल्डिंग एंड अदर्स कंस्ट्रक्शन वकर्स एंड वेल्फ़यर बोर्ड की १९वीं बैठक के दौरान हरियाना अटल बिहारी श्रमिक आवेगमन योजना २०२३ की शुरुआत करने का प्रस्ताव रखा है।
जिसके अंतर्गत भवन और निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिकों को कार्य स्थल से घर तक पहुंचाने के लिए मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध करायी जायेगी।
जिससे उनकी मासिक बचत में काफी वृद्धि होगी और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
इसलिए अगर आप भी एक श्रमिक विभाग के मजदूर है और भवन निर्माण कार्य से जुड़े है तो आपको इस योजना के बारे में पढ़कर काफी अच्छा लगेगा। |
इन दिनों देश में आईपीएल से भी ज्यादा अगर किसी चीज की चर्चा है तो वह यूनिफार्म सिविल कोड (यूनिफॉर्म सिविल कोड) है। बहुत से लोगों को इसका अर्थ भी नहीं पता।
उत्तराखंड, जहां के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर बाकायदा कमेटी गठित कर ड्राफ्ट बनाने को लेकर कवायद भी शुरू कर दी है, वहां भी लोग इसके अर्थ एवं इसके असर से अधिकांशतः अंजान हैं।
यदि आप भी इस मसले को समझना और गहराई से जानना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको यूनिफार्म सिविल कोड (यूनिफॉर्म सिविल कोड) क्या है, इस बारे में विस्तार से बताएंगे।
दोस्तों, सबसे पहले इसके अर्थ को जान लेते हैं। इसका हिंदी में अर्थ होता है समान नागरिक संहिता। यानी देश के प्रत्येक नागरिक के लिए समान कानून, चाहे वह किसी भी धर्म अथवा संप्रदाय का हो।
यूनिफार्म सिविल कोड (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू होने पर सभी धर्मों के लोगों पर शादी-ब्याह, तलाक, गोद लेने, विरासत संपत्ति बंटवारे आदि को लेकर एक ही कानून लागू होगा।
उसकी बात सबसे पहले कब उठी? तो आपको बता दें कि इसकी शुरूआत तब हुई थी जब भारत में ब्रिटिश राज (ब्रिटिश एम्पायर) था। |
ट्विटर इंडिया ने तमिल में विषय, अपने सामग्री-आधारित पोस्ट फ़िल्टर की शुरुआत की है। अक्टूबर २०२० में अंग्रेजी और हिंदी जोड़े जाने के बाद यह तीसरी भाषा है जिसमें भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए विषय पेश किए गए हैं।
नया जोड़ा तमिल भाषा के उपयोगकर्ताओं को रुचि के विषयों का अनुसरण करने की अनुमति देगा जिसमें बड़े पैमाने पर मनोरंजन, फिल्में, कविता और खेल शामिल हैं।
ट्विटर नवंबर २०१९ में विषयों की शुरुआत की, जिससे उपयोगकर्ता विशिष्ट विषय-आधारित ट्वीट्स का अनुसरण कर सकें। एक साल बाद, कंपनी ने भारत में इस फीचर को पेश किया, जहां इस साल जनवरी तक, इसके कुल उपयोगकर्ता २३.६ मिलियन थे।
भारत उपयोगकर्ता आधार के हिसाब से अमेरिका और जापान के बाद ट्विटर का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। हालांकि, मेटा के फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के साथ-साथ घरेलू सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे शेयरचैट की तुलना में कंपनी के पास काफी छोटा उपयोगकर्ता आधार है जिसमें मई २०२२ तक १८० मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता थे।
पिछले वर्षों में, ट्विटर ने दावा किया है कि मंच भारत में स्थानीय भाषाओं में ट्वीट्स की बढ़ती मात्रा को होस्ट करता है। २०१९ में, ट्विटर इंडिया के पूर्व प्रबंध निदेशक, मनीष माहेश्वरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारतीय उपयोगकर्ताओं द्वारा किए गए सभी ट्वीट्स में से ५०% से अधिक स्थानीय भाषाओं में थे, क्योंकि कंपनी ने देश में एक बड़ा उपयोगकर्ता आधार बनाने का प्रयास किया था।
हालाँकि, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम, २०२१ की शुरुआत के बाद से मंच भारत सरकार के साथ आमने-सामने आ गया था। जबकि प्रारंभिक संघर्ष नए स्थापित नियमों का पालन करने के लिए नोडल संपर्क और शिकायत अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में था। , मुद्दे सामग्री की सेंसरशिप और केंद्र सरकार के साथ जानकारी साझा करने तक बढ़ गए हैं।
६ जुलाई को, ट्विटर ने सामग्री को हटाने की मांग करते हुए सरकारी अधिकारियों द्वारा शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया। जून में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मैटी) द्वारा कंपनी को दिए गए एक पत्र के जवाब में अदालत में दाखिल किया गया, जिसने ट्विटर से अपने सामग्री निष्कासन आदेशों का पालन करने का आग्रह किया या बाद में इसके तहत दी गई सुरक्षित बंदरगाह सुरक्षा को खो दिया। भूमि के कानून। |
पश्चाताप, आपके मन का परिवर्तन के बाद आपके कार्यों का परिवर्तन होने की प्रक्रिया है। इसमें स्वयं के रास्ते को छोड़कर परमेश्वर के रास्ते पर जाने के लिए दिशा बदलने (भावनाओं के साथ या भावनाओं के बिना) का निर्णय शामिल है।
पश्चाताप पहले नींव का पत्थर क्यों है?
परमेश्वर ने अज्ञानता के युगों को अनदेखा कर दिया; परन्तु अब उसकी आज्ञा यह है कि सर्वत्र सभी मनुष्य पश्चात्ताप करें,
और उनके नाम पर यरूशलेम से ले कर सभी राष्ट्रों को पापक्षमा के लिए पश्चात्ताप का संदेश सुनाया जाएगा।
पश्चाताप का कारण क्या है?
जब तक पिता, जिसने मुझे भेजा है, आकर्षित न करे, कोई मेरे पास नहीं आ सकता है; और मैं उसे अंतिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा।
हमें कौन खींचता है?
अथवा क्या तुम परमेश्वर की असीम दयालुता, सहनशीलता और धैर्य का तिरस्कार करते और यह नहीं समझते कि परमेश्वर की दयालुता तुम्हें पश्चात्ताप की ओर ले जाना चाहती है?
परमेश्वर ने आपके लिए क्या किया है?
क्योंकि जो दु:ख परमेश्वर की इच्छानुसार स्वीकार किया जाता, उसका परिणाम होता है हृदय-परिवर्तन तथा उद्धार। इसमें पछताना नहीं पड़ता। परन्तु सांसारिक दु:ख का परिणाम है मृत्यु।
ईश्वरीय शोक किस ओर ले जाता है?
विश्वास हमें अपने पाप से अवगत कराने का परमेश्वर का तरीका है ताकि हम इससे दूर हो सकें। निंदा हमारे पाप को इंगित करने का दुश्मन का तरीका है और हमें ऐसा महसूस कराता है कि इससे दूर होना असंभव है। निंदा के बारे में बाइबल क्या कहती है?
(१) जब प्रात:काल हुआ तब सब महापुरोहितों और समाज के धर्मवृद्धों ने परस्पर परामर्श किया कि येशु को मार डाला जाए।
(२) उन्होंने येशु को बाँधा और उन्हें ले जा कर राज्यपाल पिलातुस को सौंप दिया।
(३) जब येशु के पकड़वाने वाले यूदस ने देखा कि उन्हें दण्डाज्ञा मिली है, तब उसे पश्चात्ताप हुआ और वह महापुरोहितों और धर्मवृद्धों के पास चाँदी के तीस सिक्के वापस ले आया, और बोला,
(५) इस पर यूदस ने चाँदी के सिक्के मन्दिर में फेंक दिये और वहाँ से चला गया। तब जा कर उसने फांसी लगा ली।
जब येशु के पकड़वाने वाले यूदस ने देखा कि उन्हें दण्डाज्ञा मिली है, तब उसे पश्चात्ताप हुआ और वह महापुरोहितों और धर्मवृद्धों के पास चाँदी के तीस सिक्के वापस ले आया, और बोला,
इस पर यूदस ने चाँदी के सिक्के मन्दिर में फेंक दिये और वहाँ से चला गया। तब जा कर उसने फांसी लगा ली।
सांसारिक शोक किस ओर ले जाता है?
(११) यदि तुम्हारा पुत्र तुम से मछली माँगे, तो तुम में ऐसा कौन पिता है जो मछली के बदले उसे साँप देगा?
(१२) अथवा अण्डा माँगे, तो उसे बिच्छू देगा?
(१४) येशु एक भूत को जो गूँगा था, निकाल रहे थे। भूत के निकलते ही गूँगा मनुष्य बोलने लगा और लोग अचम्भे में पड़ गये।
(१६) कुछ लोगों ने येशु की परीक्षा लेने के लिए उन से स्वर्ग का कोई चिह्न माँगा।
(१७) परंतु येशु जानते थे कि वे क्या सोच रहे हैं। अत: येशु ने उन से कहा, जिस राज्य में फूट पड़ जाती है, वह उजड़ जाता है और घर के घर ढह जाते हैं।
(१८) यदि शैतान के यहाँ फूट पड़ गई हो, तो उसका राज्य कैसे टिका रहेगा? क्योंकि तुम कहते हो कि मैं बअलजबूल की सहायता से भूतों को निकालता हूँ।
(१९) यदि मैं बअलजबूल की सहायता से भूतों को निकालता हूँ, तो तुम्हारे पुत्र किसकी सहायता से उन्हें निकालते हैं? इसलिए वे तुम लोगों का न्याय करेंगे।
(२०) परन्तु यदि मैं परमेश्वर की अंगुली से भूतों को निकालता हूँ, तो निस्संदेह परमेश्वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुँचा है।
(२१) जब बलवान मनुष्य हथियार बाँध कर अपने भवन पर पहरा देता है, तो उसकी धन-सम्पत्ति सुरक्षित रहती है।
(२२) किन्तु यदि कोई उस से भी अधिक बलवान उस पर टूट पड़े और उसे हरा दे, तो जिन हथियारों पर उसे भरोसा था, वह उन्हें उससे छीन लेता और उसकी लूटी धन-सम्पत्ति को बाँट देता है।
(२३) जो मेरे साथ नहीं है, वह मेरे विरोध में है और जो मेरे साथ नहीं बटोरता, वह बिखेरता है।
(२४) जब अशुद्ध आत्मा किसी मनुष्य से निकल जाती है, तो वह विश्राम की खोज में सूखे स्थानों में भटकती फिरती है। विश्राम न मिलने पर वह कहती है, जहाँ से मैं आई हूँ, वहीं अपने घर वापस जाऊंगी।
(२५) लौटने पर वह उस घर को झाड़ा-बुहारा और सजा-सजाया हुआ पाती है।
(२९) जब और भीड़ एकत्र होने लगी तब येशु कहने लगे, यह दुष्ट पीढ़ी है। यह चिह्न माँगती है, परन्तु नबी योना के चिह्न को छोड़ इसे और कोई चिह्न नहीं दिया जाएगा। (३०) जिस प्रकार योना नीनवे महानगर के निवासियों के लिए एक चिह्न बन गया था, उसी प्रकार मानव-पुत्र भी इस पीढ़ी के लिए चिह्न बन जाएगा।
(३१) न्याय के दिन दक्षिण देश की रानी इस पीढ़ी के लोगों के साथ खड़ी होगी और इन्हें दोषी ठहराएगी, क्योंकि वह सुलेमान की बुद्धि से परिपूर्ण बातें सुनने के लिए पृथ्वी के छोर से आयी थी, और देखोयहाँ वह है, जो सुलेमान से भी महान् है!
पश्चाताप के निम्नलिखित चरणों में से प्रत्येक के साथ मेल खाने वाला बाइबिल के वचन लिखें।
क्या आप कोई व्यक्तिगत पश्चाताप की कहानी हमें बता सकते हैं?
आपके जीवन में परिवर्तन दिखाने वाले कुछ कार्य क्या हैं?
(१) अत:, भाइयो और बहिनो! मैं परमेश्वर की दया के नाम पर अनुरोध करता हूँ कि आप जीवन्त, पवित्र तथा सुग्राह्य बलि के रूप में अपने को परमेश्वर के प्रति अर्पित करें; यही आपकी आत्मिक उपासना है।
(२) आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्कि सब कुछ नयी दृष्टि से देखें और अपना स्वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्वर क्या चाहता है और उसकी दृष्टि में क्या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।
आप पश्चाताप को एक जीवन शैली कैसे बना सकते हैं?
प्रभु यीशु, आपकी क्षमा के लिए धन्यवाद। मैं अपने स्वयं के गलत तरीकों से पश्चाताप करता हूं और आपके तरीकों की ओर मुड़ता हूं, आपके तरीके जीवन की ओर ले चलते हैं। |
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हेमकुंड साहिब के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं आज अपराह्न डेढ़ बजे अंतिम अरदास हुई जिसके बाद गुरुग्रंथ साहिब का हुकुम नामा लेकर बाजे गाजे संग गर्भगृह जिसे सचखंड साहिब कहा जाता है लाया गया ।
कोविड १९ के चलते इस बार हेमकुंड साहिब की यात्रा केवल २२ दिन चली जिसमे १० हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए ।
हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के अनुसार ठंड की वजह यात्रा को १० अक्टूबर तक ही चलाने का निर्णय हुआ था लिहाजा आज अपराह्न कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए ।
आज प्रातः सेना के ४१८ जवानों और पंज प्यारों सहित श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन में प्रतिभाग किया । जिसमे आज १८०० के करीब श्रद्धालु मौजूद रहे । ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने यात्रा में सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है ।
हेमकुंड साहिब चमोली जिले में ४६३२ मीटर (१५,१९२.९६ फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित सिक्खों का प्रसिद्ध स्थल हैं जहाँ देश विदेश से प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं । कोविड १९ की वजह विगत एक साल से यात्रियों की बहुत कम संख्या वहां पहुच पाई । अल्प समय के लिए खुले दरबार मे तब भी २२ दिन में १० हजार से अधिक श्रद्धालु पहुँचे । |
बेरीनाग : सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के तत्वावधान में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बेरीनाग के खेल मैदान में अंतर महाविद्यालय बॉलीबॉल पुरुष प्रतियोगिता का आरंभ हुआ।
बालीबाल प्रतियोगिया का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सी.डी. सूँठा ने युवा खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर खेल का सुभारम्भ किया । बेरीनाग में अन्तर महाविद्यालय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन होना है । आज आरंभिक प्रतियोगिता में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,रानीखेत एवं राजकीय महाविद्यालय मनीला के बीच मुकाबला सम्पन्न हुआ। जिसमें रानीखेत की बॉलीबॉल टीम ने बाजी मारी।
आज के कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रूप में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता महेश रौतेला रहे उन्होंने खिलाड़ियों को खेल के प्रति उत्साह बनाये रखने के लिए शुभकामनाएं दीं।
महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी डॉ पी सी मठपाल ने विभिन्न महाविद्यालय से आये खिलाड़ियों , टीम के कप्तानों और अतिथियों का स्वागत किया।
विश्वविद्यालय क्रीड़ा प्रभारी श्री लियाकत अली ने बताया कि इस प्रतियोगिता में १० टीम प्रतिभाग कर रही हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों और विद्यालयों द्वारा खेलों में प्रतिभाग करने और सहयोग के लिए आभार जताया।
दूसरे मैच में राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़ और राजकीय महाविद्यालय, गनाई गंगोली के बीच हुए मुकाबले में पिथौरागढ़ की टीम विजयी रहे । प्रतियोगिता सम्पन्न कराने में विश्वविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी श्री लियाकत अली, श्याम मुन्नू भट्ट,भूपेंद्र सिंह बिष्ट, चंदन सिंह बिष्ट, अर्जुन कुमार, मदन रावत, मनोहर खाती, चंदन सिंह मेहरा का विशेष योगदान रहा । इस अवसर पर विद्यार्थियों सहित महाविद्यालय के शिक्षक और खेलप्रेमी उपस्थित रहे।। |
थोक अंतिम संस्कार की आपूर्ति में रजिस्टर बुक, बॉक्स सेट, सर्विस फोल्डर, प्रार्थना कार्ड, और बहुत कुछ शामिल हैं। इन वस्तुओं को आपकी मांगों के अनुसार वैयक्तिकृत किया जा सकता है। ये वयस्क अंतिम संस्कार युर्न्स दिवंगत लोगों की स्मृति को अधिक सार्थक और विशेष महसूस कराएंगे, और पूरे समारोह के लिए सही स्वर सेट करेंगे। रिश्तेदारों और प्रियजनों को उनके नुकसान का ठीक से शोक करने में मदद करें।
वयस्क अंतिम संस्कार युर्न्स में मुर्दाघर उपकरण, अंतिम संस्कार उपकरण, और यहां तक कि कुछ किफायती विकल्प जैसे कि अंतिम संस्कार के लिए उपयोग किए गए अंतिम संस्कार उपकरण शामिल हैं। बिक्री। ये वस्तुएं आपके अंतिम संस्कार गृह व्यवसाय के लिए निश्चित रूप से उपयोगी हैं।
चूंकि अंतिम संस्कार सेवाओं की बात आती है तो लोगों की अलग-अलग प्राथमिकताएं होती हैं, अंतिम संस्कार के घरों में दफन और श्मशान दोनों उपकरण होना आवश्यक है। और निश्चित रूप से, इस प्रकार के उपकरण अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए।
बॉडी बैग और मुर्दाघर के कपड़ों से लेकर सुरक्षात्मक परिधान तक, मृतक की उचित देखभाल के लिए कई अंतिम संस्कार घरेलू आपूर्ति उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए, शव को दफनाने या दाह संस्कार के लिए तैयार करने के लिए मुर्दाघर की खाट का उपयोग किया जाता है। अंतिम संस्कार गृहों को मोर्चरी खाट कवर का उपयोग करने से लाभ हो सकता है, यह मृतक के परिवार और दोस्तों को अपना दुख और अंतिम अलविदा व्यक्त करने में सक्षम बनाने का एक सुंदर तरीका है। सम्मानजनक और विशिष्ट अंतिम संस्कार के आयोजन के लिए कुर्सियों और खानपान के उपकरणों के प्रकार। आवश्यक चर्च और चैपल के अंतिम संस्कार की आपूर्ति उपलब्ध है, साथ ही अंतिम संस्कार के घरों के लिए प्राचीन मुर्दाघर के उपकरण भी उपलब्ध हैं। बहुत से लोग यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि स्थानीय कब्रिस्तान हमेशा अच्छी तरह से बनाए रखा जाए। यहां वयस्क अंतिम संस्कार युर्न्स के कई विकल्प हैं। |
फूल कुमार बताते हैं कि जब वह रसायनिक खेती करते थे, तब उनका केमिकल स्प्रे का खर्च उनकी पूरी उपज से ज्यादा आता था!
अगर कोई आपसे कहे कि आप एक एकड़ ज़मीन से साल में ६ से १२ लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं तो क्या आपको यकीन होगा? बिल्कुल भी नहीं, बल्कि हम सोचेंगे कि ऐसा तो संभव ही नहीं है। हरियाणा के किसान फूल कुमार के साथ भी ऐसा ही हुआ था जब उन्होंने इस बात को सुना। लेकिन फिर उन्होंने एक बार खुद ट्राई करने की ठानी और आज उनकी जिंदगी की कहानी बिल्कुल बदल चुकी है।
अब फूल कुमार खुद कहते हैं कि एक एकड़ जमीन से इतनी कमाई संभव है, बस ज़रूरत है तो सही तरीके से खेती करने की और कड़ी मेहनत की। रोहतक के भैणी मातो गाँव के रहने वाले फूल कुमार ने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद अपनी सवा तीन एकड़ पुश्तैनी ज़मीन पर खेती शुरू कर दी। जिस साल उन्होंने खेती शुरू की वह साल था १९९८!
पिछले २२ साल के अपने अनुभव को फूल कुमार ने द बेटर इंडिया के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि उनका किसानी का सफ़र उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। जब उन्होंने खेती शुरू की तब वह भी रासायनिक खेती करते थे। उस समय उनके यहाँ कपास की खेती अधिक होती थी।
इसके साथ ही, उनके यहाँ बहुत ज्यादा रसायनों का प्रयोग होने से किसानों की मौत भी हुई। वह कहते हैं कि हर साल कीटनाशकों की वजह से उनके गाँव में ३-४ लोगों की मौतें होती थी। खेती में कुछ न बचना और फिर परिवार के सदस्य का यूँ छोड़कर चले जाना, इन सब समस्यायों का समाधान कहीं नज़र नहीं आ रहा था। फूल कुमार कहते हैं कि उन्होंने टीवी पर राजीव दीक्षित का एक प्रोग्राम देखा, जिसमें उन्होंने जैविक खेती के बारे में बताया।
मैंने पहली बार उनसे सुना कि किसान बिना कोई यूरिया, डीएपी भी खेती कर सकते हैं। उन्होंने जैविक खेती के बारे में बताया। राजीव जी ने समझाया कि कैसे हम सब सिर्फ जहर खा रहे हैं क्योंकि खेती में केवल रसायन का प्रयोग हो रहा है। मुझे याद है कि उस कार्यक्रम में राजीव जी ने अंत में कहा था कि अगर कोई किसान सुन रहा हो तो अपनी ज़मीन पर कम से कम एक एकड़ में ज़रूर जैविक खेती करे और मैंने उसी दिन ठान लिया कि अब रसायन मुक्त खेती ही करनी है, उन्होंने आगे कहा।
फूल कुमार ने ठान तो लिया लेकिन जैविक खेती की उनके पास कोई ट्रेनिंग नहीं थी। उन्होंने इधर-उधर से थोड़ा-बहुत पता करके शुरुआत की। इसके साथ ही, उन्होंने साल २०१० में दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन में बतौर बस ड्राइवर नौकरी कर ली। इसके साथ-साथ वह खेती भी करते रहे। उनका कहना है कि घर चलाने के लिए उन्हें आमदनी की ज़रूरत थी। खेती में कुछ भी नहीं बच रहा था ऐसे में उन्हें लगा की साथ में कोई नौकरी कर ली जाये। लेकिन फूल कुमार ने जैविक खेती पर होने वाले वर्कशॉप में जाना नहीं छोड़ा।
साल २०१४ में उन्होंने अपनी बस ड्राइवर की नौकरी छोड़ दी क्योंकि चार सालों में उन्हें समझ में आया कि नौकरी से वह सिर्फ अपने घर का पालन-पोषण कर पाएंगे। लेकिन ज़मीन पर अगर उन्होंने मेहनत की तो दूसरे घरों को भी स्वस्थ और पोषित खाना देंगे। इस तरह से समाज के लिए और प्रकृति के लिए कुछ कर पाएंगे।
अपना काम अपना ही होता है, और बस इसी सोच के साथ नौकरी छोड़ने का फैसला किया कि अब जो करना है अपनी ज़मीन पर ही करना है, उन्होंने कहा।
इसके बाद भी फूल कुमार का संघर्ष जारी रहा। कभी नुकसान तो कभी मुनाफा और भी न जाने क्या-क्या उन्होंने झेला। पर बिना रसायन के खेती करने के अपनी निश्चय पर वह दृढ रहे।
इसी दौरान फूल कुमार की मुलाकात जीरो बजट खेती के जनक सुभाष पालेकर से होती है। मार्च २०१७ में पंचकूला में सुभाष पालेकर ने एक वर्कशॉप आयोजित किया था। वहाँ जब उन्होंने पालेकर की खेती पद्धिति के बारे में सुना और उनसे समझा, तब उन्हें लगा कि शायद अब उन्हें सही राह मिलेगी।
सच कहूँ, जब पालेकर जी ने कहा कि एक एकड़ से ६ से १२ लाख रुपये तक की आमदनी ली जा सकती है तो मैं उनसे बहस करने लगा गया था। क्योंकि मैं पिछले ७ सालों से सिर्फ जैविक खेती करने की कोशिश में जुटा था और कई बार नुकसान उठा चुका था इसलिए विश्वास करना बहुत ही मुश्किल था। पर इसके साथ ही, मैंने पालेकर जी की बात को सुना और फिर समझा कि मैं कहाँ गलती कर रहा था। पालेकर जी ने मुझे जंगल पद्धिति का मैप बनाकर दिया और अच्छे से समझाया, फूल कुमार ने कहा।
फूल कुमार ने ट्रेनिंग के बाद, अगस्त २०१७ में अपने खेत पर पंचस्तरीय जंगल मॉडल की शुरुआत की। पहले मॉडल में उन्होंने पौने एकड़ में मार्किंग करके ५४ निम्बू, १३३ अनार, १७० केले, ४२० सहजन के पेड़ लगाए। उन्होंने ये सभी पेड़ बीज से लगाए हैं ना कि कहीं से पौध लाकर। वह आगे कहते हैं कि उनके इस पहले मॉडल में अभी ४२० काली मिर्च के पेड़ और ४२० अंगूर की बेल भी लगेंगी, जो वह इस साल रोपित करेंगे।
यह जंगल पद्धिति है, इसमें ज़मीन के एक टुकड़े पर सहफसली की जाती है। ज़मीन की मैपिंग करके बीज से पौधे लगाये जाते हैं। इससे खर्च कम होता है क्योंकि सैप्लिंग महंगे पड़ते हैं। इस मॉडल को विकसित होने में दो-तीन साल का समय अवश्य जाता है लेकिन आपको कमाई पहले साल से ही मिलने लग जाती है, उन्होंने आगे कहा।
इन सभी पेड़ों के बीच में फूल कुमार हर मौसम में कुछ सब्जी और मसाले जैसे करेला, लौकी, मिर्च, टमाटर, हल्दी और अदरक आदि भी उगाते हैं। उनका यह मॉडल अब तीन साल पुराना हो गया है।
इसके बाद, उन्होंने दूसरे मॉडल में एक एकड़ ज़मीन पर अमरुद, मौसमी, सीताफल जैसे पेड़ लगाए हैं। उनका दूसरा मॉडल अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। इस साल वह बाकी एक एकड़ ज़मीन पर अपना तीसरा मॉडल लगाएंगे। इसकी मैपिंग पर वह अभी काम कर रहे हैं। वह कहते हैं कि खेती का यह जंगल मॉडल पहले साल से ही किसान को उतनी कमाई तो दे ही देता है, जितना उसने इन्वेस्ट किया है।
यह खेती पूरी तरह से गोबर और गौमूत्र पर आधारित है तो बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट भी नहीं है और जितना यह मॉडल पुराना होता है, उतना ही आपकी कमाई बढ़ती है। पहले साल में, फूल कुमार ने मात्र पौने एकड़ से सीजन में एक से डेढ़ लाख रुपये की कमाई ली थी और इस साल, उनकी इससे कमाई ढाई लाख रुपये तक रही।
फूल कुमार अपने खेतों पर ही फसल के लिए जीवामृत और घनजीवामृत बनाते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने यहाँ ४ गाय और २ बछिया रखी हुई है। पशु तो हमारे हरियाणा में वैसे भी रखे जाते हैं क्योंकि घर का दूध-घी खाना हमारे यहाँ का प्रचलन है। उन्हीं से हमारे खेतों के लिए भी खाद आदि की आपूर्ति हो जाती है। इसके अलावा, जितना ज्यादा कार्बन आपकी मिट्टी में होगा उतना अच्छा है। इसके लिए हम अपने खेत से कोई भी कृषि अपशिष्ट बाहर नहीं जाने देते, उन्होंने आगे कहा।
फूल कुमार के मुताबिक इस पंचस्तरीय मॉडल से उनकी पानी की खपत भी कम होती है और इस वजह से बिजली की खपत भी कम हुई है। सही तरीके के साथ-साथ फूल कुमार की कड़ी मेहनत भी उनकी सफलता की एक बड़ी वजह है। वह और उनकी पत्नी, अपना पूरा वक़्त अपने खेत को देते हैं। दिन भर वह कोई न कोई काम करते हैं। उनका कहना है कि कोई दिन ऐसा नहीं होता जिस दिन उनके यहाँ काम न हो और सभी काम बहुत ज़रूरी होते हैं। पहले साल में उनके इस मॉडल को देखने के लिए बहुत से किसान आते थे।
लेकिन इस वजह से उनका अपने खेती के काम करना मुश्किल हो गया क्योंकि वह सभी काम खुद करते हैं। अब उन्होंने महीने में आखिरी रविवार को लोगों की विजिट के लिए फिक्स किया हुआ है।
अपनी फसल की मार्केटिंग के बारे में फूल कुमार बताते हैं कि उन्हें कभी भी अपनी सब्जियों और फलों को मंडी ले जाने की ज़रूरत नहीं पड़ी। उनके यहाँ से ग्राहक खुद आकर चीजें लेकर जाते हैं। कुछ नियमित ग्राहक तो उन्हें फ़ोन करके पहले ही अपना ऑर्डर दे देते हैं और निश्चित समय आकर ले जाते हैं। बाकी हर महीने और नए लोग उनसे जुड़ते हैं और उनके यहाँ से खरीदने आते हैं। कुछ दूसरे बड़े किसान भी उनसे फल और सब्जियां खरीदते हैं। इस तरह से उनकी उपज सीधा ग्राहकों तक पहुँच रही है।
इससे ज्यादा एक किसान को और क्या चाहिए। मेरा कहना तो यह है कि अगर कोई किसान दिल से मेहनत करे और सही तरीके से फसल उगाए तो वह १२ लाख से भी ज्यादा कमा सकता है। पर अगर आप बिना मेहनत के सोचो कि आप लाखों में कमाएं तो ऐसा नहीं हो सकता। पिछले तीन सालों से मैं और मेरी पत्नी पूरी तरह से सिर्फ अपने खेत के लिए समर्पित हैं, उन्होंने कहा।
उनके एक फार्म से अब हर दिन तीन मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। कभी-कभी सीजन में उन्हें और भी मजदूर बुलाने पड़ते हैं। लेकिन सबसे अच्छा यह है कि फूल कुमार को अब अपने परिवार का भविष्य उज्ज्वल दिखता है। दूसरे किसानों के लिए उनकी बस यही सलाह है कि सबसे पहले तो वह प्राकृतिक खेती का सही तरीका सीखें, समझें और फिर अपने खेतों में अपनाएँ। दूसरा, कड़ी मेहनत से पीछे न हटें, जैसे किसी और जॉब में अपना १००% देते हैं वैसे ही अपनी खेती में १००% दें और फिर आपकी सफलता निश्चित है!
अगर आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है तो आप फूल कुमार से ९९९२१०३१९७ पर रात ९ से १० बजे के बीच में संपर्क कर सकते हैं!
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सफलनामा! २ रुपये से शुरुआत कर कल्पना सरोज कैसे बनीं करोड़ों की मालकिन? |
नवी मुंबई।। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर नवी मुंबई के १९ पुलिसकर्मी आज विवाह बंधन में बंध जाएंगे। बिना किसी दहेज के हो रहे इस सामूहिक विवाह समारोह के मुख्य यजमान हैं पुलिस कमिश्नर गुलाबराव पॉल और विवाह स्थल है सीबीडी स्थित पुलिस मुख्यालय।
यह आइडिया पुलिस कमिश्नर का है। उनके अनुसार पहले तो लोकसभा चुनाव, फिर विधानसभा चुनाव, आईपीएल मैचों व आखिर में पालिका चुनावों के चलते नवी मुम्बई पुलिस को बिना छुट्टी लिए महीनों तक बंदोबस्त व सुरक्षा कार्यों में लगे रहना पड़ा। इससे उनके कई निजी कार्य यहां तक कि शादी तक के लिए छुट्टी नहीं मिल सकी थी।
पुलिस कमिश्नर ने बिना दहेज, बिना दिखावे की शादी का यह आइडिया सबके सामने रखा, जिसे सभी ने स्वीकार कर लिया। १९ महिला-पुरुष पुलिस कर्मियों ने शादी करने का फैसला किया। अधिकांश पुलिसकर्मी कॉन्स्टेबल स्तर के हैं। शादी का खर्च पुलिस वेलफेयर फंड से उठाया जाएगा।
क्राइम 'फांसी भी मिली तो मलाल नहीं, जन्नत में मिलेंगी हूरें'; पॉलिग्राफ टेस्ट में निकल गई आफताब के दिल की बात?
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रीत लेवल २ अंस्वर की २0२२ पफ (२3 जुलाई २0२२): परीक्षार्थियों की सहायता के लिए हमने इस आर्टिकल में २3 जुलाई २0२२ को हुए रीट लेवल टू के पेपर के लिए सभी प्रश्नों के हल यहां पर मात्र एक पीडीएफ में उपलब्ध करवा दिया गया है। परीक्षार्थी निचे दिए गए डायरेक्ट लिंक के माध्यम से रीत लेवल २ अंस्वर की २0२२ पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा अभी तक किसी प्रकार की ऑफिसियल आंसर की जारी नहीं की है। लेकिन यह हमारी वेबसाइट रोज़गरगुरूजी.कॉम पर आपको रीत की अनुमानित रीट लेवल २ की ब,च,ड सीरीज की आंसर की उपलब्ध करवाई जा रही है।
यहां आपको आयोजित रीट की २३ जुलाई २०२२ की परीक्षा की ब सीरीज की आंसर की उपलब्ध करवाई जा रही है। इस पैराग्राफ के निचे दी आपको ब सीरीज का पेपर और आंसर की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक निचे दे दिया गया है। आप निचे दिए गए डायरेक्ट लिंक के माध्यम से आयोजित रीट परीक्षा २३ जुलाई २०२२ की ब सीरीज की आंसर की और राशन पत्र डाउनलोड कर सकते है।
यहां आपको आयोजित रीट की २३ जुलाई २०२२ की परीक्षा की च सीरीज की आंसर की उपलब्ध करवाई जा रही है। इस पैराग्राफ के निचे दी आपको च सीरीज का पेपर और आंसर की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक निचे दे दिया गया है। आप निचे दिए गए डायरेक्ट लिंक के माध्यम से आयोजित रीट परीक्षा २३ जुलाई २०२२ की च सीरीज की आंसर की और राशन पत्र डाउनलोड कर सकते है।
यहां आपको आयोजित रीट की २३ जुलाई २०२२ की परीक्षा की ड सीरीज की आंसर की उपलब्ध करवाई जा रही है। इस पैराग्राफ के निचे दी आपको ड सीरीज का पेपर और आंसर की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक निचे दे दिया गया है। आप निचे दिए गए डायरेक्ट लिंक के माध्यम से आयोजित रीट परीक्षा २३ जुलाई २०२२ की ड सीरीज की आंसर की और राशन पत्र डाउनलोड कर सकते है। |
भुवनेश्व: ओडिशा के बरगढ़ जिले के सूखाग्रस्त पद्मापुर विधानसभा क्षेत्र में पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले, किसानों को फसल बीमा राशि के भुगतान में देरी को लेकर सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।
सत्तारूढ़ दल के एक विधायक ने दावा किया कि खरीफ फसलों की कटाई के चार महीने बाद भी किसानों को फसल बीमा बकाया नहीं मिला है। हालांकि, भाजपा के राज्य महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने किसानों के संकट के लिए ओडिशा सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि किसानों को इसलिए असुविधा हो रही है क्योंकि राज्य सरकार ने फसल बीमा दावों के समय पर भुगतान के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा नहीं किया है।
बीजद विधायक देबेश आचार्य ने कहा, फसल बीमा के भुगतान में देरी किसानों की जीविका पर प्रभाव डालेगी, खासकर बरगढ़ में। बरगढ़ से बीजद विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पहले भी कई बार इस मुद्दे को केंद्र के सामने उठाया था, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने दावा किया कि पश्चिमी ओडिशा के जिलों के लाखों किसान अपने फसल बीमा दावों के निपटान में देरी के कारण परेशान हैं। |
रायपुर। महासमुंद जिला शिक्षा अधिकारी मीता मुखर्जी (डेव मीता मुखर्जी) को संयुक्त संचालक रायपुर ने एकतरफा प्रभार दे दिया है। इसके लिए संभागीय संयुक्त संचालक के कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।
आपको बता दें ने राज्य सरकार ने ३० सितंबर को आदेश जारी कर महासमुंद में मीता मुखर्जी को जिला शिक्षा अधिकारी बनाया था। १४ अक्टूबर को मीता मुखर्जी ने ज्वाइन भी कर लिया था, लेकिन एस चंद्रसेन (स चंद्रसेन) ने उन्हें चार्ज नहीं दिया था।
मीता मुखर्जी ने इस मामले में शिकायत की, जिसके बाद रायपुर संयुक्त संचालक ने मीता मुखर्जी को महासमुंद जिला शिक्षा अधिकारी (महासमुंड डेव) का एकतरफा प्रशासकीय और वित्तीय संपूर्ण प्रभार सौंप दिया गया। |
राजनांदगांव।चिखली पुलिस ने कांग्रेस पार्षद समेत दर्जनभर जुआरियों को रंगे हाथ जुआ खेलते गिरफ्तार किया। पुलिस ने जिस दफ्तर में दबिश दी, वह कांग्रेस पार्षद का निजी कार्यालय है। पुलिस को सूचना मिली थी कि जुआरियों का मजमा दफ्तर में लगा हुआ है। सूचना के आधार पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई कर जुआरियों को धरदबोचा।मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने दबिश देकर अरविंद वर्मा ३६ वर्ष शांतिनगर, कौशल वर्मा ४५ वर्ष दीनदयाल नगर चिखली, गेंदलाल साहू ३० वर्ष बरगाही, गोपाल नायक ५२ वर्ष स्टेशनपारा, रजा खान २७ वर्ष स्टेशनपारा, दुर्गा चंदेल ३४ वर्ष शांतिनगर, महेष शर्मा ५० वर्ष चौखडिय़ापारा, किशोर साहू २८ वर्ष बरगाही, अनमोल जैन ३२ वर्ष गंजपारा दुर्ग, टीकम जैन ३० वर्ष गांधी चौक दुर्ग एवं रवि शर्मा २९ वर्ष ऋषभ ग्रीनसीटी पुलगांव पर कार्रवाई की थी।
मिली जानकारी के मुताबिक चिखली वार्ड नं. ६ के पार्षद अरविंद वर्मा समेत ११ जुआरियों को मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात को पुलिस ने ताशपत्ती और नगद राशि के साथ गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि एसपी संतोष सिंह के निर्देश पर चिखली पुलिस ने पार्षद के कार्यालय में धावा बोलकर ६६ हजार के नगदी व ७ मोबाईल और ताशपत्ती बरामद किया। चिखली पुलिस चौकी प्रभारी टोहला साहू ने बताया कि सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई है सभी के विरुद्ध जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इधर गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को जमानत भी मिल गई। |
सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधनी (सीहोर) में २६ औद्योगिक संरचनाओं (क्लस्टर) का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। ५५२१ करोड़ ५१ लाख रुपये निवेश वाले इन निर्माण कार्यों से लगभग ५९ हजार युवाओं को सीधे रोजगार मिलेगा। कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा शामिल रहे।
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सीएम शिवराज ने कहा कि आज बुधनी की धरती से पूरे मध्यप्रदेश को रोजगार का संदेश जा रहा है। आज मेरा संकल्प है कि बुधनी के खिलौने पूरे देश में धूम मचा दें और अन्य देशों में इनको बेचने की व्यवस्था की जाये। इस अवसर पर उन्होंने स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए लोगों से 'वोकल फार लोकल' की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आज संकल्प लीजिए कि अपने क्षेत्र, अपने प्रदेश और देश में निर्मित वस्तुओं को ही खरीदेंगे, ताकि हमारे अपने लोगों को रोजगार मिल सके। कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि मेरे पास किसी ने स्लिप भेजी है, बुधनी में मेडिकल कालेज बनाइए। वो तो बनेगा ही।
सीएम शिवराज ने कहा कि पीएससी, शिक्षा, पुलिस और अन्य विभागों में एक साल में हम एक लाख पदों पर भर्ती करेंगे। शासकीय नौकरियों के अलावा स्वरोजगार के अनेक अवसर हम खड़े कर रहे हैं, ताकि आप अपना उद्यम प्रारंभ कर दूसरों को नौकरी दे सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के माध्यम से युवओं को उद्योग लगाने के लिए बैंक ५० हजार से ५० लाख रुपये तक लोन देंगे। इस लोन की गारंटी सरकार देगी और ३% लोन इंटरेस्ट पर सबसिडी भी दी जाएगी। आज प्रदेश के २ लाख बेटे-बेटियों को उद्यम लगाने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की बहनों का सामान बने भी और बिके भी, उनका काम धंधा चले, इसकी चिंता हम कर रहे हैं। हम गरीबी में रहने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। हम अपनी मेहनत और प्रयासों से रोजगार के नए रास्ते खोल देंगे, ताकि किसी को बेरोजगार न घूमना पड़े।
सीएम शिवराज ने कहा कि भगवान महाकाल की कृपा से उज्जैन में महाकाल लोक का निर्माण हुआ है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के करकमलों से ११ अक्टूबर को लोकार्पण होगा। आप भी अपने गांव के मंदिरों से इस कार्यक्रम से जुड़कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त करें। सलकनपुर में आज भक्तों का रेला लगा हुआ है। चाहे मैहर हो, चामुंडा मैया हो अलग-अलग स्थानों पर बड़ी संख्या में माँ की पूजा व उपासना हो रही है। सलकनपुर में भी भव्य मंदिर का निर्माण प्रारंभ हो गया है। मां चामुंडा और तुलजा भवानी का मंदिर भी बना है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने यहां १३ जिलों के १६ औद्योगिक क्लस्टर और तीन औद्योगिक क्षेत्रों का भूमिपूजन किया। चार जिलों के तीन औद्योगिक क्लस्टर, एक औद्योगिक क्षेत्र, दो इन्क्यूवेशन सेंटर और एक स्टार्टअप सेंटर के कार्यालय का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद हितग्राहियों को ऋण स्वीकृति और वितरण-पत्र भी प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इंदौर, नीमच, भोपाल, बुरहानपुर के क्लस्टर विकासकर्ता उद्यमियों से वर्चुअल संवाद किया। सभी जिलों में प्रभारी मंत्री और चुने गए जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजन हुए। उद्योग संघों के प्रतिनिधि, हितग्राही, एमएसएमई उद्यमी, कलस्टर के विकासकर्ता, बैंकर और स्व-रोजगार योजना से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, रविदास स्व-रोजगार योजना और डा. आंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना के तहत युवाओं को स्व-रोजगार के लिए ऋण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री @चौहान्शिवराज ने १८ करोड़ ८७ लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले बुधनी टॉय क्लस्टर का भूमिपूजन माननीय मंत्रीगणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया। इस टॉय क्लस्टर की स्थापना से क्षेत्र में रोजगार-स्वरोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे। |
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है बेस्ट उपकोमिंग स्मारफोन सिप्तंबर-अक्टोबर के बारे में जानेंगे इन स्मार्टफोन में क्या है खास और बात करेंगे प्राइजिंग के बारे में। इस पोस्ट में पूरी जानकारी देखने को मिल जाएगी इसलिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर महीने स्मारफोन लॉन्च होते हैं तो सिप्तंबर और अक्टोबर में भी काफी सारे फोन देखने को मिल जाएंगे। बात करेंगे इन्हीं स्मार्टफोंन के स्पेसिफिकेशन के बारे में और जानेंगे लॉन्च डेट के बारे में और क्या रहेगी इनकी प्राइसिंग तो आज की है पोस्ट आप सभी के लिए बहुत ज्यादा बेहतरीन होने वाली है तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें मैं आप सभी को एक-एक करके सभी फोनों के स्पेसिफिकेशंस के बारे में बताऊंगा।
रियामे ग्य्ट नियो काफी बेहतरीन स्मार्टफोन है यह स्मारफोन लगभग सितंबर के महीने में लॉन्च हो जाएगा। सबसे पहले बात करते हैं इस स्मार्टफोन की डिस्प्ले की तो इसमें आपको ६.४३इंच की सुपर अमोलेड १२०हज़ रिफ्रेशिंग रेट के साथ देखने को मिल जाती है। तो बाते इसकी बैटरी की ओर तो इसमें आपको ४५००माह के साथ ५०व की फास्ट चार्जिंग देखने को मिल जाती है। तो अब आते हैं इस फोन के कैमरा की ओर इस फोन के पीछे की और आपको ६4म्प+८म्प+२म्प के साथ 1६म्प का फ्रंट कैमरा देखने को मिल जाता है बात करें इसके प्रोसेसर के बारे में इसमें आपको मीडिया टेक डायमेनसिटी १२०0म्त६८93 देखने को मिल जाता है। इसमें आपको ६गब रेम और 1२८गब रोम देखने को मिल जाती है बात करें इस फोन के वाइट की इस फोन का जो वाइट है १७९गम। इस फोन में आपको तीन कलर वेरिएंट देखने को मिल जायेंगे एक है ब्लैक,सिल्वर,फेंटेसी। अब आते हैं इसकी प्राइस इन की ओर इस स्मार्टफोन का कब प्राइस लगभग २0,००० के अराउंड देखने को मिल जाएगी।
देखने को मिल जाएगी। तो अब आते हैं इस फोन की डिस्प्ले के बारे में इसमें आपको ६.७इंच की डिस्प्ले देखने को मिल जाती है जो ९०हज़ के रिफ्रेशिंग रेट के साथ आती है। अब आते हैं इसके कैमरास की ओर तो इसका रियल कैमरा है ६4म्प+1६म्प+२म्प के साथ 1६म्प+८म्प का फ्रंट कैमरा देखने को मिल जाएगा। बात करें इस फोन के परफॉर्मेंस की इसमें आपको क्वालकॉम स्नैपड्रेगन ८७0 का प्रोसेसर देखने को मिल जाता। इसमें आपको ६गब राम और 1२८गब इंटरनल स्टोरेज देखने को मिल जाती है बात करें इस स्मार्टफोन के प्राइसिंग के बारे में तो लगभग-लगभग २२000 के अंडर में आपको देखने को मिल जाएगा।
यह स्मार्टफोन आपको सितंबर के फर्स्ट ईयर सेकंड वीक में देखने को मिल जाएगा। सबसे पहले बात करते हैं इसकी कैमरे के बारे में इसमें आपको १२म्प का वाइड एंगल प्राइमरी कैमरा, १२म्प टेलिफोटो कैमरा और १२म्प का अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा मिल जाता है अगर सेल्फी कैमरा की बात करें तो वह ८म्प का है। तो अब आते हैं इसकी बैटरी की ओर तो इसमें आपको ४५००माह के साथ ३०व की फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिल जाता है। बात करें इसके डिस्प्ले की तो इसमें आपको ६.५इंच की ऑलेड डिस्प्ले के साथ गोरिल्ला ग्लास प्रोटेक्शन वेद १२0हज़ रिफ्रेशिंग रेट के साथ आती है। बात करते हैं इस फोन के प्रोसेसर के आपको स्नैपड्रैगन ८८८ का प्रोसेसर देखने को मिल जाता। बात करते हैं इस फोन के स्टोरेज की तो इसमें आपको १२गब राम और 2५६गब इंटरनल स्टोरेज के साथ आप इसकी स्टोरेज को १त्ब एक्सपेंडेबल कर पाएंगे। अब आते हैं इसकी प्राइजिंग की ओर तो इस फोन का प्राइस लगभग ६६,००० अंदर अंदर देखने को मिल जाएगा।
यह फोन आपको सितंबर के फर्स्ट वीक में देखने को मिल जाएगा। इसमें आपको ६.८१इंच एमोलेड डिस्प्ले के साथ गोल्ड क्लास प्रोडक्शन वेद १२०हज़ प्रेसिंग रेट के साथ देखने को मिल जाएगी। बात करें इसकी बैटरी की तो इसकी बैटरी ५०००माह के साथ ६7व फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट भी मिल जाएगा। अब आते हैं इसके प्रोसेसर की ओर तो इसमें आपको स्नैप ड्रैगन ८८८ कपड़ों से सर देखने को मिल जाएगा और इसमें आपको ८गब राम और 12८गब इंटरनल स्टोरेज भी देखने को मिल जाएगी। बात करते हैं इसके कैमरास की तो पीछे की तरफ आपको इस में ५०म्प+८म्प+१३म्प और २०म्प का सेल्फी कैमरा मिल जाता है। बात करें इस स्मार्टफोन के प्राइजिंग की तो लगभग ५५,००० के अंदर देखने को मिल जाएगा।
यह स्मार्टफोन भी सितंबर के फर्स्ट वीक में लॉन्च हो जाएगा।
इसमें आपको ४५००माह की बैटरी के साथ २५व फास्ट चार्जिंग का भी सपोर्ट मिल जाएगा। अब आते हैं इसकी डिस्प्ले की ओर तो इसमें आपको ६.५इंच की सुपर अमोलेड डिस्प्ले के साथ १२०हज़ की रिफ्रेशिंग रेट के साथ मिल जाएगी। अब आते हैं इसके कैमरा की ओर तो इसमें आपको। ६4म्प+१२म्प+५म्प का माइक्रो कैमरा और ५म्प डिप्त कैमरा के साथ-साथ ३२म्प का फ्रंट कैमरा देखने को मिल जाता है इसमें आपको ६गब राम और १२8गब इंटरनल स्टोरेज देखने को मिल जाती है। बात करें इसके प्रोसेसर की तो उसमें आपको स्नैप ड्रैगन ७२०ग का सपोर्ट दिया गया है बात करें इसके प्राइसिंग की तो यह स्मार्टफोन लगभग 3६,००० का हो सकता है।
इसमें आपको सैमसंग एक्सीनोस ९ ओक्टा प्रोसेसर का सपोर्ट देखने को मिल जाता है इसमें आपको ८गब राम और १2८गब इंटरनल स्टोरेज के साथ-साथ ऑफिस की स्टोरेज को १त्ब तक बढ़ा सकते हैं।बात करें इस स्मार्टफोन की बैटरी की इसमें आपको मॉन्स्टर बैटरी दी गई है वह ७०००माह के साथ २५व की फास्ट चार्जिंग का भी सपोर्ट दिया गया है। बात करें इस स्मार्टफोन की डिस्प्ले की ६.७इंच की सुपर अमोलेड प्लस की डिस्प्ले दी गई है। हम आते हैं इस स्मार्टफोन के कैमरास की हो इसमें आपको ६4म्प+१2म्प+५म्प का माइक्रो कैमरा और ५म्प डिप्त कैमरा के साथ-साथ ३२म्प फ्रंट कैमरा देखने को मिल जाता है बात करें इसे स्मार्टफोन किस प्राइसिंग की लगभग २४,००० की रेंज में मिल सकता है।
यह स्मार्टफोन सितंबर के फर्स्ट वीक में लॉन्च हो सकता है। सबसे पहले बात करेंगे इस स्मार्टफोन के कैमरास के बारे में तो इसमें आपको एक्स एक्स कैमरा सेटअप देखने को मिल जाएगा ६४म्प+८म्प+२म्प माइक्रो कैमरा के साथ 3२म्प का फ्रंट कैमरा दिया गया है। अब आते हैं इसके प्रोसेसर की ओर तो इसमें आपको स्नैप ड्रैगन 77८ग दिया गया है। बात करें इसकी बैटरी की तो इसमें आपको ४३००माह जो आती है ६५व की फास्ट चार्जिंग के साथ बात करें इसकी डिस्प्ले की इसमें आपको ६.४३इंच की सुपर अमोलेड डिस्पले जो आती है 1२0हज़ रिफ्रेशिंग रेट के साथ तो आप बात करते हैं इस फोन में स्टोरेज कितनी है तो इसमें आपको ६गब राम और 1२८गब इंटरनल स्टोरेज भी मिल जाती है। तो अब बात करते हैं इस फोन के प्राइजिंग के बारे में लगभग इस स्मार्टफोन की प्राइसिंग होने वाली है वह २7,००० के अंदर देखने को मिल जाएगी।
उम्मीद करता हूं इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक साबित होगी। इन स्मार्टफोंस के अलावा भी और भी फोन आ सकते हैं अभी तक कुछ इंफॉर्मेशन नहीं आई है मगर हां मैं आप सभी को उन फोंस के नाम जरूर बता सकता हूं। सबसे पहला जो नाम है वह रियल मी के रियल मी के बहुत सारे फोन लॉन्च हो सकते हैं अभी पक्का नहीं कह सकते और सभी में से रिलायंस भी एक स्मार्टफोन लॉन्च कर सकता है उम्मीद करता हूं यह सभी जानकारी आपके लिए आपको पसंद आई हो पसंद आए तो इस पोस्ट को जरुर शेयर करें और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं। |
बाइबल में दो तरह के क्रोध की बात की गई है। पहला गलत प्रकार का क्रोध है, जिसके साथ अधिकांश लोग संघर्ष करते हैं। यीशु ने कहा, परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा (मत्ती ५:२२)। क्रोध एक आंतरिक पाप है। और हत्या क्रोध का एक अंतिम परिणाम है। यीशु की आवश्यकताएं व्यवस्था के बाहरी कार्यों से परे थीं और उनमें उन कार्यों के पीछे की भावना और उद्देश्य शामिल थे। एक आदमी अपने क्रोध को अपने साथी आदमियों से छिपा सकता है, लेकिन परमेश्वर ही है जो मन देखता है और उसके अनुसार न्याय करता है।
लेकिन उन लोगों के लिए आशा है जो क्रोध से संघर्ष करते हैं। क्रोध पर काबू पाने के लिए, विश्वास करने वाले को जीत के लिए परमेश्वर के वादों का दावा करने की आवश्यकता है जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं (फिलिप्पियों ४:१३)। परमेश्वर की कृपा हमारे क्रोध को आत्म नियंत्रण और प्रेम में बदल सकती है परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्त करता है (१ कुरिन्थियों १5:५७)।
बाइबल एक और प्रकार के क्रोध को प्रकट करती है जो न्यायसंगत है और उस ने उन के मन की कठोरता से उदास होकर, उन को क्रोध से चारों ओर देखा, और उस मनुष्य से कहा, अपना हाथ बढ़ा उस ने बढ़ाया, और उसका हाथ अच्छा हो गया (मरकुस ३: ५)। यहाँ, यीशु धर्मी क्रोध का प्रदर्शन कर रहा है।
मनुष्यों में बुराई के खिलाफ लड़ने के लिए धर्मी क्रोध का एक महत्वपूर्ण कार्य है। यीशु किसी भी व्यक्तिगत मुद्दे पर नाराज़ नहीं था, लेकिन परमेश्वर के प्रति पाखंडी दृष्टिकोण और दूसरों के साथ किए गए अन्याय के लिए (मरकुस ३: ५)। धर्मी क्रोध को गलत कार्य के विरुद्ध निर्देशित किया जाता है, लेकिन अधर्म करने वाले की ओर नहीं (यूहन्ना २:१४-१७)। और दोनों को अलग करने में सक्षम होने के लिए, एक व्यक्ति को परमेश्वर की कृपा और ज्ञान की आवश्यकता होती है।
इसलिए, पौलूस कहता है, क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे। और न शैतान को अवसर दो। (इफिसियों ४:२६, २७)। यूनानी में दोनों वाक्यांश क्रोधित होना और पाप न करना आज्ञा हैं। अतः यह स्पष्ट है कि इस पद में जिस क्रोध की ओर संकेत किया गया है वह धर्मी क्रोध है। लेकिन बाइबल यह चेतावनी देती है कि धर्मी क्रोधी विश्वासियों के पास दूसरों के प्रति व्यक्तिगत आक्रोश, घृणा और नियंत्रण खोने की भावना नहीं होनी चाहिए। |
एकाद स्ट्रॉन्ग की इब्रानी : २५९- का अर्थ है एक इकाई जिसमें एक से अधिक होते हैं (उदाहरण उत्पत्ति १:५, ९; २:२१, २४; ३:२२; व्यवस्थाविवरण ६:४; गिनती १३:२३; यहेजकेल ३7 :१7)।
याकिद स्ट्रॉन्ग की इब्रानी : ३१७३ -का अर्थ केवल एक ही है (उदाहरण यिर्मयाह ६:२६; उत्पत्ति २२: २,1२,1६; न्यायियों ११:३४; भजन संहिता २5:1६; नीतिवचन ४:३; आमोस ८:१० ; जकर्याह 1२:१०)।
परमेश्वर ने स्वयं को एकाद शब्द के साथ संदर्भित किया। हे इस्राएल, सुन, हमारा परमेश्वर यहोवा, यहोवा एक है (एकाद) (व्यवस्थाविवरण ६:४)। इसका अर्थ है कि वह एक जटिल प्राणी है; वह बहुवचन है। यदि यहोवा यह कहना चाहता कि मैं एक और केवल एक हूँ, तो वह (याकिद) शब्द का प्रयोग करता।
१- आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया और परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर मँडराता था (उत्पत्ति १:१, २)। यहाँ, सृष्टि के कार्य में परमेश्वर और पवित्र आत्मा का संदर्भ दिया गया है।
२- तब परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपने स्वरूप के अनुसार बनाएं (उत्पत्ति १:२6)। बहुवचन हम को प्रारंभिक चर्च के विद्वानों ने ईश्वरत्व के तीन व्यक्तियों की ओर इशारा करते हुए माना था। यह कथन कि मनुष्य को हमारे स्वरूप में बनाया जाना था, इस समझ की ओर ले जाता है कि संचार करने वालों को एक ही ईश्वरत्व के व्यक्ति होने चाहिए।
३- तब यहोवा परमेश्वर ने कहा, देखो, मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाने के लिये हम में से एक के समान हो गया है (उत्पत्ति ३:२२)। शब्द हम कम से कम दो व्यक्तियों की एक साथ बातचीत करने की उपस्थिति की आवश्यकता है।
४- आओ, हम नीचे उतरें और वहां उनकी भाषा में गड़बड़ी करें, कि वे एक दूसरे की बात को न समझें (उत्पत्ति ११:७)। यहाँ, सर्वनाम हम का फिर से प्रयोग, परमेश्वर के कम से कम दो व्यक्तियों की भागीदारी को संकेत करता है।
५- तब यहोवा ने सदोम और अमोरा पर, यहोवा की ओर से स्वर्ग से गन्धक और आग बरसाई (उत्पत्ति १९:२४)। यहाँ, हम ईश्वरत्व के दो सदस्यों को सदोम और अमोरा के न्याय पर कार्य करते हुए देखते हैं।
६- मैं तब तक देखता रहा, जब तक कि सिंहासन न रख दिए गए, और अति प्राचीन विराजमान हो गया मैं रात के दर्शन में देख रहा था, और देखो, मनुष्य के पुत्र के समान कोई स्वर्ग के बादलों के साथ आ रहा है! वह अति प्राचीन के पास आया, और वे उसे उसके साम्हने समीप ले आए (दानिय्येल ७:९, १३)। यहाँ, परमेश्वर पिता भविष्यद्वाणी के दर्शन में पुत्र के साथ उपस्थित है।
७- मैं आज्ञा की घोषणा करूंगा: यहोवा ने मुझ से कहा है, तू मेरा पुत्र है, आज मैंने तुझे जन्म दिया है (भजन संहिता २:७)। यहाँ, पिता यीशु को अपने पुत्र के रूप में स्वीकार करता है।
८- इस कारण परमेश्वर, तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों से बढ़कर आनन्द के तेल से तेरा अभिषेक किया है (भजन संहिता ४५:७)। यहाँ, पिता परमेश्वर ने पुत्र का मसीहा के रूप में अभिषेक किया है।
९- यहोवा ने मेरे प्रभु से कहा, मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न कर दूं (भजन संहिता ११०:१)। परमेश्वर के लिए इब्रानी शब्दों को प्रतिस्थापित करते हुए, हमारे पास निम्नलिखित हैं, यहोवा ने एदोनाई से कहा। अपने ईश्वरत्व की पुष्टि करने वाले यीशु के शब्दों के अनुसार, संवाद पिता परमेश्वर और पुत्र परमेश्वर के बीच हुआ (मत्ती २२:4१-४५)।
१०- क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और सरकार उसके कंधों पर होगी। और उसका नाम अद्भुत, युक्ति करनेवाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा (यशायाह ९:६)। यहाँ, यीशु पुत्र, पिता से कम परमेश्वर नहीं है। वह अनंत काल से पिता के साथ एक था (भजन ९0:२; नीतिवचन ८:२२-३०; मीका ५:२)।
१- बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु तुरंत पानी से ऊपर आया; और क्या देखा, कि आकाश खुल गया, और उस ने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर की नाई उतरते और उस पर ज्योति करते देखा। और एकाएक स्वर्ग से यह शब्द हुआ, यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अति प्रसन्न हूं (मत्ती ३:१6,१7)।
२- इसलिए जाकर सब जातियों को चेला बनाओ, और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो (मत्ती २8:१९)।
३- और पवित्र आत्मा उस पर [यीशु] शारीरिक रूप में कबूतर के रूप में उतरा, और स्वर्ग से एक आवाज आई, तू मेरे [पिता के] प्रिय पुत्र है, मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूं (लूका ३) :२२)।
४- परन्तु सहायक, पवित्र आत्मा, जिसे पिता मेरे [यीशु के] नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा (यूहन्ना 1४:२६)।
५- जब वह सहायक आएगा, जिसे मैं [यीशु] पिता की ओर से तुम्हारे पास भेजूंगा, वह सत्य का आत्मा है जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरे विषय में गवाही देगा (यूहन्ना 1५:२६)।
६- और उन के साथ इकट्ठे होकर उस [यीशु] ने उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम से न चले जाएं, परन्तु पिता के उस वचन की बाट जोहते रहें, जिस के विषय में उस ने कहा, कि तू ने मुझ से सुना है; क्योंकि यूहन्ना ने तो जल से तो सचमुच बपतिस्मा दिया है, परन्तु अब से अधिक दिन न रहकर तुम पवित्र आत्मा से बपतिस्मा पाओगे (प्रेरितों के काम १:४,५)।
७- इसलिये परमेश्वर के दाहिने हाथ पर ऊंचा किया गया, और पिता से पवित्र आत्मा की प्रतिज्ञा प्राप्त करके, उस [यीशु ने] जो तुम देखते और सुनते हो, उसे उंडेल दिया है (प्रेरितों के काम २:३३)।
९- जो हमारे प्रभु यीशु मसीह, पवित्र आत्मा के अनुसार मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा सामर्थ के साथ परमेश्वर का पुत्र ठहराया गया (रोमियों १:४)।
१०- और तुम में से कितने ऐसे ही थे, परन्तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्वर के आत्मा से धोए गए, और पवित्र हुए और धर्मी ठहरे॥ (१ कुरिन्थियों ६:११)।
११- प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह, और परमेश्वर का प्रेम, और पवित्र आत्मा की संगति, तुम सब पर बनी रहे (२ कुरिन्थियों १३:१४)।
१२- कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर, जो महिमा का पिता है, तुम्हें अपनी पहचान में ज्ञान और प्रकाशन की आत्मा दे (इफिसियों १:१7)।
१३- क्योंकि उसी [यीशु] के द्वारा हम दोनों की एक ही आत्मा में पिता तक पहुंच होती है (इफिसियों २:१८)।
१४- जिस में [यीशु] तुम भी आत्मा में परमेश्वर [पिता] के निवास के लिये एक साथ बनाए जाते हो (इफिसियों २:२२)।
१५- जिसे [पवित्र आत्मा] उस [पिता] ने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर बहुतायत से उंडेला (तीतुस ३:६)।
१६- मसीह का लहू, जिसने अनन्त आत्मा के द्वारा अपने आप को परमेश्वर [पिता] के लिये निष्कलंक बलिदान किया है, तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से शुद्ध करके जीवते परमेश्वर की सेवा करने के लिये कितना अधिक शुद्ध करेगा? (इब्रानियों ९:१४)।
१७- परमेश्वर पिता के पूर्वज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के कार्य के द्वारा, यीशु मसीह की आज्ञा मानना, और उसके लहू से छिड़का जाना; अनुग्रह और शान्ति पूर्ण रीति से तुझे मिलती रहे (१ पतरस १:२)।
१८- ४ वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है। ५ और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है। ६ और प्रभावशाली कार्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमेश्वर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है। (१ कुरिन्थियों १2:४-६)।
२०- एक ही देह और एक ही आत्मा है, जैसा तुम बुलाए गए थे, वैसे ही तुम्हारे बुलाए जाने की एक ही आशा है; एक प्रभु [यीशु], एक विश्वास, एक बपतिस्मा; एक ही परमेश्वर और सबका पिता, जो सब से ऊपर, और सब के द्वारा, और तुम सब में है (इफिसियों ४:४-६)।
पुराने और नए नियम दोनों ही ईश्वरत्व के ३ व्यक्तियों को मनुष्य के उद्धार के लिए एकजुट रूप से कार्य करते हुए प्रकट करते हैं। उन सात आत्माओं की ओर से जो उसके सिंहासन के सामने हैं, और यीशु मसीह की ओर से, जो विश्वासयोग्य साक्षी, मरे हुओं में से पहलौठा, और पृथ्वी के राजाओं पर शासक है। जिस ने हम से प्रेम किया, और अपने ही लहू में हमें हमारे पापों से धोया, और अपने परमेश्वर और पिता के लिये हमें राजा और याजक ठहराया, उसकी महिमा और प्रभुता युगानुयुग बनी रहे (प्रकाशितवाक्य १:४-६)। |
बिहार में बेकाबू कोरोना वायरस संक्रमण के बीच सबसे बड़े कोविड अस्पताल (कोविड हॉस्पिटल) नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल यानी एनएमसीएच (न्मच) के डॉक्टर गुरुवार की रात से हड़ताल पर चले गए हैं। इससे अस्पताल में भर्ती करीब ५०० कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए संकट उत्पन्न हो गया है। अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद गुस्साए स्वजनों ने गुरुवार को तोड़फोड़ की थी।
बिहार में कोरोना वायरस न आम लोगाें को छोड़ रहा है और न खास लोगों को। राज्य में विधायक, विधान पार्षद और आइएएस अधिकारी भी कोरोना संक्रमण का शिकार बन चुके हैं। स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर लगातार घट रही है और संक्रमित लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। कुछ हफ्ते पहले तक जहां कोरोना के ९५ फीसद से अधिक मरीज स्वस्थ हो जा रहे थे, वहीं अब १०० में महज ८० लोग ही कोरोना वायरस को हरा पा रहे हैं।
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अब बिहार में करीब ७० हजार चिह्नित सक्रिय मरीज हैं। चिह्नित मरीज इसलिए कि इनकी ही जांच हुई है। ढेरों मरीज ऐसे हैं, जिनकी जांच नहीं हो पाई है। ज्यादातर मरीजों की जांच अभी भी एंटीजन किट से हो रही है, और सभी जानते हैं कि यह किट सही नतीजे देने में पूरी तरह सक्षम नहीं है।
पटना के कंकड़बाग में स्थित मेदांता अस्पताल में कोविड का इलाज शुरू कराने की सरकार की कोशिश अब तक कामयाब नहीं हो सकी है। इसके लिए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की थी। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने गुरुवार को इस अस्पताल का जायजा लिया। इससे पहले डीडीसी भी इस अस्पताल का जायजा ले चुके हैं।
बिहार के रहने वाले मशहूर भोजपुरी अभिनेता-गायक और भाजपा के सांसद मनोज तिवारी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने खुद ही ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। मनोज तिवारी कैमूर जिले के रहने वाले हैं। वे फिलहाल दिल्ली से भाजपा के सांसद हैं। उनके संक्रमित होने की खबर से चाहने वालों में मायूसी है।
बिहार स्क कल के अभ्यर्थियों के लिए जरूरी खबर, परीक्षा तिथि बढ़ने के बाद, अब इस तारीख को होगी परीक्षा। |
बैंक से पैसा निकाल कर जा रहे युवक से हुई लूट की घटना, अभियुक्तों को मुठभेंड में पुलिस ने किया गिरफ्तार !
जौनपुर में जलालपुर थाना के अंतर्गत चन्दवक व क्राइम ब्रान्च की टीम द्वारा २० दिसम्बर को बैंक से पैसा निकाल कर जा रहे युवक से हुई लूट की घटना के अभियुक्तों को पुलिस मुठभेंड में रविवार रात गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा रविवार रात्रि गस्त के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि २० दिसंबर को लूट की घटना कारित करने वाले बदमाश नहर पुलिया की ओर से भागने की फिराक मे है। इस सूचना पर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा ओइना गांव के पास नहर पर पहुचकर बदमाशों के आने का इन्तजार करने लगे, तभी वहां से तेज रफ्तार में दो व्यक्ति बाइक से चवरी की तरफ से आते दिखाई दिये ,पुलिस द्वारा इनको रोकने का प्रयास करने पर बदमाशो द्वारा पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर किया गया। फायरिंग से प्रभारी निरीक्षक जलालपुर व क्राइम ब्रान्च प्रभारी आदेश त्यागी दोनों की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी। इस पर प्रभारी जलालपुर व क्राइम ब्रान्च प्रभारी द्वारा की गयी जवाबी फायरिंग में दोनो बदमाश पुलिस के फायर से घायल होकर गिर पडे, मौके से पुलिस ने गिरफ्तार कर प्राथमिक उपचार के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां से डॉक्टरों ने ट्रामा सेन्टर वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। गिरफ्तार अभियुक्तों में सूरज सिंह व शशिकान्त वर्मा शामिल हैं। इनके ऊपर विभिन्न थानों में संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक शहर डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि २० दिसंबर को जफराबाद थाना क्षेत्र के कबूलपुर बाजार के यूनियन बैंक से वादी द्वारा बैंक से पैसा निकाल कर ले जाते समय दो अज्ञात बदमाशों द्वारा २ लाख रुपये लूट लिये जाने की घटना हुई थी। जिसमें तत्काल मुकदमा दर्ज कर टीमें बनाई गई थी, इसी क्रम में रविवार देर रात गश्त के दौरान दो युवको को रोकने का प्रयास किया गया तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग की जिसमें दो पुलिसकर्मियों को बुलेट प्रूफ जैकेट पर गोली लगी हुई। पुलिस फायरिंग में भी दोनों बदमाश के पैर में गोली लगी है जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। इनके ऊपर विभिन्न थानों में आधे दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसमें एक गैंगस्टर का भी आरोपी है, इनके पास से लूट के २० हजार रुपये तमंचा बाइक व अन्य सामान बरामद किया गया है। अन्य विधिक कार्यवाही की जा रही है। |
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर अक्सर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के आरोप लगते रहते हैं। उन पर ताजा आरोप पश्चिम बंगाल पुलिस में सिर्फ अल्पसंख्यक समाज के लोगों को ही नौकरी देने का लगा है।
हाल ही में पश्चिम बंगाल पुलिस में भर्ती हुए लोगों की मेरिट लिस्ट जारी हुई, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस मेरिट लिस्ट में ५० लोगों के नाम हैं जो पश्चिम बंगाल पुलिस में सेवा के लिए भर्ती हुए हैं।
सोशल मीडिया पर यह लिस्ट इस कारण विवाद का विषय है क्योंकि इस लिस्ट में नजर आ रहे नाम एक ही समुदाय से हैं। ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप तभी से लग रहे हैं जब वो साल २०११ में सत्ता में आई थी और उन्होंने इमामों को २५०० रुपए प्रति माह भत्ता देने का ऐलान किया था।
ये लिस्ट सच है या फर्जी इस पर हमनें पड़ताल की तो पता चला ये लिस्ट एकदम सही है, लेकिन जो बात आक्रोश का कारण बनी हुई है, वह सिर्फ आधा सच है। दरअसल यह वायरल हो रही लिस्ट पश्चिम बंगाल पुलिस में भर्ती हुए अभ्यर्थियों की सिर्फ एक कैटिगरी, ओबीसी-ए की मेरिट लिस्ट है। दरअसल पश्चिम बंगाल में ओबीसी की दो श्रेणियाँ हैं- ओबीसी-ए और ओबोसी-बी।
वायरल हो रही लिस्ट ओबीसी-ए से पास हुए अभ्यर्थियों की है। ओबीसी-बी से पास हुए अभ्यर्थियों की लिस्ट नीचे दी जा रही है। ये वो नाम हैं, जो इन ५० मुस्लिम अभ्यर्थियों के साथ ही भर्ती हुए हैं। अन्य स्क/स्त अभ्यर्थियों की मेरिट सूची आप लिंक पर क्लिक कर के चेक कर सकते है।
दरअसल पश्चिम बंगाल की सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग को १७% आरक्षण प्राप्त है। इनमें से श्रेणी ओबीसी-ए की नौकरियों में अत्यधिक पिछड़ा वर्ग को १०% आरक्षण प्राप्त है, जबकि श्रेणी ओबीसी-बी में अन्य पिछड़ा वर्ग को ७% आरक्षण दिया गया है।
ओबीसी-ए श्रेणी में मुस्लिम समुदाय के ६५% नाम शामिल हैं। इस श्रेणी में अब तक मुस्लिम समुदाय के ११३ समुदायों को शामिल किया जा चुका है। राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, ओबीसी-ए में आरक्षण का लाभ प्रदेश के २ करोड़ ५० लाख मुस्लिम ले रहे हैं, जो मुस्लिमों की कुल आबादी का लगभग ९५% है। कुछ समय पहले ६ और मुस्लिम जातियों को ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया है, जिसके बाद ९९% मुस्लिम नौकरियों में आरक्षण का लाभ ले रहे हैं।
ममता सरकार पर आरोप लगता रहता है कि ओबीसी की श्रेणी ए का फायदा सिर्फ मुस्लिम समुदाय को मिलता है। यह आरोप सच भी है क्योंकि ओबीसी-ए श्रेणी में मुस्लिम समुदाय की ९७% जातियाँ शामिल हैं, जिन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ मिलता है।
बता दें कि साल २०११ में बंगाल में पहली बार सत्ता में आते ही ममता बनर्जी ने बंगाल बैकवर्ड क्लास बिल २०१२ पेश किया था, जिसमें ममता ने सैयद और सिद्दीकी जातियों को छोड़कर सभी मुस्लिमों को ओबीसी ए श्रेणी में शामिल कर लिया था।
फरवरी, २०१७ में कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस ने मुस्लिम समुदाय की अगड़ी जातियों को भी ओबीसी में शामिल करने की सिफ़ारिश की थी, जिसके बाद राज्य के ९९% मुस्लिमों को नौकरियों में आरक्षण का फायदा मिल रहा है।
विपक्षी नेता अक्सर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते रहते हैं कि उन्हें सिर्फ एक ही समुदाय के लोगों और वोटों की चिंता है। इन आरोपों में कुछ हद तक सच्चाई भी है। ममता पर यह आरोप सिर्फ मुस्लिमों के लिए लोकलुभावन घोषणाओं और आरक्षण की वजह से नहीं लगता है बल्कि जय श्री राम पर उनकी प्रतिक्रिया और प्रदेश में हिंदू तीज त्योहारों पर प्रतिबंध लगाने की वजह से भी लगता है।
हुगली के मशहूर सूफ़ी दरगाह फुरफुरा शरीफ़ के अब्बास सिद्दीक़ी ने भी ममता पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा चुके है। उन्होंने कहा था कि मुहर्रम के लिए ममता को दुर्गा पूजा बाधित करने की ज़रूरत नहीं थी।
उन्होंने ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा था कि एक सेक्युलर नेता, वो होगा जो मुहर्रम और दुर्गा पूजा दोनों साथ कराए, ना कि किसी एक के लिए किसी दूसरे को बंद करे। किसी मुस्लिम ने दुर्गा विसर्जन बाधित करने की माँग नहीं की थी, लेकिन ममता ने ऐसा कुछ कट्टर मुस्लिमों को ख़ुश करने के लिए करती है।
हालाँकि, ममता सरकार के सांसद तुष्टिकरण के आरोपों से सदा इनकार करते रहे हैं। एक तृणमूल सांसद कोइना मित्रा ने इन आरोपों पर कहा था कि पश्चिम बंगाल में एक भी स्कीम ऐसी नहीं है, जो सिर्फ़ मुस्लिमों के लिए हो।
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व्याकरण उस शास्त्र को कहा जाता हैं, जिसमे भाषा के शुद्ध करने वाले नियम बताए गए हो। किसी भी [[भाषा]] के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन '''व्याकरण''' (ग्रामर) कहलाता है। व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा किसी [[भाषा]] को शुद्ध बोला, पढ़ा और शुद्ध लिखा जाता है। किसी भी भाषा के लिखने, पढ़ने और बोलने के निश्चित नियम होते हैं। भाषा की शुद्धता व सुंदरता को बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। ये नियम भी व्याकरण के अंतर्गत आते हैं। व्याकरण भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
किसी भी "भाषा" के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन "व्याकरण" कहलाता है, जैसे कि शरीर के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन "शरीरशास्त्र" और किसी देश प्रदेश आदि का वर्णन "भूगोल"। यानी व्याकरण किसी भाषा को अपने आदेश से नहीं चलाता घुमाता, प्रत्युत भाषा की स्थिति प्रवृत्ति प्रकट करता है। "चलता है" एक क्रियापद है और व्याकरण पढ़े बिना भी सब लोग इसे इसी तरह बोलते हैं; इसका सही अर्थ समझ लेते हैं। व्याकरण इस पद का विश्लेषण करके बताएगा कि इसमें दो अवयव हैं - "चलता" और "है"। फिर वह इन दो अवयवों का भी विश्लेषण करके बताएगा कि (च् अ ल् अ त् आ) "चलता" और (ह अ इ उ) "है" के भी अपने अवयव हैं। "चल" में दो वर्ण स्पष्ट हैं; परंतु व्याकरण स्पष्ट करेगा कि "च" में दो अक्षर है "च्" और "अ"। इसी तरह "ल" में भी "ल्" और "अ"। अब इन अक्षरों के टुकड़े नहीं हो सकते; "अक्षर" हैं ये। व्याकरण इन अक्षरों की भी श्रेणी बनाएगा, "व्यंजन" और "स्वर"। "च्" और "ल्" व्यंजन हैं और "अ" स्वर। चि, ची और लि, ली में स्वर हैं "इ" और "ई", व्यंजन "च्" और "ल्"। इस प्रकार का विश्लेषण बड़े काम की चीज है; व्यर्थ का गोरखधंधा नहीं है। यह विश्लेषण ही "व्याकरण" है। |
सर विलियम लॉरेंस ब्रैग ( १८९० - १९७१) आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध भौतिकविज्ञानी थे जिन्हें १९१५ में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे प्रसिद्ध वैज्ञानिक विलियम हेनरी ब्रैग के पुत्र थे। ये दूसरे सबसे कम आयु के नोबेल पुरुस्कार विजेता है। इन्होने २५ वर्ष की उम्र मैं नोबेल पुरस्कार जीता था।
इनका जन्म ३१ मार्च १८९० को आस्ट्रेलिया के ऐडिलेड में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा इसी नगर में पाने के पश्चात् सन् १९१६ में आप केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज के फैलो हो गए।
अपने पिता के साथ एक्स-रे-स्पेक्ट्रोमीटर की सहायता से आपने अनेक प्रकार के क्रिस्टलों की रचना की खोज की। इस कार्य के लिए इन्हें और इनके पिता को संयुक्त रूप से भौतिकी का नोबेल पुरस्कार तथा बारनर्ड स्वर्णपदक मिले। सन् १९१९ से १९३७ तक आप विक्टोरिया विश्वविद्यालय ((मैंचेस्टर)) में भौतिकी के लैंगवर्दी प्रोफेसर तथा सन् १९३७-३८ में नैशनल फिजिकल लेबोरेटरी के निदेशक थे तथा सन् 19३८ में कैंब्रिज विश्वविद्यालय में प्रायोगिक भौतिकी के कैवेंडिश प्रोफेसर नियुक्त हुए।
क्रिस्टल संरचना पर आपने कई एक महत्व के निबंध लिखे हैं। विद्युत, क्रिस्टलों की संरचना तथा खनिजों की परमाणवीय संरचना पर भी आपने पुस्तकें लिखी हैं।
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अन्तिम परिवर्तन ०९:३४, १ मई 202१। |
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वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी और डेफी के लिए २०२१ एक शानदार वर्ष था। यह उल्लेखनीय है कि डिजिटल परिसंपत्ति वर्ग ने वर्ष के दौरान पहली बार $ ३ ट्रिलियन के संचयी बाजार पूंजीकरण को पार कर लिया है। और, बीटीसी ने भी अक्टूबर में एक नए एटीएच को छूने के बाद कुछ रिकॉर्ड लाभ दर्ज किया।
ऐसा कहा जा रहा है, हम जानते हैं कि क्रिप्टो गोद लेने वाले वर्ष में आसमान छू गया है, साथ ही परिसंपत्ति वर्ग के बारे में उत्सुकता भी बढ़ गई है।
एनालिटिक्स फर्म ग्लोबलदाता की एक हालिया रिपोर्ट प्रकट किया वह बित्कोइन २०२१ में ट्विटर इन्फ्लुएंसर्स और रेडिटर्स के बीच सोशल मीडिया पर बातचीत के मामले में सबसे अधिक उल्लिखित क्रिप्टोकरेंसी थी। ८८१,९००+ चर्चाओं के साथ, बिटकॉइन ने प्लेटफार्मों पर सबसे अधिक कर्षण देखा, जब अमेरिकी प्रतिभूति नियामकों ने अक्टूबर में पहले बीटीसी फ्यूचर्स ईटीएफ को मंजूरी दी, रिपोर्ट में कहा गया है।
९ दिसंबर तक, रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल क्रिप्टो चर्चा में भी सालाना ४००% से अधिक की वृद्धि देखी गई। स्मितारानी त्रिपाठी, सोशल मीडिया एनालिस्ट, ग्लोबलदाता टिप्पणी की,
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो, एथेरियम, को भी ३०५,८००+ चर्चाओं के साथ सोशल मीडिया वार्तालापों में दूसरे स्थान पर रखा गया। ग्लोबलडाटा कहा गया है,
एथेरियम के आसपास सोशल मीडिया की बातचीत बिटकॉइन से बेहतर प्रदर्शन करने पर बढ़ गई। क्रिप्टोक्यूरेंसी दुनिया में सहायक विकास क्षेत्रों के साथ एथेरियम का जुड़ाव, जैसे कि विकेन्द्रीकृत वित्त (डीएफआई), अपूरणीय टोकन (एनएफटी), और मेटावर्स इसके शानदार प्रदर्शन के लिए कुछ प्रमुख चालक थे।
इसके साथ ही दोगे २०२० में ८,०००% की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर आ गया, इसके बाद पोलकाडॉट, बिनेंस कॉइन, टीथर, सोलाना और शीबा इनु जैसे सिक्के हैं। ऐसा कहने के बाद, दोगे के प्रतिद्वंद्वी शिब ने २०२१ में १६,०००% की वृद्धि देखी, जो मुख्य रूप से रॉबिनहुड पर इसकी लिस्टिंग की अटकलों से प्रेरित थी।
यह विशेष रूप से सच है जब मस्क ने दोगे उपग्रह के बारे में ट्वीट किया और मर्चेंडाइज के लिए मेम टोकन की स्वीकृति दी।
मूनून को !!
कहा जा रहा है, क्रिसमस के करीब आने के साथ, बित्कोइन $५०क के उत्तर में वापस चला गया है। लेखन के समय, बीटीसी है मँडरा कुछ हद तक भालू के वाक्यांश के बाद, लगभग $ ५१,३०० के स्तर पर। हालांकि, एसईसी के हालिया फैसले को वाल्कीरी और क्रिप्टोइन द्वारा प्रस्तावित दो भौतिक रूप से समर्थित बिटकॉइन ईटीएफ को नीचे गिराने के लिए समुदाय को निराश किया है।
निकिता को प्रौद्योगिकी और व्यवसाय रिपोर्टिंग में ७ साल का व्यापक अनुभव है। उसने 201७ में पहली बार बिटकॉइन में निवेश किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालाँकि वह अभी किसी भी क्रिप्टो मुद्रा को धारण नहीं करती है, लेकिन क्रिप्टो मुद्राओं और ब्लॉकचेन तकनीक में उसका ज्ञान त्रुटिहीन है और वह इसे सरल बोली जाने वाली हिंदी में भारतीय दर्शकों तक पहुंचाना चाहती है जिसे आम आदमी समझ सकता है। |
वोमेन एशिया कप: महिला एशिया कप २०२२ के फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का सामना श्रीलंका की महिला क्रिकेट टीम के साथ हुआ। इस मैच में श्रीलंका की कप्तान ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
पहले खेलते हुए श्रीलंका की टीम भारतीय गेंदबाजी के सामने पूरी तरह से धराशाई हो गई और २० ओवर में ९ विकेट पर ६५ रन ही बना पाई और भारत को जीत के लिए ६६ रन का लक्ष्य मिला। भारत ने जीत के लिए मिले लक्ष्य को २ विकेट खोकर हासिल कर लिया और इस मैच को जीतते हुए एशिया कप २०२२ का खिताब अपने नाम किया।
भारतीय महिला टीम ने रिकार्ड ७वीं बार एशिया कप खिताब अपने नाम किया। भारत ने २०२२ से पहले २००४, २००५-०६, 20०६, २००८, २०१२ और २०१६ में एशिया कप खिताब अपने नाम किया था। वहीं साल साल २०१८ यानी पिछले सीजन में भारतीय टीम फाइनल में पहुंची थी, लेकिन उसे बांग्लादेश ने हराकर पहली बार ये खिताब अपने नाम किया था। यानी लगातार ६ बार खिताब जीतने के बाद भारत का सिलसिला टूट गया था, लेकिन हरमनप्रीत की कप्तानी में भारत ने पिछली सफलता को फिर से दोहराया। |
झालावर न्यूज/ चौमहला(प्रशांत सोनी)। झालावाड़ जिले की गंगधार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ५१ किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ डोडा चूरा के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। गंगधार थानाधिकारी संजय प्रसाद मीणा ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार जिले में अवैध मादक पदार्थ तस्करी की रोकथाम हेतु अभियान चलाया जा रहा है।
इसी क्रम अति पुलिस अधीक्षक राजेश यादव के निर्देशन में सर्किल में वृताधिकारी ब्रज मोहन मीणा के सुपरविजन में गंगधार पुलिस ने सोमवार रात्रि गश्त के दौरान दीवान सिंह पुत्र रतन सिंह जाती सोंधिया राजपूत निवासी रतनपुरा थाना डग को अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करते हुए तलावली रोड से ५१ किलो डोडा चूरा के साथ गिरफ्तार किया।
साथ ही तस्करी में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी जप्त की। जिस पर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पूछताछ में तस्करी नेटवर्क के अन्य लोगों का पता लगा कर कार्यवाही की जावेगी। पुलिस टीम में थानाधिकारी संजय मीणा, हेड कांस्टेबल रामचंद्र,कांस्टेबल जितेंद्र सिंह,कैलाश चंद,विनोद कुमार, मनोज कुमार, थाना गंगधार व रवि कुमार, मेघाराम, रामेश्वर नीतू सिंह थाना डग रहे। |
२६ अप्रैल, २०२२ को कैबिनेट द्वारा मध्य प्रदेश नगरपालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश, २०२२ के प्रारूप को मंज़ूरी दी गई।
इस अध्यादेश के तहत मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में सड़क या सार्वजनिक स्थान पर जान-बूझकर या उपेक्षापूर्वक किसी मवेशी या अन्य पशु को छोड़ा या बांधा जाता है, तो संबंधित व्यक्ति से एक हज़ार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रस्तावित जुर्माना राशि ५,००० रुपए थी, किंतु मंत्रियों के सुझाव पर इसे १,००० रुपए कर दिया गया।
गौरतलब है कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों को खुला छोड़ने की बढ़ती समस्या को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अनेक याचिकाएँ दाखिल की गई थीं, जिन पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार को विचरण करने वाले बेसहारा पशुओं के संबंध में नियमित कार्रवाई तथा ज़ुर्माने की राशि निर्धारित करने के निर्देश दिये थे। |
देहरादून, न्यूज़ आई: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से एक्सिस बैंक द्वारा चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को प्रदान किए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के वाहन का फ्लैग ऑफ किया। एक्सिस बैंक द्वारा स्वास्थ्य विभाग को ३१ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्सिस बैंक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड के दौरान एक्सिस बैंक द्वारा जनसेवा के अनेक कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। देशभर में कोविड टीकाकरण तेजी से चल रहा है। उत्तराखंड में चार माह में शत प्रतिशत लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं उत्तराखंड की जनता के सहयोग से प्रदेश को आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार जनता की साझीदार के रूप में कार्य कर रही है।
इस अवसर पर एक्सिस बैंक के श्री डी.के दास, श्री विवेक, श्री रघुवीर सिंह चौहान, श्री नितिन गुप्ता, श्री पंकज रावत उपस्थित थे। |
सैमसंग गैलेक्सी एस२३ अल्ट्रा में २०० मेगापिक्सल का कैमरा होने की बात कही गई है। टिपस्टर ने यह भी कहा कि मुख्य कैमरा सेंसर जारी किया जाना बाकी है। सैमसंग ने पिछले साल सितंबर में अपने २००-मेगापिक्सल इसोसेल हप१ सेंसर की घोषणा की थी। इस मई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के मोबाइल डिवीजन और सैमसंग इलेक्ट्रो-मैकेनिक्स द्वारा विकसित किया जा रहा एक बेहतर २००-मेगापिक्सेल सेंसर, जिसे इसोसेल हप३ के रूप में जाना जाता है, इसके पूरा होने के करीब था। सेंसर के दक्षिण कोरियाई कंपनी के आगामी फ्लैगशिप स्मार्टफोन में डेब्यू करने की उम्मीद है। सैमसंग गलक्सी स२३ अल्ट्रा नया सेंसर पेश करने वाला कंपनी का पहला हैंडसेट हो सकता है।
विश्वसनीय टिपस्टर आइस यूनिवर्स (ट्विटर: @यूनिवर्सइस) के अनुसार, सैमसंग का आगामी फ्लैगशिप स्मार्टफोन हो सकता है सुसज्जित २०० मेगापिक्सल के कैमरे के साथ। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, टिपस्टर ने यह भी कहा कि संबंधित सेंसर की घोषणा की जानी बाकी है।
याद करने के लिए, सैमसंग ने पिछले साल सितंबर में अपने २००-मेगापिक्सेल इसोसेल हप१ सेंसर की घोषणा की। ए रिपोर्ट गुड इस मई ने कहा था कि एक बेहतर २००-मेगापिक्सेल सेंसर, जिसे इसोसेल हप३ के रूप में जाना जाता है, जिसे सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स मोबाइल डिवीजन और सैमसंग इलेक्ट्रो-मैकेनिक्स द्वारा विकसित किया गया था और यह कथित तौर पर पूरा होने वाला था। नवीनतम लीक से संकेत मिलता है कि गैलेक्सी स2३ अल्ट्रा वह स्मार्टफोन हो सकता है जो नए सेंसर से लैस है। सेंसर को इसोसेल हप१ का उन्नत संस्करण कहा जाता है जो २०० मेगापिक्सेल का अधिकतम छवि रिज़ॉल्यूशन देने के लिए एक नई पिक्सेल-बिनिंग तकनीक का उपयोग करता है।
सैमसंग इसोसेल हप३ सेंसर की विशेषताओं और विशिष्टताओं का खुलासा होना बाकी है कंपनी ने अभी तक कैमरा सेंसर के अस्तित्व की पुष्टि नहीं की है। यह सेंसर छवियों को कैप्चर करने के लिए २००-मेगापिक्सेल रिज़ॉल्यूशन की पेशकश करने की उम्मीद है, जो इसे किसी भी हैंडसेट में स्थापित सबसे बड़े सेंसर में से एक बनाता है। |
यानी इस महीने के अंत तक लिंक नहीं कराने पर जुर्माने की रकम पांच सौ से बढ़कर एक हजार हो जाएगी। १ जुलाई से पेन और आधार को लिंक करवाने के लिए एक हजार जुर्माना देना होगा।
नियमो के मुताबिक एक हजार जुर्माने देकर लिंक कराने की मियाद ३१ मार्च २०२३ तय की गई है। इस अवधि तक आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं कराया गया तो पैन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा।
सीए एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार ने पहले सिंतबर और बाद में ३१ मार्च २०२२ तक का समय लिंक कराने के लिए दिया था। तय समय के बाद भी लिंक कराने वाले लोगों से ही ऑनलाइन जुर्माना वसूल किया जा रहा है।
को लिंक नहीं करा रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या अभी भी हजारों में है। एसोसिएशन का दावा है कि राजधानी में कारोबारियों ने शत-प्रतिशत आधार और पैन कार्ड लिंक करा लिया है।
लेकिन आम लोग और सरकारी-प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग अभी भी आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं करा रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या अभी भी हजारों में है।
न्यूजअभी शुल्क के साथ ऐसे करें लिंक पैन और आधार कार्ड लिंक करने के लिए इंकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट ( पर क्लिक करने के बाद बायीं ओर लिंक आधार का ऑप्शन आता है।
इस पर क्लिक करने के बाद नया पेज खुलेगा। इसमें अपना पैन और आधार नंबर के साथ मांगी गई जानकारी देनी होगी। इसी में ऑनलाइन जुर्माना अदा करने का भी आप्शन आता है। डेबिट-क्रेडिट के अलावा दूसरे ऑनलाइन मोड से शुल्क का भुगतान किया जा सकता है।
अगर दोनों कार्ड पहले से लिंक हैं तो उसकी जानकारी भी पेज पर आ जाती है। दोनों कार्ड लिंक होने पर सक्सेसफुली लिंक का मैसेज भी डिस्पले होता है।
पैन कार्ड रद्द होने से ये होगी परेशानी ५ लाख रुपए से ज्यादा का सोना नहीं खरीदा जा सकता। बैंकों में ५0 हजार से ज्यादा जमा और विड्रॉल नहीं होगा।
न्यूजम्यूचल फंड या वित्तीय योजनाओं में निवेश नहीं कर पाएंगे। शासकीय योजनाओं का फायदा लेने में भी दिक्कतें आएंगी। ऑनलाइन रकम ट्रांसफर नहीं होगी।
रिटर्न भी नहीं मिलेगा। राजधानी समेत राज्यभर में हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने अभी तक आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं कराया है।
जिनके पास दोनों कार्ड हैं उन्हें जल्द से जल्द लिंक करवाकर परेशानियों से बचना चाहिए। अभी ५०० की पेनाल्टी के साथ ऑनलाइन लिंक कराया जा सकता है। इसमें पांच मिनट से भी कम का समय लगता है। |
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आज बेरोजगार छात्रों के आंदोलन में बिहार बंद चल रहा है, और देश में जगह-जगह छात्रों का प्रदर्शन हो रहा है। दरअसल रेलवे की एक भर्ती परीक्षा को लेकर यह बवाल खड़ा हुआ है क्योंकि रेलवे अपने कुछ सबसे निचले दर्जे के पदों के लिए भर्ती की मुनादी करने के बरसों बाद उसके लिए इम्तिहान करवा रहा था, और देश में बेरोजगारी का हाल यह है कि एक लाख पदों के लिए करीब सवा करोड़ लोगों ने अर्जी दी थी। अब केंद्र सरकार और रेलवे के सामने दिक्कत यह हो गई थी कि इनका इम्तिहान किस तरह लिया जाए। और फिर बात महज इम्तिहान की नहीं है, बेरोजगारों के बीच यह मजबूत नजरिया बना हुआ है कि सरकारी नौकरियों में भारी भ्रष्टाचार के आधार पर लोगों को चुना जाता है। और इसकी एक सही वजह भी है। लोगों को याद होगा कि मध्यप्रदेश में किस तरह से मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए व्यापक और संगठित भ्रष्टाचार हुआ जिसमें पिछली भाजपा सरकार के एक मंत्री को जेल जाना पड़ा, बहुत से अधिकारी और कर्मचारी जेल गए, और एक गवर्नर क्योंकि गुजर गए इसलिए वे बच भी गए। सरकारी नौकरियों के लिए होने वाले इम्तिहानों में बड़े पैमाने पर धांधली होती है, और इसीलिए उत्तर प्रदेश, बिहार के यह नौजवान छात्र और बेरोजगार सडक़ों पर हैं क्योंकि इन राज्यों में सरकारी नौकरी के अलावा अधिक काम नहीं है, लोग बेरोजगार हैं, और किसी एक नौकरी का मौका निकला तो उसके इम्तिहान में तरह तरह की गड़बड़ी दिखी, और छात्रों ने कहीं ट्रेन रोकी कहीं डिब्बों में आग लगा दी, कई शहरों में हिंसा हुई, और आज बिहार बंद चल रहा है।
लोगों को यह बात भी बड़ी अटपटी लगती है कि आज जो देश के रेल मंत्री हैं, वे विदेशों से पढक़र या काम करके लौटे हुए हैं, और वह रेलवे की सबसे निचले दर्जे की नौकरी के लिए भी इम्तिहान ठीक से नहीं करवा पा रहे हैं. वर्षों तक इसके लिए इंतजार करते हुए नौजवान अब उम्र की सीमा पार करने जा रहे हैं, उनका बर्दाश्त जवाब दे रहा है। ऐसे बेरोजगार प्रदर्शनकारी छात्रों को देखें तो उनका दर्द मन को हिला देता है, उनमें से एक यह कहते हुए सुनाई पड़ा कि गांव में मां बीमारी का इलाज कराने के बजाय उस पैसे को शहर बेटे को भेज रही है ताकि वह इम्तिहान की तैयारी कर सके, और नौकरी पा सके। ऐसे तकलीफजदा परिवारों के बच्चों को जब नौकरी पाने की इस प्रक्रिया पर संदेह हो रहा है, तो यह संदेह खतरनाक साबित हो सकता है। लोगों को याद होगा कि अभी कुछ दिन पहले ही देश के मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया था कि अब देश में छात्र आंदोलन होने बंद हो गए हैं, और उन्होंने यह याद किया था कि हिंदुस्तान में आखिरी छात्र आंदोलन आपातकाल के दौरान हुआ था. लेकिन यह याद रखने की जरूरत है कि इमरजेंसी के दौरान लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक जिस छात्र आंदोलन से आगे निकले हुए नेता हैं, उनका बिहार आज एक ऐसा आंदोलन देख रहा है जिसने बेरोजगारों को एक साथ जोड़ दिया है। ऐसे में एक छात्र की कही हुई इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि केंद्र सरकार छात्रों को सडक़ पर आने को मजबूर न करे, वरना सरकार सडक़ पर आ जाएगी। यह बात अपने इस दर्द के साथ सरकार के लिए खतरनाक है, जो दर्द एक बेरोजगार के दिल-दिमाग में बैठा हुआ है।
यह भी समझने की जरूरत है कि केंद्र सरकार अभी-अभी साल भर चले हुए किसानों के आंदोलन के सामने अपनी शिकस्त मानते हुए कृषि कानूनों को वापस लेकर एक शर्मिंदगी झेल कर हटी ही है, और अभी इस दूसरे बड़े आंदोलन का खतरा पांच राज्यों के चुनाव के दौरान आ खड़ा हुआ है जिसमें से एक सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश इस आंदोलन कि आज को सीधे झेल रहा है. यह सिलसिला खतरनाक है, इसलिए नहीं कि इससे भाजपा उत्तर प्रदेश का चुनाव हार सकती है, बल्कि इसलिए कि एक साल तक आंदोलन चलाने वाले किसानों के पास तो फिर भी खेत थे, उसका कुछ काम देखना था, इन बेरोजगार छात्रों के पास तो कुछ भी नहीं है, न पढऩे को कुछ बचा है ना कोई नौकरी है, न घर जाकर मुंह दिखाने के लायक हैं. इसलिए यह आंदोलन लंबा और अधिक खतरनाक हो सकता है. किसान आंदोलन की अपनी सीमाएं थीं लेकिन यह बेरोजगार कल के दिन अगर अधिक हताशा और निराशा में फंसते हैं तो यह सडक़ों पर किस तरह के आत्मघाती काम करेंगे, इस खतरे को केंद्र सरकार को समझना चाहिए।
यह आंदोलन इस बात का भी सुबूत है कि देश में बेरोजगारी का क्या हाल है। अभी कुछ दिन पहले ही हमने इसी जगह पर भारत के एक प्रमुख आर्थिक सर्वेक्षण संस्थान की रिपोर्ट के आंकड़े दिए थे कि देश में बेरोजगारी किस तरह सिर पर चढक़र बोल रही है। और अब बेरोजगार छात्रों का यह आंदोलन किस बात का सबूत है. एक लाख छोटी सी कुर्सियों के लिए एक-सवा करोड़ बेरोजगार इम्तिहान में बैठने के लिए तैयार खड़े हुए हैं। आज तो यह आंदोलन उत्तर प्रदेश और बिहार में केंद्रित है, लेकिन हमने देखा हुआ है की हाल के वर्षों में किस तरह किसान आंदोलन दिल्ली की सरहद से शुरू होकर देश की सरहदों तक पहुंच गया था. आज हिंदुस्तान के बड़े-बड़े तबकों को इस तरह, बहुत बुरी तरह, बहुत बुरी हद तक नाराज करके और निराश करके केंद्र सरकार पता नहीं कितना खतरा उठाने का हौसला रखती है। यह बात भी समझना चाहिए कि छात्र आंदोलन शायद शुरू तो हुआ है रेलवे की कुछ नौकरियों को लेकर, लेकिन अगर यह व्यापक मुद्दों को लेकर फैलते चले गया तो किसी सरकार के पास इस आग पर काबू पाने का कोई जरिया नहीं रहे। |
पटना. बिहार में दो सीटों पर उपचुनाव को लेकर आज मतदान हो रहा है। शुरू में वोटिंग शांतिपूर्ण शुरुआत हुई। वहीं दोपहर बाद मोकामा टाल के ईसानगर में दो पक्षों में हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान जमकर ईंट पत्थर बरसाये गये। इससे अफरी-तफरी मच गयी। बताया जा रहा है कि इसमें कई लोग घायल हो गये हैं। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस बल ने मोर्चा संभाला और बदमाशों को खदेड़ा। वहीं तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार उपचुनाव में मोकामा में दो गुटों के बीच विवाद हो गया, जो हिंसक झड़प में बदल गया। मामला मोकामा टाल इलाके के घोसवरी प्रखंड के ईशानगर में का है। यहां दो पक्षों में जमकर झड़प हुई। झड़प के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से ईंटे पत्थर चले, जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं। घटना के बाद मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके बाद शांति और कानून व्यवस्था बहाल किया गया है।
दोनों विधानसभा के सभी मतदान केंद्र सीआरपीएफ से लैस है। इसके अलावा पेट्रोलिंग पार्टी की तैनाती की गई है। दोपहर १ बजे तक 3१.९० फीसदी मतदान हो चुका है। गोपालगंज में २९.९०% और मोकामा में ३४.२६% वोटिंग हुई है। दोनों विधानसभा क्षेत्र में कुल 6१9 मतदान केंद्र हैं। इसमें गोपालगंज में ३३० मतदान केंद्र और मोकामा में २८९ मतदान केंद्र हैं। |
बिना कोचिंग किए दूसरे ही प्रयास में सलोनी ने पाई ऑल इंडिया ७०वीं रैंक, जानिए ऐसे की परीक्षा की तैयारी !
मूल रूप से झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली सलोनी ने अपना ज्यादातर समय दिल्ली में बिताया।
इयास अधिकारी बनना बहुत से लोगों का सपना होता है, लेकिन कुछ ही उम्मीदवार ऐसे होते हैं जो उपस्क की परीक्षा पास कर पाते हैं, जो देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है। यूपीएससी की सफल यात्रा कठिन है और सफलता का स्वाद चखने के लिए उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इस साल के टॉपर्स में सलोनी वर्मा हैं, जिन्होंने यूपीएससी सीएसई में ऑल इंडिया रैंक ७० हासिल की है।
मूल रूप से झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली सलोनी ने अपना ज्यादातर समय दिल्ली में बिताया। उसने ग्रेजुएशन के ठीक बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और वह अपने दूसरे प्रयास में सफल रही। उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा बिना किसी कोचिंग के पास की।
एक इंटरव्यू में सलोनी ने कहा कि हमें अपनी क्षमता और रुचि को समझना चाहिए। फिर हम उपस्क के टॉपर्स के इंटरव्यू देख सकते हैं और ब्लॉग पढ़ सकते हैं। सलोनी का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग की जरूरत नहीं है। अगर आपको सही मार्गदर्शन नहीं मिलता है तो आप कोचिंग ज्वाइन कर सकते हैं। लेकिन सफलता कड़ी मेहनत और स्वाध्याय से ही मिलेगी।
सलोनी के मुताबिक उन्होंने सिलेबस को समझा और अपनी स्टडी मटेरियल तैयार किया। उनके मुताबिक कम समय में सफलता हासिल करने के लिए एक अच्छी रणनीति जरूरी है। हालांकि वह पहले प्रयास में फेल हो गई, लेकिन उसने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती चली गई।
सलोनी के मुताबिक अगर आप यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको बेहतर रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा। वह कहती है कि आप अपनी मंजिल तक तब तक नहीं पहुंच पाएंगे जब तक आप इसके लिए हर दिन प्रयास नहीं करते। उनके अनुसार सफलता के लिए कड़ी मेहनत, सही रणनीति, अधिकतम रिवीजन, उत्तर लिखने का अभ्यास और सकारात्मक दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण हैं। |
भीलवाड़ा/अमन ठठेरा। देश के ५ राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद आज हुई मतगणना में जो रुझान और परिणाम आए वह वस्त्र नगरी भीलवाड़ा जिले में ज्योतिष नगरी के नाम से प्रसिद्ध कारोई के ज्योतिष डॉक्टर गोपाल पुत्र नानूराम उपाध्याय की भविष्यवाणी जो उन्होंने डेढ़ माह पूर्व ही कर देती एक बार फिर सटीक और सच साबित हुई है यहां पर हम यह कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि हम लकीर खींचते हैं बाकी सब पीटते हैं ।
देश के ५ राज्यों उत्तर प्रदेश उत्तराखंड गोवा मणिपुर और पंजाब में हुए राजनीतिक दंगल को लेकर कारोई के ज्योतिष डॉक्टर गोपाल पुत्र नानूराम उपाध्याय ने २० जनवरी २०22 को भविष्यवाणी की थी जो हमने पंजाब में कांग्रेसी ने की सत्ता यूपी में भाजपा की फिर वापसी शीर्षक से विस्त्र समाचार प्रकाशित किया था कि किस राज्य में किस राजनीतिक पार्टी को कितनी सीटें मिलेगी और कहां-कहां किस की सत्ता होगी और आज पांच राज्यों के चुनाव परिणामों ने इस भविष्यवाणी पर मोहर लगा दी।
विदित है की ज्योति डॉक्टर गोपाल उपाध्याय कि अब तक लगातार राजनीतिक मुद्दे पर चुनाव को लेकर की गई भविष्यवाणियां सती को सच साबित हुई है डॉ उपाध्याय ने २०१४ में भविष्यवाणी की थी नरेंद्र मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे इसी तरह विभिन्न प्रदेशों के हुए विधानसभा चुनाव को लेकर भी चुनाव से पूर्व ज्योति डॉ उपाध्याय ने भविष्यवाणी की थी जोक सच और सटीक साबित हुई थी।
गहलोत पर पायलट का तंज सत्ता के बावजूद गजेंद्र सिंह के सामने चुनाव क्यों हारे ? |
दुसरी जंग ए अज़ीम (दूसरे विश्व युद्ध) के बाद बोस्निया सोशलिस्ट यूगोस्लाविया का हिस्सा बन गया था, पर कोल्ड वार की वजह कर सोशलिस्ट यूगोस्लाविया की हालत ख़राब हो चुकी थी, अलगाव अपने उरुज पर था, इस लिए बोस्निया ने ख़ुद को यूगोस्लाविया से अलग करने के लिए २९ फ़रवरी १९९२ को एक रिज़ुलुशन पास किया, बोस्निया में तीन नसल की मिली जुली आबादी थी, जिसमे बोस्निया के मुस्लिम और क्रोएशियाई यूगोस्लाविया से अलग होना चाहते थे जबकि बोस्नियाई सर्ब लोग इसके ख़िलाफ़ थे, फिर भी ३ मार्च १९९२ को बोस्निया ने ख़ुद को यूगोस्लाविया से अलग कर लिया, ६ अप्रील १९९२ को युरोप युनियन और उसके अगले दिन अमेरीका ने एक ख़ुद मुख़्तार मुल्क के रुप में बोस्निया को मन्यता दे दी, जहां बोस्नियाई मुस्लिम की आबादी ४४% वाहीं और्थोडाक्स सर्ब भी ३2.५% और कैथोलिक क्रोएशियाई की आबादी भी १७% थी, और यहीं से शुरु हुआ सत्ता और ताक़त का खेल !!
चुंके सोशलिस्ट यूगोस्लाविया में सर्ब और क्रोएशियाई फ़ौज और पुलिस में अधिक थे इसलिए ना ही उन्हे हथियार की ज़रुरत पड़ी और ना हथियार चलाने की ट्रेनिंग, वो पहले से ही ट्रेंड थे. बोस्नियाई मुस्लिम के पास साजिश के तहत हथियार नहीं पहुंचने दिया गया उल्टे उसके समुंद्र के रास्ते यानी साहिल को सील करने के नियत से बिलकुल ही नए मुल्क क्रोएशिया को दे दिया गया, जिससे बोस्नियाई मुस्लिम पुरी दुनिया से पुरी तरह कट गए, और फिर शुरु हुआ मुसलमानों के नरसंहार का नंगा नाच, जिसे दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा नरसंहार माना जाता है, इसमे ना सिर्फ़ सर्बिया समर्थित सर्ब-ईसाईयों की फ़ौज मुलव्विस थी बल्के उनो और नाटो ने भी इस घिनौनी हरकत में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था, इस पुरे हरकत को लोग बोस्निया गृहयुद्ध कहते हैं, पर हक़ीक़त ये बोस्नियाई मुस्लिम का एक तरफ़ा क़त्लेआम था जिसे पुरे ईसाई दुनिया खुला और मौन दोनो समर्थन हासिल था, मानो कोई सलीबी जंग (क्रुसेड) का एलान हुआ हो?
क़त्लेआम की शुरुआत उन इलाक़ों से की गई जो दो सर्ब बहुल इलाक़ो मे आते थे, मक़सद था मुसलमानो को मार कर या भगा कर एक अलग सर्ब रियासत बनाया जाए, आज उस जगह का नाम स्रपस्का है, जहां आज ८२.२२% सर्ब रहते हैं, और जिस जगह क़त्लेआम किया गया उसका नाम पौडरिंऩए है, ठीक यही काम पुर्वी बोस्निया में किया गया, हज़ारो की तादाद में बोस्नियाई मुस्लिम क़त्ल किए गए, गांव के गांव जला कर ख़्तम कर दिए गए.. अप्रैल से जून यानी ९० दिन में २९६ गांव पुरी तरह बर्बाद कर दिए गए, ब्रेटुनिक में जहां ११५६ से अधिक बोस्नियाई मुस्लिम क़त्ल किए गए तो वहीं फ़ोको, ज़वोरनिक, क्रेसका और संगोवो में भी कई हज़ार निहत्थे बोस्नियाई मुस्लिम मार दिए गए.. औऱ वहीं से तक़रीबन ७०,००० से अधिक बोस्नियाई मुस्लिम बेघर किए गए इसमे पुलिस, फ़ौज, पारामलेट्री यहां तक के गांव वाले लोग भी मुलव्विस थे।
शुरुआती जंग मे सर्ब फ़ौज ने स्रेब्रेनित्सा नाम के शहर पर क़ब्ज़ा कर बड़ी तादाद में मुस्लिमो का क़त्ल किया और बाक़ी बचे लोगों क वहां से बाहर निकाल दिया पर मई १९९२ में नासिर ओरिक की क़यादत बोस्नियाई मुस्लिमों ने स्रेब्रेनित्सा को वापस हासिल कर लिया; लेकिन सर्ब फ़ौज ने इस इलाक़े को घेरे रखा, १६ अप्रील १९९३ को स्रेब्रेनित्सा उनो द्वारा सेफ़-ज़ोन घोषित कर दिया गया, और वहां से तमाम जंगजु तंज़ीमो को बाहर निकलने कहा गया, बोस्नियाई मुस्लिम सिपाहीयों के हाथ से निकल ये इलाक़ा संयुक्त राष्ट्रा के पास चला गया, १९ अप्रील १९९३ को संयुक्त राष्ट्रा के सिपाही यहां दाख़िल हुए, बाद में स्रेब्रेनित्सा को ख़ाली करना बोस्नियाई मुस्लिम सिपाहीयों की बहुत बड़ी ग़लती साबित हुई, उस इलाक़े में मौजूद बोस्नियाई मुस्लिम सिपाहीयों के हथियार जमा करने का सिलसिला लगातर जारी रहा वहीं सर्ब फ़ौज को टैंक सहित तमाम हथियार रखने की छुट दे दी गई, उनो ने बोस्नियाई मुस्लिमों को ये यक़ीन दिलाया के ये सेफ़-ज़ोन है और यहां हथियार रखने की कोई ज़रुरत नही, बेचार मुसलमान आ गया बहकावे में, सर्बों ने ना सिर्फ़ बाहरी मदद से ख़ुद को मज़बुत किया बलके बोस्निया के दुसरे इलाक़े में मुसलमानो पर लगातार हमला जारी रखा और तीन साल होते होते दो लाख से ज़्यादा मुसलमानो को मार दिया और कई लाख को बेघर भी कर दिया।
बोस्निया युद्ध के दौरान वर्ष १९९२ से १९९५ तक लोगों के ऊपर कई तरह के अत्याचार हुए. नस्ली जनसंहार और तशदद्दु के साथ-साथ मासूम-औरतों और लड़कियों के साथ बलात्कार जैसे घिनौना अपराध भी किया इन सर्ब आर्मी ने।
हालात का अंदाज़ा इसी से लगा सकते हैं कि बोस्निया युद्ध में ५०,००० से अधिक मुस्लिम-महिलाओं को जान-बूझकर हामला (गर्भधारण) किया गया तो कितनों के साथ बलात्कार हुआ होगा..? इतना मजबूर मुसलमान शायद मंगोलो के बग़दाद हमले और स्पेन के ज़वाल के वक़्त ही रहा होगा? उसके बाद इसकी मिसाल बस बोस्निया में देखने को मिलती है और इधर क़ौम की बेटियाँ लुटती रहीं और क़ौम के पेशवा सोते रहे, मर्दों और लड़कों को बर्बर तरीक़े से क़त्लेआम किया गया और तिल-तिल कर मरने पर मजबूर किया गया पर नामर्द मानवअधिकार संगठन सोता रहा, और ये सब वो यूरोप कर रहा था जो खुद को सबसे ज़्यादा सभ्य समाज होने का रट्टा मारता है।
उस वक़्त ईरान ने हथियारों से भरा हुआ अपना पानी-वाला जहाज़ बोस्निया के समुंदर के किनारे लगा दिया था कि मजबूर मुसलमानों को सर्ब-आर्मी से लड़ने के लिये कुछ हथियार दिए जा सकें..पर शांति-स्थापित का जिम्मा उठाये संयुक्त राष्ट्र के शांति-सैनिकों ने इस जहाज़ को किनारे तक पहुँचने ही नहीं दिया की इससे लड़ाई और बढ़ेगी. जबके क्रोएशियाई फ़ौज की जानिब से कैथोलिक लड़ाके लड़ रहे जो स्पेनिश, आईरिश, पौलिश, फ़्रेंच, स्वेडिश, हंगारिअन, नार्वेयन, कनाडियन, फिन्निश, अलबानियन, सुवेडिश से लेकर इटालियन मुल तक के थे.. वाहीं सर्बों की जानिब रूसी, युनानी, रोमानी सहित कई मुल्क के और्थोडाक्स इस जंग मे हिस्सा ले रहे थे, कुछ मदद तुर्की ने ज़रुर बोस्नियाई मुस्लिमों की, चुंके वो नाटो का मेम्बर है, इस लिए उसने अंडर कवर हथियार स्पलाई की.. बाक़ी अफ़गानिस्तान जंग से लौटे कुछ अरब मुजाहीदीन ज़रुर मदद को गए।
जुलाई १९९५ के शुरु में ही स्रेब्रेनित्सा इलाक़े की तमाम रसद काट दी गई, ख़ास कर हथियार और खाने की चीज़, हथियार की रसद काटने में संयुक्त राष्ट्रा का बड़ा हाथ था, इलाक़े में मौजुद संयुक्त राष्ट्रा शांतिसेना में अधिकतर सैनिक निदरलैंड के थे, १९९५ के शुरु में ही साज़िश के तहत जब संयुक्त राष्ट्रा शांतिसेना का कोई सैनिक छुट्टी पर जाता तो उसके जगह ना कोई सैनिक को लाया जाता ना ही उसे ही वापस उस जगह भेजा जाता, ये सिलसिला लगातार चलता रहा यहां तक के निदरलैंड ते सैनिकों की तादाद ४०० रह गई।
मार्च १९९५ में रावोदान करादज़िच जो स्रपस्का का सदर था, उसने ये हुक्म जारी किया के स्रेब्रेनित्सा की घेराबंदी और सख़्त किया जाए और दुसरे इलाक़े ज़ेपा से उसका राब्ता मुकम्मल तौर पर ख़्तम कर दिया जाए, उस समय कुछ हथियारबंद बोस्नियाई मुस्लिम नासिर ओरिक की क़यादत में वहां मौजुद थे मगर संयुक्त राष्ट्रा शांतिसेना ने उन्हे यहां से जाने को कहा फिर उन्हे वहां से एक हैलिकॉप्टर पर बैठा कर तुज़ला नाम के जगह पर भेज दिया गया। बाक़ी बची बोस्नियाई फ़ौज से हथियार ले कर उन्हे २८ डिविज़न के इख़्तयार में दे दिया गया और इस तरह ये पुरा इलाक़ा सर्बों के रहमो करम पर रह गया, लोग भुख से मरने लगे पर कोई उनका पुछने वाला नही।
९ जुलाई 1९९5 को स्रपस्का के सदर रावोदान करादज़िच ने जब देखा के स्रेब्रेनित्सा में मौजुद बोस्नियाई मुस्लिम बिलकुल निहत्थे हैं और उनको कोई पुछने वाला नही, तो उसने सर्बों को स्रेब्रेनित्सा पर क़ब्ज़ा करने का हुक्म दे दिया, जिसकी ताक मे ये लोग काफ़ी पहले से लगे हुए थे।
९ जुलाई 1९९5 को सर्बों ने जनरल रातको म्लादिच की क़यादत में हमला शुरु किया, नाटो ने इसके विरोध में पहाड़ो पर कुछ फ़ाएरिंग की मगर बाद मे ये कह कर रुक गए के इससे स्रेब्रेनित्सा में मौजुद ४०० निदरलैंड के सिपाही को नुक़सान हो सकता है। ख़ुद निदरलैंड की फ़ौज ने सर्बों का कोई विरोध नही किया बल्के सर्बों के जीत के बाद उनके साथ शराब पीने की टोस्ट की युरोपी रसम अदा किया, बोस्निया का क़साई जनरल रातको म्लादिच ने शहर पर क़ब्ज़ा कर तमाम इमारतों को जला दिया, मुसलमानों के तमाम साईन बोर्ड ये कह कर उखड़वा दिए के आज मौक़ा है के तुर्कों के युरोपी इलाक़ो पर क़ब्ज़ा का बदला लिया जाए।
स्रेब्रेनित्सा शहर पर क़ब्ज़े के बाद वहां मौजुद निहत्थे बोस्नियाई मुस्लिम अब सर्बों के क़ब्ज़ें में थे। १२ जुलाई १९९५ को सर्बों ने उन तमाम घरों और इमारत में आग लगा दी जिसमे लोगों ने पनाह ले रखी थी, और सैकड़ों की तादाद में लोग क़त्ल कर दिए गए जो सिर्फ़ ज़ुल्म की एक इबतिदा थी। लाशों ट्रक पर लाद लाद कर दुसरे जगह ले जा कर दफ़नाया जाने लगा जिनके सबुत काफ़ी साल बाद लोगों को मिले। बच्चों के गले खंजर से काटे गए, हज़ारों की तादाद में इसमत लुटी गई।
१२ जुलाई १९९५ की सुबह लोगों ने स्रेब्रेनित्सा नाम के इस सेफ़ ज़ोन से जान बचा कर भागने और बोस्निया के किसी महफ़ुज़ जगह जाने की बहुत कोशिश की। सर्बों ने १४ से ७० साल के किसी भी मर्द को वहां से बाहर नही जाने दिया और औरतों को अलग करते रहे, उन तमाम मर्दों को एक अलग जगह ले जा कर रखा जाता जिसे सर्बों ने व्हाईट हाऊस का नाम दे ऱखा था, बाद में पता चला के वहां ले जा कर उन तमाम निहत्थों क़त्ल कर दिया गया, सर्बों ने लोगों के नाक और कान वग़ैरा उनकी ज़िन्दगी मे ही काटे और उनको क़त्ल करने के बाद बुलडोज़र की मदद से बड़ी बड़ी क़बरों मे एक साथ दफ़न कर दिया, अंगिनत बच्चो को बुलडोज़र की मदद ज़िन्दा ही दफ़न कर दिया गया।
पंद्रह हज़ार से अधिक बोस्नियाई मर्दों ने ये फ़ैसला किया के सर्बों के हांथ आने से अच्छा है फ़रार हो कर पहाड़ों के पार तुज़ला नाम के बोस्नियाई इलाक़े पहुंच जाएं, रात के अंधेरे में वो लोग निकले और सुबह जैसे ही पहाड़ी नुमा सड़क पर एक इकट्ठा पहुंचे सर्बों ने मशीनगन और तोपों से उनपर हमला कर दिया, पंद्रह हज़ार बोस्नियाई मर्दों में से सिर्फ़ पांच हज़ार लोग ही तुज़ला पहुंचने में कामयाब हुए। युं तो मरने वाले की तादाद १८००० से अधिक है जिसमे ८००० तो स्रेब्रेनित्सा के क़रीब ही क़त्ल कर दिए गए। स्रेब्रेनित्सा से तुज़ला की दुरी सिर्फ़ ५५ किलोमिटर है, पर ये रास्ता पहाड़ों से हो कर जाता है, इसमें कई सड़कें थीं पर सब पर सर्बों का पहरा था। बोस्नियाई मुस्लिमों का शिकार जानवरों की तरह किया गया के कोई भी बच कर नही जाने पाए, जिस जगह पर इंसानो का शिकार खेला गया उसे कैमेनिका की पहाड़ीयों के नाम से याद किया जाता है। यहां से बच कर उदरच की पहाड़ीयों पर पहुंचे लोगों का एक बार फिर शिकार खेला गया क्योंके सर्ब सिपाही वहां पहले ही से मौजुद थे। यहां से बचे लोगों को सैनगोवो के मुक़ाम पर क़त्ल किया गया, पंद्रह हज़ार बोस्नियाई मर्दों के जत्थे में से सिर्फ़ चार हज़ार कुछ सौ लोग ही १६ जुलाई १९९५ को तुज़ला पहुंचने में कामयाब हुए। तक़रीबन दो हज़ार लोग जंगलो मे छुप गए जिनका शिकार २२ जुलाई १९९५ तक सर्ब सिपाहीयों ने किया।
२८ अगस्त १९९५ के बाद नाटो की फ़ौज ने बोस्नियाई इलाक़ो पर बम्बारी शुर की, जो तक़रीबन एक माह तक जारी रही, ये ज़्यादातर उन इलाक़ो तक महदुद थी जहां सर्बों और मुसलमानो के दरमियान जंग चल रही थी जिसका बज़ाहिर मक़सद जंग को रोकना था, आख़िर नवम्बर १९९५ में जंग का ख़ात्मा हुआ और १६ नवम्बर १९९५ को संयुक्त राष्ट्र युद्ध अपराध पंचाट ने बोस्निया के सर्ब नेता रावोदान करादज़िच और उनके सैनिक कमांडर रातको म्लादिच को स्रेबेनित्सा के नरसंहार के लिए दोषी ठहराया है. जनरल म्लादिच के उप कमांडर रादिस्लाव क्रस्तिच पहले व्यक्ति थे जिन्हे बोस्निया नरसंहार के लिए दोषी ठहराया गया. म्लादिच ने ही स्रेब्रेनित्सा में हुए नरसंहार की योजना बनाई थी. वैसे दोषी ठहरा कर ही क्या होगा ?
सालों तक दुनिया वालों को ये सही तौर पर पता ही नही चला के आख़िर मे क्या क़्यामत टुटी ??
साफ़ लफ़ज़ो में कुछ इस तरह कहा जा सकता है।
हज़ारों की तादाद में बोस्नियाई मुस्लिम सर्ब-आर्मी के ज़ुल्म से बचने के लिये उनो के ज़रिये बनाये गये सेफ़-ज़ोन में पनाह लेती है, और इन लोगो के क़त्लेआम की सुपारी ४०० संयुक्त राष्ट्र शांति-सैनिकों को दी जाती है, और उन्ही के इशारे पर १० जुलाई १९९५ को सर्ब-आर्मी उसी अऩ सेफ़ज़ोन पर हमला कर देती है और संयुक्त राष्ट्र शांति-सैनिकों के इलावा तमाम मुसलमानों क बंधक बना लेती है, उसके ठीक उसके बाद शुरु होता है क़त्लेआम का नंगा-नाच और सिर्फ़ ३ दिनों में 8३7३ मुसलमानों का क़त्लेआम किया जाता है जो के अधिकारिक आंकड़ा है, जबके तादाद अधिक है और 2३,००० औरतों को उस सेफ़-ज़ोन से उठा कर ले जाया जाता हैजिनके साथ सर्ब-सेना बलात्कार करती है और अपने साथ रखती है ताकि ये प्रेगिनेंट हो जायें.और मजबूर हो कर उनके बच्चे को पैदा करेंई एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति-सैनिकों ने भी इन कामों में सर्ब-सेना की भरपूर मदद की और खु़द भी बलात्कार के कामों में लिप्त रहे।
जब टीपू के वारिस को सुल्तान बनाने के लिए मिल कर लड़े हिन्दु और मुसलमान! |
भारत सरकार, भारत तथा उसके हर भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेवार है । सशस्त्र सेनाओं की सर्वोच्च कमान राष्ट्रपति के पास निहित होती है । राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेवारी मंत्रिमंडल के पास निहित होती है । यह जिम्मेवारी रक्षा मंत्रालय के जरिए निभाई जाती है जो सशस्त्र सेनाओं को देश की सुरक्षा के संबंध में उनकी जिम्मेवारी निभाने के लिए नीति संबंधी ढांचा तथा साधन उपलब्ध कराता है। रक्षा मंत्री रक्षा मंत्रालय के प्रमुख होते हैं। रक्षा मंत्रालय का मुख्य कार्य रक्षा और सुरक्षा संबंधी सभी मामलों पर सरकार के नीति-निर्देश प्राप्त करना तथा उन्हें लागू करने के लिए सेना मुख्यालयों, अंतर-सेवा संगठनों, उत्पादन स्थापनाओं तथा अनुसंधान एवं विकास संगठनों को सूचित करना है । उससे यह भी अपेक्षित है कि वह सरकार के नीति निर्देशों का प्रभावी कार्यान्वयन तथा आवंटित संसाधनों के भीतर अनुमोदित कार्यक्रमों का निष्पादन सुनिश्चित करें । रक्षा मंत्रालय में चार विभाग हैं अर्थात रक्षा विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग तथा इनके अलावा वित्त प्रभाग भी ।
कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी की सर्वोच्च सरकार में वर्ष १७७६ में एक सैन्य विभाग बनाया गया था जिसका मुख्य कार्य ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा जारी किए सेना से संबंधित आदेशों की पूर्णतया जांच करना तथा उन्हें रिकार्ड करना था । सैन्य विभाग ने शुरू में लोक विभाग की एक शाखा के रूप में काम किया और सेना कार्मिकों की सूची बनाए रखने का काम किया ।
१८८३ के चार्टर अधिनियम के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी की सरकार के सचिवालय को एक सैन्य विभाग सहित चार विभागों में पुनर्गठित किया गया था जिनमें से प्रत्येक विभाग का प्रमुख सरकार का एक सचिव था । बंगाल, बम्बई और मद्रास प्रेसीडेंसियों में सेना ने अप्रैल, १८९५ तक संबंधित प्रेसीडेंसी की सेना के रूप में काम किया और तब से उन्हें एक एकल भारतीय सेना के रूप में एकीकृत कर दिया गया था । प्रशासनिक सुविधा के लिए इसे चार कमानों अर्थात पंजाब (उत्तर-पश्चिम फ्रंटियर सहित), बंगाल, मद्रास (बर्मा सहित) तथा बम्बई (सिंध, क्वेटा तथा अदन सहित) में विभाजित किया गया था । भारतीय सेना के ऊपर सर्वोच्च प्राधिकार सम्राट के नियंत्रण के अध्यधीन, जिसका प्रयोग भारत के लिए सेक्रेटरी ऑफ स्टेट द्वारा किया जाता था, गर्वनर जनरल-इन-काउंसिल के पास निहित था । परिषद में दो सदस्य सैन्य कार्यों के लिए जिम्मेवार थे, जिनमें से एक सैन्य सदस्य था, जो सभी प्रशासनिक तथा वित्तीय मामले देखता था जबकि दूसरा कमांडर-इन-चीफ था जो सभी संक्रियात्मक मामलों के लिए जिम्मेवार था । सैन्य विभाग मार्च १९०६ में समाप्त कर दिया गया और इसे दो विभागों द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया था अर्थात, सेना विभाग और सैन्य आपूर्ति विभाग । अप्रैल, १९०९ में सैन्य आपूर्ति विभाग समाप्त कर दिया गया था और इसके कार्यों का प्रभार सेना विभाग ने ले लिया था । सेना विभाग को जनवरी १९३८ में रक्षा विभाग के रूप में पदनामित कर दिया गया था । अगस्त १९४७ में रक्षा विभाग एक केबिनेट मंत्री के अधीन रक्षा मंत्रालय बन गया ।
स्वतंत्रता के बाद एक मंत्रिमंडल सदस्य के प्रभार के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय बनाया गया तथा प्रत्येक सेना को उसके एक कमांडर-इन-चीफ के अधीन रखा गया । १९५५ में कमांडर-इन-चीफों के नाम बदलकर क्रमशः थलसेनाध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष तथा वायुसेनाध्यक्ष रख दिया गया । नवंबर १९६२ में रक्षा उपस्करों के अनुसंधान, विकास तथा उत्पादन के कार्यों को देखने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग गठित किया गया । नवंबर १९६५ में, रक्षा आवश्यकताओं के आयात प्रतिस्थापन के लिए योजनाएं बनाने तथा उन्हें कार्यान्वित करने के लिए रक्षा पूर्ति विभाग बनाया गया । बाद में इन दोनों विभागों को मिलाकर एक रक्षा उत्पादन तथा पूर्ति विभाग बना दिया गया । २००४ में रक्षा उत्पादन तथा पूर्ति विभाग का नाम बदलकर रक्षा उत्पादन विभाग कर दिया गया । १९८० में रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग बनाया गया । २००४ में भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग बनाया गया ।
रक्षा सचिव, रक्षा विभाग के प्रमुख के रूप में कार्य करता है और वह अतिरिक्त रूप से मंत्रालय के चारों विभागों के कार्य-कलापों में समन्वय बनाने के लिए भी जिम्मेवार है ।
मंत्रालय का प्रमुख कार्य रक्षा और सुरक्षा संबंधी मामलों पर नीति संबंधी निदेश तैयार करना और उन्हें कार्यान्वयन हेतु तीनों सेना मुख्यालयों, अंतर-सेवा संगठनों, उत्पादन स्थापनाओं तथा अनुसंधान एवं विकास संगठनों को सूचित करना है । इससे यह भी अपेक्षित है कि वह सरकार के नीति निर्देशों का प्रभावी कार्यान्वयन तथा आवंटित संसाधनों के भीतर अनुमोदित कार्यक्रमों का निष्पादन सुनिश्चित करें।
रक्षा विभाग, एकीकृत रक्षा स्टाफ (आई डी एस) और तीनों सेनाओं तथा विभिन्न अंतर सेवा संगठनों संबंधी कार्य करता है । यह विभाग रक्षा बजट, स्थापना संबंधी मामलों, रक्षा नीति, संसद संबंधी मामलों, विदेशों के साथ सहयोग और रक्षा संबंधी सभी कार्य-कलापों के समन्वय के लिए भी जिम्मेवार है ।
सैन्य कार्य विभाग (डीएमए): सैन्य कार्य विभाग के प्रमुख चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) हैं और यह विभाग संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सुविधाजनक बनाने और तीनों सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
रक्षा उत्पादन विभाग के प्रमुख एक सचिव हैं और यह विभाग रक्षा उत्पादन, आयातित सामानों उपस्करों तथा अतिरिक्त हिस्से-पुर्जों के स्वदेशीकरण, आयुध निर्माणियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों की विभागीय उत्पादन यूनिटों की आयोजना एवं नियंत्रण का कार्य करता है ।
रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग के प्रमुख एक सचिव हैं । इसका कार्य सैन्य उपस्करों और संभारिकी के वैज्ञानिक पहलुओं पर सरकार को सलाह देना और सेनाओं द्वारा अपेक्षित उपस्करों के लिए अनुसंधान, डिज़ाइन तथा विकास योजनाएं तैयार करना है ।
इस विभाग के प्रमुख एक सचिव हैं और यह विभाग भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास, कल्याण तथा पेंशन संबंधी सभी मामलों संबंधी कार्य करता है। |
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण योजना केरल स्टार्टअप मिशन (कसुम) के माध्यम से लागू की जाएगी।
यह भारत में सरकारी अनुसंधान संस्थानों से अपने उत्पादों के व्यावसायीकरण और पैमाने के लिए प्रौद्योगिकी लाइसेंस प्राप्त करते समय नए स्टार्टअप उद्यमों द्वारा किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति करेगा।
इस योजना के तहत, सरकारी अनुसंधान संस्थानों से प्रौद्योगिकी खरीदने या सोर्सिंग करने वाले स्टार्टअप और उन पर काम करने वाले उत्पादों को विकसित करने के लिए अधिकतम १० लाख रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जिनका व्यवसायीकरण किया जा सकता है।
राज्य सरकार स्टार्टअप द्वारा प्रौद्योगिकी लाइसेंस प्रदान करने वाले अनुसंधान संस्थानों को भुगतान किए गए प्रौद्योगिकी शुल्क के ९० प्रतिशत की प्रतिपूर्ति करेगी।
इस योजना का अंतिम लक्ष्य शामिल लागत को कम करके स्टार्टअप को अपने विचारों को नया करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के लिए कौन से स्टार्टअप पात्र हैं?
यह योजना उन स्टार्टअप्स के लिए लागू है जिनका केरल स्टार्टअप मिशन (कसुम) के साथ सक्रिय पंजीकरण है।
स्टार्टअप केरल में लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (ल्प) या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में एक पंजीकृत कंपनी होनी चाहिए।
यह केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डिप्प) में एक पंजीकृत कंपनी भी होनी चाहिए।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ इसकी सक्रिय या सक्रिय अनुपालन स्थिति होनी चाहिए।
राज्य में किसी भी सरकारी एजेंसी, कसुम और अन्य इन्क्यूबेटरों के पास इसका कोई बकाया नहीं होना चाहिए।
केरल स्टार्टअप मिशन (कसुम) क्या है? |
आपको जानकार प्रसन्नता होगी कि बाबा एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा स्थापित अनुबिस प्रा.आई.टी.आई. , परौरा मीरगंज बरेली मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान के लिए कृत संकल्प है ।
बाबा एजुकेशनल ट्रस्ट अनुबिस प्रा.आई.टी.आई. आलोक की उज्जवल रेखा से जड़ता की सृष्टि को ध्वस्त करता हुआ युवाओं के लिए एक नवीन उपहार है ।
आज उच्च तकनीक के युग में अपनी महान उपस्थिति से चमत्कृत करता हुआ अनुबिस प्रा.आई.टी.आई. उनकी साधना व् लगन का सार्थक परिणाम है ।
जीवकोपार्जन के क्षेत्र में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु एवं सम्मानित समाज को केंद्रित करते हुए बाबा एजुकेशनल ट्रस्ट ने अनुबिस प्रा.आई.टी.आई. का निर्माण करके महान कार्य किया है ।
शैक्षिक तकनीक का उपयोग करके शिक्षा की गूढ़वत्ता को सुधारने के लिए एवं संस्कृति के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए ये संस्थान सदैव अग्रणीय रहेगा । |
सरकार ने खेतीहारी मजदूरों के लिए न्यूनतम दिहाड़ी तय कर दी है, जिससे अब मजदूरों को अपनी मजदूरी का न्यूनतम पैसा मिल पाएगा. जानें क्या हैं नए रेट:- मजदूरों की दिहाड़ी:- उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर राज्य के मजदूरों के लिए खुशखबरी लेकर आई है. इस बार यह खुशखबरी खेतीहारी मजदूरों के लिए है. बता दें कि सरकार ने खेतीहारी मजदूरों की दिहाड़ी तय कर दी है. अब उन्हें अपने काम के रोजाना न्यूनतम २१३ रुपए मिलेंगे. हालांकि इससे अधिक भुगतान भी किया जा सकता है मगर इससे कम नहीं. इसे लेकर राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. अब देखें तो खेतीहारी मजदूरों को १ महीने में ३० दिन काम करने पर ६३९० रुपए मिलेंगे. उत्तर प्रदेश श्रम विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि बड़ें किसान व कृषि फर्म मजदूरों का भुगतान उनकी सहमति से ही करें. जितनी राशि तय की गई है उतनी या उससे अधिक का भुगतान करना अनिवार्य है. क्योंकि कई बार मजदूरों की तरफ से शिकायत दर्ज की जाती है कि उन्हें काम के हिसाब से पैसा नहीं मिलता है. जिसको देखते हुए अब सरकार ने मजदूरों की न्यूनतम दिहाड़ी तय कर दी है. इन क्षेत्र में काम रहे मजदूरों को मिलेगा फायदा:- कृषि एक व्यापक क्षेत्र है जहां पर हर काम के लिए श्रम की आवश्यता पड़ती है. हालांकि अब मशीनों के आने से श्रम का काम थोड़ा कम जरूर हुआ है. लेकिन अभी भी मशीनों को हर जगह उपयोग में नहीं लाया जा सकता, जिसके लिए खेतीहारी मजदूरों का ही सहारा लिया जाता है. इसमें खेत जोतना, फसल काटना, फसल की देखभाल , फसल उगाना, रोपाई, सिंचाई आदि काम शामिल हैं. सरकार द्वारा यह न्यूनतम दिहाड़ी मधुमक्खी पालन, होर्टिकल्चर, मुर्गी पालन और मिल्क प्रोडक्शन के लिए भी तय की गई है. सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से खेतीहारी मजदूरों को काफी राहत मिली है. क्योंकि खेतीहारी मजदूरों का आर्थिक रुप से शोषण किया जाता है. इतना ही नहीं कभी-कभी मजदूरों को बिना पैमेंट के ही घर भेज दिया जाता है. लेकिन अब खेतीहारी मजदूरों को इससे काफी मदद मिलेगी. स्त्रोत:-एग्रोस्टर किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद! |
आलिया भट्ट की प्रेगनेंसी का पता चलते ही करण जौहर की आंखों से छलके आंसू, आखिर क्या है दोनों का रिश्ता?
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आलिया भट्ट जल्द ही मां बनने जा रही है आलिया भट्ट ने रणबीर कपूर के साथ शादी रचाई थी आपको बता दें कि आलिया भट्ट और रणबीर कपूर काफी समय से एक साथ रिलेशनशिप में थे और दोनों ने शादी के बंधन में बनने का फैसला लिया और दोनों ने एक दूसरे के साथ शादी रचा ली और शादी के कुछ ही महीनों बाद में आलिया भट्ट प्रेगनेंट हो गई जिसके बाद से यह खबर सुनकर सभी आश्चर्यचकित रह गए थे और उनके परिवार और कपूर परिवार में तो जैसे खुशियां ही खुशियां छा गई है।
आपको बता दें कि भट्ट परिवार और कपूर परिवार के अलावा एक शख्स ऐसा भी है जिसे आलिया भट्ट के प्रेग्नेंट होने पर काफी ज्यादा खुशी है और वह इंसान है करण जोहर आपको पता ही होगा कि करण जौहर और आलिया भट्ट एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा करीबी बॉन्ड शेयर करते हैं यही कारण है कि करण जौहर आलिया भट्ट की प्रेगनेंसी के बारे में जानने के बाद काफी ज्यादा एक्साइटेड नजर आते हैं करण जौहर ने अपने इंटरव्यू के दौरान बताया कि करण जौहर अपने ऑफिस गए हुए थे और उनके बाल उस दिन बेहद खराब हो रहे थे और वह हुडी पहन कर अपने ऑफिस में बैठे हुए थे तभी आलिया भट्ट एकदम से आई और उन्हे प्रेगनेंसी के बारे में बताया तब करण की आंखों में आंसू आ गए क्योंकि जो करण जोहर आलिया भट्ट को अपनी बेटी की तरह मानते हैं।
करण जौहर ने बताया कि जब आलिया भट्ट १७ साल की थी तब वह पहली बार करण जौहर के ऑफिस में आई थी और आज वह २९ साल की हो चुकी है करण जौहर ने बोला कि उनका पेरेंटिंग का कैरियर आलिया भट्ट से ही शुरु हुआ है उन्होंने आलिया भट्ट को हमेशा एक बेटी की तरह माना है और अब वह अपनी बेटी के बेबी का इंतजार जोरों शोरों से कर रहे हैं और वह एक काफी इमोशनल पल होने वाला है जब करण जौहर आलिया भट्ट के बेबी को अपनी गोद में उठाने वाले हैं करण जोहर को जबसे आलिया भट्ट की पहली प्रेग्नेंसी के बारे में पता चला है तो उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। |
अगर आप भी तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो देखना पसंद करते हैं तो आपको इस शो के किरदार अब्दुल के बारे में बताने की कोई भी जरूरत नहीं है।
इस किरदार को बहुत ही बेहतरीन तरीके से शरद संकला द्वारा निभाया गया है। इस शो में शरद संकला अब्दुल नाम की किरदार में दिखाई देते हैं।
जोकि सोसाइटी के बाहर एक् सोडे की दुकान चलाता है और अपनी दुकान से सोसायटी के लोगों को सामान घर-घर पहुंचाता है।
आज हम अपने आर्टिकल के जरिए आपके सामने शरद संकला के जीवन के बारे में कुछ जरूरी बातें बताएंगे।
इसके साथ ही साथ उनकी पत्नी की जानकारी भी आपको देंगे जो अपने जमाने में खूबसूरती के मामले में कईयों को मात देती थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें शरद संकला ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में करियर बनाने के लिए काफी पापड़ बेले हैं।
उन्होंने २५ से ज्यादा फिल्मों में चार्ली चैप्लिन का किरदार निभाया है और उन्होंने एक इंटरव्यू में यह तक बताया था कि उन्हें अपने पहले रोल के लिए सिर्फ ५० मिले थे।
आज वह एक शो के एक एपिसोड के लिए २२००० चार्ज करते हैं इनके नाम दो रेस्टोरेंट भी हैं।
शरद संकला सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहते हैं और अपने फैंस के लिए रोज ना रोज कोई फोटोस और वीडियो शेयर करते रहते हैं।
इन तस्वीरों में वह अपने साथ ही साथ अपने परिवार की फोटोस भी लोगों के लिए शेयर करते हैं।
इन तस्वीरों को देखकर आप भी पूरी तरह अचंभित हो जाएंगे कि शो में साधारण सा दिखने वाला अब्दुल रियल लाइफ में इतना डैशिंग कैसे हो सकता है।
अगर इनके वर्कफ्रंट की बात करें तो वह तारक मेहता शो के शुरुआती दिनों से अभी तक इस शो में वह लगातार जुड़े हुए हैं और अपनी अदाकारी से लोगों का खूब मनोरंजन कर रहे हैं।
अगर इनकी फैमिली की बात करें तो इनकी एक पत्नी है जिनका नाम प्रेमिला संकला है। इनके दो बच्चे भी हैं जिनमें से एक इनका बेटा है जिसका नाम मानव संकला है बेटी का नाम कामिया संकला है।
बेहद ग्लैमरस और खूबसूरत हो गई हैं कभी खुशी कभी गम की छोटी सी पू, स्टाइल में करीना से भी आगे !
नशे में धुत होकर एक दूसरे से लिप लॉक करने लगे करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश, वीडियो हुआ वायरल !
होने वाले पति संग जमकर नाचीं हंसिका मोटवानी, मेंहदी सेरेमनी के विडियो में दिखी एक्ट्रेस की जबरजस्त केमेस्ट्री ! |
प्रणब मुखर्जी हेल्थ उपकेट्स: भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत अभी भी स्थिर है और वह वेंटिलेटर पर हैं। प्रणब अभी भी गहरे कोमा में हैं। सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल ने यह जानकारी दी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी रविवार को सुबह भी गहरे कोमा में हैं लेकिन उनकी हालत स्थिर है। हॉस्पिटल ने रविवार की सुबह यह जानकारी दी। ८४ साल के मुखर्जी का उपचार कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि अब भी वह वेंटिलेटर पर हैं।
बता दें कि मुखर्जी को १० अगस्त को दिल्ली छावनी स्थित सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसी दिन उनके दिमाग की सर्जरी हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की भी पुष्टि हुई थी। बाद में उन्हें फेफड़े का कैंसर हो गया था जिसका इलाज किया जा रहा है।
अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'प्रणब मुखर्जी की हालत में आज सुबह तक कोई परिवर्तन नहीं आया है। वह गहरे कोमा में हैं और उनके श्वास नली में संक्रमण का इलाज किया जा रहा है। उनकी हालत स्थिर है और वह अब भी वेंटिलेटर पर हैं।' प्रणब मुखर्जी २०१२ से २०१७ तक भारत के राष्ट्रपति थे।
खबरें न पहाड़ है, न नदी पार करना... मैड चुनाव में आखिर वोट डालने क्यों नहीं निकले दिल्लीवाले?
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं? |
जैसा कि जलवायु परिवर्तन एक वास्तविक समय के खतरे में बदल गया है, मेघालय ने अपने पारंपरिक नेताओं और संस्थानों को इंजीलवादियों और जलवायु अभिनेताओं, और क्रूसेडरों में बदल कर आह्वान किया है।
मेघालय के वन मंत्री जेम्स संगमा ने राज्य के लिए जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन के बारे में जागरूकता और रणनीति बनाने के लिए पारंपरिक संस्थानों के पैतृक अवधारणाओं और स्वदेशी आदिवासी नेताओं से पारिस्थितिक ज्ञान और जलवायु ज्ञान एकत्र करने का निर्णय लिया है।
री-भोई नामक प्रांत के १८ गांवों के साथ एक जमीनी स्तर पर मिनी क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी जो तेजी से आ रही जलवायु परिवर्तन वास्तविकता के कहर का सामना करने के लिए जाना जाता है।
औपचारिक सरकारी प्रणालियों (राज्य विधायिका और न्यायपालिका) के साथ-साथ स्वायत्त जिला परिषदों के अलावा, जिन्हें मेघालय में आदिवासी समुदायों को अधिक स्वायत्तता आवंटित करने के लिए तैयार किया गया था, राज्य के ग्रामीण स्तर के पारंपरिक संस्थानों को खासी और जयंतिया हिल्स में दोरबार और गारो हिल्स में नोकमा कहा जाता है। ग्रामीण स्तर के प्राधिकरण हैं जो स्थानीय स्तर पर स्थानीय विवादों के निपटारे, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और बुनियादी सेवाओं के प्रावधान जैसी क्विडियन गतिविधियों के मामले में प्रशासन करते हैं।
उस अर्थ में, मेघालय एक मजबूत विकेन्द्रीकृत समाज है जहां ये दोरबार और नोकमा अपने नागरिकों के लिए सामुदायिक और सामाजिक जीवन को व्यवस्थित करते हैं और लोगों के बीच ऐतिहासिक वैधता की एक बड़ी डिग्री रखते हैं।
वास्तव में, मेघालय को ७३वें संविधान संशोधन अधिनियम से छूट दी गई थी, जो अपने मजबूत जमीनी स्तर और सामुदायिक शासन संरचना के कारण विकेंद्रीकृत पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से शासन के हस्तांतरण की अनुमति देता है।
दुनिया भर में कोविड की प्रतिक्रिया से उभरने वाली वैश्विक सीखों में से एक विकेंद्रीकृत शासन का एक नया रूप है जहां राज्य पारंपरिक और जमीनी संस्थानों और नेताओं के साथ गठबंधन में काम करता है।
सामाजिक लामबंदी और जलवायु परिवर्तन जैसी २१वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए यह बॉटम अप अप्रोच महत्वपूर्ण है।
बातचीत में उभर रहे कई स्थानीय जलवायु कानूनों के स्वदेशी उदाहरणों के साथ जलवायु परिवर्तन, घटती बारिश के पैटर्न, हरित आजीविका जैसे कई जटिल मुद्दों पर चर्चा की गई। विचारों के आदान-प्रदान में, हरित ऊर्जा और आजीविका, कृषि वानिकी मॉडल और कई संरक्षण मॉडल के बारे में बातचीत हुई, जो ग्रामीणों और जुंटा को जलवायु कार्रवाई अर्थव्यवस्था का एक नया टेम्पलेट बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते थे।
अपनी नदियों में से एक के जहरीले औद्योगिक कचरे को साफ करने के लिए स्वदेशी शैवाल या फाइको-रेमेडिएशन के बहु उपभेदों का उपयोग करके एक सफल परियोजना का संचालन करने के बाद, वन मंत्री ने स्थानीय पारिस्थितिक ज्ञान को अपनाने और प्रकृति आधारित समाधान बनाने के लिए एक खुला जनादेश शुरू किया है।
मेघालय में सेक्रेड ग्रोव्स, जो समुदाय आधारित पवित्र वन हैं, समुदाय आधारित वन प्रबंधन प्रथाओं और बड़े पैमाने पर संरक्षण में बड़े पैमाने पर सहायक रहे हैं। शैवाल और कार्बन खेती, कृषि-वानिकी मॉडल और लोक चिकित्सा का उपयोग करते हुए कल्याण पर्यटन जैसे अधिक हरित आजीविका विकल्प थे उच्च मूल्य वाले स्वदेशी कल्याण ज्ञान प्रणालियों की प्रचुरता के साथ जमीनी स्तर के प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की गई।
वन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीति को सामाजिक-सांस्कृतिक और पारिस्थितिक घटनाओं को एकीकृत करना चाहिए और इसका उद्देश्य मानव आवश्यकताओं को बनाए रखना और पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता को बनाए रखना होना चाहिए।
प्रांत को जलवायु कार्रवाई क्षेत्र में बदलने के लिए मुखियाओं के साथ कई हरित हस्तक्षेपों के साथ-साथ स्कूल के एक हिस्से के रूप में जलवायु परिवर्तन और संरक्षण को शामिल करने पर भी जोर दिया गया है।
ग्रासरूट सम्मेलन, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए स्वदेशी ज्ञान, सामुदायिक जुड़ाव और विकेन्द्रीकृत शासन को सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से पहले हस्तक्षेपों में से एक था। |
गुरुवार से शुरू हो रही ४ टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले आज टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि वह और उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया को किसी खास टीम की तरह नहीं देख रहे हैं। विराट ने कहा, जैसे हम दूसरी टीमों के खिलाफ होने वाले मैचों से पहले तैयारी करते हैं, ठीक वैसे ही हमारी टीम इस सीरीज के लिए भी तैयारी कर रही है। हम हर बार अपनी विपक्षी टीम की ताकत और कमजोरियों पर प्लान बनाते हैं और इस बार भी ऐसा ही कर रहे हैं। इसमें कुछ भी नया नहीं है।
ऑस्ट्रेलियन पेस बैटरी के अगुआ मिशेल स्टार्क के बारे में जब पूछा गया तो विराट ने उनकी भी खूब तारीफ की। भारतीय कप्तान ने कहा, वह एक शानदार बोलर है। मैंने उसे आईपीएल में और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेला था। लेकिन तब से अब तक उसकी बोलिंग में काफी बदलाव आया है। उसने कड़ी मेहनत की है और वह एक वर्ल्ड क्लास बोलर है। बता दें कि स्टार्क और कोहली दोनों ही अपने आक्रामक खेल के लिए जाने जाते हैं। क्रिकेट प्रेमी भी इन दो बड़े खिलाड़ियों का आमना-सामना होने को लेकर रोमांचित हैं। स्टार्क कोहली की कप्तानी वाली आईपीएल टीम बेंगलुरु में भी खेलते हैं। हालांकि, इस साल स्टार्क ने आईपीएल में नहीं खेलने का फैसला किया है।
मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए कप्तान विराट कोहली ने बताया कि हर एक मैच चुनौतीपूर्ण है, हर सीरीज चुनौतियों से भरी होती है। सभी दूसरी टीमें मजबूत हैं, तो ऑस्ट्रेलिया को लेकर भी हम कोई विशेष चिंता नहीं कर रहे हैं। विराट ने कहा कि टीम इंडिया हर विपक्षी टीम का सम्मान करती है, लेकिन हम अपनी क्षमता और अपने खेल पर फोकस करते हैं। उन्होंने कहा, हमारा ध्यान ऑस्ट्रेलिया टीम पर नहीं है और यही हमारी टीम की सबसे बड़ी ताकत है। हम वैसे ही तैयारी कर रहे हैं, जैसे किसी भी दूसरी विपक्षी टीमों के खिलाफ करते हैं। टीम की ताकत के बारे में विराट ने कहा कि हमारे सभी खिलाड़ी टीम के हितों को ध्यान में रखकर अपना खेल खेलते हैं, यही हमारी टीम की सबसे बड़ी ताकत है।
अपने खेल और कप्तानी से जुड़े सवाल के जवाब में विराट ने कहा, मैं हर सीरीज के बाद खुद को जज नहीं करता हूं, मेरी प्राथमिकता और लक्ष्य अपने देश के लिए खेलना और जीतना है। मैं हर वक्त अपनी गलतियों को सुधारना चाहता हूं और इसमें कोच अनिल कुंबले अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा जहां तक कप्तानी का सवाल है, तो कप्तानी टीम पर निर्भर करती है। कैप्टन की सफलता टीम के परफॉर्मेंस से तय होती है।
मीडिया से जुड़े एक सवाल के जवाब में विराट ने कहा कि मेरा ध्यान सिर्फ अपने खेल पर है। लोग लिखते हैं और बोलते हैं, वे तारीफ भी करते हैं और आलोचना भी उन पर मेरा नियंत्रण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जब मैं २२ साल का था, तो लोग उम्मीद करते थे कि मैं ३५ साल के खिलाड़ी की तरह परिपक्व खेल दिखाऊं। लेकिन अब मुझे अपने खेल पर बहुत विश्वास है। कप्तानी मिलने के बाद अपने खेल में आए बदलाव पर विराट ने कहा, ६-७ साल बाद, अगर तब तक कप्तान बना रहा, तो अपनी कप्तानी की समीक्षा कर पाऊंगा। अभी १८ २० महीने के छोटे से समय में कप्तानी की समीक्षा करना संभव नहीं है।
बता दें कि टेस्ट रैंकिंग में नंबर १ भारतीय टीम पिछली ६ टेस्ट सीरीज से अजेय है और इस बीच ऑस्ट्रेलिया टीम के प्रदर्शन में निरंतर उतार-चढ़ाव दिखा है। |
मुख्यमंत्री मिशन रोजगार योजना के अन्तर्गत १० अक्टूबर, २०२२ को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज, लखनऊ में अप्रेन्टिस व रोजगार मेले का आयोजन किया जायेगा। जिसमें ३२ कम्पनियाँ प्रतिभाग करेंगी। इन ३९ कम्पनियों में कुल ३७०० से अधिक पदो पर चयन होना है।
आर० एन० त्रिपाठी प्रधानाचार्य ने बताया कि आने वाली ३९ प्रतिष्ठित कम्पनियों मंा न्यूनतम वेतन 77०० से 29००० रूपये तक के वेतन पर जॉब के अवसर उपलब्ध होंगे तथा रोजगार के इच्छुक अभ्यर्थी 1० अक्टूबर, 2०22 को प्रातः 1०:०० बजे से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज, लखनऊ में प्रतिभाग कर सकते है। रोजगार मेले में आने वाले वाले अभ्यर्थियों को अपने साथ दो प्रति बायोडाटा एवं उसके साथ शैक्षिक योग्यता/तकनीकी योग्यता की छायाप्रति एवं आधार कार्ड की छायाप्रति संलग्न कर सम्बन्धित कम्पनी में प्रतिभाग कर सकते है।
एम० ए० खाँ, ट्रेनिंग काउन्सलिंग एण्ड प्लेसमेन्ट आफिसर ने बताया कि जो अभ्यर्थी मात्र हाईस्कूल पास है वे भी रोजगार मेला में प्रतिभाग कर रोजगार पा सकते है एवं जो अभ्यर्थी मात्र इण्टमीडिएट पास है वे भी रोजगार मेला में प्रतिभाग कर रोजगार पा सकते है तथा जो अभ्यर्थी मात्र आई०टी०आई० राजकीय अथवा निजी आई०टी०आई० से पास है वे भी रोजगार मेला में प्रतिभाग कर रोजगार पा सकते है तथा डिप्लोमा पास अभ्यर्थी भी रोजगार मेला में प्रतिभाग कर रोजगार पा सकते है इसके अतिरिक्त जो अभ्यर्थी कौशल विकास से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है। वे भी रोजगार मेला में सम्मिलित होकर रोजगार पा सकते है।
लखन : लुलु मॉल "लुलु वाली दिवाली" अभियान के तहत आ गया है अत्यंत विशेष ऑफर सिर्फ आपके लिए ।
श्री मुलायम सिंह यादव की मृत्यु पर क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी ?
जॉनपुर : आखिर गुस्साई भीड़ ने बिजली विभाग के एक्सियन को क्यों बनाया बंधक ?
आफताब ने श्रद्धा को मारकर शव को आरी से किया ३५ टूकड़े, दिल्ली में दिल दहला देने वाली घटना ? |
पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सीधुं मूजवाला वाला की हत्या के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई एक बार फिर पंजाब पुलिस के रडार पर है। हत्या के संबंध में जांच शुरू होने के तुरंत बाद, जेल में बंद गैंगस्टर को दिल्ली की तिहाड़ जेल से पंजाब स्थानांतरित कर दिया गया।
अब, बिश्नोई के वकील ने दावा किया है कि पंजाब पुलिस सीधुं मूजवाला वाला हत्याकांड के संबंध में पूछताछ करते हुए जेल में बंद गैंगस्टर को थर्ड-डिग्री टॉर्चर कर रही है। वकील ने दावा किया है कि पुलिस पूछताछ के दौरान नियमों का उल्लंघन किया है।
लॉरेंस बिश्नोई के वकील विशाल चोपड़ा ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस हत्या के मामले की पूछताछ के दौरान गैंगस्टर के साथ दुर्व्यवहार कर रही है, और पूछताछ के उचित नियमों का पालन नहीं कर रही है जिनका पालन किया जाना आवश्यक है।
चोपड़ा ने आगे आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस की हिरासत में बिश्नोई की जान खतरे में है, और कहा कि उनसे पूछताछ के दौरान कोई वीडियोग्राफी नहीं की गई, जो कानून द्वारा अनिवार्य है। वकील ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें अपने मुवक्किल से मिलने नहीं दिया गया।
पंजाब के अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार और पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाते हुए, चोपड़ा ने यह भी कहा कि वह लॉरेंस बिश्नोई के साथ हो रहे अन्याय को सामने लाने के लिए एक अदालत के समक्ष एक रिट याचिका दायर करेंगे क्योंकि वह पंजाब पुलिस की हिरासत में है।
लॉरेंस बिश्नोई को सिद्धू मूस वाला हत्या मामले में मुख्य संदिग्ध के रूप में नामित किया गया है, जिसे एक अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता के परिणामस्वरूप शासन किया गया है। यह आरोप लगाया गया था कि व्यक्तिगत प्रतिशोध के कारण गायक की हत्या के पीछे बिश्नोई के गिरोह का हाथ था।
२९ मई को सिद्धू मूस वाला की अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपने दो सहयोगियों के साथ अपने निजी वाहन में यात्रा कर रहे थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें १९ गोलियां लगी थीं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।उनकी मृत्यु के तुरंत बाद, गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने सीधुं मूजवाला वाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह बिश्नोई गिरोह के करीबी दोस्त विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या का बदला था। |
जयपुर। मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर (एमयूजे) द्वारा एक्स्ट्राम्यूरल लेक्चर सीरीज की ५वीं टॉक का आयोजन किया गया, जिसके तहत ब्रह्म कुमारी सिस्टर शिवानी ने 'एन्हांसिंग इमोशनल इंटेलिजेंस' विषय पर वार्ता की। उन्होंने इमोशनल इंटेलिजेंस को बढ़ाने के लिए भावनात्मक आहार के बारे में समझाया। कार्यक्रम का परिचय के साथ लेक्चर सीरीज की शुरुआत हुई। जिसके बाद एमयूजे के अध्यक्ष, प्रो. जीके प्रभु ने सिस्टर शिवानी का स्वागत किया और मणिपाल शिक्षा समूह के बारे में बताया। सिस्टर शिवानी ने एक उत्साहपूर्ण व्याख्यान दिया और इमोशनल इंटेलिजेंस की शक्ति को समझाते हुए सकारात्मकता का संचार किया है। उन्होंने सफल होने के अर्थ को परिभाषित किया। उन्होंने तनाव, इमोशनल डिजीज, इमोशनल हैल्थ, इमोशनल आहार और नींद के चक्र पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने इमोशनल हैल्थ के संबंध में शारीरिक गतिविधियों के बारे में बात की और कहा "जैसा अन्न वैसा मन, जैसा पानी वैसी वाणी"। सिस्टर शिवानी ने माइंड के विज्ञान, दैनिक गतिविधियों में प्रयोग करके और उसके परिणामों के बारे में समझाते हुए वार्ता का समापन किया। सत्र ने विभिन्न प्रोफेशन के सभी आयु के प्रतिभागियों को अत्यधिक लाभान्वित किया। |
टोरंटो, २१ सितंबर (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। कनाडा के लोगों ने सोमवार को चुनाव में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जीत दिलाई है लेकिन अधिकतर सीटों पर बड़ी जीत की उनकी मंशा पूरी नहीं हो पायी है।
लिबरल पार्टी ने किसी भी पार्टी की तुलना में सबसे अधिक सीटें हासिल की हैं। ट्रूडो ने २०१५ के चुनाव में अपने दिवंगत पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का सहारा लिया और चुनाव में जीत हासिल की थी। फिर पार्टी का नेतृत्व करते हुए पिछले दो बार के चुनाव में उन्होंने अपने दम पर पार्टी को जीत दिलायी।
लिबरल पार्टी १४८ सीट पर आगे है जबकि कंजरवेटिव पार्टी १०३ सीटों पर आगे है, ब्लॉक क्यूबेकोइस २८ और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी २२ सीटों पर आगे है।
फिलहाल ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ट्रूडो पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे और अन्य पार्टियों के सहयोग के बिना किसी कानून को पारित करा पाएंगे। लेकिन वह इतनी सीटें जरूर जीत जाएंगे उन्हें पद से हटाने का खतरा नहीं रहेगा।
विपक्ष ट्रूडो पर अपने फायदे के लिए समय से दो साल पहले चुनाव कराने का आरोप लगाता रहा है। ट्रूडो ने दावा किया था कि कनाडा के लोग महामारी के दौरान कंजरवेटिव पार्टी की सरकार नहीं चाहते। कनाडा वर्तमान में दुनिया के उन देशों में शामिल है जिसके अधिकतर नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। |
नई दिल्ली। रूस से जर्मनी के तक जाने वाली प्राकृतिक गैस पाइपालइन में रिसाव की खबर के बाद यूरोपीय संघ भड़क उठा है। उसने इसको लेकर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि संदेह है कि पानी के नीचे बनी दो प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को जानबूझकर क्षतिग्रस्त किया गया।
ईयू के २७ सदस्य देशों की ओर से जारी एक बयान में बोरेल ने कहा, सभी उपलब्ध जानकारी व सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि रिसाव जानबूझकर किए गए कृत्यों का परिणाम है।
उन्होंने कहा, यूरोपीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे में जानबूझकर कोई भी व्यवधान डालने की कोशिश पूरी तरह से अस्वीकार्य है। एकजुटता से इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। दरअसल, भू-वैज्ञानिकों ने मंगलवार को बताया था कि बाल्टिक सागर में विस्फोटों से पहले रूस से जर्मनी तक जाने वाली पानी के नीचे बनी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन में रिसाव की जानकारी मिली है।
नेहा सिंह इंटर्न डिजिटल पत्रकार हैं। अनुभव की सीढ़ियां चढ़ने का प्रयत्न जारी है। ई-रेडियो इंडिया में वेबसाइट अपडेशन का काम कर रही हैं। कभी-कभी एंकरिंग में भी हाथ आजमाने से नहीं चूकतीं।
आबात एरेडियो इंडिया: भारत में तेजी से उभरता वेब पोर्टल ई-रेडियो इंडिया समाज में समाचारों के माध्यम से जनता व सरकार के बीच एक पुल की तरह कार्य कर रहा है। यह भारत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड न्यूज एजेंसी, वेब पोर्टल है। |
मेरे लिए खाना घर है। जब मेरी माँ रोज़ काम से मुझे फ़ोन करती हैं तो सबसे पहली बात यह पूछती हैं कि "क्या तुमने खाना खाया है?"। मैं जो कुछ भी करता हूं वह घूमता है इसके आसपास। खाना पकाने और तैयार करने का हर कार्य एक मातृभूमि के लिए एक संबंध और लालसा दोनों की तरह लगता है, जो कि जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया हूं, और अधिक दूर होता गया। भोजन और कला दोनों प्रदान करते हैं इन चल रहे प्रश्नों को बंद करने या कम से कम कुछ निकटता की भावना। भोजन की भूमिका है जटिल और राजनीतिक दोनों। बुरी तरह से प्रस्तुत किया गया लेकिन सुकून देने वाला। मुझे लगता है कि यही मेरे अभ्यास में प्रवेश का इतना दिलचस्प और आवश्यक बिंदु बनाता है।
इस मंच के माध्यम से, मैं अपनी कला के माध्यम से अपने अन्वेषण और भोजन के प्रति प्रेम को एक स्थान पर लाने की आशा करता हूं। मेरा मानना है कि मैं अपनी माँ और अपने परिवार की अन्य महिलाओं के रूप में सबसे शानदार शिक्षकों के आसपास पला-बढ़ा हूँ, जिन्होंने मुझे अच्छे भोजन, आराम और अविश्वसनीय स्वादों की प्रशंसा करना सिखाया है! मैं चाहता हूं कि यह स्थान मेरी कलाकृतियों और खाद्य कहानियों के लिए अभिलेखीय, लेकिन सहयोगी भी हो।
मेरे चल रहे 'रेसिपी' प्रोजेक्ट के माध्यम से मेरे परिवार के व्यंजनों का संग्रह और रिकॉर्ड रखने के साथ-साथ, साइट पर आने वाले लोग अपने स्वयं के व्यंजनों को मुझे प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे मुझे सामूहिक/साझा इतिहास को भी होस्ट करने के लिए जगह। |
हिंदु धर्म मान्यताओं के हिसाब से सभी जीव, जंतुओ और वनस्पतियों को विशेष महत्व दिया गया है। और यही कारण है की किसी ना किसी रुप में नदी पहाड़ जीव और वनस्पतियों को धार्मिक आस्थाओं के साथ जोड़ा गया है, जिससे इनका महत्व और ज्यादा बढ जाता है। सनातन धर्म के सिद्धांतो और नीयमों के हिसाब से पीपल के वृक्ष को सर्वोत्तम माना गया है, या ये कहें की पीपल को एक दैविय वृक्ष माना जाता है तो ये अतिश्योक्ति नही होगी। जी हां पीपल का पेड़ हिंदुओ के लिए उतना ही पूज्यनीय है जितना अन्य कोई भी देवी देवता। मगर क्या पीपल के पेड़ का सिर्फ धार्मिक महत्व ही है या कुछ और जानते हैं पीपल वृक्ष के महत्व ।
हिंदु धर्म के पद्मपुराण के अनुसार पीपल के वृक्ष को भगवान विष्णु का रुप माना गया है। इसी के चलते धर्म के क्षेत्र में पीपल के वृक्ष को दैवीय पेड़ के रुप में मान्यता मिली और सभी विधि विधानों के साथ इसकी पूजा की जाने लगी। हिंदु धर्म में अनेक अवसरों पर पीपल के वृक्ष की पूजा के विधान है और मान्यता यह भी है की सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास होता है। इसके साथ साथ स्कंद पुराण के अनुसार पीपल के मूल में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तो में हरि आदि देव रहते हैं इसी कारण से पीपल के वृक्ष की पूजा करने से सभी देव प्रसन्न होते हैं।
पीपल के पेड़ में पितरों का निवास भी माना जाता है इसमें सब तिर्थों का निवास भी होता है इसलिए ज्यादातर संस्कार इसके नीचे कराए जाते हैं। जैसा की माना जाता है की पीपल के वृक्ष के हर हिस्से में किसी ना किसी देवता का वास होता है इसलिए हिंदु लोग इसकी लकडियों को सिर्फ हवन कुंड में जलाते हैं, इसके अलावा कहीं भी जलाना अशुभ माना जाता है।
अगर किसी जातक की शनि साढेसाती चल रही हो तो इस वक्त में हर शनीवार पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करके इसके सात चक्कर लगाने से लाभ होता है। इसके साथ साथ शाम के समय पीपल के पेड़ की जड़ में दिपक जलाना भी फायदेमंद होता है।
हिंदु धर्म मान्यताओं के अनुसार अगर कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ के नीचे भगवान शिव की स्थापना करके नित्य नीयम से पूजा अराधना करे तो उसकी जिंदगी के सार कष्ट दूर हो जाते हैं।
पीपल के वृक्ष को सिर्फ धर्म और पुराणों में नही बल्कि विज्ञान में भी काफी महत्व दिया गया है। प्रकृति विज्ञान के अनुसार पीपल का वृक्ष दिन रात आक्सीजन छोड़ता है, जो हमारे पर्यावरण के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पीपल के पेड़ को अक्षय वृक्ष भी कहा जाता है, क्योंकि ये पेड़ कभी भी पत्ते विहीन नही होता मतलब इसमें एक साथ पतझड़ नही आती बल्कि पत्ते झड़ते रहते हैं और नए आते रहते हैं। पीपल के वृक्ष की इस खूबी के कारण इसके जीवन मृत्यु चक्र का घोतक भी बताया गया है।
पीपल के पेड़ का चिकित्सा क्षेत्र में भी काफी महत्व होता है इसका प्रयोग दमा, गैस, कब्ज, दांतो और त्वचा रोग में किसी ना किसी रुप में किये जाने से लाभ मिलता है। इसके अलावा पीपल के पत्ते विष के प्रभाव को भी कम करते हैं, अगर कोई जहरीला कीट, कीड़ा या जीव किसी इंसान को काट लेता है तो उस वक्त में पीपल के पत्तो का रस थोड़ी थोड़ी देर में पिलाने से विष का असर कम होता है। |
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज, कब से लगेगा ग्रहण और कहां-कहां दिखाई देगा ?
शिवहर: आरक्षी अधीक्षक संतोष कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में पुलिस- जनता संवाद का आयोजन किया गया।
आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े-बड़े शहरों में इस तरह की बैठक का आयोजन पुलिस विभाग के द्वारा किया जाता है। शिवहर जैसे ग्रामीण पृष्ठभूमि के जिले में आरक्षी अधीक्षक संतोष कुमार के द्वारा इस तरह का सराहनीय आयोजन की लोगों में खूब चर्चा हो रही है।
सकारात्मक काम होता है सकारात्मक विचार से और सकारात्मक विचार उत्पन्न तब होते हैं जब हम हमारी मनस्थिति सकरात्मक हो।
बैठक में मूल रूप से जिले में पुलिस पब्लिक- फ्रेंडली कैसे बने इसके संबंध में चर्चा किया गया।
अपराध नियंत्रण हेतु चत्व कैमरा की खराबी, शराब मुक्त , दहेज मुक्त एवं बाल विवाह मुक्त जिला कैसे बने इसके लिए युवाओं से चर्चा किया गया। समाज के लोगों की भूमिका को अवगत कराया गया।
बैठक में शिवहर के युवाओं को भी अपने मन की बात रखने का मौका दिया गया। मूल रूप से युवाओं ने पुलिस और पब्लिक रिलेशन अच्छा बने इसके ऊपर प्रकाश डाला गया। युवाओं द्वारा उठाए गए मुद्दे पर पुलिस कप्तान द्वारा समाधान का आश्वासन भी दिया गया।
शिवहर जन जागरण मंच के चंदन गुप्ता, सुधीर गुप्ता, दिलीप पांडेय, संघर्षशील युवा अधिकार मंच के आदित्य कुमार, मुकुन्द कुमार, रवि कुमार वर्मा,विशाल पटेल, शंकर सिंह, छात्र एकता परिषद राकेश चौधरी, राघवेन्द्र सिंह, अदौरी- खोड़ी पाकर पल निर्माण संघर्ष समिति के संजय सिंह, शिवहर यूथ क्लब आजम शेख, जन अधिकार छात्र परिषद के अभिषेक यादव, सन्नी सिंह चौहान, राजद छात्र नेता विशाल पटेल राज इत्यादि सदस्यों ने स्थानीय मुद्दों से पुलिस कप्तान को अवगत कराया।
इस संवाद कार्यक्रम में एसडीपीओ राकेश कुमार, सभी थाना के थानाध्यक्ष, पुलिस विभाग के कई पदाधिकारीगण के अलावे शिवहर जन जागरण मंच, संघरशील अधिकार मंच, सनातन सेना, एकता परिषद, जन अधिकार छात्र परिषद सहित जिले के कई संगठन के सैकड़ो लोग उपस्थित थे। |
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में रविवार को फिर कोरोना वायरस संक्रमण का बम फूटा। दिल्ली और मुंबई की तरह इंदौर में भी कोरोना वायरस संक्रमण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ने इंदौर में दोहरा शतक लगाया है।
इंदौर शहर में एक ही दिन में शहर में २०८ नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। देर रात जारी रिपाेर्ट में राहत की बात यह रही कि आज किसी की इस महामारी से मौत की जानकारी नहीं है। अभी कोरोना वायरस संक्रमण से मौतों का कुल आंकडा ३३३ है। अगस्त माह के मात्र ८ दिनों में १२७६ कोरोना संक्रमित मिल चुके है।
इंदौर शहर में आज २२७४ सैंपल निगेटिव मिले हैं। अब कोरोना संक्रमण के एक्टिव मरीजों की संख्या २४३० है । आज ६२ लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अब तक ५९६१ इस बीमारी को मात दे चुके हैं। |
इसके अलावा आज ही के दिन १९२१ में देश के सबसे चर्चित और सम्मानित कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण का जन्म हुआ। 'कॉमन मैन के जरिए देश के ज्वलंत मुद्दों को लकीरों ही लकीरों में बेहद व्यंग्यात्मक शैली में पेश करने में लक्ष्मण को महारत हासिल थी। वहीं २४ अक्टूबर १९८४ में भारत की पहली मेट्रो रेल सेवा की शुरूआत हुई। पहली मेट्रो कलकत्ता (कोलकाता) में चलाई गई।
१६०५ : अकबर के निधन के बाद शहजादे सलीम ने मुगल सल्तनत की बागडोर संभाली। इतिहास में उन्हें जहांगीर के नाम से जाना जाता है।
१७७५ : भारत के आखिरी मुगल शासक बहादुर शाह जफर का जन्म।
१८५१ : कलकत्ता (अब कोलकाता) और डायमंड हार्बर के बीच पहली आधिकारिक टेलीग्राफ लाइन की शुरूआत।
१९१४ : महान स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मी सहगल का जन्म।
१९२१ : देश के सबसे चर्चित और सम्मानित कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण का जन्म। कॉमन मैन के जरिए देश के ज्वलंत मुद्दों को लकीरों ही लकीरों में बेहद व्यंग्यात्मक शैली में पेश करने में लक्ष्मण को महारत हासिल थी।
१९४५: संयुक्त राष्ट्र की स्थापना।
१९५४ : महान स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ रफी अहमद किदवई का निधन।
१९८४ : भारत की पहली मेट्रो रेल सेवा की शुरूआत। पहली मेट्रो कलकत्ता (कोलकाता) में चलाई गई और बाद में यह राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य शहरों में परिवहन के एक प्रमुख साधन के तौर पर सामने आई।
१९९७ : केरल में शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग पर रोक लगाई गई। बाद में शैक्षणिक संस्थानों में फैली इस बुराई पर देशभर में रोक लगाई गई और इसके खिलाफ बाकायदा अभियान चलाया गया।
२००० : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी का निधन।
२००३ : ब्रिटेन ने सुपरसोनिक यात्री विमानों को विदाई दी। इस श्रेणी के अंतिम विमान ने हीथ्रो हवाई अड्डे से उड़ान भरी।
२००४ : ब्राजील ने अंतरिक्ष में पहला सफल रॉकेट परीक्षण किया।
२०१३ : सुप्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायक मन्ना डे का निधन।
२०१७ : प्रसिद्ध ठुमरी गायिका गिरिजा देवी का निधन।
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संयुक्त पेंशनर्स समन्वय समिति उत्तर प्रदेश का होली मिलन समारोह बुधवार को मनाया गया। उत्तर प्रदेश जल निगम डिप्लोमा इंजिनियर्स एकता सदन में होली गीतों के साथ पेंशनर्स ने अपनी समस्याएं भी उठाईं।
होली मिलन कार्यक्रम में घनानंद मेघ, हरि प्रकाश अग्रवाल, डॉ़ दिनेश अवस्थी, सोबरन सिंह ने होली गीत सुनाए। लोगों ने पांरपरिक गीतों संग लजीज पकवानों का भी लुत्फ लिया। इस अवसर पर अरुण कुमार त्रिपाठी की मर्यादा पुरुषोत्तम राम आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। समिति के संयोजक एनपी त्रिपाठी ने बताया कि पेंशनर्स की मांगों के संदर्भ में जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो समिति अप्रैल में आंदोलन करेगी।
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एनआईटी महिला थाना क्षेत्र में २ साल पहले एक युवती से दुष्कर्म मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश केपी सिंह की अदालत ने दोषी को ७ साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर २5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
कोर्ट में पेश मामले के अनुसार, १९ वर्षीय युवती यहां अपनी बुआ के पास रहती थी। उसके घर पर राजीव कॉलोनी के रामवीर का आना-जाना था। १४ अप्रैल की दोपहर करीब एक बजे युवती छत पर बने कमरे की सफाई कर रही थी। तभी राजवीर वहां पहुंच गया और युवती को कमरे में बंदकर दुष्कर्म किया। घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
युवती ने शोर मचाया तो उसकी बुआ कमरे में पहुंच गई और युवक को पकड़ लिया। युवक बुआ से हाथ छुड़ाकर फरार हो गया। मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था। बुधवार को केस की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश केपी सिंह की कोर्ट ने दुष्कर्मी को ७ साल की सजा सुनाई।
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वस, नोएडा : सड़क हादसों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संडे को साइकल और बाइक रैली निकाली गई। डीएनडी से शुरू हुई इस रैली में पुलिस अधिकारियों, उद्यमियों, बाइकर्स और साइकिलिस्ट क्लबों ने हिस्सा लिया। बॉटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर रैली समाप्त हुई। रैली में एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह और एसपी ट्रैफिक राजीव नारायण मिश्र ने अन्य लोगों के साथ डीएनडी से बौटैनिकल गार्डन तक साइकल चलाई।
ब्रिटेन किंग चार्ल्स की ताजपोशी के लिए तैयार किया जा रहा शाही ताज, क्या पत्नी को मिलेगा कोहिनूर जड़ा मुकुट?
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